प्रारंभिक परीक्षा
मेघ प्रस्फोट, भूस्खलन और आकस्मिक बाढ़
स्रोत: इंडियन एक्सप्रेस
जम्मू-कश्मीर के रामबन तहसील में मूसलाधार वर्षा के कारण कई लोग हताहत हुए, बुनियादी ढाँचे की व्यापक क्षति हुई और आपात में लोगों को स्थानांतरण करना पड़ा। अधिकारियों के अनुसार इस व्यापक विनाश का कारण मेघ प्रस्फोट (बादल का फटना), भूस्खलन और आकस्मिक बाढ़ था।
मेघ प्रस्फोट क्या है?
- परिभाषा: मेघ प्रस्फोट अथवा बादल फटने का आशय एक ऐसी आकस्मिक, तीव्र वर्षा से है जिसके परिणामस्वरूप एक सीमित क्षेत्र (लगभग 10 वर्ग किमी.) में एक घंटे से भी कम समय में 10 सेमी से अधिक वर्षा होती है।
- इसके साथ ही ओलावृष्टि और मेघगर्जन की भी संभावना रहती है। पर्वतीय क्षेत्रों विशेष रूप से हिमालय में बादल फटने की घटना सामान्य है।
- इस घटना की उत्पत्ति की प्रवृत्ति स्थानगत होने के कारण, बादल फटने का पूर्वानुमान करना अथवा उसका पता लगाना कठिन होता है, लेकिन इससे आकस्मिक विध्वंसकारी वर्षा हो सकती है, जिससे बाढ़ और भूस्खलन की घटना हो सकती है।
- कारण:
- पर्वतीय उत्थापन : आर्द्र वायु का किसी पर्वत शृंखला पर उत्थापन होने पर यह घटित होता है। वायु के निरंतर उत्थापन से इसका ठंडा होकर संघनन होना जारी रहता है, जिसके परिणामस्वरूप भीषण वर्षा होती है।
- चूंकि ये आरोही वायु धाराएँ प्रबल प्रबल होती हैं इसलिये वर्षा होने से पूर्व बारिश की बूँदों का आकार बड़ा हो जाता है। जब ये धाराएँ क्षीण हो जाती हैं, तो संघनित वर्षा की बूँदों का आकस्मिक पात होता है, जिससे भारी वर्षा होती है।
- मानसून गतिकी: भारतीय उपमहाद्वीप में, बादल फटने की घटना सामान्यतः मानसून मेघों का बंगाल की खाड़ी या अरब सागर से उत्तर की ओर गमन करने पर होती है, जहाँ ये मेघ मैदानी इलाकों को पार करते हुए हिमालय तक पहुँचते हैं, जिससे प्रति घंटे 75 मिलीमीटर तक वर्षा होती है।
- पर्वतीय उत्थापन : आर्द्र वायु का किसी पर्वत शृंखला पर उत्थापन होने पर यह घटित होता है। वायु के निरंतर उत्थापन से इसका ठंडा होकर संघनन होना जारी रहता है, जिसके परिणामस्वरूप भीषण वर्षा होती है।
- उदाहरण: हिमाचल प्रदेश (2024) और उत्तराखंड (2021) में बादल फटने से विध्वंसकारी बाढ़, भूस्खलन और बुनियादी ढाँचे को व्यापक नुकसान हुआ।
भूस्खलन क्या है?
