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प्रिलिम्स फैक्ट्स

  • 19 Jun, 2023
  • 27 min read
प्रारंभिक परीक्षा

भारतीय बाज़ारों पर अमेरिकी फेडरल रिज़र्व की नीति का प्रभाव

हाल ही में अमेरिकी फेडरल रिज़र्व नीति की बैठक ने नीति दर को 5.25% पर अपरिवर्तित रखते हुए भारत की ब्याज दरों और बाज़ारों पर अटकलों को तेज़ कर दिया है, साथ ही वर्ष 2023 के अंत तक दो दरों में बढ़ोतरी के 6% तक पहुँचने का संकेत दिया है।

  • इसने मुद्रास्फीति से निपटने के लिये इस साल दो और दरों में बढ़ोतरी की संभावना का संकेत दिया, जबकि फेडरल ने यथास्थिति बनाए रखने का निर्णय लिया।

भारतीय बाज़ार पर फेडरल नीति का प्रभाव: 

  •  फेडरल नीति की घोषणा के बाद 29 जून, 2023 को भारतीय बाज़ारों में 0.49% की गिरावट आई।
  • फेडरल नीति विभिन्न चैनलों/कारकों के माध्यम से भारतीय बाज़ारों को प्रभावित करती है जैसे:
    • विनिमय दर चैनल: फेडरल की दर में वृद्धि भारतीय रुपए सहित अन्य मुद्राओं के मुकाबले अमेरिकी डॉलर को मज़बूत करती है। 
      • कमज़ोर रुपया उन भारतीय उधारकर्त्ताओं के लिये ऋण सेवा लागत भी बढ़ाता है जिन्होंने विदेशी मुद्रा में ऋण लिया है।
    • पूंजी प्रवाह चैनल: फेडरल की दर में बढ़ोतरी अमेरिका और भारत के बीच ब्याज दर के अंतर को भी कम करती है जो उच्च रिटर्न की इच्छा रखने वाले विदेशी निवेशकों के लिये भारत को कम आकर्षक बनाता है।
      • इससे भारत के इक्विटी और ऋण बाज़ारों से पूंजी का बहिर्वाह हो सकता है, जिससे परिसंपत्ति की कीमतें कम हो सकती हैं और अस्थिरता बढ़ सकती है।
      • पूंजी का बहिर्वाह भी भारत के विदेशी मुद्रा भंडार को कम कर सकता है और घरेलू बाज़ारों में तरलता की कमी की स्थिति उत्पन्न कर सकता है।
    • मुद्रास्फीति चैनल: फेडरल रिज़र्व की दर में बढ़ोतरी भी दो तरह से भारत की मुद्रास्फीति को प्रभावित कर सकती है।
      • सबसे पहले कमज़ोर रुपया भारत हेतु आयातित मुद्रास्फीति को बढ़ा सकता है, क्योंकि इससे तेल, सोना और इलेक्ट्रॉनिक्स जैसे आयातित वस्तुओं की लागत बढ़ जाती है।
      • दूसरा मज़बूत अमेरिकी मांग के कारण उच्च वैश्विक कमोडिटी की कीमतें भी भारत की घरेलू मुद्रास्फीति को बढ़ा सकती हैं, क्योंकि यह कृषि, विनिर्माण और सेवाओं जैसे विभिन्न क्षेत्रों हेतु इनपुट लागत को प्रभावित करती है।
    • आर्थिक वृद्धि चैनल: फेडरल रिज़र्व की दरों में बढ़ोतरी का भारत की आर्थिक वृद्धि पर दो तरह से प्रभाव पड़ सकता है।
      • सबसे पहले अमेरिकी सख्त मौद्रिक नीति महामारी से वैश्विक आर्थिक सुधार को धीमा कर सकती है, जो भारत की निर्यात संभावनाओं एवं बाहरी मांग को नुकसान पहुँचा सकती है।
      • दूसरा पूंजी के बहिर्वाह और मुद्रास्फीति के दबाव के कारण उच्च घरेलू ब्याज दरें भारत की घरेलू मांग तथा निवेश गतिविधि को धीमा कर सकती हैं।

