रैपिड फायर
वैक्सीन डिराइव्ड पोलियो की पहचान
स्रोत: द हिंदू
हाल ही में मेघालय में एक बच्चे में वैक्सीन डिराइव्ड पोलियो अर्थात् वैक्सीन-व्युत्पन्न पोलियो (VDP) की पहचान की गई।
- VDP तब होता है जब ओरल पोलियो वैक्सीन (OPV) में प्रयुक्त पोलियोवायरस का कमज़ोर (क्षीण) उपभेद उत्परिवर्तित हो जाता है और पक्षाघात उत्पन्न करने की क्षमता पुनः प्राप्त कर लेता है।
- VDP आमतौर पर कम टीकाकरण/वैक्सीनेशन कवरेज़, गैर-स्वच्छता वाले क्षेत्रों में या प्रतिरक्षाविहीन व्यक्तियों में होता है।
- VDP के 90% से अधिक मामले OPV में मौजूद वाइल्ड पोलियोवायरस टाइप 2 (WPV2) के कारण उत्पन्न होते हैं।
- भारत सरकार वैक्सीन-संबद्ध पक्षाघातकारी पोलियोमाइलाइटिस (Vaccine-Associated Paralytic Poliomyelitis- VAPP) को पोलियो के रूप में सूचीबद्ध नहीं करती है, क्योंकि इससे जुड़े मामले बहुत ही कम देखे जाते हैं और इनसे दूसरों को बहुत कम या कोई खतरा नहीं होता है।
- विश्व स्वास्थ्य संगठन ने वर्ष 2014 में भारत को पोलियो मुक्त घोषित किया था। उल्लेखनीय है कि हाल ही में सामने इस नवीन मामले से भारत की पोलियो मुक्त स्थिति पर कोई प्रभाव नहीं पड़ेगा।
- पोलियोवायरस के प्रकार: WPV1, WPV2, और WPV3 तीन प्रकार के वाइल्ड पोलियोवायरस (प्राकृतिक रूप से उत्पन्न) हैं, जिनके लक्षण तो समान होते हैं लेकिन आनुवंशिक संरचना भिन्न-भिन्न होती है।
- WPV2 और WPV3 का उन्मूलन क्रमशः वर्ष 2015 और 2019 में हो गया था, जबकि WPV1 के उन्मूलन हेतु वैश्विक प्रयास वर्तमान में भी जारी हैं।
- वर्तमान में वाइल्ड पोलियोवायरस पाकिस्तान और अफगानिस्तान में स्थानिक है।
- निष्क्रिय पोलियो वैक्सीन (Inactivated Polio Vaccine-IPV) का विकास जोनास साल्क द्वारा निष्क्रिय (मृत) वायरस का उपयोग करके किया गया था, जबकि ओरल पोलियो वैक्सीन (OPV) को अल्बर्ट सबिन द्वारा विकसित किया गया था, जिसमें एक सक्रिय (जीवित), क्षीण वायरस शामिल था।
और पढ़ें: पोलियो उन्मूलन
रैपिड फायर
जुपिटर आइसी मून्स एक्स्प्लोरर (JUICE)
स्रोत: द हिंदू
हाल ही में यूरोपीय अंतरिक्ष एजेंसी (European Space Agency- ESA) के जुपिटर आइसी मून्स एक्स्प्लोरर (JUICE) यान ने चंद्रमा और पृथ्वी दोनों के गुरुत्वाकर्षण बलों का त्वरित क्रम में उपयोग करते हुए डबल स्लिंगशॉट कौशल प्रदर्शित किया।
- JUICE ने पहले चंद्रमा की सतह से 434 मील की दूरी तय की, फिर पृथ्वी की सतह से 4,229 मील की दूरी तय की। चंद्रमा के गुरुत्वाकर्षण ने JUICE के मार्ग में कुछ विचलन उत्पन्न किया, जिसके चलते यान को पृथ्वी से महत्त्वपूर्ण गुरुत्वाकर्षण सहायता प्राप्त हुई।
- इसे "ग्रेविटी असिस्ट अर्थात् गुरुत्वाकर्षण सहायता" विधि भी कहा जाता है, जो अंतरिक्ष यान की गति और प्रक्षेप पथ को परिवर्तित करने हेतु खगोलीय/आकाशीय पिंडों के गुरुत्वाकर्षण प्रभाव का उपयोग करके प्रणोदक को सुरक्षित रखती है।
- स्लिंगशॉट के सफल निष्पादन ने JUICE को तीन अन्य एकल ग्रेविटी असिस्ट (वर्ष 2025 में शुक्र तथा वर्ष 2026 और 2029 में पुनः पृथ्वी) की सहायता से वर्ष 2031 तक बृहस्पति (Jupiter) तक पहुँचने का मार्ग प्रशस्त किया।
जूस (JUICE) प्रोब:
- इसे अप्रैल 2023 में लॉन्च किया गया था और इसका उद्देश्य बृहस्पति तथा उसके तीन बड़े बर्फीले उपग्रहों/चंद्रमाओं कैलिस्टो, यूरोपा और गेनीमीड का अन्वेषण करना है।
- यह बृहस्पति के तीन बड़े बर्फीले उपग्रहों के निकट से उड़ान भरेगा और अंततः गैनीमीड की परिक्रमा कर वहाँ जीवन की संभावनाओं का अध्ययन करेगा।
- नासा द्वारा 1990 के दशक में लॉन्च किये गए गैलीलियो मिशन के बाद, अब ESA के नेतृत्व वाला JUICE मिशन बृहस्पति की परिक्रमा करेगा।