- परिभाषा: भूस्खलन गुरुत्वाकर्षण के कारण ढलान पर चट्टान, मिट्टी या मलबे का नीचे की ओर खिसकना है।
- यह द्रव्यमान क्षय का एक रूप है, जिसमें पृथ्वी की सामग्री गुरुत्वाकर्षण के प्रभाव में ढलान से नीचे की ओर खिसकती है।
- प्रकार:
- कारण: अत्यधिक वर्षा, भूकंप और जल रिसाव जैसे प्राकृतिक कारक ढलानों को कमज़ोर करते हैं, जबकि वनोन्मूलन और निर्माण जैसी मानवीय गतिविधियाँ जोखिम को बढ़ाती हैं। मृदा की संरचना और भूभाग जैसे भूवैज्ञानिक कारक भी ढलान की स्थिरता को प्रभावित करते हैं और भूस्खलन का कारण बन सकते हैं।
- भूस्खलन प्रवण क्षेत्र: भारत में, 0.42 मिलियन वर्ग किमी (भूमि क्षेत्र का 12.6%) भूस्खलन प्रवण क्षेत्र है, जिसमें उत्तर पूर्व हिमालय, उत्तर पश्चिम हिमालय, पश्चिमी घाट, कोंकण पहाड़ियाँ और पूर्वी घाट सबसे अधिक प्रभावित हैं।
- उदाहरण: वर्ष 2024 में, वायनाड (केरल) को बड़े पैमाने पर भूस्खलन का सामना करना पड़ा, जबकि वर्ष 2013 केदारनाथ (उत्तराखंड) भूस्खलन के कारण 5,700 से अधिक मौतें हुईं।
- अत्यधिक वर्षा और ग्लेशियर के फटने से वर्ष 2021 में चमोली में भूस्खलन हुआ, जिसके कारण व्यापक बाढ़ आई और मौतें हुईं।
फ्लैश फ्लड क्या है?
- परिभाषा: फ्लैश फ्लड तीव्र वर्षा के दौरान या उसके तुरंत बाद जल स्तर में अचानक वृद्धि है। वे अत्यधिक स्थानीयकृत और अल्पकालिक घटनाएँ हैं, जो सामान्यतः वर्षा के 6 घंटे के भीतर घटित होती हैं।
- कारण: फ्लैश फ्लड मुख्यतः तीव्र वर्षा के कारण होती है, जो मृदा की अवशोषण क्षमता और जल निकासी प्रणालियों को प्रभावित करती है।
- अत्यधिक वर्षा के अतिरिक्त, अचानक तापमान वृद्धि, बाँध या तटबंधों के टूटने, हिम या मलबे के जाम होने, तथा हिमनद झीलों के अचानक फटने के कारण तेज़ी से हिम विगलन से भी फ्लैश फ्लड आ सकती है।
- इसके अतिरिक्त, सड़कों और इमारतों जैसी अभेद्य सतहों वाले शहरीकरण से अपवाह बढ़ता है, जल अवशोषण कम होता है और बाढ़ का खतरा बढ़ता है।
- उदाहरण: हिमाचल प्रदेश 2023, उत्तराखंड 2013, और मुंबई 2005 में अत्यधिक वर्षा के कारण जान-माल की क्षति हुई।
UPSC सिविल सेवा परीक्षा, विगत वर्ष के प्रश्नप्रिलिम्स:प्रश्न. यह संदेह है कि आस्ट्रेलिया में हाल में आयी बाढ़ "ला-नीना" के कारण आयी थी। "ला-नीना" "एल-नीनो" से कैसे भिन्न है? (2011)
उपर्युक्त में से कौन-सा/कौन-से कथन सही है/हैं? (a) केवल 1 उत्तर: (d) मेन्सप्रश्न. हिमालय क्षेत्र तथा पश्चिमी घाटों में भूस्खलनों के विभिन्न कारणों का अंतर स्पष्ट कीजिये। (2021) प्रश्न. "हिमालय भूस्खलनों के प्रति अत्यधिक प्रवण है।" कारणों की विवेचना कीजिये तथा अल्पीकरण के उपयुक्त उपाय सुझाइए। (2016) |
रैपिड फायर
इंटरमीडिएट-मास ब्लैक होल
स्रोत: पी.आई.बी.
