भारतीय अर्थव्यवस्था
मैरीटाइम इंडिया समिट 2021
- 04 Mar 2021
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चर्चा में क्यों?
जहाज़रानी मंत्रालय ( Ministry of Ports, Shipping and Waterways) द्वारा मैरीटाइम इंडिया समिट 2021’ का आयोजन किया जा रहा है।
प्रमुख बिंदु:
- फोकस एरिया:
- 7,516 किलोमीटर लंबी समुद्र तटरेखा के साथ बंदरगाह के विकास को आगे बढ़ाना।
- भारत द्वारा वर्ष 2035 तक (सागरमाला कार्यक्रम के तहत) बंदरगाह परियोजनाओं में 82 बिलियन अमेरीकी डाॅलर का निवेश किया जाएगा, समुद्री क्षेत्र में स्वच्छ नवीकरणीय ऊर्जा स्रोतों की हिस्सेदारी को बढ़ावा दिया जाएगा, जलमार्गों को विकसित करने तथा प्रकाश-स्तंभों के आसपास पर्यटन को बढ़ावा दिया जाएगा।
- भारत का लक्ष्य वर्ष 2030 तक 23 जलमार्गों का परिचालन करना है।
- भारत का उद्देश्य बुनियादी ढाँचे के उन्नयन पर ध्यान केंद्रित कर आत्मनिर्भर भारत (Atmanirbhar Bharat) के दृष्टिकोण को मज़बूत करना है।
- भारतीय बंदरगाहों की वर्तमान स्थिति:
- भारत के पश्चिम और पूर्वी तट पर 12 प्रमुख बंदरगाह और कई अन्य छोटे बंदरगाह स्थित हैं।
- प्रमुख बंदरगाहों की क्षमता वर्ष 2014 में 870 मिलियन टन थी जो वर्ष 2021 में बढ़कर 1550 मिलियन टन हो गई है।
- वर्तमान में भारतीय बंदरगाहों में डेटा के आसान प्रवाह हेतु डायरेक्ट पोर्ट डिलीवरी, डायरेक्ट पोर्ट एंट्री और अपग्रेडेड पोर्ट कम्युनिटी सिस्टम (PCS) उपाय शामिल हैं जो बंदरगाहों पर मालवाहक जहाज़ों के प्रवेश तथा निकासी में लगने वाले समय को कम करने में सहायक हैं।
- महत्त्व:
- यह समुद्री क्षेत्र के विकास में मदद करेगा और भारत को विश्व में अग्रणी नीली अर्थव्यवस्था (Blue Economy) के रूप में बढ़ावा देगा।
- मैरीटाइम इंडिया विज़न 2030 के लिये मार्ग प्रशस्त करेगा।
बंदरगाह विकास हेतु अन्य पहलें:
- सागर-मंथन: मैरीटाइम इंडिया समिट 2021’ के अवसर पर मर्केंटाइल मरीन डोमेन अवेयरनेस सेंटर की भी शुरुआत की गई।
- यह समुद्री सुरक्षा, खोज और बचाव क्षमताओं तथा सुरक्षा व समुद्री पर्यावरण संरक्षण को बढ़ावा देने हेतु एक सूचना प्रणाली है।
- वर्ष 2022 तक दोनों तटों पर जहाज़ों की मरम्मत करने वाले क्लस्टरों को विकसित किया जाएगा।
- 'वेल्थ फ्रॉम वेस्ट' (Wealth from Waste) के सृजन हेतु घरेलू जहाज़ रिसाइक्लिंग उद्योग (Ship Recycling Industry) को भी बढ़ावा दिया जाएगा।
- भारत ने जहाज़ रिसाइक्लिंग अधिनियम, 2019 (Recycling of Ships Act, 2019) को लागू किया है और हॉन्गकॉन्ग अंतर्राष्ट्रीय कन्वेंशन के प्रति सहमति व्यक्त की है।
- भारत का लक्ष्य वर्ष 2030 तक सभी भारतीय बंदरगाहों पर तीन चरणों में कुल ऊर्जा में 60 प्रतिशत से अधिक नवीकरणीय ऊर्जा का उपयोग बढ़ाना है।
सागरमाला कार्यक्रम:
- सागरमाला कार्यक्रम का अनुमोदन वर्ष 2015 में केंद्रीय मंत्रिमंडल द्वारा किया गया था, इसका उद्देश्य आधुनिकीकरण, मशीनीकरण और कम्प्यूटरीकरण के माध्यम से 7,516 किलोमीटर लंबी समुद्री तट रेखा के आस-पास बंदरगाहों के इर्द-गिर्द प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष रूप से विकास को बढ़ावा देना है।
- इस बंदरगाह-नेतृत्व विकास ढाँचे के तहत सरकार द्वारा कार्गो यातायात को तीन गुना तक बढ़ाए जाने की उम्मीद है।
- इसमें बंदरगाह टर्मिनलों के साथ रेल/सड़क संपर्क की सुविधा सुनिश्चित करना भी शामिल है, जैसे- बंदरगाहों को अंतिम-मील कनेक्टिविटी प्रदान करना, नए क्षेत्रों में संपर्क बढ़ाना, रेल, अंतर्देशीय जलमार्गों, तटीय एवं सड़क सेवाओं सहित मल्टी-मॉडल कनेक्टिविटी में वृद्धि करना।