भारतीय बाज़ारों के लिये कुछ संभावित परिदृश्य:

  • सर्वोत्तम स्थिति परिदृश्य: फेड की दर, स्पष्ट और विश्वसनीय संचार के साथ क्रमिक एवं  मध्यम वृद्धि है।
    • भारतीय रिज़र्व बैंक एक उदार रुख के साथ भारत में तरलता और ऋण की स्थिति का समर्थन करता है।
    • भारत का आर्थिक सुधार मज़बूत और लचीला है जिसके अंतर्गत एक मज़बूत घरेलू एवं बाहरी मांग का समर्थन प्राप्त होता  है। भारत की मुद्रास्फीति नियंत्रित एवं प्रबंधनीय है और साथ ही इसके राजकोषीय और चालू खाता घाटा नियंत्रण में हैं।
    • वैश्विक जोखिम क्षमता अधिक है, साथ ही विदेशी निवेशकों की स्थिति भारत की विकास क्षमता और सुधारों पर सकारात्मक बनी हुई है।

नोट: उदार रुख का अर्थ है कि केंद्रीय बैंक आर्थिक विकास को बढ़ावा देने के लिये मुद्रा आपूर्ति को विस्तारित करने के साथ उदार नीति अवधि में केंद्रीय बैंक ब्याज दरों में कटौती करने को भी तैयार है।

  • सबसे खराब स्थिति परिदृश्य: फेड की दर वृद्धि अचानक और आक्रामक होती है, साथ ही अप्रत्याशित मुद्रास्फीति के झटकों से प्रेरित होती है।
    • RBI को रुपए की सुरक्षा और मुद्रास्फीति पर अंकुश लगाने के लिये अपनी नीति को सख्त करने हेतु मजबूर होना पड़ा है। भारत के आर्थिक सुधार कमज़ोर और असमान हैं जो महामारी से संबंधित अनिश्चितताओं एवं संरचनात्मक बाधाओं के कारण बाधित हुए हैं।
    • भारत की मुद्रास्फीति लगातार उच्च बनी हुई है, साथ ही इसका राजकोषीय और चालू खाता घाटा भी अस्थिर रहा है।
    • भू-राजनीतिक तनाव, नीतिगत अनिश्चितता और शासन संबंधी मुद्दों के कारण वैश्विक जोखिम कम है और विदेशी निवेशक भारत के बाज़ारों से पलायन कर रहे हैं।

  UPSC सिविल सेवा परीक्षा, विगत वर्ष के प्रश्न  

प्रश्न. भारतीय सरकारी बॉण्ड प्रतिफल निम्नलिखित में से किससे/किनसे प्रभावित होता/होते है/हैं? (2021)

  1. यूनाइटेड स्टेट फेडरल रिज़र्व की कार्यवाही
  2. भारतीय रिज़र्व बैंक की कार्यवाही
  3. मुद्रास्फीति और अल्पावधि ब्याज दर

नीचे दिये गए कूट का प्रयोग कर सही उत्तर चुनिये:

(a) केवल 1 और 2
(b) केवल 2
(c) केवल 3
(d) 1, 2 और 3

उत्तर: (d)

प्रश्न. निम्नलिखित कथनों पर विचार कीजिये: (2022) 

  1. अमेरिकी फेडरल रिज़र्व की सख्त मुद्रा नीति पूंजी पलायन की ओर ले जा सकती है।
  2. पूंजी पलायन वर्तमान विदेशी वाणिज्यिक ऋणग्रहण (External Commercial Borrowings- ECBs) वाली फर्मों की ब्याज लागत को बढ़ा सकती है।
  3. घरेलू मुद्रा का अवमूल्यन ECBs से संबद्ध मुद्रा जोखिम को घटाता है। 

उपर्युक्त कथनों में से कौन-से सही हैं?

