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हरित पत्तन और पोत परिवहन के लिये भारत का पहला उत्कृष्टता केंद्र

  • 23 Nov 2022
  • 8 min read

हाल ही में हरित पत्तन और पोत परिवहन के लिये भारत के पहले राष्ट्रीय उत्कृष्टता केंद्र (National Centre of Excellence for Green Port & Shipping-NCoEGPS) की शुरुआत मुंबई में आयोजित “इनमार्को 2022" (INMARCO 2022) में की गई।

  • इनमार्को एक चतुर्वार्षिक अंतर्राष्ट्रीय समुद्री सम्मेलन और प्रदर्शनी है जिसकी मेज़बानी इंस्टीट्यूट ऑफ मरीन इंजीनियर्स (भारत) द्वारा की जाती है।

हरित पत्तन और पोत परिवहन के लिये भारत का पहला उत्कृष्टता केंद्र (NCoEGPS):

  • परिचय:
    • यह हरित समाधान प्रदान करने की दिशा में पत्तन, पोत, परिवहन और जलमार्ग मंत्रालय (Ministry of Ports, Shipping and Waterways- MOPSW) की एक प्रमुख पहल है।
    • NCoEGPS पत्तन, पोत परिवहन और जलमार्ग मंत्रालय के सागरमाला कार्यक्रम की रूपरेखा के तहत काम करेगा।
    • ऊर्जा और संसाधन संस्थान (The Energy and Resources Institute-TERI) इस परियोजना के लिये सूचना एवं कार्यान्वयन भागीदार है।
  • लक्ष्य:
    • केंद्र का उद्देश्य भारत में शिपिंग क्षेत्र में कार्बन तटस्थता और चक्रीय अर्थव्यवस्था (Circular Economy- CE) को प्रोत्साहित करने के लिये ग्रीन शिपिंग हेतु एक नियामक रूपरेखा तथा वैकल्पिक प्रौद्योगिकी अपनाने का रोड मैप विकसित करना है।
      • ग्रीनहाउस गैसों (GHGs) और जहाज़ों द्वारा उत्पन्न पर्यावरण प्रदूषकों से वैश्विक पर्यावरण को संरक्षित करने के लिये जहाज़ द्वारा लोगों और वस्तुओं के परिवहन हेतु संसाधनों एवं ऊर्जा के कम उपयोग के अभ्यास को ग्रीन शिपिंग कहा जाता है।
    • भारत अपने प्रत्येक प्रमुख पोतों की कुल बिजली मांग में नवीकरणीय ऊर्जा की हिस्सेदारी को 10% से कम की वर्तमान हिस्सेदारी से बढ़ाकर 60% करने का लक्ष्य रखता है।
      • यह सौर और पवन ऊर्जा के सहयोग से किया जाएगा।
  • उद्देश्य:
    • अत्याधुनिक प्रौद्योगिकियों और अनुप्रयोग उत्पादों को विकसित करके पत्तन, पोत परिवहन और जलमार्ग एवं इंजीनियरिंग में 'मेक इन इंडिया' को सशक्त बनाना।
    • इन क्षेत्रों में विभिन्न चुनौतियों का सबसे उपयुक्त समाधान प्रदान करने के लिये नवाचारों को सक्षम बनाना
    • अत्याधुनिक सैद्धांतिक और व्यावहारिक ज्ञान से सक्षम उद्योग के लिये सक्षम जनशक्ति का पूल तैयार करना।
    • जटिल समस्याओं की पहचान और विश्लेषण तथा मुद्दों को हल करने में वैज्ञानिक अध्ययन प्रौद्योगिकी विकास तकनीकी शाखा के माध्यम से अल्पकालिक समाधान प्रदान करने में आत्मनिर्भरता।
  • महत्त्व:
    • यह मिशन पर्यावरण उचित जीवनशैली (Lifestyle for the Environment-LiFE) आंदोलन को साकार करने की दिशा में एक बड़ा प्रयास है क्योंकि इसका उद्देश्य बंदरगाहों को बदलना और शिपिंग को पर्यावरण के अनुकूल बनाना है।
    • केंद्र सभी बंदरगाहों, नौवहन, समुद्री राज्यों के साथ उनकी समस्याओं को समझने एवं वैज्ञानिक दृष्टिकोण के माध्यम से समाधान की पेशकश करेगा।
  • संबंधित पहल:
    • बंदरगाहों ने वर्ष 2030 तक प्रति टन कार्गो के कार्बन उत्सर्जन को 30% तक कम करने का भी लक्ष्य रखा है।
    • मैरीटाइम विज़न डॉक्यूमेंट 2030 एक स्थायी समुद्री क्षेत्र और जीवंत नीली अर्थव्यवस्था के भारत के दृष्टिकोण पर 10 साल का खाका है।
    • ग्रीन शिपिंग से संबंधित एक पायलट परियोजना का संचालन करने के लिये अंतर्राष्ट्रीय समुद्री संगठन (International Maritime Organisation- IMO) की ग्रीन वॉयज 2050 (GreenVoyage2050) प्रोजेक्ट के तहत भारत को पहले देश के रूप में चुना गया है।

