38वाँ राष्ट्रीय खेल
स्रोत: पी.आई.बी
केंद्रीय गृह मंत्री ने उत्तराखंड के हल्द्वानी में 38वें राष्ट्रीय खेलों के समापन समारोह को संबोधित किया तथा भारत में खेल अवसंरचना के विकास पर प्रकाश डाला ।
- 39वें राष्ट्रीय खेल मेघालय में आयोजित किये जायेंगे ।
- 38वें राष्ट्रीय खेलों के बारे में: यह 28 जनवरी से 14 फरवरी 2025 तक उत्तराखंड में आयोजित किये गए थे।
- शुभंकर: खेलों का शुभंकर मौली था, जो उत्तराखंड के राज्य पक्षी मोनाल से प्रेरित था।
- शीर्ष प्रदर्शनकर्त्ता: सेवा खेल नियंत्रण बोर्ड (प्रथम), महाराष्ट्र (द्वितीय), और हरियाणा (तृतीय)।
- भारत का राष्ट्रीय खेल एक ओलंपिक शैली का बहु-खेल आयोजन है, जिसमें राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों के खिलाड़ी पदक के लिये प्रतिस्पर्द्धा करते हैं।
- भारत का खेल बजट 2014 में 800 करोड़ रुपए से बढ़कर 2025-26 तक 3,800 करोड़ रुपए हो जाएगा।
- TOPS (टारगेट ओलंपिक पोडियम स्कीम) के साथ, प्रतियोगी भारत में वर्ष 2036 के ओलंपिक खेलों के लिये पहले से ही तैयारी कर रहे हैं।
सहकारी बैंक
स्रोत: बिज़नेस स्टैण्डर्ड
चर्चा में क्यों?
भारतीय रिज़र्व बैंक (RBI) ने न्यू इंडिया को-ऑपरेटिव बैंक में हस्तक्षेप करते हुए एक प्रशासक नियुक्त करने के साथ जमाकर्त्ताओं की सुरक्षा हेतु इस पर कुछ प्रतिबंध लगाए हैं।
- यह कदम सहकारी बैंकिंग क्षेत्र में समेकन और वित्तीय अनुशासन की व्यापक प्रवृत्ति को दर्शाता है।
सहकारी बैंक क्या हैं?
- परिभाषा: सहकारी बैंक ऐसी सहकारी समिति होती है जो या तो राज्य सहकारी समिति अधिनियमों या बहु-राज्य सहकारी समिति अधिनियम, 2002 के तहत पंजीकृत हो तथा बैंकिंग व्यवसाय में संलग्न हो।
- भारत में सहकारी बैंकों को शहरी सहकारी बैंकों (UCBs) और ग्रामीण सहकारी बैंकों (RCBs) में वर्गीकृत किया गया है।
- स्वामित्व: सहकारी बैंकों का स्वामित्व और संचालन उनके सदस्यों द्वारा किया जाता है, जो इसके ग्राहक होते हैं।
- "एक व्यक्ति, एक मत" के सहकारी सिद्धांत के अनुसार सदस्यों को आमतौर पर समान मतदान का अधिकार होता है।
- उद्देश्य: ग्रामीण वित्तपोषण और सूक्ष्म-वित्तपोषण प्रदान करते हैं। मुख्य रूप से कृषि, लघु पैमाने पर उद्योगों और स्वरोज़गार करने वाले श्रमिकों का समर्थन करती है।
- विनियमन और पर्यवेक्षण: शहरी सहकारी बैंकों (UCB) को भारतीय रिज़र्व बैंक (RBI) द्वारा विनियमित किया जाता है।
- ग्रामीण सहकारी बैंकों की निगरानी मुख्य रूप से राष्ट्रीय कृषि एवं ग्रामीण विकास बैंक (NABARD) तथा राज्य सरकारों द्वारा बैंकिंग विनियमन अधिनियम, 1949 और बैंकिंग कानून (सहकारी समितियों पर लागू) अधिनियम, 1965 के तहत की जाती है।