(a) 1 और 2
(b) केवल 2 और 3
(c) केवल 1 और 3
(d) 1, 2 और 3

उत्तर: (b)

स्रोत: इंडियन एक्सप्रेस


प्रारंभिक परीक्षा

गांधी शांति पुरस्कार

गीता प्रेस, गोरखपुर, जो कि हिंदू धार्मिक ग्रंथों का प्रकाशन करती है और शांति एवं सामाजिक सद्भाव के गांधीवादी आदर्शों को बढ़ावा देती है, को भारत सरकार द्वारा वर्ष 2021 हेतु गांधी शांति पुरस्कार (Gandhi Peace Prize) से सम्मानित करने की घोषणा की गई है। इस संस्था का संचालन विगत 100 वर्षों से किया जा रहा है।

  • इस पुरस्कार की घोषणा संस्कृति मंत्रालय द्वारा की गई

गांधी शांति पुरस्कार:

  • परिचय:  
    • इस वार्षिक पुरस्कार को भारत सरकार द्वारा वर्ष 1995 में महात्मा गांधी की 125वीं जयंती के उपलक्ष्य में अहिंसा के माध्यम से सामाजिक, आर्थिक और राजनीतिक परिवर्तन लाने वाले लोगों की पहचान करने हेतु स्थापित किया गया था।
  • पुरस्कार:  
    • इसमें एक करोड़ रुपए नकद राशि, एक पट्टिका और एक प्रशस्ति पत्र तथा एक उत्कृष्ट पारंपरिक हस्तकला/हथकरघा उत्पाद शामिल होता है।
  • चयन का आधार:  
    • यह पुरस्कार उन व्यक्तियों, संघों, संस्थाओं या संगठनों को दिया जाता है जिन्होंने शांति, अहिंसा और मानवीय कष्टों को दूर करने के लिये निस्वार्थ भाव से काम किया है।
    • पुरस्कार राष्ट्रीयता, वर्ग, भाषा, जाति, पंथ या लैंगिक भेदभाव की परवाह किये बिना सभी व्यक्तियों को दिया जा सकता है।
    • इस पुरस्कार को दो व्यक्तियों/संस्थानों के बीच विभाजित भी किया जा सकता है, यदि चयनकर्त्ता यह मानते हैं कि वे दोनों समान रूप से पुरस्कार के योग्य हैं।
      • किसी ऐसे व्यक्ति जिसका निधन हो चुका है, द्वारा किये गए कार्य पर पुरस्कार देने के लिये विचार नहीं जाएगा लेकिन प्रक्रिया संहिता में विनिर्दिष्ट तरीके से जूरी (प्रधानमंत्री की अध्यक्षता में) को प्रस्ताव भेजे जाने के बाद यदि व्यक्ति की मृत्यु होती है, तो उसे मरणोपरांत पुरस्कार दिया जा सकता है। 
  • पूर्व पुरस्कार विजेता: 
    • संगठन: भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (ISRO), रामकृष्ण मिशन, ग्रामीण बैंक ऑफ बांग्लादेश, विवेकानंद केंद्र, अक्षय पात्र, एकल अभियान ट्रस्ट, सुलभ इंटरनेशनल
    • प्राप्तकर्त्ता: नेल्सन मंडेला, सुल्तान कबूस बिन सैद अल सैद, ओमान (वर्ष 2019) और बंगबंधु शेख मुजीबुर रहमान, बांग्लादेश (वर्ष 2020)।

गीता प्रेस

  • वर्ष 1923 में जया दयाल गोयंडका और हनुमान प्रसाद पोद्दार द्वारा स्थापित गीता प्रेस हिंदू धार्मिक ग्रंथों के दुनिया में सबसे बड़े प्रकाशकों में से एक है, जिसने 14 भाषाओं में 41.7 करोड़ पुस्तकें प्रकाशित की हैं जिसमें श्रीमद भगवद गीता की 16.21 करोड़ प्रतियाँ शामिल हैं।
  • यह गीता प्रेस कल्याण नामक एक मासिक पत्रिका भी प्रकाशित करता है, जिसमें आध्यात्मिकता, संस्कृति, इतिहास, और नैतिकता आदि विषयों को शामिल किया गया है।
    • यह गोरखपुर में कल्याण चिकित्सालय नामक एक धर्मार्थ चिकित्सालय भी चलाता है, जो गरीबों और जरूरतमंदों को मुफ्त चिकित्सा सेवाएँ प्रदान करता है। 

