प्रारंभिक परीक्षा
पुर्तगाली सिक्का
स्रोत: इंडियन एक्सप्रेस
उत्तरी गोवा के नानोदा बंबर गाँव में एक किसान को ऐसा बर्तन मिला जिसमें बीते युग के सिक्के थे।
- पॉट में 832 तांबे के सिक्के थे, माना जाता है कि इन्हें 16वीं या 17वीं शताब्दी के आसपास गोवा में ढाला गया था, जब यह पुर्तगाली शासन के अधीन था।
भारत में पुर्तगाली सिक्के की विशेषता क्या थी?
- पुर्तगालियों ने गोवा से सोने और चाँदी के सिक्के जारी किये, साथ ही कोचीन, दीव और दमन जैसे अन्य टकसालों से तांबे, टिन और सीसे के सिक्के भी जारी किये।
- सोने के सिक्कों को 'क्रूज़ाडो' या 'मैनोएल' कहा जाता था और ये समान आकार, मूल्य तथा वज़न में जारी किये जाते थे। उनके एक तरफ क्रॉस था एवं दूसरी तरफ शाही हथियार प्रदर्शित किये गए थे।
- चाँदी के सिक्कों को 'मीया-एस्पेरा' और 'एस्पेरा' कहा जाता था।
- तांबे के सिक्कों को विभिन्न मूल्यवर्गों में विभाजित किया गया था जैसे 'बाज़ारुको', 'लील', 'तांगा', 'परदाउ' और 'रियल'।
- तांबे के सिक्कों पर महल, शेर, मुकुट, क्रॉस और राजा का नाम जैसे विभिन्न प्रतीक थे।
- टिन और सीसे के सिक्के मुख्य रूप से दीव और मलक्का से जारी किये जाते थे और इन्हें 'जिनहेइरो' (Dinheiro) कहा जाता था।
- उनका डिज़ाइन कच्चा था और वे अक्सर आकार में अनियमित होते थे। उनके एक तरफ राजा का नाम या प्रथमाक्षर और दूसरी तरफ एक क्रॉस या एक फूल था।
गोवा में पुर्तगालियों के साथ भारत का जुड़ाव:
- यात्री के रूप में पुर्तगाली: वास्को डी गामा वर्ष 1498 में मालाबार तट पर कालीकट में समुद्र के रास्ते भारत पहुँचने वाला पहला पुर्तगाली खोजकर्त्ता था और उसका स्वागत एक स्थानीय शासक ज़मोरिन ने किया था।
- उपनिवेशक के रूप में पुर्तगाली: वर्ष 1505 में फ्राँसिस्को डी अल्मीडा पुर्तगाली भारत के पहले वायसराय बने और कोचीन में एक आधार स्थापित किया। उन्होंने कालीकट के ज़मोरिन और मिस्र के मामलुकों के खिलाफ भी लड़ाई लड़ी, जो मसाला व्यापार में प्रतिद्वंद्वी थे।
- अफोंसो डी अल्बुकर्क (1510 में) ने बीजापुर सल्तनत से गोवा पर कब्ज़ा कर लिया और गोवा को भारत के पुर्तगाली राज्य की राजधानी बना दिया।
- पुर्तगालियों का औपनिवेशिक शासन: गोवा में पुर्तगाली शासन वर्ष 1510 से 1961 तक लगभग 450 वर्षों तक चला। इस अवधि के दौरान गोवा एक समृद्ध और महानगरीय शहर बन गया, जिसे "पूर्व का रोम" कहा जाता था।
- गोवा की मुक्ति: पुर्तगाली शासन से गोवा की मुक्ति भारत सरकार द्वारा दिसंबर 1961 में 36 घंटे के सैन्य अभियान के बाद हासिल की गई, जिसे ऑपरेशन विजय के नाम से जाना जाता है।
- गोवा को राज्य का दर्जा: वर्ष 1987 में गोवा को भारत सरकार द्वारा राज्य का दर्जा दिया गया और यह भारत का 25वाँ राज्य बन गया।