- लाइसेंस रद्द करना: यदि कोई सहकारी बैंक बैंकिंग परिचालन बंद कर देता है या RBI द्वारा निर्धारित शर्तों को पूरा करने में विफल रहता है तो RBI उसका लाइसेंस रद्द कर सकता है।
- महत्त्व: UCB छोटे व्यवसायों और व्यक्तियों की वित्तीय आवश्यकताओं को पूरा करते हैं तथा शहरी एवं अर्द्ध-शहरी क्षेत्रों में विकास को बढ़ावा देते हैं।
- प्राथमिक कृषि ऋण समितियाँ (PACS) जैसे सहकारी बैंक किसानों को ऋण उपलब्ध कराने तथा ग्रामीण आर्थिक विकास को बढ़ावा देने में महत्त्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं।
- सहकारी बैंक आर्थिक मंदी के प्रति अधिक लचीले होते हैं, क्योंकि ये उच्च जोखिम वाली परिसंपत्तियों से बचते हैं, जैसा कि वर्ष 2008 के वैश्विक वित्तीय संकट के दौरान UCB द्वारा प्रदर्शित किया गया था।
- ये बैंकिंग सेवाओं से वंचित और अपर्याप्त बैंकिंग सेवाओं वाले वर्गों की ज़रूरतों को पूरा करते हैं तथा वित्तीय समावेशन के माध्यम से समावेशी विकास को बढ़ावा देते हैं।
पहलू |
वाणिज्यिक बैंक |
सहकारी बैंक |
शासकीय अधिनियम |
वाणिज्यिक बैंकों का गठन संसद द्वारा पारित एक समान अधिनियम द्वारा किया जाता है |
सहकारी बैंकों का गठन विभिन्न राज्यों द्वारा विभिन्न अधिनियमों के तहत किया जाता है। |
विनियमन |
प्रत्यक्ष रूप से RBI द्वारा |
भारतीय रिज़र्व बैंक, नाबार्ड और सहकारी समितियों के रजिस्ट्रार द्वारा विनियमित। |
दी जाने वाली सेवाएँ |
विभिन्न प्रकार की बैंकिंग सेवाएँ प्रदान करने की व्यापक संभावना |
विभिन्न प्रकार की बैंकिंग सेवाएँ प्रदान करने की कम संभावना। |
संचालन का क्षेत्र |
बड़े पैमाने पर संचालन (आमतौर पर देशव्यापी)। वाणिज्यिक बैंक विदेशों में भी शाखाएँ खोल सकते हैं। |
छोटे पैमाने पर संचालन (आमतौर पर एक क्षेत्र तक सीमित)। सहकारी बैंक विदेशी देशों में शाखाएँ नहीं खोल सकते। |
उधारकर्त्ताओं |
उधारकर्त्ता केवल खाताधारक होते हैं और उनके पास कोई मतदान शक्ति नहीं होती, इसलिए वे ऋण नीति को प्रभावित नहीं कर सकते |
उधारकर्त्ता सदस्य शेयरधारक होते हैं, इसलिये बैंक की ऋण नीति पर उनका कुछ प्रभाव होता है |
UPSC सिविल सेवा परीक्षा, विगत वर्ष के प्रश्नप्रश्न. भारत में ‘शहरी सहकारी बैंकों’ के संदर्भ में निम्नलिखित कथनों पर विचार कीजिये: (2021)
उपर्युक्त कथनों में से कौन-सा/से सही है/हैं? (a) केवल 1 उत्तर:(b) |
गोदावरी घाटी का कोंडा वेदुरु बाँस
स्रोत: द हिंदू
कोंडा वेदुरू बाँस की किस्म (डेंड्रोकैलेमस स्ट्रिक्टस), जिसे प्रायः 'हरा सोना' कहा जाता है, कोंडा रेड्डी जनजाति की सांस्कृतिक, पोषण संबंधी और आर्थिक प्रथाओं में महत्त्वपूर्ण भूमिका निभाती है।