महात्मा गांधी:

  UPSC सिविल सेवा परीक्षा, विगत वर्ष के प्रश्न  

प्रिलिम्स: 

प्रश्न. निम्नलिखित में से कौन अंग्रेज़ी में प्राचीन भारतीय धार्मिक गीतों के अनुवाद 'सॉन्ग्स फ्रॉम प्रिज़न' से संबंधित है? (2021)

(a) बाल गंगाधर तिलक
(b) जवाहरलाल नेहरू
(c) मोहनदास करमचंद गांधी
(d) सरोजिनी नायडू

उत्तर: (c)


प्रश्न. भारत में ब्रिटिश औपनिवेशिक शासन के संदर्भ में निम्नलिखित कथनों पर विचार कीजिये: (2019)

  1. महात्मा गांधी ने 'अनुबंधित श्रम' की व्यवस्था को समाप्त करने में महत्त्वपूर्ण भूमिका निभाई थी। 
  2. लॉर्ड चेम्सफोर्ड के 'युद्ध सम्मेलन' में महात्मा गांधी ने विश्वयुद्ध के लिये भारतीयों को भर्ती करने के प्रस्ताव का समर्थन नहीं किया। 
  3. भारतीय लोगों द्वारा नमक कानून तोड़ने के परिणामस्वरूप औपनिवेशिक शासकों द्वारा भारतीय राष्ट्रीय कॉन्ग्रेस को अवैध घोषित कर दिया गया था।

उपर्युक्त कथनों में से कौन-सा/से सही है/हैं? 

(a) केवल 1 और 2 
(b) केवल 1 और 3 
(c) केवल 2 और 3 
(d) 1, 2 और 3 

उत्तर: (b)

स्रोत: इंडियन एक्सप्रेस


प्रारंभिक परीक्षा

ब्रेन फ्लुइड डायनेमिक्स पर स्पेसफ्लाइट का प्रभाव

हाल ही में साइंटिफिक रिपोर्ट्स में एक अध्ययन प्रकाशित किया गया था, जो विशेष रूप से लंबे मिशनों और उड़ानों के बीच रिकवरी अवधि के संबंध में मस्तिष्क पर स्पेसफ्लाइट के प्रभावों पर प्रकाश डालता है।

  • अध्ययन में अंतरिक्षयान से पहले और बाद में 30 अंतरिक्ष यात्रियों के MRI (चुंबकीय अनुनाद इमेजिंग) स्कैन शामिल थे। इनमें प्रतिभागियों के दो सप्ताह के मिशन, छह महीने के मिशन और लंबे अभियानों सहित विभिन्न मिशन अवधि को शामिल किया गया। 

अध्ययन की मुख्य विशेषताएँ: 

  • स्पेसफ्लाइट-प्रेरित मस्तिष्क परिवर्तन:
    • अंतरिक्ष में लंबे समय तक रहने से मस्तिष्क में द्रव परिवर्तन होता है, वेंट्रिकल्स-सेरेब्रोस्पाइनल तरल पदार्थ से भरी गुहाओं के साथ-प्रगतिशील रूप से फैलता है।
      • सेरेब्रोस्पाइनल द्रव एक स्पष्ट, रंगहीन तरल पदार्थ है जो मस्तिष्क और रीढ़ की हड्डी को घेरता है तथा उसकी रक्षा करता है। यह मस्तिष्क के निलय में उत्पन्न होता है एवं पूरे केंद्रीय तंत्रिका तंत्र में प्रसारित होता है।
  • मिशनों के बीच रिकवरी समय:  
    • जिन अंतरिक्ष यात्रियों के ठीक होने में तीन वर्ष से अधिक समय लगा था उन्होंने अपने सबसे हालिया मिशन के बाद वेंट्रिकुलर आयतन में वृद्धि का अनुभव किया।
    • इसके विपरीत कम रिकवरी अवधि वाले लोगों ने स्पेसफ्लाइट के बाद कम-से-कम वेंट्रिकुलर वृद्धि का प्रदर्शन किया।
  • इंटर मिशन अंतराल और मस्तिष्क परिवर्तन के बीच संबंध:
    • लंबे समय तक इंटर-मिशन अंतराल को अंतरिक्ष उड़ान के बाद बाएँ व दाएँ पार्श्व और तीसरे निलय के घनत्व में अधिक वृद्धि से संबद्ध पाया गया है।
    • हालाँकि चौथे निलय ने विपरीत पैटर्न का प्रदर्शन किया जिसमें अंतर मिशन अंतराल की अवधि तुलनात्मक रूप से अधिक थी और यह अंतरिक्ष यात्रा के बाद घनत्व के तेज़ी से कम होने से संबद्ध थी।

