नोबेल शांति पुरस्कार 2024
स्रोत: इंडियन एक्सप्रेस
चर्चा में क्यों?
वर्ष 2024 का शांति का नोबेल पुरस्कार हिरोशिमा-नागासाकि पर परमाणु बम हमले के उत्तरजीवियों का प्रतिनिधित्त्व करने वाले एक जापानी संगठन, निहोन हिदानक्यो को प्रदान किया गया है, जो परमाणु हथियार मुक्त विश्व का लक्ष्य हासिल करने के लिये अथक प्रयास करता है।
- वर्ष 2023 का नोबेल शांति पुरस्कार ईरानी मानवाधिकार अधिवक्ता नरगिस मोहम्मदी को दिया गया था, जो एक अल्पसंख्यक समूह से थीं।
- उन्हें ईरान में महिलाओं के उत्पीड़न के खिलाफ लड़ाई और सभी के लिये मानवाधिकारों तथा स्वतंत्रता को बढ़ावा देने के लिये उनके संघर्ष के लिये सम्मानित किया गया।
निहोन हिदानक्यो
- 10 अगस्त, 1956 को स्थापित यह संगठन वर्ष 1945 में संयुक्त राज्य अमेरिका द्वारा हिरोशिमा और नागासाकी पर किये गए परमाणु बम विस्फोटों में जीवित बचे लोगों से बना है।
- बचे हुए लोगों, जिन्हें “हिबाकुशा” या “बम प्रभावित लोग” कहा जाता है, ने परमाणु हथियारों को समाप्त करने के उद्देश्य से वैश्विक आंदोलन का नेतृत्व करने में महत्त्वपूर्ण भूमिका निभाई।
जापान पर परमाणु हमला क्या था?
- 6 अगस्त, 1945 को संयुक्त राज्य अमेरिका ने हिरोशिमा पर “लिटिल बॉय” नामक बम गिराया, जिसके परिणामस्वरूप विनाश हुआ।
- 70,000 से अधिक लोगों की मृत्यु तत्काल हो गई और अंततः मरने वालों की संख्या 100,000 से अधिक हो गयी।
- 9 अगस्त, 1945 को, हिरोशिमा के विनाश का पता चलने से पहले ही, अमेरिका ने नागासाकी पर "फैट मैन" नामक परमाणु गिरा दिया, जिसके परिणामस्वरूप कम-से-कम 40,000 लोगों की तत्काल मृत्यु हो गई तथा अगले कुछ दिनों और हफ्तों में हज़ोरों लोग मारे गए।
- जापानी सम्राट हिरोहितो ने 15 अगस्त को जापान के आत्मसमर्पण की घोषणा की। अपने भाषण में उन्होंने चेतावनी दी कि युद्ध जारी रखने से "जापानी राष्ट्र का पतन और विनाश होगा" जिससे "मानव सभ्यता का पूर्ण विनाश" हो सकता है।
हिबाकुशा परमाणु निरस्त्रीकरण का समर्थन कैसे करता है?