भारतीय खगोलविदों ने 3.6 मीटर देवस्थल ऑप्टिकल टेलीस्कोप (DOT) का उपयोग करके 4.3 मिलियन प्रकाश वर्ष दूर स्थित एक धुंधली आकाशगंगा NGC 4395 में एक इंटरमीडिएट-मास ब्लैक होल (IMBH) का पता लगाने के साथ उसके द्रव्यमान को मापा।
- इंटरमीडिएट-मास ब्लैक होल (IMBH): IMBH धुँधले, मध्यम आकार के ब्लैक होल होते हैं (हमारे सूर्य के द्रव्यमान से 100 से 100,000 गुना बड़े), जो अक्सर छोटी आकाशगंगाओं में स्थित होते हैं और केवल तभी मज़बूत संकेत देते हैं जब वे सक्रिय रूप से पदार्थ का क्षय कर रहे होते हैं।
- इस IMBH का द्रव्यमान सूर्य के द्रव्यमान का लगभग 22,000 गुना है तथा इसके आसपास के गैस बादल 2.25 अरब किलोमीटर की दूरी पर इसकी परिक्रमा करते हैं।
- यह पदार्थ का क्षय अपनी अधिकतम सैद्धांतिक दर के मात्र 6% पर कर रहा है।
- DOT भारत का सबसे बड़ा ऑप्टिकल टेलीस्कोप है जो देवस्थल, नैनीताल, उत्तराखंड में स्थित है।
- इसे वर्ष 2016 में शुरू किया गया था और इसे आर्यभट्ट प्रेक्षण विज्ञान शोध संस्थान (ARIES) द्वारा संचालित किया जाता है।
- ब्लैक होल: ये अंतरिक्ष में ऐसे क्षेत्र हैं जहाँ गुरुत्वाकर्षण इतना तीव्र होता है कि प्रकाश भी वहाँ से नहीं गुजर सकता है।
- इनका निर्माण तब होता है जब एक विशाल तारा अपने जीवन के अंत में अपने ही गुरुत्वाकर्षण के कारण समाप्त हो जाता है जिससे एक अत्यंत सघन पिंड का निर्माण होता है।
और पढ़ें: ब्लैक होल ट्रिपल सिस्टम
रैपिड फायर
17वाँ राष्ट्रीय सिविल सेवा दिवस
स्रोत: डी.डी.
प्रधानमंत्री ने 17वें राष्ट्रीय सिविल सेवा दिवस (21 अप्रैल 2025) के अवसर पर सिविल सेवकों को संबोधित किया और लोक प्रशासन में उत्कृष्टता के लिये प्रधानमंत्री पुरस्कार (PMAEPA) से सम्मानित किया।
- राष्ट्रीय सिविल सेवा दिवस पर, सिविल सेवाओं में महिलाओं के ऐतिहासिक प्रतिनिधित्व पर प्रकाश डाला गया, जिसमें वर्ष 2023 भारतीय प्रशासनिक सेवा (IAS) बैच की 41% 74 महिला अधिकारी शामिल थीं।
- राष्ट्रीय सिविल सेवा दिवस: यह प्रत्येक वर्ष 21 अप्रैल को सिविल सेवकों के समर्पण का सम्मान करने के लिये मनाया जाता है। पहली बार वर्ष 2006 में मनाया गया यह दिवस दिल्ली के मेटकाफ हाउस में प्रशासनिक सेवा के अधिकारियों के परिवीक्षार्थियों को सरदार वल्लभभाई पटेल के संबोधन की याद में मनाया जाता है, जहां उन्होंने 21 अप्रैल 1947 को सिविल सेवकों को "स्टील फ्रेम ऑफ इंडिया" कहा था।
- PMAEPA: केंद्र और राज्य सरकारों के अधिकारियों द्वारा किये गए उत्कृष्ट और अभिनव कार्यों को मान्यता देने के लिये स्थापित किया गया। सभी सरकारी अधिकारी और संगठन इसके लिये पात्र हैं।
- चयन प्रक्रिया में स्क्रीनिंग समिति, विशेषज्ञ समिति द्वारा मूल्यांकन तथा कैबिनेट सचिव और प्रधानमंत्री द्वारा अंतिम अनुमोदन शामिल है।
- पुरस्कार में एक ट्रॉफी, एक स्क्रॉल और लोक कल्याणकारी पहलों के समर्थन के लिये 20 लाख रुपए शामिल हैं।
- सिविल सेवाओं से संबंधित पहल: मिशन कर्मयोगी, लैटरल एंट्री स्कीम (LES), ई -समीक्षा और केंद्रीकृत लोक शिकायत निवारण और निगरानी प्रणाली (CPGRAMS)।
और पढ़ें: सिविल सेवा दिवस
प्रारंभिक परीक्षा
विश्व धरोहर दिवस 2025
स्रोत: पी.आई.बी.
