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प्रिलिम्स फैक्ट्स

  • 21 Mar, 2023
  • 18 min read
प्रारंभिक परीक्षा

गंडक नदी

हाल ही में नमामि गंगे कार्यक्रम के तहत बिहार के गोपालगंज ज़िले में गंडक नदी पर रिवर फ्रंट के विकास के साथ ही दो घाटों का निर्माण भी किया गया है।

  • राष्ट्रीय जलमार्ग अधिनियम, 2016 के अनुसार, भैसलोटन बैराज से लेकर बिहार के हाजीपुर में गंडक और गंगा नदी के संगम स्थान तक गंडक नदी को देश भर के 111 अन्य NW के साथ राष्ट्रीय जलमार्ग (NW)-37 के रूप में नामित किया गया था।
  • River Gandak was declared as National Waterway (NW)-37 from Bhaisalotan Barrage to Gandak and Ganga River confluence at Hajipur, Bihar along with 111 NWs in the country vide National Waterways Act, 2016. 

गंडक नदी के संबंध में प्रमुख तथ्य:

  • परिचय: 
    • गंडक नदी को नेपाल में गंडकी और नारायणी नदी के नाम से भी जाना जाता है। यह भारत तथा नेपाल के उत्तरी भाग से होकर बहने वाली एक महत्त्वपूर्ण नदी है।
    • बिहार में वाल्मीकि राष्ट्रीय उद्यान और टाइगर रिज़र्व इस नदी के तट पर स्थित हैं।
  • स्रोत:  
    • गंडक नदी नेपाल सीमा के पास तिब्बत में धौलागीसी के उत्तर में मुख्य समुद्र तल से 7620 मीटर की ऊँचाई से निकलती है। हिमालय से निकलने वाली यह नदी 630 किलोमीटर तक विस्तृत है, जिसमें भारत में इसका विस्तार क्षेत्र 445 किलोमीटर और नेपाल में 185 किलोमीटर है।
  • जल निकासी बेसिन
    • गंडक नदी का कुल जल निकासी बेसिन क्षेत्र 29,705 वर्ग किलोमीटर है।
    • यह नदी भारत के बिहार और उत्तर प्रदेश राज्य से होकर बहती है तथा हाजीपुर के निचले भाग में पटना के पास गंगा में जाकर मिलती है।
  • सहायक नदियाँ: 
    • गंडक नदी की प्रमुख सहायक नदियों में मायांगडी, बारी, त्रिशूली, पंचांग, सरहद, बूढ़ी गंडक शामिल हैं। 

Nepal

राष्ट्रीय जलमार्ग अधिनियम, 2016: 

  • राष्ट्रीय जलमार्ग अधिनियम, 2016 भारतीय संसद द्वारा पारित एक अधिनियम है जिसे मार्च 2016 में पारित किया गया था। यह अधिनियम भारत में अंतर्देशीय नदियों और नहरों सहित 111 जलमार्गों को राष्ट्रीय जलमार्गों के रूप में घोषित करने का प्रावधान करता है।
    • अधिनियम का उद्देश्य अंतर्देशीय जल परिवहन के विकास को बढ़ावा देना और वस्तुओं एवं यात्रियों हेतु परिवहन का वैकल्पिक साधन प्रदान करना है।

स्रोत: पी.आई.बी.


प्रारंभिक परीक्षा

भारत और मालदीव: चौथा रक्षा सहयोग संवाद

हाल ही में भारत और मालदीव ने माले में चौथा रक्षा सहयोग संवाद (Defence Cooperation Dialogue- DCD) आयोजित किया।

  • DCD दोनों देशों के बीच उच्चतम संस्थागत संवादात्मक तंत्र है। दोनों सशस्त्र बलों के बीच भविष्य में संबंधों के निर्धारण में इसकी अहमियत को देखते हुए दोनों देश इन संवादों को महत्त्व देते रहे हैं।

Maldives

भारत और मालदीव के बीच सहयोग के क्षेत्र:

  • पर्यटन:  
    • मालदीव की अर्थव्यवस्था का मुख्य आधार पर्यटन है। यह देश अब भारतीयों हेतु एक प्रमुख पर्यटन और रोज़गार का स्थान है।
    • अगस्त 2021 में भारतीय कंपनी Afcons ने मालदीव में अब तक की सबसे बड़ी बुनियादी ढाँचा परियोजना के लिये एक अनुबंध पर हस्ताक्षर किये, जो कि ग्रेटर मेल कनेक्टिविटी प्रोजेक्ट (GMCP) है।
  • सुरक्षा भागीदारी: 
    • रक्षा सहयोग संयुक्त अभ्यास के क्षेत्रों तक विस्तृत है जैसे-एकुवेरिन’, ‘दोस्ती’, ‘एकथा’ और ‘ऑपरेशन शील्ड’ (वर्ष 2021 में शुरू)।
    • मालदीव राष्ट्रीय रक्षा बल (Maldivian National Defence Force- MNDF) के लिये भारत इस क्षेत्र में उसकी 70% से अधिक ज़रूरतों को पूरा करते हुए सबसे अधिक प्रशिक्षण संभावनाएँ प्रदान करता है।
  • पुनर्सुधार केंद्र:  
    • अड्डू रिक्लेमेशन और तट संरक्षण परियोजना के लिये 80 मिलियन अमेरिकी डॉलर के अनुबंध पर हस्ताक्षर किये गए।
  • अवसंरचना: 

  UPSC सिविल सेवा परीक्षा, विगत वर्ष के प्रश्न  

प्रश्न. 'मोतियों की हार (द स्ट्रिंग ऑफ पर्ल्स)' से आप क्या समझते हैं? यह भारत को किस प्रकार प्रभावित करती है? इसका सामना करने के लिये भारत द्वारा उठाए गए कदमों की संक्षेप में रूपरेखा प्रस्तुत कीजिये। (2013)

प्रश्न. मालदीव में पिछले दो वर्षों में हुई राजनैतिक घटनाओं की विवेचना कीजिये। यह बताइये कि क्या वे भारत के लिये चिंता का विषय है? (2013)

स्रोत: पी.आई.बी.


प्रारंभिक परीक्षा

मल्टीपल इंडिकेटर सर्वे - NSS 78वें दौर की रिपोर्ट 2020-21

राष्ट्रीय नमूना सर्वेक्षण कार्यालय (National Sample Survey Office- NSSO) ने अपने 78वें दौर में पूरे देश को कवर करते हुए बहु संकेतक सर्वेक्षण (Multiple Indicator Survey -MIS) किया। 

बहु संकेतक सर्वेक्षण:

  • MIS एक ऐसा सर्वेक्षण है जिसे व्यक्तियों, परिवारों और समुदायों के कल्याण से संबंधित कई प्रमुख संकेतकों पर डेटा एकत्र करने के लिये डिज़ाइन किया गया है। इस सर्वेक्षण में आमतौर पर स्वास्थ्य, शिक्षा, जल और स्वच्छता, पोषण तथा बाल संरक्षण जैसे विषयों को शामिल किया जाता है।

बहु संकेतक सर्वेक्षण/मल्टीपल इंडिकेटर सर्वे का उद्देश्य:

  • कुछ महत्त्वपूर्ण सतत् विकास लक्ष्य (SDG) संकेतकों के विकासशील अनुमानों के लिये जानकारी एकत्र करना।
  • 31 मार्च, 2014 के बाद आवासीय उद्देश्य के लिये परिवार द्वारा घर/फ्लैट की खरीद/निर्माण और प्रवासन की जानकारी एकत्र करने के लिये।

प्रमुख बिंदु: 

  • पेयजल की उपलब्धता: 
    • केरल, मणिपुर, नगालैंड और झारखंड में 90% से भी कम लोगों तक पेयजल के बेहतर स्रोत की सुविधा उपलब्ध है।
    • असम, झारखंड, बिहार और ओडिशा, ग्रामीण एवं शहरी दोनों क्षेत्रों के निवासियों के लिये पेयजल की सबसे खराब पहुँच वाले राज्यों में से हैं।
  • विशेष शौचालय तक पहुँच: 
    • प्रमुख राज्यों में बिहार, झारखंड और ओडिशा में विशेष शौचालय तक पहुँच वाले ग्रामीण परिवारों का अनुपात सबसे कम है। 
  • खाना पकाने हेतु LPG कनेक्शन: 
    • छत्तीसगढ़, ओडिशा, पश्चिम बंगाल, नगालैंड और मध्य प्रदेश जैसे राज्यों में 70% से अधिक घरों में खाना पकाने हेतु जलाऊ लकड़ी ईंधन का प्राथमिक स्रोत है। झारखंड सहित इन राज्यों में 25% से भी कम परिवार खाना पकाने के लिये LPG का उपयोग करते हैं, जो सभी राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों में सबसे कम है।
  • शिक्षा, रोज़गार या प्रशिक्षण: 
    • बड़े राज्यों में उत्तराखंड, ओडिशा, केरल और दिल्ली में 15 से 24 वर्ष के पुरुषों का उच्चतम अनुपात (20% से अधिक) है, जो सर्वेक्षण के समय शिक्षा, रोज़गार या प्रशिक्षण प्राप्त नहीं थे।
    • महिलाओं का अनुपात उत्तर प्रदेश, असम, ओडिशा, गुजरात, पश्चिम बंगाल और बिहार में सबसे अधिक था।
  • अन्य प्रमुख बिंदु: 