- कोंडा वेदुरू बाँस: पूर्वी घाट में पाई जाने वाली किस्म, मुख्य रूप से गोदावरी नदी घाटी (आंध्रप्रदेश, तेलंगाना, ओडिशा और छत्तीसगढ़ में विस्तृत) में पाई जाती है।
- कोंडा वेदुरू बाँस के कोपल कोंडा रेड्डी जनजाति के लिये एक मुख्य आहार हैं। यह पोषक तत्वों से भरपूर होता है, जिसमें प्रोटीन, अमीनो एसिड, विटामिन और लोहा प्रचुर मात्रा में होते हैं, पारंपरिक रूप से महिलाएँ इन बाँस के कोपलों की कटाई करती हैं।
- कोंडा रेड्डी जनजाति: कोंडा रेड्डी, आंध्रप्रदेश में कमज़ोर जनजातीय समूह हैं, जो हिंदू धर्म (स्थानीय देवताओं, घरेलू देवताओं की पूजा) का पालन करते हैं।
- परिवार की संरचना पितृसत्तात्मक और पितृस्थानीय है, जिसमें प्रेम और विनिमय जैसी सामाजिक रूप से स्वीकृत विवाह प्रथाएँ शामिल हैं।
- कुल पंचायत द्वारा शासित और वंशानुगत मुखियाओं के नेतृत्व में, इनकी आजीविका का पलायन कृषि पर निर्भर करता है।
और पढ़ें... कोंडा रेड्डी जनजाति
गंगासागर मेला
स्रोत: द हिंदू
समुद्र का बढ़ता जल स्तर पश्चिम बंगाल के सागर द्वीप पर आयोजित होने वाले गंगासागर मेले के लिये खतरा बन रहा है इससे जलवायु परिवर्तन एवं तीर्थयात्रा के बीच के संबंध पर प्रकाश पड़ता है।
- गंगासागर मेला: यह कुंभ मेले के बाद विश्व का दूसरा सबसे बड़ा मानव समागम है, जो पवित्र गंगा नदी और बंगाल की खाड़ी के संगम पर मकर संक्रांति की पूर्व संध्या पर आयोजित होता है।
- सागर द्वीप: गंगा सागर या सागरद्वीप के नाम से भी जाना जाने वाला सागर द्वीप कोलकाता से लगभग 120 किमी दूर स्थित है और यह सुंदरबन द्वीपसमूह में सबसे बड़ा है, जिसकी जनसंख्या लगभग दो लाख (2011 की जनगणना) है।
- रेत समूह श्रेणी के अंतर्गत वर्गीकृत इस स्थान तक मुरीगंगा नदी को पार करके पहुँचा जा सकता है।
- जलवायु परिवर्तन का प्रभाव: समुद्र का बढ़ता जल स्तर और मृदा का कटाव कपिल मुनि मंदिर (जो कभी मेले का केंद्रीय स्थल था) के लिये खतरा बन रहा है तथा समुद्र का जल भी उसके करीब पहुँच रहा है।
- मेले हेतु विनिर्माण कार्य से मैंग्रोव के विनाश के कारण ज्वारीय खतरा बढ़ने से प्राकृतिक अवरोधों की आवश्यकता पर प्रकाश पड़ता है।
DNA नैनो राफ्ट्स
स्रोत: बीएल
चर्चा में क्यों?
नेचर मैटेरियल्स में प्रकाशित एक शोधपत्र में DNA नैनोराफ्ट (Nanorafts) का उपयोग करके जैविक झिल्लियों के समान कार्य करने वाली कृत्रिम कोशिकाओं बनाने की एक अभूतपूर्व तकनीक प्रस्तुत की गई है।
- ये प्रोग्रामयोग्य नैनो संरचनाएँ झिल्लियों को नया आकार प्रदान कर, मार्ग बनाकर, तथा अपने पर्यावरण के प्रति प्रतिक्रिया करके कृत्रिम जीवन अनुसंधान, बायोसेंसर और चिकित्सा को बढ़ावा दे सकती हैं।
DNA नैनोराफ्ट क्या है?