शोध का महत्त्व 

  • अंतरिक्ष यात्रियों के स्वास्थ्य की सुरक्षा के लिये मस्तिष्क में होने वाले परिवर्तनों पर पिछले और वर्तमान दोनों के दौरान अंतरिक्ष यान के अनुभवों के प्रभाव को समझना महत्त्वपूर्ण है।
  • मस्तिष्क के प्रतिपूरक तंत्र (Compensatory Mechanisms) को इंट्राकैनायल द्रव के स्तर को सामान्य करने के लिये तीन वर्ष से अधिक के मिशन के बीच पर्याप्त रिकवरी अवधि पर विचार किये जाने की आवश्यकता है।
  • इन कारकों का निपटान करके भविष्य के अंतरिक्ष मिशन के अंतरिक्ष यात्रियों को संभावित दीर्घकालिक न्यूरोलॉजिकल प्रभाव से बेहतर ढंग से बचाया जा सकता है। 

मस्तिष्क निलय (Brain Ventricles):

  • परिचय: 
    • ब्रेन वेंट्रिकल्स मस्तिष्क के भीतर गुहाएँ हैं जो सेरेब्रोस्पाइनल फ्लुइड (CSF) का उत्पादन और भंडारण करती हैं, यह मस्तिष्क तथा रीढ़ के चारों ओर परिसंचरण करती है जो उन्हें किसी प्रकार के आघात से बचाता है।
    • वे अपशिष्टों को निकालने तथा मस्तिष्क में पोषक तत्त्वों को पहुँचाने का कार्य करती हैं।
    • मस्तिष्क में चार निलय हैं: 
      • पहला और दूसरा निलय पार्श्व निलय हैं। ये सी-आकार की संरचनाएँ सेरेब्रल कॉर्टेक्स के प्रत्येक तरफ स्थित होती हैं जो मस्तिष्क की झुर्रीदार बाहरी परत है।
      • तीसरा निलय ब्रेन स्टेम के ठीक ऊपर दाएँ और बाएँ थैलेमस के बीच स्थित एक संकीर्ण, कीप के आकार की संरचना है। 
      • चौथा निलय हीरे के आकार की संरचना है जो ब्रेन स्टेम के साथ कार्य करती है।
        • इसमें चार छिद्र होते हैं जिनके माध्यम से मस्तिष्कमेरु द्रव मस्तिष्क के आस-पास के क्षेत्र (सबराचनोइड स्पेस) और रीढ़ की हड्डी की मध्यनलिका में प्रवाहित होता है।

  • कार्य: 
    • CSF परिसंचरण: निलय मस्तिष्क की मध्य रेखा में तीसरे निलय से जुड़े हुए हैं, विशेष रूप से पार्श्व निलय।
    • CSF इन वेंट्रिकल्स/निलय के माध्यम से प्रवाहित होता है और मस्तिष्क एवं रीढ़ की हड्डी के चारों ओर परिसंचरण करता है, जो अपशिष्ट उत्पादों को हटाने तथा बाह्य वातावरण को विनियमित करने में मदद करता है।
    • इंट्राकैनायल दबाव का विनियमन: वेंट्रिकल्स मस्तिष्क के भीतर उचित दबाव बनाए रखने में मदद करते हैं। CSF के उत्पादन, संचलन या अवशोषण में किसी भी व्यवधान से इंट्राकैनायल दबाव में असंतुलन हो सकता है, जिसके परिणामस्वरूप हाइड्रोसिफलस जैसी स्थिति उत्पन्न हो सकती है।