क्र.सं

मद का विवरण

प्रतिशत (अखिल भारतीय)

ग्रामीण

शहरी

कुल

1

पीने के जल के बेहतर स्रोत होने की सूचना देने वाले व्यक्तियों का प्रतिशत

95.0

97.2

95.7

2

जिन व्यक्तियों ने शौचालय तक पहुँच की सूचना दी थी, उनमें से उन्नत शौचालय तक पहुँच की सूचना देने वाले लोगों का प्रतिशत

97.5

99.0

98.0

3

परिसर के भीतर जल और साबुन/डिटर्जेंट के साथ हाथ धोने की सुविधा तक पहुँच की सूचना देने वाले व्यक्तियों का प्रतिशत

77.4

92.7

81.9

4

खाना पकाने हेतु ऊर्जा के प्राथमिक स्रोत के रूप में स्वच्छ ईंधन का उपयोग करने वाले परिवारों का प्रतिशत

49.8

92.0

63.1

5

सर्वेक्षण से पहले 12 महीनों हेतु औपचारिक और गैर-औपचारिक शिक्षा एवं प्रशिक्षण में शामिल रहने वाले 15-29 वर्ष की आयु के लोगों का प्रतिशत

33.0

39.4

34.9

6

सर्वेक्षण की तिथि को शिक्षा, रोज़गार या प्रशिक्षण (NEET) में नहीं रहने वाले 15-24 वर्ष की आयु के व्यक्तियों का प्रतिशत

30.2

27.0

29.3

7

सर्वेक्षण की तारीख से पहले के तीन महीनों के दौरान सक्रिय सिम कार्ड के साथ मोबाइल टेलीफोन का उपयोग करने वाले 18 वर्ष और उससे अधिक आयु के व्यक्तियों का प्रतिशत

67.8

83.7

72.7

8

रहने के स्थान से 2 किमी. के भीतर बारहमासी सड़कों की उपलब्धता की सूचना देने वाले ग्रामीण क्षेत्रों के घरों के प्रतिशत

92.5

-

-

9

31 मार्च, 2014 के बाद किसी नए घर/फ्लैट की खरीद/निर्माण की सूचना देने वाले परिवारों का प्रतिशत

11.2

7.2

9.9

10

31 मार्च, 2014 के बाद किसी नए घर/फ्लैट की खरीद/निर्माण की सूचना देने वाले परिवारों में पहली बार नए घर/फ्लैट की खरीद/निर्माण की सूचना देने वाले परिवारों का प्रतिशत

47.5

57.9

49.9

11

पिछले सामान्य निवास स्थान से भिन्न निवास के वर्तमान स्थान वाले व्यक्तियों का प्रतिशत

26.8

34.6

स्रोत: पी.आई.बी.


विविध

Rapid Fire (करेंट अफेयर्स): 21 मार्च, 2023

विश्व गौरैया दिवस 

प्रत्येक वर्ष 20 मार्च को विश्व गौरैया दिवस मनाया जाता है, यह गौरैया के संरक्षण और सुरक्षा के बारे में जागरूकता बढ़ाने हेतु नामित किया गया है, क्योंकि विश्व स्तर पर गौरैया की संख्या घट रही है। विश्व गौरैया दिवस 2023 की थीम "आई लव स्पैरो" है, जिसका उद्देश्य मानव और गौरैया के बीच संबंधों के प्रति अधिक-से-अधिक लोगों को जागरूक करना है। त्रावणकोर नेचर हिस्ट्री सोसाइटी (TNHS) द्वारा किये गए सर्वेक्षण के अनुसार, तिरुवनंतपुरम शहर में गौरैया की आबादी में उल्लेखनीय कमी दर्ज की गई है। इसकी जनसंख्या में गिरावट का कारण चरम गर्मी और शहरी क्षेत्रों में भोजन की अनुपलब्धता को माना गया है।

और पढ़ें… विश्व गौरैया दिवस  

हर्स्टार्ट (herSTART) 