चर्चा में क्यों?
भारतीय पुरातत्त्व सर्वेक्षण (ASI) ने 18 अप्रैल 2025 को अंतर्राष्ट्रीय स्मारक एवं स्थल दिवस (विश्व धरोहर दिवस) पर अपने संरक्षित स्मारकों में निःशुल्क प्रवेश की घोषणा की है।
विश्व धरोहर दिवस क्या है?
- यह दिन सांस्कृतिक विरासत के महत्त्व और इसे संरक्षित करने की आवश्यकता के बारे में जागरूकता को बढ़ावा देने के लिये विश्व स्तर पर मनाया जाता है। इसकी घोषणा वर्ष 1982 में अंतर्राष्ट्रीय स्मारक और स्थल परिषद (ICOMOS) द्वारा की गई थी और वर्ष 1983 में UNESCO द्वारा इसका अनुमोदन किया गया।
- वर्ष 2025 का विषय है "आपदा एवं संघर्ष से खतरे में धरोहर: ICOMOS की 60 वर्षीय कार्रवाइयों सीख और तत्परता"।
विश्व धरोहर स्थल क्या हैं?
- परिचय: विश्व धरोहर स्थल (WHS) वे स्थान हैं जिन्हें मानवता के लिये उनके उत्कृष्ट सार्वभौमिक मूल्य के लिये मान्यता प्राप्त है और उन्हें भावी पीढ़ियों के लिये सुरक्षा और संरक्षण हेतु विश्व धरोहर सूची में अंकित किया गया है।
- इन स्थलों की प्रकृति सांस्कृतिक, प्राकृतिक अथवा मिश्रित हो सकती है। WHS को विश्व धरोहर सम्मेलन, 1972 के तहत संरक्षित किया जाता है, जो UNESCO के सदस्य देशों द्वारा अपनाया गया एक अंतर्राष्ट्रीय समझौता है।
- यह अभिसमय ऐसे स्थलों की पहचान, सुरक्षा और परिरक्षण में राष्ट्र पक्षकारों की ज़िम्मेदारियों को रेखांकित करता है।
- विश्व धरोहर स्थलों की सूची का अनुरक्षण अंतर्राष्ट्रीय 'विश्व धरोहर कार्यक्रम' द्वारा किया जाता है, जिसका विनियमन UNESCO विश्व धरोहर समिति द्वारा किया जाता है।
- भारत ने वर्ष 1977 में इस अभिसमय का अनुसमर्थन किया।
- विश्व भर में WHS: अक्तूबर 2024 तक, 196 देशों में लगभग 1,223 स्थल हैं जिनमें 952 सांस्कृतिक, 231 प्राकृतिक और 40 मिश्रित स्थल शामिल हैं।
- भारत में विश्व धरोहर स्थल: अप्रैल 2025 तक, भारत में 43 विश्व धरोहर स्थल (34 सांस्कृतिक, 7 प्राकृतिक और 2 मिश्रित) और 62 स्थल संभावित सूची में हैं।
भारत की सांस्कृतिक विरासत को बढ़ावा देने के लिये सरकार की प्रमुख पहल क्या हैं?