- गंभीर मानवीय क्षति के कारण, परमाणु बम गिराने के संयुक्त राज्य अमेरिका के निर्णय की सामरिक और नैतिक दोनों दृष्टिकोणों से आलोचना हुई है।
- परमाणु बम विस्फोटों ने वैश्विक परिदृश्य को बदल दिया, जिससे प्रमुख शक्तियाँ संयुक्त राज्य अमेरिका के विरुद्ध निवारक के रूप में अपने स्वयं के परमाणु शस्त्रागार विकसित करने की ओर केंद्रित हो गई हैं।
- इस परमाणु हथियारों के विकास के परिणामस्वरुप, परमाणु निरस्त्रीकरण के लिये एक वैश्विक आंदोलन उभरा, जिसमें हिबाकुशा ने निरस्त्रीकरण का समर्थन करने में महत्त्वपूर्ण भूमिका निभाई।
- निहोन हिदानक्यो का दावा है कि वह “ हिरोशिमा और नागासाकी के परमाणु बम से बचे लोगों का एकमात्र राष्ट्रव्यापी संगठन है।”
- उनके प्राथमिक उद्देश्यों में हिबाकुशा के कल्याण को बढ़ावा देना, परमाणु हथियारों के उन्मूलन पर ज़ो देना तथा पीड़ितों के लिये उचित मुआवज़े की मांग करना शामिल है।
- संगठन ने जापान और अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर परमाणु बम विस्फोटों से होने वाले नुकसान और उसके बाद के प्रभावों के बारे में जागरूकता बढ़ाने हेतु हिबाकुशा के अनुभवों को साझा करने पर ध्यान केंद्रित किया है।
- परमाणु विस्फोट में जीवित बचे लोगों को संयुक्त राष्ट्र, परमाणु-सशस्त्र राज्यों और अन्य देशों के पास भेजकर उनकी कहानियाँ बताने के उनके प्रयासों का उल्लेख नोबेल प्रशस्ति पत्र में किया गया।
- निहोन हिदानक्यो जैसे संगठनों ने परमाणु निषेध स्थापित करने में योगदान दिया है, जिसके कारण वर्ष 1945 से परमाणु हथियारों के उपयोग पर रोक लगी हुई है।
परमाणु निरस्त्रीकरण हेतु पुरस्कृत अन्य संगठन/व्यक्ति
- वर्ष 1901 से अब तक निरस्त्रीकरण के प्रयास हेतु कई नोबेल शांति पुरस्कार प्रदान किये जा चुके हैं।
- वर्ष 1974 में, जापान के पूर्व प्रधानमंत्री ईसाकु सातो को गैर-परमाणु हथियार नीति के प्रति जापान के समर्पण हेतु यह पुरस्कार प्रदान किया गया था हुई।
- हाल ही में नोबेल शांति पुरस्कार, वर्ष 2017 में परमाणु हथियारों के उन्मूलन हेतु अंतर्राष्ट्रीय अभियान (ICAN) को परमाणु हथियारों के उपयोग के भयावह मानवीय परिणामों को उजागर करने के प्रयासों और ऐसे हथियारों को प्रतिबंधित करने के लिये एक संधि की दिशा में अग्रणी कार्य के लिये दिया गया था।
- ICAN ने परमाणु हथियारों के प्रभावों का दस्तावेज़ीकरण करने के लिये निहोन हिदानक्यो के साथ सहयोग किया है।
अन्य नोबेल पुरस्कार 2024
- साहित्य: दक्षिण कोरियाई लेखक हान कांग
- भौतिकी: जॉन जे. हॉपफील्ड और जेफ्री ई. हिंटन
- फिजियोलॉजी या मेडिसिन: विक्टर एम्ब्रोस और गैरी रुवकुन
- रसायन विज्ञान: डेविड बेकर, डेमिस हसाबिस और जॉन एम. जम्पर
UPSC सिविल सेवा परीक्षा, विगत वर्ष के प्रश्न (PYQ)प्रिलिम्स:प्रश्न. निम्नलिखित में से किस वैज्ञानिक ने अपने बेटे के साथ भौतिकी का नोबेल पुरस्कार साझा किया? (2008) (a) मैक्स प्लैंक उत्तर: (c) |
19वाँ पूर्वी एशिया शिखर सम्मेलन (EAS)
स्रोत: पी.आई.बी
चर्चा में क्यों?
हाल ही में भारत के प्रधानमंत्री ने लाओ पीडीआर के वियनतियाने में 19वें पूर्वी एशिया शिखर सम्मेलन (EAS) में भाग लिया।
इस यात्रा की मुख्य बातें क्या हैं?