हाल ही में भारत सरकार ने महिलाओं के नेतृत्त्व वाले स्टार्टअप्स के लिये 'हर्स्टार्ट (herSTART)' प्लेटफॉर्म के तहत एक वर्ष तक के लिये 20,000 रुपए के मासिक भत्ते की घोषणा की है। महिलाओं के नेतृत्त्व वाले व्यावसायिक उद्यम देश में रोज़गार के अवसर पैदा कर, जनसांख्यिकीय बदलाव लाकर और महिला संस्थापकों की अगली पीढ़ी को प्रेरित करके समाज में उल्लेखनीय भूमिका निभा रहे हैं। HerSTART महिला उद्यमियों के नवाचार और स्टार्टअप प्रयासों को बढ़ावा देने हेतु एक मंच है और यह उन्हें विभिन्न सरकारी एवं निजी उद्यमों से जुड़ने में भी मदद करता है। भारत में कम-से-कम 36 यूनिकॉर्न और संभावित यूनिकॉर्न में कम-से-कम एक महिला संस्थापक अथवा सह-संस्थापक है। भारत विभिन्न पहलों, योजनाओं, नेटवर्क और समुदायों के माध्यम से महिलाओं के नेतृत्त्व वाली उद्यमिता का निर्माण करने तथा स्टार्टअप पारिस्थितिकी तंत्र में विभिन्न हितधारकों के बीच साझेदारी को सक्रिय करने पर ध्यान केंद्रित कर रहा है। वर्तमान में जनवरी 2023 तक विश्व भर की 47 कंपनियों ने डेकाकाॅर्न का दर्जा हासिल कर लिया है (ऐसे स्टार्टअप जिनका मूल्य 1 बिलियन डॉलर से अधिक है)। वर्तमान में भारत में फ्लिपकार्ट, बायजू, नायका, स्विगी और फोनपे के रूप में पाँच स्टार्टअप डेकाकाॅर्न में शामिल हैं।

कलानिधि पुरस्कार 2023

हाल ही में कर्नाटक गायिका बॉम्बे जयश्री, जो गायन की अपनी मधुर एवं मग्न शैली (Meditative Style) के लिये जानी जाती हैं तथा भारत सरकार द्वारा इन्हें पद्मश्री पुरस्कार प्रदान किया गया है, को वर्ष 2023 के संगीत अकादमी के संगीत कलानिधि पुरस्कार के लिये चुना गया है। संगीत कलानिधि पुरस्कार को कर्नाटक संगीत के क्षेत्र में सर्वोच्च पुरस्कार माना जाता है तथा यह वर्ष 1942 में अस्तित्त्व में आया। इस पुरस्कार के तहत एक स्वर्ण पदक और प्रशस्ति पत्र दिया जाता है। वसंतलक्ष्मी नरसिम्हाचारी को नृत्य के लिये नृत्य कलानिधि पुरस्कार हेतु चुना गया है। वसंतलक्ष्मी नरसिम्हाचारी भरतनाट्यम एवं कुचिपुड़ी दोनों में उत्कृष्ट हैं।

शत्रु संपत्तियाँ  

1 करोड़ से 100 करोड़ रुपए के बीच मूल्य की शत्रु संपत्ति का निपटान इलेक्ट्रॉनिक नीलामी के माध्यम से भारत के शत्रु संपत्ति के अभिरक्षक द्वारा किया जाएगा, जो शत्रु संपत्ति अधिनियम, 1968 के तहत बनाया गया है या जैसा कि केंद्र सरकार और शत्रु संपत्ति निपटान समिति द्वारा निर्धारित किया गया है। रक्षा संपदा महानिदेशालय द्वारा किये गए एक सर्वेक्षण में CEPI द्वारा पहचान की गई शत्रु संपत्तियों की वर्तमान स्थिति और मूल्य का आकलन किया गया है। देश में शत्रु संपत्ति में कुल 12,611 प्रतिष्ठान शामिल हैं, जिनका मूल्य एक लाख करोड़ रुपए से अधिक है। CEPI में निहित 12,611 संपत्तियों में से 12,485 पाकिस्तानी नागरिकों से संबंधित और 126 चीनी नागरिकों से संबंधित थीं। उत्तर प्रदेश में सबसे अधिक शत्रु संपत्तियाँ एवं आंध्र प्रदेश तथा अंडमान और निकोबार द्वीप समूह में सबसे कम शत्रु संपत्तियाँ में पाई गईं।


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