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प्रिलिम्स फैक्ट्स

  • 22 Jul, 2023
  • 19 min read
प्रारंभिक परीक्षा

नीति आयोग ने TCRM मैट्रिक्स फ्रेमवर्क जारी किया

नीति आयोग ने भारत में नवाचार और उद्यमिता को बढ़ावा देने के लिये तकनीकी-वाणिज्यिक तैयारी एवं बाज़ार परिपक्वता मैट्रिक्स (Techno-Commercial Readiness and Market Maturity Matrix) फ्रेमवर्क जारी किया। इसे प्रौद्योगिकी मूल्यांकन में क्रांति लाने, नवाचार को बढ़ावा देने तथा भारत में उद्यमिता को प्रोत्साहन देने के लिये डिज़ाइन किया गया है। 

TCRM मैट्रिक्स: 

  • TCRM Matrix का अर्थ तकनीकी-वाणिज्यिक तैयारी और बाज़ार परिपक्वता मैट्रिक्स है। 
  • TCRM मैट्रिक्स फ्रेमवर्क एक एकीकृत मूल्यांकन मॉडल प्रस्तुत करता है, जो प्रौद्योगिकी विकास चक्र के हर चरण में हितधारकों को गहन अंतर्दृष्टि और कार्रवाई योग्य बुद्धिमत्ता प्रदान करता है।

TCRM मैट्रिक्स का उपयोग: 

  • TCRM फ्रेमवर्क किसी परियोजना की संयुक्त तैयारी का एक ठोस विश्लेषण प्रदान करता है।
    • इसका उद्देश्य नवप्रवर्तकों, शोधकर्त्ताओं और निवेशकों को व्यावसायीकरण के लिये किसी प्रौद्योगिकी की तैयारी के बारे में चर्चा करने हेतु एकीकृत मंच प्रदान करना है। 
  • प्रौद्योगिकी तत्परता स्तर (TRL) को प्रौद्योगिकी की तत्परता का मूल्यांकन करने के साथ प्रौद्योगिकी की परिपक्वता को परिभाषित करने के लिये मानकीकृत शब्दावली का उपयोग करके किसी विशेष तकनीक से संबंधित क्षमता और खतरों के बारे में संचार में सुधार एवं रूपरेखा प्रदान करने के लिये निर्मित किया गया था।
    • यह ढाँचा आर्थिक दृष्टिकोण से नवाचार के अध्ययन से विकसित किया गया था तथा समय के साथ प्रौद्योगिकी के प्रदर्शन में वृद्धि को दर्शाता है।
    • यह पता चलता है कि जिस क्षण किसी नवप्रवर्तक द्वारा किसी तकनीक को प्रुस्तुत किया जाता है, उस समय से प्रारंभिक उपयोगकर्त्ताओं के बीच तकनीक के प्रदर्शन में सामान्य रूप से अपेक्षाकृत धीरे-धीरे सुधार होता है
  • व्यावसायीकरण तैयारी स्तर (CRL) विभिन्न संकेतकों का आकलन करेगा जो प्रौद्योगिकी परिपक्वता से परे वाणिज्यिक और बाज़ार स्थितियों को प्रभावित करते हैं।
    • यह आकलन करता है कि कैसे एक नई तकनीक व्यावसायिक उपलब्धता एवं लक्षित बाज़ार के अंर्तगत व्यापक स्वीकृति तक व्यावसायिक रूप से सफल हो सकती है।
    • यह किसी प्रौद्योगिकी के व्यावसायीकरण का समर्थन करने के लिये प्रमुख बाधाओं को दूर करने में सक्षम बनाता है।
    • इसका उद्देश्य विशिष्ट और स्पष्ट रूप से परिभाषित व्यावसायिक संकेतकों के माध्यम से बाज़ार में लॉन्च करने और व्यावसायिक सफलता के लिये प्रौद्योगिकी की तैयारियों पर अधिक ध्यान केंद्रित करके TRL पैमाने को पूरक बनाना है।
  • मार्केट रेडीनेस लेवल (MRL) एक पद्धति है जिसका उपयोग यह मूल्यांकन करने के लिये किया जाता है कि प्रोजेक्ट आउटपुट बाजार के कितने समीप है।
    • इसका उपयोग यह आकलन करने के लिये किया जाता है कि उत्पाद या सेवा ग्राहकों के समूह के लिये व्यावसायिक प्रस्ताव के रूप में बाज़ार में ले जाने के लिये कितना तैयार है।
    • यह बाहरी बाज़ार संकेतकों की जागरूकता जैसे बाहरी संकेतकों पर निर्भर करता है।
    • इसका उद्देश्य ग्राहक को अपनाने और बाज़ार की सफलता के उद्देश्य से प्रौद्योगिकी की तैयारियों पर ध्यान केंद्रित करके TRL और CRL को पूरक बनाना है।