- प्रधानमंत्री ने विस्तारवाद की जगह विकासोन्मुख हिंद-प्रशांत दृष्टिकोण की वकालत की।
- नालंदा विश्वविद्यालय के प्रति समर्थन दोहराया गया तथा EAS सदस्यों को उच्च शिक्षा प्रमुखों के सम्मेलन में आमंत्रित किया गया।
- इसमें आतंकवाद, साइबर और समुद्री खतरों जैसी वैश्विक चुनौतियों पर चर्चा की गई तथा संवाद आधारित संघर्ष समाधान पर बल दिया गया।
- प्रधानमंत्री ने मलेशिया को आसियान के नए अध्यक्ष के रूप में अध्यक्षता करने की शुभकामनाएँ दीं और इसके लिये भारत का पूरा समर्थन व्यक्त किया। आसियान का वर्तमान अध्यक्ष लाओ पीडीआर है।
पूर्वी एशिया शिखर सम्मेलन (EAS) क्या है?
- स्थापना: EAS की स्थापना वर्ष 2005 में दक्षिण पूर्व एशियाई राष्ट्रों के संगठन (ASEAN) के नेतृत्व वाली पहल के रूप में की गई थी।
- इसका पहला शिखर सम्मेलन 14 दिसंबर 2005 को मलेशिया के कुआलालंपुर में आयोजित किया गया था।
- EAS हिंद-प्रशांत क्षेत्र में एकमात्र नेतृत्वकारी मंच है जो सामरिक महत्त्व के राजनीतिक, सुरक्षात्मक एवं आर्थिक मुद्दों पर चर्चा करने के लिये सभी प्रमुख साझेदारों को एक साथ लाता है।
- पूर्वी एशिया समूह का विचार पहली बार वर्ष 1991 में मलेशिया के तत्कालीन प्रधानमंत्री महाथिर मोहम्मद द्वारा प्रस्तावित किया गया था।
- उद्देश्य: EAS खुलेपन, समावेशिता, अंतर्राष्ट्रीय कानून के प्रति सम्मान, आसियान की केंद्रीयता तथा प्रेरक शक्ति के रूप में आसियान की भूमिका के सिद्धांतों पर आधारित है।
- सदस्य: EAS हिंद-प्रशांत क्षेत्र में रणनीतिक वार्ता के लिये एक प्रमुख मंच है जिसमें आसियान सदस्यों सहित 18 देश शामिल हैं।
- EAS में 18 सदस्य अर्थात 10 आसियान देश (ब्रुनेई, कंबोडिया, इंडोनेशिया, लाओस, मलेशिया, म्यांमार, फिलीपींस, सिंगापुर, थाईलैंड और वियतनाम) तथा आठ संवाद साझेदार (ऑस्ट्रेलिया, चीन, भारत, जापान, न्यूजीलैंड, कोरिया गणराज्य, रूस एवं संयुक्त राज्य अमेरिका) शामिल हैं।
महत्त्व:
- आर्थिक रूप से: वर्ष 2023 में EAS सदस्य विश्व की लगभग 53% आबादी का प्रतिनिधित्व करेंगे और वैश्विक सकल घरेलू उत्पाद में लगभग 60% का योगदान देंगे।
- भारत आसियान का सातवाँ सबसे बड़ा व्यापारिक साझेदार है, जबकि आसियान भारत का चौथा सबसे बड़ा साझेदार है। विगत दस वर्षों में भारत-आसियान व्यापार दोगुना होकर 130 बिलियन अमेरिकी डॉलर से अधिक हो गया है।
- रणनीतिक रूप से: दक्षिण-पूर्व एशियाई देशों में बुनियादी ढाँचे और डिजिटल दोनों प्रकार की कनेक्टिविटी परियोजनाएँ भारत की एक्ट ईस्ट नीति के लिये महत्त्वपूर्ण हैं, जिसमें भारत-म्याँमार-थाईलैंड राजमार्ग और कलादान मल्टी-मॉडल ट्रांजिट ट्रांसपोर्ट जैसी प्रमुख पहल पूर्वी एशियाई देशों के साथ क्षेत्रीय संपर्क को बढ़ावा दे रही हैं।