ग्रीन वॉयज 2050 प्रोजेक्ट:

  • ग्रीन वॉयज 2050 प्रोजेक्ट नॉर्वे सरकार और अंतर्राष्ट्रीय समुद्री संगठन (IMO) के बीच मई 2019 में शुरू की गई परियोजना है, जिसका उद्देश्य शिपिंग उद्योग को भविष्य में कम कार्बन उत्सर्जक में बदलना है।
  • वैश्विक साझेदारी प्रारंभिक IMO ग्रीनहाउस गैस (GHG) रणनीति का समर्थन करके अंतर्राष्ट्रीय शिपिंग के लिये प्रासंगिक जलवायु परिवर्तन और ऊर्जा दक्षता लक्ष्यों के प्रति अपनी प्रतिबद्धता को पूरा करने में छोटे द्वीपीय विकासशील देशों (Small Islands Developing States-SIDS) एवं अल्प विकसित देशों (Least Developed Countries-LDC) सहित विकासशील देशों का समर्थन कर रही है।
  • ग्रीन वॉयज 2050 के महत्त्वपूर्ण उद्देश्यों में से एक प्रौद्योगिकी समाधानों के प्रदर्शन और परीक्षण के लिये वैश्विक प्रयासों को प्रोत्साहित करना है।

  UPSC सिविल सेवा परीक्षा विगत वर्षों के प्रश्न  

प्रश्न: 'इंडियन ओशन रिम एसोसिएशन फॉर रीजनल कोऑपरेशन (IOR-ARC)' के संदर्भ में निम्नलिखित कथनों पर विचार कीजिये: (2015)

  1. इसकी स्थापना हाल ही में समुद्री डकैती की घटनाओं और तेल अधिप्लाव (आयल स्पिल्स) की दुर्घटनाओं के प्रतिक्रियास्वरूप की गई है।
  2. यह एक ऐसी मैत्री है जो केवल समुद्री सुरक्षा हेतु है।

उपर्युक्त कथनों में से कौन-सा/से सही है/हैं?

(a) केवल 1
(b) केवल 2
(c) 1 और 2 दोनों
(d) न तो 1 और न ही 2

उत्तर: (d)

व्याख्या:

  • क्षेत्रीय सहयोग के लिये हिंद महासागर रिम संघ (IOR-ARC) हिंद महासागर में देशों की एक क्षेत्रीय सहयोग पहल है जिसे मार्च 1997 में मॉरीशस में इसके सदस्यों के मध्य आर्थिक और तकनीकी सहयोग को बढ़ावा देने के उद्देश्य से स्थापित किया गया था। अतः कथन 1 सही नहीं है।
  • IOR-ARC एकमात्र अखिल भारतीय महासागर समूह है। इसमें 23 सदस्य देश और 9 डायलॉग पार्टनर हैं।
  • इसका उद्देश्य हिंद महासागर रिम क्षेत्र में व्यापार, सामाजिक-आर्थिक तथा सांस्कृतिक सहयोग के लिये एक मंच उपलब्ध कराना है, जो लगभग दो अरब लोगों का प्रतिनिधित्त्व करता है। अतः कथन 2 सही नहीं है।
  • हिंद महासागर रिम सामरिक और कीमती खनिजों, धातुओं एवं अन्य प्राकृतिक संसाधनों, समुद्री संसाधनों तथा ऊर्जा से समृद्ध है, जो सभी विशिष्ट आर्थिक क्षेत्रों (EEZ), महाद्वीपीय समतल और गहरे समुद्री तल से प्राप्त किये जा सकते हैं।

अतः विकल्प (d) सही है।

स्रोत: पी.आई.बी.

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