- DNA नैनोराफ्ट: DNA (डीऑक्सीराइबोन्यूक्लिक एसिड) नैनो-राफ्ट DNA स्ट्रैंड से बने छोटी, सपाट संरचनाएँ हैं जिन्हें विशिष्ट रासायनिक संकेतों के विपरीत कोशिका झिल्ली के आकार और पारगम्यता को नियंत्रित करने के लिये निर्मित किया जा सकता है।
- यह क्षमता उन्हें कोशिका जैसी झिल्लियों को नियंत्रित तरीके से प्रभावित करने की अनुमति देती है।
- कार्य प्रणाली:
- मॉडल झिल्लियों से संलग्न: DNA नैनोराफ्ट जायंट यूनिलेमेलर वेसिकल्स (Giant Unilamellar Vesicles- GUV) से जुड़े होते हैं, जो जैविक कोशिका झिल्लियों के सरलीकृत मॉडल के रूप में कार्य करते हैं।
- GUV कृत्रिम, कोशिका आकार की लिपिड झिल्ली होती हैं जो वास्तविक कोशिका झिल्ली के सामान होती हैं, जो सिंथेटिक जीव विज्ञान में झिल्ली और परिवहन तंत्र के अध्ययन के लिये उपयोगी हैं।
- आकार में संशोधन और प्रतिवर्तीता: जब "अनलॉकिंग" DNA स्ट्रैंड जोड़े जाते हैं तो DNA नैनोराफ्ट का विस्तार होता है, जिससे झिल्ली का आकार बदल जाता है।
- इस अनलॉकिंग को एंज़ाइम, यांत्रिक उपकरणों या अन्य तरीकों से ट्रिगर किया जा सकता है। इस प्रक्रिया को "लॉकिंग" डीएनए स्ट्रैंड जोड़कर उलट दिया जाता है, जिससे मूल आकार बहाल हो जाता है।
- लॉक्ड न्यूक्लिक एसिड (LNA) DNA स्ट्रैंड को स्थिरता के लिये एक साथ सुरक्षित रखने में मदद करता है।
- झिल्ली का नियंत्रण: यह तकनीक वैज्ञानिकों को कृत्रिम कोशिका झिल्लियों को सटीक रूप से नियंत्रित करने की अनुमति प्रदान करती है।
- मॉडल झिल्लियों से संलग्न: DNA नैनोराफ्ट जायंट यूनिलेमेलर वेसिकल्स (Giant Unilamellar Vesicles- GUV) से जुड़े होते हैं, जो जैविक कोशिका झिल्लियों के सरलीकृत मॉडल के रूप में कार्य करते हैं।
- महत्त्वपूर्ण कार्यों:
- कोशिका को आकार देना: नैनोराफ्ट कृत्रिम कोशिका झिल्लियों की संरचना को बदल सकते हैं, जो कोशिका की गति, विभाजन और संचार के लिये आवश्यक है।
- गेटकीपिंग (आणविक परिवहन): वे झिल्ली में अस्थायी चैनल का निर्माण करते हैं, जिससे अणुओं को गुजरने की अनुमति मिलती है।
- ये चैनल जीवित कोशिकाओं में प्राकृतिक प्रोटीन-आधारित चैनलों के समान, आवश्यकतानुसार खुल और बंद हो सकते हैं।
कृत्रिम कोशिका क्या है?