- इसके अतिरिक्त भारत कंबोडिया, लाओस और वियतनाम जैसे दक्षिण-पूर्व एशियाई देशों के साथ भारतीय तकनीकी और आर्थिक सहयोग (ITEC) कार्यक्रम के माध्यम से क्षमता निर्माण में भी संलग्न है।
- सांस्कृतिक दृष्टि से: बौद्ध धर्म एक प्रमुख सांस्कृतिक और धार्मिक परंपरा है, जो विभिन्न दक्षिण-पूर्व एशियाई और पूर्वी एशियाई देशों को जोड़ती है, इसकी उत्पत्ति भारत में हुई।
- नालंदा विश्वविद्यालय का पुनरुद्धार और अंतर्राष्ट्रीय बौद्ध परिसंघ को समर्थन, म्याँमार, थाईलैंड और कंबोडिया के साथ भारत के आध्यात्मिक और सांस्कृतिक संबंधों को बढ़ाएगा तथा बौद्ध परंपराओं को बढ़ावा देने के प्रति अपनी प्रतिबद्धता प्रदर्शित करेगा।
UPSC सिविल सेवा परीक्षा विगत वर्ष के प्रश्न (PYQs)प्रारंभिक परीक्षाप्रश्न. भारत निम्नलिखित में से किसका/किनका सदस्य है? (2015) (1) एशिया-प्रशांत आर्थिक सहयोग (एशिया-पैसिफिक इकॉनोमिक को-ऑपरेशन) नीचे दिये गए कूट का प्रयोग कर सही उत्तर चुनिये: (a) केवल 1 और 2 उत्तर: (b) प्रश्न. निम्नलिखित देशों पर विचार कीजिये: (2018)
उपर्युक्त में से कौन-से आसियान के 'मुक्त-व्यापार साझेदार' हैं? (a) 1, 2, 4 और 5 उत्तर: (c) प्रश्न. 'रीजनल कॉम्प्रिहेन्सिव इकोनॉमिक पार्टनरशिप (Regional Comprehensive Economic Partnership)' पद प्रायः समाचारों में देशों के एक समूह के मामलों के संदर्भ में आता है। देशों के उस समूह को क्या कहाँ जाता है ? (2016) (a) G20 उत्तर: (b) |
कॉमनवेल्थ पावरलिफ्टिंग में स्वर्ण जीतने वाले पहले आईपीएस अधिकारी
स्रोत: इंडियन एक्सप्रेस
एक असाधारण उपलब्धि में, पुडुचेरी में वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक (SSP) आईपीएस अधिकारी अनीता रॉय राष्ट्रमंडल अंतर्राष्ट्रीय क्लासिक बेंच प्रेस प्रतियोगिता, 2024 में स्वर्ण पदक हासिल करने वाली पहली आईपीएस अधिकारी बन गई हैं।
परिचय:
- यह चैंपियनशिप अक्तूबर, 2024 में दक्षिण अफ्रीका के सनसिटी में आयोजित की जाएगी।
- इसका आयोजन राष्ट्रमंडल पॉवरलिफ्टिंग महासंघ द्वारा किया जाता है तथा यह अंतर्राष्ट्रीय पॉवरलिफ्टिंग महासंघ से संबद्ध है।
- इसका उद्देश्य राष्ट्रमंडल अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर उच्च गुणवत्ता वाली, नशा मुक्त पॉवरलिफ्टिंग प्रतियोगिताओं को बढ़ावा देना और उन्हें प्रोत्साहित करना है।
अंतर्राष्ट्रीय पॉवरलिफ्टिंग फेडरेशन (IPF):
- यह पॉवरलिफ्टिंग के खेल के लिये वैश्विक नियामक संस्था है। वर्ष 1972 में स्थापित, IPF में 100 से अधिक देशों के सदस्य संघ शामिल हैं।