TCRM मैट्रिक्स की सीमाएँ: 

TRL, CRL और MRL प्रणालियों में प्रत्येक की कुछ सीमाएँ हैं, जो इस प्रकार हैं:

TCRM मैट्रिक्स की आवश्यकता:

  • ग्लोबल इनोवेशन इंडेक्स 2022 के अनुसार, सकल घरेलू उत्पाद के प्रतिशत के रूप में अनुसंधान एवं विकास व्यय के मामले में भारत विश्व में 40वें स्थान पर था।
  • भारत का स्टार्ट-अप इकोसिस्टम तेज़ी से विकसित हुआ है तथा देश में 50,000 से अधिक स्टार्ट-अप हैं। स्टार्ट-अप को इन्क्यूबेटरों और एक्सेलेरेटर के एक सुदृढ़ नेटवर्क द्वारा समर्थित किया गया है जिसने इन नवोन्वेषी कंपनियों को पोषित और समर्थन प्रदान करने में सहायता की है।
  • वर्ष 2020 में आईटी और सॉफ्टवेयर क्षेत्र ने भारत की GDP में 191 बिलियन अमेरिकी डॉलर का योगदान दिया था जो देश की कुल GDP का 7.7% है।
  • भारतीय फार्मास्यूटिकल उद्योग 20,000 से अधिक पंजीकृत कंपनियों के साथ विश्व का तीसरा सबसे बड़ा उद्योग है।

आगे की राह 

  • TCRM मैट्रिक्स ढाँचे को अपनाने के लिये अद्वितीय राष्ट्रीय और क्षेत्रीय नवाचार परिदृश्य के एक व्यापक विश्लेषण और संदर्भ की आवश्यकता होती है। इससे नीति निर्माताओं को नवाचार को बढ़ावा देने और विकास को गति देने के लिये प्रभावी निर्णय लेने में सहायता मिल सकती है।

वैश्विक नवाचार सूचकांक (GII):

  • वैश्विक नवाचार सूचकांक (Global Innovation Index- GII), इसे विश्व बौद्धिक संपदा संगठन (World Intellectual Property Organization- WIPO) द्वारा प्रतिवर्ष प्रकाशित किया जाता है।
  • सतत् विकास लक्ष्यों (SDG) के संबंध में नवाचार को मापने के लिये GII को संयुक्त राष्ट्र आर्थिक और सामाजिक परिषद द्वारा विज्ञान, प्रौद्योगिकी एवं विकास के लिये नवाचार पर 2019 के संकल्प में एक आधिकारिक बेंचमार्क के रूप में मान्यता दी गई है।

विश्व बौद्धिक संपदा संगठन (WIPO):

  • WIPO बौद्धिक संपदा (IP) सेवाओं, नीति, सूचना और सहयोग के लिये वैश्विक मंच है।
  • यह 193 सदस्य देशों के साथ संयुक्त राष्ट्र की एक स्व-वित्तपोषित एजेंसी है।
  • इसका उद्देश्य संतुलित और प्रभावी अंतर्राष्ट्रीय IP प्रणाली के विकास का नेतृत्व करना है जो सभी के लाभ के लिये नवाचार एवं रचनात्मकता को सक्षम बनाता है।

