विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी
गुरुत्वाकर्षण अस्थिरता और आकाशगंगा विकास
- 23 Sep 2023
- 5 min read
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स्रोत: द हिंदू
चर्चा में क्यों?
हाल ही में भारतीय खगोल भौतिकी संस्थान (IIA) द्वारा एक अध्ययन जारी किया गया, जिसका उद्देश्य गुरुत्वाकर्षण अस्थिरता और आकाशगंगा विकास के बीच संबंधों को समझना है।
नोट:
- गुरुत्वाकर्षण अस्थिरता एक मौलिक भौतिक घटना को संदर्भित करती है जो खगोल भौतिकीय प्रणालियों, विशेष रूप से आकाशगंगाओं, तारों और ग्रहीय प्रणालियों जैसे आकाशीय पिंडों में घटित होती है।
- ये अस्थिरताएँ गुरुत्वाकर्षण बल से प्रेरित होती हैं और इन ब्रह्मांडीय कार्यप्रणालियों की संरचना, विकास और गतिशीलता को आकार देने में महत्त्वपूर्ण भूमिका निभाती हैं।
अध्ययन की पद्धति:
- शोधकर्ताओं ने स्पिट्ज़र फोटोमेट्री और एक्यूरेट रोटेशन कर्व्स (SPARC) डेटाबेस से 175 आकाशगंगाओं के नमूने के स्थिरता स्तर का विश्लेषण कर आस-पास की आकाशगंगाओं में गुरुत्वाकर्षण अस्थिरता वृद्धि के लिये तारों की निर्माण दर, गैस अंश और समय के पैमाने की तुलना की।
- अध्ययन में जाँच की गई कि आकाशगंगाओं में स्थिरता के स्तर को कैसे नियंत्रित किया जाता है, जिसमें डार्क मैटर की संभावित भूमिका भी शामिल है। इसने यह निर्धारित करने की कोशिश की कि क्या तारे और गैस स्थिरता के स्तर को स्व-विनियमित कर सकते हैं।
- उन्होंने आस-पास की आकाशगंगाओं में स्थिरता के स्तर की तुलना उच्च रेडशिफ्ट पर देखे गए स्थिरता स्तरों से की, जिन्हें स्थानीय ब्रह्मांड में आकाशगंगाओं का अग्रदूत माना जाता है।
- रेडशिफ्ट:
- वैज्ञानिक रेडशिफ्ट के माध्यम से ब्रह्मांडीय दूरियों को मापते हैं, ब्रह्मांड में अपनी लंबी यात्रा के दौरान प्रकाश किस हद तक विद्युत चुंबकीय स्पेक्ट्रम के लाल (कम ऊर्जा) भाग की ओर स्थानांतरित होता है।
- दूरी जितनी अधिक होगी, रेडशिफ्ट उतना ही अधिक होगा।
अध्ययन के मुख्य तथ्य:
- सर्पिल आकाशगंगाएँ:
- आकाशगंगा जैसी सर्पिल आकाशगंगाओं ने विशिष्ट विशेषताओं का प्रदर्शन किया।
- उनके पास उच्च औसत तारा निर्माण दर, कम स्थिरता, कम गैस अंश और गुरुत्वाकर्षण अस्थिरता के विकास के लिये एक छोटा समय पैमाना था।
- आकाशगंगा जैसी सर्पिल आकाशगंगाओं ने विशिष्ट विशेषताओं का प्रदर्शन किया।
- गैस का तारों में रूपांतरण:
- कम स्थिरता वाली सर्पिल आकाशगंगाओं में गुरुत्वाकर्षण अस्थिरताएँ बड़ी मात्रा में गैस को कुशलतापूर्वक तारों में परिवर्तित कर देती हैं।
- इस प्रक्रिया के कारण इन आकाशगंगाओं में गैस भंडार कम हो गए हैं।
- कम स्थिरता वाली सर्पिल आकाशगंगाओं में गुरुत्वाकर्षण अस्थिरताएँ बड़ी मात्रा में गैस को कुशलतापूर्वक तारों में परिवर्तित कर देती हैं।
- तारा निर्माण तंत्र:
- सीमांत स्थिरता स्तर वाली आकाशगंगाएँ थोड़े समय के पैमाने पर तीव्र तारा निर्माण गतिविधि से गुज़रती हैं, जिससे गैस भंडार कम हो जाता है।
- इसके विपरीत अत्यधिक स्थिर आकाशगंगाएँ लंबे समय के पैमाने पर धीमी और क्रमिक तारा निर्माण प्रक्रियाओं का प्रदर्शन करती हैं, जो उपलब्ध गैस को तारों में परिवर्तित करती हैं।
- भविष्य और महत्त्व:
- विभिन्न रेडशिफ्ट्स में आकाशगंगाओं के रूपात्मक विकास पर गुरुत्वाकर्षण अस्थिरता के प्रभाव की भविष्य में जाँच की आवश्यकता है।
- आकाशगंगा निर्माण और विकास में मूलभूत प्रक्रियाओं को समझने के लिये यह अंतर्दृष्टि महत्त्वपूर्ण है।