- बृहस्पति का अध्ययन करने वाले अन्य महत्त्वपूर्ण मिशन हैं- जूनो मिशन (नासा), कैसिनी-ह्यूजेंस (नासा और ESA) और गैलीलियो (नासा)।
रैपिड फायर
महाराष्ट्र में स्वास्थ्य देखभाल सेवाओं में सुधार हेतु ADB द्वारा सहायता
स्रोत: ET
एशियाई डेवलपमेंट बैंक (ADB) ने महाराष्ट्र में गुणवत्तापूर्ण एवं किफायती तृतीयक स्वास्थ्य देखभाल सेवाओं तथा चिकित्सा शिक्षा तक पहुँच में सुधार हेतु 500 मिलियन अमेरिकी डॉलर के ऋण पैकेज की प्रतिबद्धता व्यक्त की है।
- इससे वंचित ज़िलों में जलवायु व आपदा-रोधी, लैंगिक दृष्टि से संवेदनशील तथा सामाजिक रूप से समावेशी विशेषताओं से युक्त चार मेडिकल कॉलेज स्थापित करने में मदद मिलेगी।
- इससे आउट-ऑफ-पॉकेट व्यय (परिवारों द्वारा स्वास्थ्य सेवा प्रदाताओं को किया गया प्रत्यक्ष व्यय) में कमी आएगी और गुणवत्तापूर्ण चिकित्सा कर्मचारियों की भर्ती तथा उन्हें बनाए रखने हेतु नीतिगत कार्रवाई करने में मदद मिलेगी।
- इसमें चार नए सरकारी मेडिकल कॉलेजों के लिये कम-से-कम 500 नए डॉक्टरों की नियुक्ति की परिकल्पना की गई है।
- इससे भारत में पहली बार राज्य नेतृत्व वाले स्वास्थ्य देखभाल और चिकित्सा शिक्षा उत्कृष्टता केंद्र (CoE) की स्थापना में सहायता मिलेगी।
- ADB के बारे में:
- ADB एक बहुपक्षीय विकास बैंक है जो अपने विकासशील सदस्य देशों में निर्धनता कम करने तथा जीवन की गुणवत्ता में सुधार लाने पर केंद्रित है।
- इसकी स्थापना वर्ष 1966 में 31 सदस्यों के साथ हुई थी।
- वर्तमान में ADB में सदस्यों की संख्या 68 है, जिनमें से 49 एशिया और प्रशांत क्षेत्र से तथा 19 बाहर से हैं।
- इसका मुख्यालय मनीला, फिलीपींस में है ।
- भारत ADB का संस्थापक सदस्य है तथा अमेरिका, चीन और जापान के बाद इसका चौथा सबसे बड़ा शेयरधारक है।
और पढ़ें: भारत के विकास हेतु ADB की प्रतिबद्धता
रैपिड फायर
विशिष्ट अध्ययन विकलांगता पर क्षमता निर्माण कार्यक्रम
स्रोत : पी.आई.बी
शिक्षा मंत्रालय ने मालवीय मिशन शिक्षक प्रशिक्षण कार्यक्रम (MMTTP) के अंतर्गत विशिष्ट अध्ययन दिव्यांगताओं (SLD) पर अपने क्षमता निर्माण कार्यक्रम के दूसरे चक्र की शुरुआत की है, जिसका उद्देश्य उच्च शिक्षण संस्थानों (HEI) को विशिष्ट अध्ययन दिव्यांगताओं वाले छात्रों को बेहतर सहायता प्रदान करने हेतु सशक्त बनाना है।
- राष्ट्रीय शिक्षा नीति (NEP) 2020 सीखने की अक्षमताओं को चिह्नित करती है, उच्च शिक्षण संस्थानों को इन चुनौतियों से निपटने हेतु जागरूक एवं संवेदनशील होने का समर्थन करती है, ताकि सभी के लिये समान एवं समावेशी शिक्षा सुनिश्चित हो सके।
- वर्ष 2023 में शुरू की गई MMTTP का उद्देश्य शिक्षकों को विभिन्न क्षेत्रों में विशेष प्रशिक्षण और ज्ञान प्रदान करके भारत में उच्च शिक्षा की गुणवत्ता में सुधार लाना है।
- शिक्षक प्रशिक्षण को बेहतर समर्थन देने के लिये इसे विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (UGC)-मानव संसाधन विकास केन्द्रों (HRDC) और पंडित मदन मोहन मालवीय राष्ट्रीय शिक्षक एवं शिक्षण केन्द्रों (PMMMNMTT) जैसे मौजूदा तंत्रों से पुनर्गठित किया गया है।
- दिव्यांग व्यक्तियों के अधिकार अधिनियम, 2016 के तहत सरकार को यह सुनिश्चित करना अनिवार्य है कि दिव्यांग व्यक्तियों को सम्मान के साथ समानता का जीवन जीने का अधिकार मिले और उनकी निष्ठा का सम्मान हो, साथ ही उनकी शिक्षा, रोज़गार, सामाजिक सुरक्षा, स्वास्थ्य सेवा एवं सुगम्यता के अधिकार भी सुनिश्चित किये जाएँ।
और पढ़ें: शिक्षा में दिव्यांगजनों को सशक्त बनाने पर राष्ट्रीय कार्यशाला