- कृत्रिम कोशिकाएँ कृत्रिम संरचनाएँ होती हैं, जो जीवित कोशिकाओं की नकल करती हैं लेकिन कृत्रिम झिल्ली और रसायनों जैसे निर्जीव घटकों से बनी होती हैं।
- निर्माण: सिंथेटिक कोशिकाओं का निर्माण दो मुख्य तरीकों से किया जा सकता है:
- टॉप-डाउन एप्रोच: एक जीवित कोशिका को शुरुआती बिंदु के रूप में उपयोग करते हुए, वैज्ञानिक उन जीनों को हटा देते हैं जो आवश्यक नहीं हैं और केवल आवश्यक कार्यों को छोड़ देते हैं। उदाहरण: माइकोप्लाज्मा माइकोइड्स JCVI-syn3.0 (न्यूनतम सिंथेटिक कोशिका)।
- बॉटम उप एप्रोच: शोधकर्त्ता मुख्य कोशिकीय कार्यों को दोहराने के लिये जैविक और गैर-जैविक अणुओं को मिलाकर ज़मीन से ऊपर तक एक कोशिका जैसी संरचना का निर्माण करते हैं। उदाहरण: GUVs
- अनुप्रयोग:
- औषधि वितरण: कृत्रिम कोशिकाओं का निर्माण संभव है जो औषधियों को विशेष शारीरिक स्थानों तक ले जा सकें।
- बायोमेडिसिन: वे कैंसर जैसी दीर्घकालिक बीमारियों के लिये नवीन चिकित्सा विकसित करने में सहायता कर सकते हैं।
- अंग प्रत्यारोपण: यह जैव-इंजीनियरिंग ऊतकों या अंगों के निर्माण में मदद कर सकता है, तथा दाता अंगों की कमी को दूर कर सकता है।
UPSC सिविल सेवा परीक्षा, विगत वर्ष के प्रश्नप्रिलिम्सप्रश्न. निम्नलिखित कथनों पर विचार कीजिये:
उपर्युक्त कथनों में से कौन-सा/से सही है/हैं? (a) केवल 1 उत्तर: (d) |
ट्यूनीशिया में प्रवासी विरोधी भावना
स्रोत: द हिंदू
ट्यूनीशिया में बढ़ती प्रवासी विरोधी भावना ने उप-सहारा प्रवासियों को बुरी तरह प्रभावित किया है।
- प्रवासी विरोधी बयानबाजी: ट्यूनीशिया के राष्ट्रपति कैस सैयद ने वर्ष 2023 में उप-सहारा प्रवासियों को "जनसांख्यिकीय खतरा" घोषित किया, जिससे नस्लीय रूप से प्रेरित हमले और पूर्वाग्रह बढ़ गए।
- संयुक्त राष्ट्र शरणार्थी एजेंसी ने सरकारी दबाव के कारण शरण आवेदनों को रोक दिया, जिससे प्रवासी असुरक्षित हो गए।
ट्यूनीशिया:
- स्थान: ट्यूनीशिया उत्तरी अफ्रीका में भूमध्य सागर से लगा एक देश है, जिसकी पश्चिमी सीमा अल्जीरिया और दक्षिण-पूर्वी सीमा लीबिया से लगती है।
- राजधानी: ट्यूनिस
- जातीय समूह: अरब 98%, यूरोपीय 1%, यहूदी और अन्य 1%।
- अर्थव्यवस्था: उच्च बेरोजगारी, विशेषकर महिलाओं और युवा लोगों में, तथा निम्न मध्यम आय।
- आतंकवाद: ट्यूनीशिया में इस्लामिक स्टेट ऑफ इराक एंड ऐश-शाम (ISIS) नेटवर्क (जिसे स्थानीय रूप से अजनाद अल-खिलाफा या खिलाफत की सेना के रूप में जाना जाता है)।
- अंतर्राष्ट्रीय संबंध: संयुक्त राष्ट्र, इस्लामिक सहयोग संगठन, अफ्रीकी संघ, गुट निरपेक्ष आंदोलन और ग्रुप 77 के सदस्य।
और पढ़ें: ट्यूनीशिया में पावर ग्रैब