- पुरावशेषों का पुनरुद्धार: भारत ने विदेशों से सांस्कृतिक कलाकृतियों को वापस लाने के प्रयासों को तेज़ कर दिया है, तथा वर्ष 1976 से अब तक 655 पुरावशेषों को वापस प्राप्त किया हैं।
- वर्ष 2024 में, रामचरितमानस, पंचतंत्र और सहृदयलोक-स्थान जैसी साहित्यिक कृतियों को यूनेस्को की 2024 विश्व स्मृति समिति के एशिया और प्रशांत क्षेत्रीय रजिस्टर में शामिल किया गया।
- विरासत योजना और गलियारा परियोजनाएँ: वर्ष 2017 में शुरू किये गए हेरिटेज एडॉप्ट कार्यक्रम के माध्यम से, सार्वजनिक और निजी निकाय CSR फंडिंग के माध्यम से हेरिटेज स्थल के रखरखाव का समर्थन कर सकते हैं।
- डिजिटल दस्तावेज़ीकरण: राष्ट्रीय स्मारक और पुरावशेष मिशन (NMMA) के तहत 12.3 लाख से अधिक पुरावशेषों और 11,400 विरासत स्थलों का डिजिटलीकरण किया गया है। 'डिजिटल स्पेस में भारतीय विरासत' पहल, विरासत के अनुभवों को जीवंत बनाने के लिये प्रौद्योगिकी का उपयोग करती है।
- ASI का 'मस्ट सी' पोर्टल विस्तृत जानकारी और मनोरम दृश्यों के साथ लगभग 100 प्रमुख स्मारकों को प्रदर्शित करता है।
- वैश्विक सांस्कृतिक नेतृत्व: भारत ने दिल्ली में यूनेस्को विश्व धरोहर समिति के 46 वें सत्र की मेज़बानी की (जुलाई 2024)।
भारतीय पुरातत्त्व सर्वेक्षण (ASI)
- परिचय: ASI भारत की सांस्कृतिक विरासत के पुरातात्त्विक अनुसंधान और संरक्षण के लिये ज़िम्मेदार प्रमुख सरकारी निकाय है।
- स्थापना: इसकी स्थापना वर्ष 1861 में अलेक्जेंडर कनिंघम द्वारा की गई थी, जिन्हें “भारतीय पुरातत्व के जनक” के रूप में जाना जाता है और वे इसके पहले महानिदेशक थे।
- कार्य: इसके मुख्य कार्यों में सर्वेक्षण, अन्वेषण, उत्खनन, संरक्षण और प्राचीन स्मारकों का रखरखाव शामिल हैं।
- यह पुरातात्त्विक अवशेषों और पुरातात्विक विरासत का दस्तावेज़ीकरण और संरक्षण भी करता है ।
- शासी ढाँचा: यह संस्कृति मंत्रालय के अधीन काम करता है और प्राचीन स्मारक तथा पुरातत्व स्थल और अवशेष (AMASR) अधिनियम, 1958 के तहत कार्य करता है।
- यह राष्ट्रीय महत्त्व के 3,698 से अधिक स्मारकों और स्थलों का प्रबंधन करता है।
UPSC सिविल सेवा परीक्षा, विगत वर्ष के प्रश्नप्रिलिम्स:प्रश्न. निम्नलिखित कथनों में से कौन-सा सही है? (2021) (a) अजंता गुफाएँ, वाघोरा नदी की घाटी में स्थित हैं। उत्तर: (a) |
प्रारंभिक परीक्षा
सौर-आधारित विलवणीकरण प्रौद्योगिकी
स्रोत: द हिंदू
चर्चा में क्यों?
विश्व भर में ताज़े जल की कमी को दूर करने के लिये, भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान बॉम्बे के वैज्ञानिकों ने ड्यूल-साइडेड सुपरहाइड्रोफोबिक लेजर-इंड्यूसड ग्राफीन (DSLIG) एवापोरेटर विकसित किया है, जो पिछली विलवणीकरण प्रणालियों की विभिन्न सीमाओं को दूर करता है और व्यापक पैमाने पर अनुप्रयोगों की क्षमता रखता है।
DSLIG के बारे में मुख्य तथ्य क्या हैं?