स्रोत: पी.आई.बी


प्रारंभिक परीक्षा

राज्यसभा अध्यक्ष द्वारा उपाध्यक्ष के पैनल में 4 महिला सांसद नामित

राज्यसभा के सभापति ने चार महिला सांसदों को उपाध्यक्ष के पैनल में नामांकित किया, जिससे राज्यसभा के इतिहास में पहली बार महिलाओं को पैनल में समान प्रतिनिधित्व मिला, जबकि महिला आरक्षण विधेयक, जो पहली बार वर्ष 1996 में प्रस्तुत किया गया था, अभी भी लंबित है। 

  • श्रीमती एस. फांगनोन कोन्याक नगालैंड से राज्यसभा सदस्य के रूप में चुनी जाने वाली पहली महिला हैं।
  • एक अन्य उल्लेखनीय विकास में राज्यसभा अध्यक्ष का पद पूरी तरह से डिजिटल हो गया है।

राज्यसभा के उपाध्यक्ष का पैनल: 

  • संविधान का अनुच्छेद 118(1) संसद के प्रत्येक सदन को अपनी प्रक्रिया और अपने कार्य संचालन को विनियमित करने के लिये नियम बनाने का अधिकार देता है।
  • संविधान के इस प्रावधान के तहत राज्यसभा ने वर्ष 1964 में अपनी प्रक्रिया और अपने कामकाज़ के संचालन को विनियमित करने के लिये नियमों को अपनाया था।
  • राज्यसभा के नियमों के तहत सभापति सदस्यों में से उपसभापति का एक पैनल नामित करता है जो तब तक पद पर रहता है जब तक कि उपसभापति का एक नया पैनल नामित नहीं हो जाता।
  • सभापति या उपसभापति की अनुपस्थिति में इनमें से कोई भी सदन की अध्यक्षता कर सकता है।
  • राज्यसभा की अध्यक्षता करते समय उपसभापति के पास अध्यक्ष के समान शक्तियाँ होती हैं।
  • जब उपाध्यक्ष के पैनल का कोई सदस्य उपस्थित नहीं होता है, तो सदन द्वारा निर्धारित कोई अन्य व्यक्ति अध्यक्ष के रूप में कार्य करता है।
  • सभापति या उपसभापति का पद रिक्त होने पर उपसभापति पैनल का कोई सदस्य सदन की अध्यक्षता नहीं कर सकता।
  • ऐसे समय सभापति के कर्तव्यों का पालन सदन के ऐसे सदस्य द्वारा किया जाना चाहिये जिसे राष्ट्रपति इस उद्देश्य के लिये नियुक्त करता है।

संसद में महिलाओं के प्रतिनिधित्व की स्थिति:

  • हाल के दिनों में लोकसभा में महिला सदस्यों की संख्या में नियमित रूप से बढ़ोतरी देखी गई है। लोकसभा में महिला सांसदों की संख्या वर्ष 2004 (14वीं लोकसभा) के 45 (8.3%) से बढ़कर वर्ष 2019 (17वीं लोकसभा) में 81 (14.9%) हो गई है।

 

  UPSC सिविल सेवा परीक्षा, विगत वर्ष के प्रश्न  

प्रिलिम्स: 

प्रश्न. निम्नलिखित कथनों पर विचार कीजिये: (2013) 

  1. राज्यसभा का सभापति और उपसभापति उस सदन के सदस्य नहीं होते।
  2. जबकि राष्ट्रपति के निर्वाचन में संसद के दोनों सदनों के मनोनीत सदस्यों को मतदान का कोई अधिकार नहीं होता, उनको उपराष्ट्रपति के निर्वाचन में मतदान का अधिकार होता है।

उपर्युक्त कथनों में से कौन-सा/से सही है/हैं?

