यूकेलिप्टस वनों को बचाने के लिये प्राकृतिक रोगजनक कवक
स्रोत: डाउन टू अर्थ
हाल ही में वैज्ञानिकों ने यूकेलिप्टस वन वृक्षारोपण को एक कीट, यूकेलिप्टस स्नाउट बीटल, जो यूकेलिप्टस को गंभीर नुकसान पहुँचाता है, से बचाने के लिये एक प्राकृतिक उपाय खोजा है।
- शोधकर्त्ताओं को प्राकृतिक रूप से पाए जाने वाले रोगजनक कवक को एकत्रित करने में सफलता मिली है और इसे बीटल की जीवसंख्या को नियंत्रित करने के लिये जैविक कीटनाशक में बदला जा सकता है।
- पेपर पल्प के उत्पादन के लिये यूकेलिप्टस (सदाबहार पेड़) की लकड़ी एक महत्त्वपूर्ण सामग्री है।
यूकेलिप्टस स्नाउट बीटल क्या है?
- संयुक्त राष्ट्र के खाद्य और कृषि संगठन के अनुसार, यूकेलिप्टस स्नाउट बीटल (गोनिप्टेरस प्लैटेंसिस) पत्ती खाने वाला बीटल है जो यूकेलिप्टस की एक प्रमुख निष्पत्रक प्रजाति (पेड़ को पत्तों से हीन करने वलि प्रजाति) है।
- यह कीट मूलतः ऑस्ट्रेलिया से संबंध रखता है लेकिन विश्व भर के कई देशों में पाया जाता है जहाँ यूकेलिप्टस उगाया जाता है।
- यह व्यापक क्षेत्रों तक नुकसान पहुँचा सकता है क्योंकि इसकी उड़ान क्षमता बहुत अच्छी होती है और यह वन उत्पादों के परिवहन के साथ स्थानांतरित भी हो जाता है।
- यह बीटल/भृंग पत्तियों, कलियों और टहनियों को खाता है, जिसके परिणामस्वरूप पेड़ का विकास रुक जाता है और वृक्ष-अपस्फीति होती है जिससे भारी नुकसान होता है।
कवक यूकेलिप्टस स्नाउट बीटल को किस प्रकार नियंत्रित कर सकता है?
- हाल के शोध में, वैज्ञानिकों ने यूकेलिप्टस वन वृक्षारोपण में प्राकृतिक रूप से संक्रमित बीटल से कवक एकत्र किया और बीटल को नियंत्रित करने हेतु जैव-कीटनाशक विकसित करने के लिये उनकी विशेषता बताई।
- कवक ब्यूवेरिया (Beauveria ) और मेटारिज़ियम (Metarhizium) कुल से संबंधित हैं, जो कीड़ों को संक्रमित करने और मारने के लिये जाने जाते हैं।
- ब्यूवेरिया स्यूडोबैसियाना (Beauveria pseudobassiana) और मेटारिज़ियम ब्रुनेउम (Metarhizium brunneum) सबसे अधिक विषैले कवक हैं।
- B बैसियाना (B bassiana)100% की मृत्यु दर के साथ, संपर्क और अंतर्ग्रहण दोनों द्वारा अत्यधिक प्रभावी था।
- एकीकृत कीट प्रबंधन का उपयोग करके धारणीय वानिकी के लिये जैव-कीटनाशक विकसित करने हेतु कवक का उपयोग किया जा सकता है।
- कवक को अन्य मापदंडों के बीच कीटनाशक गतिविधि, UV-B विकिरण सहिष्णुता का उपचार करके विकसित किया गया है ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि प्राप्त कवक जैव-कीटनाशक और बड़े पैमाने पर उत्पादन एवं व्यावसायीकरण के लिये उपयुक्त हैं।
UPSC सिविल सेवा परीक्षा, विगत वर्ष के प्रश्नप्रिलिम्स:प्रश्न. निम्नलिखित जीवों पर विचार कीजिये: (2013)
उपर्युक्त में से कौन-सा/से जैव उर्वरक के रूप में प्रयुक्त होता है/होते हैं? (a) 1 और 2 उत्तर: (b)
प्रश्न. लाइकेन जो एक नग्न चट्टान पर भी पारिस्थितिकी अनुक्रम को प्रारंभ करने में सक्षम है, का वास्तव में किससे सहजीवी सहचर्य है? (2014) (a) शैवाल और बैक्टीरिया उत्तर: (b)
अतः विकल्प (b) सही है। |
सर्वाइकल कैंसर से लड़ने हेतु वैक्सीन ड्राइव
स्रोत: इंडियन एक्सप्रेस
भारत सरकार 9-14 वर्ष की लड़कियों के लिये ह्यूमन पेपिलोमावायरस (HPV) के खिलाफ तीन चरण का टीकाकरण अभियान शुरू करने का इरादा रखती है, जिसका लक्ष्य सर्वाइकल कैंसर के खतरे को कम करना है।
- यह टीका HPV उपभेदों से भी सुरक्षा प्रदान करता है जो गुदा, योनि और ऑरोफरीनक्स के कैंसर का कारण बनते हैं। इसके अतिरिक्त, यह HPV उपभेदों से भी बचाता है जो जननांग मस्सों के लिये ज़िम्मेदार होते हैं।
नोट: सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया ने वर्ष 2023 में स्वदेशी HPV वैक्सीन लॉन्च की थी, जिसे CERVAVAC के नाम से जाना जाता है।
सर्वाइकल कैंसर क्या है?