- इसे आधिकारिक तौर पर अंतर्राष्ट्रीय खेल महासंघों के जनरल एसोसिएशन द्वारा मान्यता प्राप्त है।
और पढ़ें: पलामू में पावरलिफ्टिंग एसोसिएशन का गठन
जीवन प्रत्याशा की वृद्धि संबंधी जटिलताएँ
स्रोत: इंडियन एक्सप्रेस
"इम्प्लॉसिबिलिटी ऑफ रेडिकल लाइफ एक्सटेंशन इन ह्यूमंस इन द ट्वेंटी फर्स्ट सेंचुरी ("Implausibility of Radical Life Extension in Humans in the Twenty-First Century)" शीर्षक से किये गए एक नए अध्ययन से पता चलता है कि चिकित्सा और तकनीकी प्रगति के कारण जीवन प्रत्याशा में होने वाली लगातार वृद्धि में कमी आ रही है।
अध्ययन के बारे में:
- शोधकर्त्ताओं ने वर्ष 1990 से वर्ष 2019 तक जन्म के समय जीवन प्रत्याशा के आँकड़ों की जाँच की, जिसमें ऑस्ट्रेलिया, फ्राँस, दक्षिण कोरिया, स्पेन, स्वीडन और स्विट्ज़रलैंड जैसे उच्चतम जीवन प्रत्याशा वाले क्षेत्रों पर ध्यान केंद्रित किया गया।
मुख्य निष्कर्ष:
- अध्ययन से पता चलता है कि सबसे लंबे समय तक रहने वाले क्षेत्रों में जीवन प्रत्याशा में वर्ष 1990 और वर्ष 2019 के दौरान केवल 6.5 वर्ष की वृद्धि हुई है।
- कैंसर और हृदयाघात जैसी व्यापक घातक बीमारियों के लिये केवल उपचार में सुधार करने के बजाय, हमें ऐसी नवीन नई दवाओं की आवश्यकता है जो उम्र बढ़ने की प्रक्रिया को धीमा कर सकें।
- वर्तमान अनुमानों से पता चलता है कि उन क्षेत्रों में लड़कियों की 100 वर्ष की आयु तक पहुँचने की संभावना 5.3% है, तथा लड़कों की 1.8% है।
- हालाँकि, भले ही सामान्य बीमारियों का उन्मूलन कर दिया जाए, लेकिन उम्र बढ़ने के कारण अंगों में कमज़ोरी के कारण जीवन प्रत्याशा की वृद्धि सीमित हो जाती है।
- जीवन प्रत्याशा में वृद्धि के लिये कई दवाओं का परीक्षण किया जा रहा है, जिनमें मेटफॉर्मिन भी शामिल है, जो एक कम लागत वाली मधुमेह की दवा है, जो नर बंदरों में बुढ़ापे की प्रक्रिया को धीमा करने में कारगर साबित हुई है।
और पढ़ें: मानव विकास रिपोर्ट 2023-24
हिज़्ब उत-तहरीर पर प्रतिबंध
स्रोत: हिंदुस्तान टाइम्स
हाल ही में गृह मंत्रालय (MHA) ने गैरकानूनी गतिविधियाँ रोकथाम अधिनियम, 1967 (UAPA) की धारा 35 के तहत हिज़्ब-उत-तहरीर पर प्रतिबंध लगा दिया।
- यह आतंकवादी कृत्यों में संलिप्त था, जिसमें भोले-भाले युवाओं को कट्टरपंथी बनाकर आतंकवादी संगठनों में शामिल करना तथा उनकी गतिविधियों के लिये धन एकत्रित करना शामिल था।
- ये भोले-भाले युवाओं को आतंकवादी कृत्य करने के लिये प्रेरित करने हेतु 'दावा करने वाली' सभाओं (इस्लामी प्रचार या धर्मांतरण) का आयोजन करते हैं।