(A) केवल 1 
(B) केवल 2 
(C) 1 और 2 दोनों 
(D) न तो 1 और न ही 2

उत्तर: (B)

  • भारत का उपराष्ट्रपति राज्यसभा का पदेन सभापति होता है, जो इसके सत्रों की अध्यक्षता करता है, लेकिन वह उस सदन का सदस्य नहीं होता। हालाँकि उपसभापति, जो सभापति की अनुपस्थिति में सदन के रोज़मर्रा के मामलों की देखभाल करता है, राज्यसभा के सदस्यों में से चुना जाता है। इस प्रकार उपसभापति सदन का सदस्य होता है। अतः कथन 1 सही नहीं है।
  • निर्वाचक मंडल जो भारत के राष्ट्रपति का चुनाव करता है, लोकसभा और राज्यसभा के निर्वाचित सदस्यों के साथ-साथ राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र दिल्ली और केंद्रशासित प्रदेश पुद्दुचेरी सहित राज्य विधानसभाओं के निर्वाचित सदस्यों से बना है। दोनों सदनों के जिन सदस्यों को नामांकित किया गया है, वे राष्ट्रपति चुनाव में मतदान नहीं करते हैं।  
  • उपराष्ट्रपति का चुनाव राज्यसभा और लोकसभा दोनों के निर्वाचित और मनोनीत सदस्यों द्वारा किया जाता है। अतः कथन 2 सही है। अतः विकल्प (B) सही उत्तर है।

स्रोत: इंडियन एक्सप्रेस


विविध

Rapid Fire (करेंट अफेयर्स): 22 जुलाई, 2023

टाइगर आर्किड

जवाहरलाल नेहरू उष्णकटिबंधीय वनस्पति उद्यान और अनुसंधान संस्थान (JNTBGRI), पालोड में टाइगर ऑर्किड (ग्रैमैटोफिलम स्पेशियोसम) खिल रहे हैं। इस पौधे को गिनीज़ बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड्स द्वारा विश्व के सबसे ऊँचे आर्किड के रूप में सूचीबद्ध किया गया था।

पौधे के बारे में महत्त्वपूर्ण तथ्य: 

  • मूल वितरण: इंडोनेशिया, मलेशिया, फिलीपींस, पापुआ न्यू गिनी।
  • मूल आवास स्थान: स्थलीय (प्राथमिक वर्षावन, मीठे जल के दलदली वन, नदी क्षेत्र)।
  • पसंदीदा जलवायु क्षेत्र: उष्णकटिबंधीय, उपोष्णकटिबंधीय/मानसूनी क्षेत्र। 
  • CITES सुरक्षा: हाँ (परिशिष्ट II)।
  • वृद्धि स्वरूप: इसका तना 3 मीटर या उससे अधिक लंबा और 5 सेमी. तक मोटा होता है। यह विश्व की सबसे बड़ी आर्किड प्रजाति भी है।

और पढ़ें… भारत में दुर्लभ ऑर्किड

बूरा चापोरी वन्यजीव अभयारण्य 

हाल ही में असम के बूरा चापोरी वन्यजीव अभयारण्य में हिंसा भड़क उठी, जिसके परिणामस्वरूप एक महिला की मौत हो गई और वन रक्षकों सहित छह अन्य घायल हो गए।

वन्यजीव अभयारण्य के बारे में महत्त्वपूर्ण तथ्य:

  • परिचय: यह लाओखोवा-बूरा चापोरी पारिस्थितिकी तंत्र का हिस्सा है।
  • स्थान: ब्रह्मपुत्र नदी का दक्षिणी तट।
  • जीव-जंतु: यह अभयारण्य महान भारतीय एक सींग वाले गैंडे, बाघ, तेंदुए, जंगली भैंस, हॉग हिरण, जंगली सुअर और हाथियों का निवास स्थल है।
    • पक्षियों की सूची में बंगाल फ्लोरिकन (अत्यधिक लुप्तप्राय), ब्लैक-नेक्ड स्टॉर्क, मल्लार्ड, ओपन बिल्ड स्टॉर्क, टील और व्हिसलिंग डक शामिल हैं।
    • कई आर्द्रभूमियों के कारण यह सर्दियों के मौसम में प्रवासी पक्षियों की कई प्रजातियों के लिये एक आदर्श प्रजनन स्थान है।
  • वनस्पति: यह घास का मैदान विभिन्न प्रकार की औषधीय जड़ी-बूटियों और पौधों से भी समृद्ध है

श्रीविल्लीपुथुर-मेगामलाई टाइगर रिज़र्व

  • वन विभाग ने थेनी में मेगामलाई डिवीज़न के श्रीविल्लिपुथुर मेगामलाई टाइगर रिज़र्व (SMTR) में 12 अवैध, अनधिकृत या गैर-मान्यता प्राप्त रिसॉर्ट्स की पहचान की है।

वन्यजीव अभयारण्य के बारे में महत्त्वपूर्ण तथ्य:

  • परिचय: इस टाइगर रिज़र्व की स्थापना फरवरी 2021 में हुई थी। 
    • यह टाइगर रिज़र्व तमिलनाडु का पाँचवाँ और भारत का 51वाँ टाइगर रिज़र्व है।
    • यह वैगई के प्राथमिक जलग्रहण क्षेत्र मेगामलाई को सुरक्षा प्रदान करता है, जिससे नदी का जल स्तर बढ़ने में मदद मिलती है।
  • जीव-जंतु: यहाँ पाए जाने वाले प्रमुख जानवर बंगाल टाइगर, हाथी, गौर, भारतीय विशालकाय गिलहरी, तेंदुआ, नीलगिरि तहर आदि हैं।
  • वनस्पति: इस रिज़र्व में उष्णकटिबंधीय सदाबहार वन और अर्द्ध-सदाबहार वन, शुष्क पर्णपाती वन तथा नम मिश्रित पर्णपाती वन एवं घास के मैदान पाए जाते हैं।
  • तमिलनाडु के अन्य चार टाइगर रिज़र्व:

और पढ़ें… श्रीविल्लिपुथुर-मेगामलाई टाइगर रिज़र्व और वैगई नदी: तमिलनाडु

टंकाई विधि

संस्कृति मंत्रालय एवं भारतीय नौसेना ने "जहाज़ निर्माण की प्राचीन सिलाई वाली विधि (टंकाई पद्धति)" को पुनर्जीवित करने के लिये एक समझौता ज्ञापन (MOU) पर हस्ताक्षर किये। भारतीय नौसेना पूरे प्रोजेक्ट के क्रियान्वयन के साथ इसकी निगरानी करेगी।

  • 'जहाज़ निर्माण की प्राचीन सिलाई वाली विधि' एक पारंपरिक नाव निर्माण तकनीक है जिसमें नाव के तख्तों को कील या पेंच का उपयोग करने के बजाय रस्सी या तार से एक साथ सिलना शामिल है।
  • विश्व के कुछ भागों में अभी भी छोटी नावों के निर्माण के लिये इस पद्धति का उपयोग किया जाता है। यह जहाज़ निर्माण की 2000 वर्ष पुरानी तकनीक है जिसे 'सिलाई जहाज़ निर्माण विधि' के नाम से जाना जाता है।
  • ऐतिहासिक महत्त्व और पारंपरिक शिल्प कौशल के संरक्षण को देखते हुए सिले हुए जहाज़ का भारत में महत्त्वपूर्ण सांस्कृतिक मूल्य है।
  • इन जहाज़ों ने लचीलेपन और स्थायित्व के कारण इन्हें उथले और रेतीली चट्टानों से होने वाले हानि की आशंका कम हो गई।

और पढ़ें… वर्ष 2030 तक ग्रीन शिप बिल्डिंग के लिये ग्लोबल हब


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