- परिचय:
- सर्वाइकल कैंसर एक महिला के गर्भाशय ग्रीवा में विकसित होता है। यह विश्व स्तर पर महिलाओं में चौथा सबसे आम प्रकार का कैंसर है और यह भारत में महिलाओं में दूसरा सबसे आम प्रकार है।
- भारत में वैश्विक सर्वाइकल कैंसर के भार का सबसे बड़ा हिस्सा देखा गया है यानी सर्वाइकल कैंसर के कारण विश्व स्तर पर हर 4 मौतों में से लगभग 1 (द लैंसेट अध्ययन के अनुसार)।
- सर्वाइकल कैंसर के लगभग सभी मामले (99%) उच्च जोखिम वाले HPV संक्रमण से जुड़े हैं, जो यौन संपर्क के माध्यम से प्रसारित होने वाला एक अत्यंत सामान्य वायरस है।
- प्रभावी प्राथमिक (HPV टीकाकरण) और माध्यमिक रोकथाम दृष्टिकोण (कैंसर पूर्ववर्ती घावों के लिये जाँच एवं उपचार) सर्वाइकल कैंसर के अधिकांश मामलों को रोकने में सक्षम होगा।
- जब सर्वाइकल कैंसर का निदान किया जाता है, तो यह कैंसर के सबसे सफलतापूर्वक इलाज योग्य रूपों में से एक है, जितना शीघ्र इसका पता चल जाता है इसे उतने ही प्रभावी ढंग से प्रबंधित किया जा सकता है।
- सर्वाइकल कैंसर के वैश्विक बोझ का लगभग पाँचवाँ हिस्सा भारत पर है, जहाँ प्रत्येक वर्ष लगभग 1.25 लाख मामले और लगभग 75,000 मौतें दर्ज की जाती हैं।
- सर्वाइकल कैंसर एक महिला के गर्भाशय ग्रीवा में विकसित होता है। यह विश्व स्तर पर महिलाओं में चौथा सबसे आम प्रकार का कैंसर है और यह भारत में महिलाओं में दूसरा सबसे आम प्रकार है।
- तनाव के प्रकार :
- कुछ उच्च जोखिम वाले HPV उपभेदों के साथ लगातार संक्रमण सभी सर्वाइकल कैंसर के लगभग 85% का कारण बनता है।
- कम से कम 14 HPV प्रकारों की पहचान ऑन्कोजेनिक (कैंसर पैदा करने की क्षमता) के रूप में की गई है।
- इनमें से HPV प्रकार 16 और 18, जिन्हें सबसे अधिक ऑन्कोजेनिक माना जाता है, वैश्विक स्तर पर सभी गर्भाशय ग्रीवा कैंसर के लगभग 70% मामलों के लिये ज़िम्मेदार पाए गए हैं।
UPSC सिविल सेवा परीक्षा, विगत वर्ष के प्रश्नप्रिलिम्स:प्रश्न: भारत सरकार द्वारा शुरू किया गया मिशन इंद्रधनुष' किससे संबंधित है? (2016) (a) बच्चों और गर्भवती महिलाओं का टीकाकरण उत्तर: A व्याख्या:
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Rapid Fire (करेंट अफेयर्स): 13 जनवरी, 2024
ICD 11 TM मॉड्यूल 2 की लॉन्चिंग: आयुष चिकित्सा का वैश्विक एकीकरण
विश्व स्वास्थ्य संगठन (World Health Organisation- WHO) ने आधिकारिक तौर पर रोगों का अंतर्राष्ट्रीय वर्गीकरण 11, पारंपरिक चिकित्सा मॉड्यूल 2 का अनावरण किया है, जो इसके कार्यांवयन चरण की शुरुआत है।
- यह मॉड्यूल आयुर्वेद, सिद्ध और यूनानी चिकित्सा से डेटा एवं शब्दावली को कूट के रूप में अनुक्रमित कर WHO ICD-11 वर्गीकरण में शामिल करता है।
- आयुष (AYUSH) मंत्रालय ने WHO के सहयोग से आयुर्वेद, सिद्ध और यूनानी चिकित्सा प्रणालियों से संबंधित बीमारियों को TM-2 मॉड्यूल के तहत वर्गीकृत किया है।
