अंतर्राष्ट्रीय संबंध
भारत-नॉर्वे हरित समुद्री क्षेत्र
- 18 Nov 2022
- 7 min read
प्रिलिम्स के लिये:भारत-नॉर्वे संयुक्त कार्य समूह, नॉर्वे का भूगोल मेन्स के लिये:भारत-नॉर्वे संबंध, ग्रीन मैरीटाइम |
चर्चा में क्यों?
हाल ही में 8वीं भारत-नॉर्वे समुद्री संयुक्त कार्य समूह की बैठक मुंबई, भारत में आयोजित की गई।
- नॉर्वे के पास समुद्री क्षेत्र में तकनीकी विशेषज्ञता है और भारत में समुद्री क्षेत्र और प्रशिक्षित नाविकों के बड़े पूल के विकास की बड़ी क्षमता है, जो दोनों देशों को प्राकृतिक पूरक भागीदार बनाते हैं।
- इससे पहले भारत ने मैरीटाइम इंडिया विज़न 2030 भी तैयार किया था, जिसने क्षमता वृद्धि आदि पर ध्यान केंद्रित करने वाले बंदरगाहों, शिपिंग और जलमार्गों जैसे विभिन्न समुद्री क्षेत्रों में 150 से अधिक पहलों की पहचान की है।
बैठक की मुख्य चर्चाएँ:
- भविष्य के शिपिंग के लिये ग्रीन अमोनिया और हाइड्रोजन जैसे वैकल्पिक ईंधन के उपयोग पर चर्चा की गई।
- नॉर्वेजियन ग्रीन शिपिंग कार्यक्रम सफल रहा है और बैठक में अनुभव विशेषज्ञता साझा की गई थी।
- भारत और नॉर्वे ग्रीन वॉयज 2050 परियोजना का हिस्सा हैं।
- दोनों पक्ष साझा लक्ष्यों को प्राप्त करने के लिये इच्छा, समर्पण, साझेदारी और क्षमता निर्माण पर सहमत हुए।
- भारत जहाज़ों के पुनर्चक्रण के लिये हॉन्गकॉन्ग सम्मेलन का एक हस्ताक्षरकर्त्ता है।
- बैठक में भारत ने अनुरोध किया कि यूरोपीय संघ के नियमों को गैर-यूरोपीय देशों के पुनर्चक्रण में बाधा नहीं बनना चाहिये, जो अंतर्राष्ट्रीय सम्मेलन के अनुरूप है।
- नॉर्वे से अनुरोध किया गया था कि वह भारत में जहाज़ों के पुनर्चक्रण को आगे न बढ़ाए क्योंकि भारतीय पुनर्चक्रण करने वालों द्वारा बहुत अधिक निवेश किया गया है।
- नार्वे का प्रतिनिधिमंडल आईएनएमएआरसीओ, हरित पोत परिवहन और समुदी क्षेत्र के सम्मेलन में भी भाग लेगा।
- समुद्री शीओ (ShEO) सम्मेलन नॉर्वे द्वारा समर्थित है और समुद्री विविधता एवं स्थिरता पर केंद्रित है, जिसमें समुद्री उद्योग में लैंगिक समानता भी शामिल है।
मैरीटाइम इंडिया विज़न 2030:
- परिचय:
- मैरीटाइम इंडिया विज़न (MIV) 2030 समुद्री क्षेत्र के लिये दस वर्ष का ब्लूप्रिंट है जिसे भारत के प्रधानमंत्री द्वारा नवंबर 2020 में मैरीटाइम इंडिया शिखर सम्मेलन में जारी किया गया था।
- MIV 2030 को 350 से अधिक सार्वजनिक और निजी क्षेत्र के हितधारकों के परामर्श से तैयार किया गया है, जिसमें बंदरगाह, शिपयार्ड, अंतर्देशीय जलमार्ग, व्यापार निकाय एवं संघ, राष्ट्रीय तथा अंतर्राष्ट्रीय उद्योग और कानूनी विशेषज्ञ शामिल हैं।
- थीम:
- MIV 2030 भारतीय समुद्री क्षेत्र के सभी पहलुओं को कवर करने वाले 10 विषयों पर आधारित है और राष्ट्रीय समुद्री उद्देश्यों को परिभाषित करने एवं पूरा करने का एक व्यापक प्रयास है:
- सर्वश्रेष्ठ श्रेणी के बंदरगाह बुनियादी ढाँचे का विकास।
- लॉजिस्टिक्स दक्षता और लागत प्रतिस्पर्द्धात्मकता का आदान-प्रदान करने के लिये ड्राइव एक्सचेंज।
- प्रौद्योगिकी और नवाचार के माध्यम से लॉजिस्टिक्स दक्षता में वृद्धि।
- सभी हितधारकों का समर्थन करने के लिये नीति और संस्थागत ढाँचे को मज़बूत करना।
- जहाज़ निर्माण, मरम्मत और पुनर्चक्रण में वैश्विक हिस्सेदारी बढ़ाना।
- अंतर्देशीय जलमार्गों के माध्यम से कार्गो और यात्रियों की आवाजाही में वृद्धि।
- महासागर, तटीय और नदी क्रूज़ क्षेत्र को बढ़ावा देना।
- भारत के वैश्विक कद और समुद्री सहयोग को बढ़ाना।
- सुरक्षित, सतत् और हरित समुद्री क्षेत्र में विश्व का नेतृत्व करना।
- विश्व स्तर की शिक्षा, अनुसंधान और प्रशिक्षण के साथ शीर्ष नेविगेसन राष्ट्र बनना।
- MIV 2030 भारतीय समुद्री क्षेत्र के सभी पहलुओं को कवर करने वाले 10 विषयों पर आधारित है और राष्ट्रीय समुद्री उद्देश्यों को परिभाषित करने एवं पूरा करने का एक व्यापक प्रयास है:
- मुख्य लक्ष्य 2030:
- 300 मिलियन टन प्रतिवर्ष (MTPA) कार्गो हैंडलिंग क्षमता वाले तीन प्रमुख बंदरगाह।
- 75% से अधिक भारतीय कार्गो ट्रांसशिपमेंट भारतीय बंदरगाहों द्वारा संभाला जाता है।
- सार्वजनिक-निजी भागीदारी/अन्य ऑपरेटरों द्वारा प्रमुख बंदरगाहों पर 85% से अधिक कार्गो का प्रबंधन किया जाता है।
- 20 घंटे से कम का औसत पोत टर्नअराउंड समय (कंटेनर)।
- जहाज़ निर्माण और जहाज़ मरम्मत में शीर्ष 10 में वैश्विक रैंकिंग।
- 15 लाख से अधिक वार्षिक क्रूज़ यात्री।
- प्रमुख बंदरगाहों पर नवीकरणीय ऊर्जा का 60% से अधिक हिस्सा।
UPSC सिविल सेवा परीक्षा, विगत वर्ष के प्रश्नप्रश्न. 'क्षेत्रीय सहयोग के लिये हिंद महासागर रिम संघ (इंडियन ओशन रिम एसोसिएशन फॉर रीजनल कोऑपरेशन-IOR_ARC)' के संदर्भ में, निम्नलिखित कथनों पर विचार कीजिये: (2015)
उपर्युक्त कथनों में से कौन-सा/से सही है/हैं? (a) केवल 1 उत्तर: (d) |