स्रोत: द हिंदू


विविध

Rapid Fire (करेंट अफेयर्स): 19 जून, 2023

दुग्ध संकलन साथी एप 

हाल ही में केंद्रीय भारी उद्योग मंत्री द्वारा "दुग्ध संकल्प साथी मोबाइल एप" के अनावरण के साथ भारतीय डेयरी उद्योग के क्षेत्र में महत्त्वपूर्ण पहल की शुरुआत की गई है। राजस्थान इलेक्ट्रॉनिक्स एंड इंस्ट्रूमेंट्स लिमिटेड (REIL) द्वारा विकसित यह अभूतपूर्व मोबाइल एप, दुग्ध संग्रह प्रक्रिया में क्रांति लाने एवं उद्योग द्वारा सामना की जाने वाली प्रमुख चुनौतियों का समाधान करेगा। दूध की गुणवत्ता में सुधार, हितधारकों के बीच पारदर्शिता को बढ़ावा देने और दुग्ध सहकारी समितियों सहित ज़मीनी स्तर पर ग्रामीण स्तर पर संचालन को सुव्यवस्थित करने पर ध्यान देने के साथ यह एप डेयरी क्षेत्र में डिजिटलीकरण की दिशा में एक महत्त्वपूर्ण कदम है। यह एप क्लाउड सर्वर से दुग्ध की कीमतों पर रीयल-टाइम अपडेट भी प्रदान करता है, मानवीय त्रुटियों को दूर करता है तथा भुगतान गणना में पारदर्शिता सुनिश्चित करता है। इसके अतिरिक्त यह दुग्ध उत्पादकों को बैंक खातों में दुग्ध का भुगतान व सरकारी सब्सिडी के सीधे लाभार्थी हस्तांतरण की सुविधा प्रदान करता है, साथ ही वित्तीय समावेशन और सशक्तीकरण को बढ़ावा देता है।

और पढ़ें…भारत का डेयरी और पशुधन क्षेत्र

IIT जोधपुर में NTPC की रूफटॉप सौर परियोजना  

राष्ट्रीय ताप विद्युत निगम लिमिटेड (NTPC) की पूर्ण स्वामित्व वाली सहायक कंपनी NTPC विद्युत व्यापार निगम लिमिटेड (NVVN) ने IIT जोधपुर, राजस्थान में अपना पहला रूफटॉप सोलर फोटोवोल्टिक प्रोजेक्ट शुरू किया है। NVVN द्वारा RESCO मॉडल के तहत एक मेगावाट ग्रिड से जुड़ी सौर परियोजना को 25 वर्ष की बिजली खरीद समझौते की अवधि के साथ लागू किया गया है। रूफटॉप सोलर इंस्टॉलेशन को लागू करने के लिये RESCO मॉडल के तहत एक नवीकरणीय ऊर्जा सेवा कंपनी ("RESCO") पूरे सौर ऊर्जा संयंत्र (छत या ज़मीन पर स्थापित) का डिज़ाइन, निर्माण, वित्तपोषण और संचालन करती है तथा उपभोक्ता डेवलपर को सुनिश्चित मासिक यूनिट उत्पादन प्रति किलोवाट के विरुद्ध भुगतान करता है एवं डिस्कॉम इसे उपभोक्ता के बिजली बिल में समायोजित करता है। NVVN लिमिटेड का गठन NTPC द्वारा वर्ष 2002 में देश में बिजली व्यापार की क्षमता का दोहन करने के लिये किया गया था। केंद्रीय विद्युत नियामक आयोग के नवीनतम विनियमन के अनुसार, NVVN के पास उच्चतम श्रेणी 'I' पावर ट्रेडिंग लाइसेंस है। NTPC लिमिटेड विद्युत मंत्रालय के तहत एक केंद्रीय सार्वजनिक क्षेत्र का उपक्रम (PSU) है। यह भारत का सबसे बड़ा ऊर्जा समूह है जिसकी स्थापना वर्ष 1975 में भारत में बिजली के विकास में तेज़ी लाने के लिये की गई थी। यह मई 2010 में महारत्न कंपनी बन गई। यह नई दिल्ली में स्थित है।