- WHO के अनुसार ICD-11 में पारंपरिक चिकित्सा शब्दावली को शामिल करने से पारंपरिक चिकित्सा और वैश्विक मानकों के बीच एक महत्त्वपूर्ण संबंध स्थापित होता है।
और पढ़ें: रोगों का अंतर्राष्ट्रीय वर्गीकरण, पारंपरिक चिकित्सा हेतु वैश्विक केंद्र
LAC के निकट ठंडे क्षेत्रों के लिये उन्नत 'पप टेंट' हेतु भारतीय सेना की योजना
भारतीय सेना ने -50 डिग्री सेल्सियस तापमान वाले बर्फीले वास्तविक नियंत्रण रेखा (LAC) की ऊँचाई पर सैनिकों के लिये 'पप टेंट (Pup Tents)' लगाने की योजना बनाई है।
- 'पप टेंट’ पूर्वी लद्दाख, सिक्किम और सियाचिन ग्लेशियर जैसे अत्यधिक ठंडे मौसम की स्थिति में तैनात सैनिकों के लिये हैं।
- वास्तविक नियंत्रण रेखा (LAC) वह सीमा है जो भारत और अक्साई चीन (चीन के अधिग्रहण वाला भारतीय क्षेत्र) के क्षेत्रों को विभाजित करती है।
- इसे तीन सेक्टरों में विभाजित किया गया है: पूर्वी सेक्टर जो अरुणाचल प्रदेश और सिक्किम (1346 किमी.) तक विस्तृत है, मध्य सेक्टर उत्तराखंड और हिमाचल प्रदेश (545 किमी.) में है, और पश्चिमी सेक्टर लद्दाख (1597 किमी.) में है।
और पढ़ें: भारत-चीन संघर्ष
इंडियन ऑफ द ईयर अवार्ड, 2023
हाल ही में केंद्रीय विज्ञान और प्रौद्योगिकी राज्य मंत्री ने भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (Indian Space Research Organisation- ISRO) 'उत्कृष्ट उपलब्धि' की श्रेणी में को वर्ष 2023 के लिये "इंडियन ऑफ द ईयर अवार्ड" प्रदान किया।
- इस पुरस्कार ने विशेष रूप से चंद्रमा के अज्ञात दक्षिण ध्रुवीय क्षेत्र पर चंद्रयान-3 की ऐतिहासिक सॉफ्ट लैंडिंग को उजागर करते हुए अंतरिक्ष अन्वेषण में ISRO के योगदान को मान्यता दी।
- इस कार्यक्रम में निजी अंतरिक्ष क्षेत्र की उल्लेखनीय वृद्धि पर भी प्रकाश डाला गया जिसमें 190 स्टार्टअप्स द्वारा 1,000 करोड़ रुपए से अधिक का निवेश किया गया है।।
और पढ़ें…भारत के अंतरिक्ष प्रयास
गंगीरेड्डू मेलम
गंगीरेड्डू मेलम, तेलंगाना और आंध्र प्रदेश में संक्रांति फसल उत्सव से जुड़ा एक पारंपरिक लोक प्रदर्शन है।
- रंग-बिरंगे फूलों एवं परिधानों से सुसज्जित बैल नृत्य का केंद्रीय विषय है। प्रदर्शन में स्थानीय लोककथाओं के साथ कहानी कहने के तत्त्वों को भी शामिल किया जाता है, जो क्षेत्र की समृद्ध सांस्कृतिक विरासत को प्रदर्शित करते हैं।
- फसल उत्सव 'संक्रांति' आंध्र प्रदेश और तेलंगाना में भोगी, संक्रांति तथा कनुमा के रूप में तीन दिनों तक मनाया जाता है।
- संक्रांति, सूर्य के मकर राशि में प्रवेश के पहले दिन को दर्शाती है, जो शीत अयनांत की समाप्ति एवं लंबे दिनों की शुरुआत का प्रतीक है।
- संक्रांति देश के विभिन्न भागों में अलग-अलग नामों से मनाई जाती है:
और पढ़ें… शीत अयनांत, संक्रांति