- इसका उद्देश्य जिहाद और आतंकवादी गतिविधियों के माध्यम से भारत समेत विश्व भर में इस्लामिक राज्य और खिलाफत स्थापित करना है।
- UAPA, 1967 की धारा 35 सरकार को किसी संगठन को गैरकानूनी घोषित करने का अधिकार देती है यदि वह आतंकवाद या अलगाववाद को बढ़ावा देने वाली गतिविधियों में संलग्न है।
- हिज़्ब-उत-तहरीर वर्ष 1953 में यरुशलम में गठित एक अंतर्राष्ट्रीय इस्लामी संगठन है।
- इसका मुख्यालय लेबनान में स्थित है, यह यूनाइटेड किंगडम, संयुक्त राज्य अमेरिका, कनाडा और ऑस्ट्रेलिया सहित कम-से-कम 30 देशों में परिचालन करता है।
- यह भारत में प्रतिबंधित होने वाला 45वाँ संगठन बन गया, जिसमें जैश-ए-मोहम्मद और लस्कर-ए-तैयबा भी शामिल हैं।
और पढ़ें: UAPA न्यायाधिकरण ने PFI पर प्रतिबंध लगाने के केंद्र के फैसले को बरकरार रखा
विश्व मानसिक स्वास्थ्य दिवस 2024
स्रोत: पीआईबी
10 अक्तूबर, को विश्व मानसिक स्वास्थ्य दिवस (WMHD) 2024 मनाया गया, जिसमे हाल ही में कार्यस्थल पर हुई आत्महत्याओं की ओर ध्यान आकर्षित किया गया, जो मानसिक स्वास्थ्य पर रोज़गार से संबंधित तनाव के महत्त्वपूर्ण प्रभाव को उज़ागर करती हैं, यहाँ तक कि उन लोगों में भी जो बाहरी रूप से सफल दिखाई देते हैं।
- WMHD 2024 की थीम है- कार्यस्थल पर मानसिक स्वास्थ्य।
- पृष्ठभूमि: WMHD की शुरुआत सबसे पहले वर्ष 1992 में विश्व मानसिक स्वास्थ्य महासंघ (WFMH) द्वारा की गई थी।
- WHO द्वारा आयोजित WMHD का उद्देश्य जागरूकता बढ़ाना, मानसिक स्वास्थ्य शिक्षा को बढ़ावा देना, तथा व्यक्तियों और समुदायों के लिये मानसिक कल्याण के महत्त्व पर ज़ोर देना है।
- मानसिक बीमारी के उदाहरणों में अवसाद, चिंता विकार, सिज़ोफ्रेनिया, भोजन संबंधी विकार और व्यसनकारी व्यवहार शामिल हैं।
- सांख्यिकी: आर्थिक सर्वेक्षण 2023-24 में मानसिक स्वास्थ्य पेशेवरों की संख्या बढ़ाने और मानसिक स्वास्थ्य सेवाओं में सुधार की आवश्यकता पर बल दिया गया है।
- राष्ट्रीय मानसिक स्वास्थ्य सर्वेक्षण (NMHS) 2015-16 के अनुसार , भारत में 10.6% वयस्क लोग मानसिक विकार यानी मेंटल डिसऑर्डर के शिकार हैं। जबकि मानसिक स्वास्थ्य विकार और अन्य विभिन्न विकारों के बीच उपचार में 70% तथा 92% का अंतराल है।
- सरकारी पहल:
- मानसिक स्वास्थ्य पर नीतिगत सिफारिशें:
- मनोचिकित्सकों की संख्या को 0.75 मनोचिकित्सकों से बढ़ाकर विश्व स्वास्थ्य संगठन के नियम के अनुसार प्रति लाख जनसंख्या के लिये 3 मनोचिकित्सक तक पहुँचाने के प्रयासों में वृद्धि।
- विकारों की शीघ्र पहचान के लिये स्कूल जाने से पहले यानी आंगनवाड़ी स्तर पर मानसिक स्वास्थ्य के प्रति संवेदनशीलता बढ़ाना।
और पढ़ें: भारत में मानसिक स्वास्थ्य पहल