और पढ़ें… राष्ट्रीय ताप विद्युत निगम लिमिटेड, भारत का सौर ऊर्जा का सपना

नाम में परिवर्तन का अधिकार

हाल के निर्णयों में इलाहाबाद और दिल्ली के उच्च न्यायालयों ने भारतीय संविधान के अनुच्छेद 21 के अंतर्गत जीवन के अधिकार के एक अभिन्न अंग के रूप में नाम बदलने के अधिकार पर बल दिया। इलाहाबाद उच्च न्यायालय ने कहा कि प्रत्येक नागरिक को अपना नाम रखने या उसे बदलने का मौलिक अधिकार है। न्यायालय ने पाया कि अधिकारियों द्वारा नाम बदलने के अनुरोधों को अस्वीकार किये जाने से संविधान के अनुच्छेद 19(1)(A), 21 और 14 के अंतर्गत याचिकाकर्त्ताओं के मौलिक अधिकारों का उल्लंघन हुआ। इसी तरह दिल्ली उच्च न्यायालय ने बल देकर कहा कि पहचान का अधिकार अनुच्छेद 21 के तहत जीवन के अधिकार का एक आंतरिक भाग है। दोनों मामले व्यक्तिगत पहचान के महत्त्व और मान्यता को उजागर करते हैं कि व्यक्तियों के पास एक नाम का अधिकार है जो उनके स्व-प्रतिबिंब को दर्शाता है। यह उन्हें सामाजिक कलंक से बचाता है। जबकि अपना नाम बदलने का अधिकार एक मौलिक अधिकार माना जाता है, यह पूर्ण अधिकार नहीं है तथा उचित प्रतिबंधों के अधीन है। इलाहाबाद उच्च न्यायालय ने स्पष्ट किया कि ये प्रतिबंध उचित, न्यायसंगत एवं उचित होने चाहिये।

और पढ़ें… भारतीय संविधान के अनुच्छेद 21    

सशस्त्र बलों की सामान्य वार्षिक गोपनीय रिपोर्ट (ACR)

सशस्त्र बलों के भीतर एकीकरण और संयुक्तता को बढ़ावा देने के लिये एक सामान्य वार्षिक गोपनीय रिपोर्ट (ACR) लागू की जाएगी जिसकी शुरुआत वरिष्ठ अधिकारियों से होगी। इस सुधार का उद्देश्य सामान्य मानकों, प्रक्रियाओं और आकलनों को सुनिश्चित करना है जिससे मानव संसाधन प्रथाओं में बेहतर परिणाम एवं अधिक एकरूपता हो। दो और तीन स्टार अधिकारियों के लिये एक सामान्य ACR के कार्यान्वयन को मंज़ूरी दे दी गई है। वर्तमान में संयुक्त या त्रि-सेवा नियुक्तियों हेतु चयन मूल सेवा-विशिष्ट मापदंडों पर आधारित है लेकिन बेहतर एकीकरण की दिशा में हाल ही में क्रॉस-सर्विस पोस्टिंग शुरू की गई है। संयुक्त संरचनाओं एवं संगठनों में चल रहे परिवर्तन के साथ त्रि-सेवा नियुक्तियों में अधिकारियों की संख्या बढ़ने की उम्मीद है। नतीजतन, इन नियुक्तियों के भीतर कार्यों को पूर्ण करने तथा प्रभावशीलता को सुनिश्चित करने के लिये मूल्यांकन प्रणाली को सुव्यवस्थित करने की आवश्यकता है। एक सामान्य कदम ACR की ओर एकीकृत थिएटर कमांड स्थापित करने के व्यापक लक्ष्य को संरेखित करता है और संगठनात्मक सुधारों के लिये चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ (CDS) की प्रतिबद्धता को दर्शाता है।

और पढ़ें…  भारतीय सेना का थियेटराइज़ेशन, चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ (CDS)


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