UPSC सिविल सेवा परीक्षा, विगत वर्ष के प्रश्नप्रिलिम्स:प्रश्न. पांडिचेरी (अब पुद्दुचेरी) के संदर्भ में निम्नलिखित कथनों पर विचार कीजिये: (2010)
उपर्युक्त कथनों में से कौन-सा/से सही है/हैं? (a) केवल 1 उत्तर: (a) |
विविध
Rapid Fire (करेंट अफेयर्स): 13 नवंबर, 2023
प्रदूषण नियंत्रण पर सर्वोच्च न्यायालय के निर्देश
कई राज्य सरकारों को सर्वोच्च न्यायालय द्वारा दिये गए हालिया निर्देश वायु प्रदूषण की बढ़ती समस्या का समाधान करने के लिये एक तत्काल आह्वान पर ज़ोर देते हैं।
- पंजाब, हरियाणा, उत्तर प्रदेश, राजस्थान एवं दिल्ली में पराली दहन तत्काल बंद करने पर ज़ोर देते हुए न्यायालय ने लोगों के जीवन व स्वास्थ्य पर पड़ने वाले हानिकारक प्रभाव पर चिंता व्यक्त की।
- विशेष रूप से न्यायालय ने प्रदूषण को एक गंभीर स्वास्थ्य खतरा बताते हुए इसकी निंदा की एवं इसे 'लोगों के स्वास्थ्य की हत्या' के रूप में संदर्भित किया।
- इसके अतिरिक्त इसने वाहन प्रदूषण को नियंत्रित करने के लिये 'ऑड-ईवन' स्कीम को एक अपर्याप्त तरीका बताते हुए इसकी आलोचना की एवं राज्य के बाहर की टैक्सियों को दिल्ली में प्रवेश करने से रोकने का सुझाव दिया।
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कॉरपेट और एक्स-बोंगोसागर
भारतीय नौसेना और बांग्लादेश नौसेना के बीच द्विपक्षीय अभ्यास का चौथा संस्करण, बोंगोसागर-23 तथा दोनों देशों की नौसेनाओं द्वारा कोऑर्डिनेटेड पेट्रोल- (समन्वित गश्ती-कॉरपेट) का 5वाँ संस्करण हाल ही में उत्तरी बंगाल की खाड़ी में संचालित किया गया था।
- दोनों देशों की नौसेनाओं ने अंतर्राष्ट्रीय समुद्री सीमा रेखा (IMBL) के आसपास संयुक्त गश्त की तथा बाद में इंटरऑपरेबिलिटी (अंतर-संचालनीयता) बढ़ाने के लिये समुद्री अभ्यास किया।
- CORPAT-23 (भारत-बांग्लादेश) के तहत दोनों नौसेनाओं के बीच पहला मानवीय सहायता एवं आपदा राहत (HADR) अभ्यास भी हुआ, जिसमें समुद्र में खोज तथा बचाव परिदृश्य का अभ्यास किया गया था।
- अन्य संबंधित अभ्यास:
- संप्रति (SAMPRITI): वार्षिक सैन्य अभ्यास (11वाँ संस्करण अक्तूबर 2023 में उमरोई, मेघालय में आयोजित किया गया)।
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शनि के वलय
ग्रह के झुकाव (जो हर 13 से 15 वर्ष में होता है) और पृथ्वी की दृष्टि रेखा के साथ इसके वलय के संरेखण की वजह से उत्पन्न ऑप्टिकल भ्रम के कारण वर्ष 2025 में शनि के वलय कुछ समय के लिये दृश्य से गायब हो जाएंगे।
- जैसे-जैसे शनि सूर्य के चारों ओर चक्कर लगाता रहेगा, वलय धीरे-धीरे फिर से दिखाई देने लगेंगे।
- नासा के अनुसार, शनि ग्रह के गुरुत्वाकर्षण खिंचाव और उसके चुंबकीय क्षेत्र के कारण अगले 300 मिलियन वर्षों में शनि के वलय पूरी तरह से समाप्त हो जाने की आशंका है।