विशेषताएँ |
विवरण |
सौर और विद्युत तापन एकीकरण |
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सुपरहाइड्रोफोबिक सतह |
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सामग्री की संरचना |
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- महत्त्व: DSLIG अपने निम्न कार्बन फुटप्रिंट और उच्च दक्षता के साथ एक पर्यावरणीय रूप से धारणीय विकल्प प्रदान करता है, जो इसे औद्योगिक अपशिष्ट जल और लवणीय जल के निर्वहन के उपचार के लिये उपयुक्त बनाता है।
- यह सफलता हरित प्रौद्योगिकियों को बढ़ावा देने और पर्यावरणीय प्रभाव को कम करने के वैश्विक प्रयासों के अनुरूप है।
नोट
- PVDF: कठोर प्लास्टिक जो ज्वाला, विद्युत् और अधिकांश रसायनों के प्रति प्रतिरोधी है।
- PES: यह एक अनाकार, पारदर्शी, हल्के एम्बर रंग का उच्च प्रदर्शन वाला थर्मोप्लास्टिक है और व्यावसायिक रूप से उपलब्ध सबसे कुशल तापमान-रोधी पारदर्शी थर्मोप्लास्टिक रेज़िन है।
- हाइड्रोफोबिसिटी: यह एक भौतिक गुण है जिसमें अणु और जल एक दूसरे को प्रतिकर्षित करते हैं, और हाइड्रोफोबिक अणुओं वाले पदार्थों को हाइड्रोफोब कहते हैं।
विलवणीकरण क्या है?
- परिचय: विलवणीकरण समुद्री जल से, तथा कुछ मामलों में, लवणीय जल (अंतर्देशीय समुद्रों का निम्न लवणीय जल), अत्यधिक खनिजयुक्त भूजल (जैसे भूतापीय लवण जल) तथा नगरपालिका अपशिष्ट जल को उसके विलयित लवणों से मुक्त करने की प्रक्रिया है।
- यह प्रक्रिया अन्यथा अनुपयोगी जल को मानव उपभोग, सिंचाई, औद्योगिक अनुप्रयोगों और अन्य प्रयोजनों के लिये उपयुक्त बनाती है।
प्रक्रिया:
विलवणीकरण प्रक्रिया |
मुख्य विशेषताएँ |
तापीय विलवणीकरण: जल को ऊष्मित कर भाप बना दिया जाता है, जिससे अशुद्धियाँ नीचे रह जाती हैं, जो फिर से द्रव के रूप में मौजूद जल में संघनित हो जाती हैं। |
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झिल्ली-आधारित विलवणीकरण: इसके अंतर्गत जल एक अर्द्धपारगम्य झिल्ली से होकर गुज़रता है जो जल के अणुओं के अतिरिक्त लवण और अन्य विलयित ठोस पदार्थों को विपाषित कर लेता है। |
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नोट: राष्ट्रीय महासागर प्रौद्योगिकी संस्थान (NIOT) ने लक्षद्वीप के कवरत्ती में विश्व का पहला निम्न तापमान थर्मल डिसेलिनेशन (LTTD) संयंत्र विकसित किया है।
- लक्षद्वीप में पाँच विलवणीकरण संयंत्र संचालनरत हैं।
UPSC सिविल सेवा परीक्षा, विगत वर्ष के प्रश्नप्रश्न. निम्न तापमान तापीय विलवणीकरण सिद्धांत के आधार पर प्रतिदिन एक लाख लीटर मीठे जल का उत्पादन करने वाला भारत का पहला विलवणीकरण संयंत्र कहाँ स्थापित किया गया था? (2008) (a) कवरत्ती उत्तर: (a) |