- "रिंग रेन" की घटना के कारण शनि के चुंबकीय क्षेत्र के प्रभाव में वलय से बर्फ के कण इसके गुरुत्वाकर्षण द्वारा ग्रह में खींच लिये जाते हैं।
- शनि ग्रह:
- शनि सूर्य से छठा ग्रह है।
- हमारे सौरमंडल का दूसरा सबसे बड़ा ग्रह है।
- ज़्यादातर हाइड्रोजन और हीलियम से बना है।
- यह एकमात्र ऐसा ग्रह नहीं है जिसके छल्ले हैं जो बर्फ और चट्टान के टुकड़ों से बने हैं।
- 82 उपग्रहों के साथ सौरमंडल में शनि के सबसे अधिक उपग्रह अथवा चंद्रमा हैं।
- सौरमंडल में सबसे छोटा दिन (10.7 घंटे)।
- सूर्य के चारों ओर एक परिक्रमा में लगभग 29.4 पृथ्वी वर्ष लगते हैं।
और पढ़ें… शनि के रहस्यमय वलय और चरम झुकाव, शनि ग्रह के चंद्रमाओं पर मीथेन, शनि और बृहस्पति का महासंयुग्मन
आचार्य जे. बी. कृपलानी जयंती
हाल ही में भारत के प्रधानमंत्री ने आचार्य जीवतराम भगवानदास (JB) कृपलानी को उनकी जयंती (11 नवंबर, 1888 को हैदराबाद, सिंध में) पर श्रद्धांजलि अर्पित की है।
- वह 1917 में गांधीजी के आंदोलन में शामिल हुए तथा असहयोग आंदोलन, सविनय अवज्ञा आंदोलन और भारत छोड़ो आंदोलन का हिस्सा भी रहे।
- स्वतंत्रता के समय वे भारतीय राष्ट्रीय कॉन्ग्रेस (INC) के अध्यक्ष थे। आज़ादी के बाद उन्होंने कॉन्ग्रेस छोड़ दी, वे किसान मज़दूर प्रजा पार्टी (KMPP) के संस्थापकों में से थे।
- उन्होंने भारत-चीन युद्ध (1962) के तुरंत बाद वर्ष 1963 में लोकसभा में पहली बार अविश्वास प्रस्ताव पेश किया।
- कृपलानी, गांधी: हिज़ लाइफ एंड थॉट (1970) सहित कई पुस्तकों के लेखक थे। उनकी आत्मकथा 'माई टाइम्स' (My Times) वर्ष 2004 में मरणोपरांत प्रकाशित हुई।
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मौलाना आज़ाद जयंती
भारत के प्रधानमंत्री ने देश के प्रथम शिक्षा मंत्री मौलाना अबुल कलाम आज़ाद को उनकी जयंती (11 नवंबर, 1888 को मक्का, सऊदी अरब में) पर श्रद्धांजलि अर्पित की।
- रूढ़िवादी और संकीर्ण विचारों को अस्वीकार करने हेतु उन्होंने 'आज़ाद' उपनाम अपनाया जिसका अर्थ है 'स्वतंत्र'।
- आज़ाद ने गांधीजी द्वारा शुरू किये गए असहयोग आंदोलन (1920-22) का समर्थन किया और 1920 में भारतीय राष्ट्रीय कॉन्ग्रेस में शामिल हुए।
- वह स्वतंत्र भारत के पहले शिक्षा मंत्री थे और शिक्षा मंत्री के रूप अपने कार्यकाल में उन्होंने विश्वविद्यालय अनुदान आयोग, भारतीय सांस्कृतिक संबंध परिषद और भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान की स्थापना की।
- वर्ष 2008 से प्रतिवर्ष 11 नवंबर को मौलाना अबुल कलाम आज़ाद जयंती को राष्ट्रीय शिक्षा दिवस के रूप में मनाया जाता है।
- मौलाना अबुल कलाम आज़ाद को मरणोपरांत वर्ष 1992 में भारत के सर्वोच्च नागरिक सम्मान भारत रत्न से सम्मानित किया गया था।
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