प्रारंभिक परीक्षा
टाईपबार टाइफाइड वैक्सीन
स्रोत: द हिंदू
चर्चा में क्यों?
हाल ही में अफ्रीका के मलावी, जो कि टाइफाइड बुखार के लिये स्थानिक क्षेत्र है, में किये गए चरण-3 परीक्षण (9 माह से 12 वर्ष की आयु तक बच्चों पर) ने भारत बायोटेक के टाइफाइड कन्ज्यूगेट वैक्सीन (TCV), टाइपबार की दीर्घकालिक प्रभावकारिता प्रदर्शित की है। अध्ययन में टीके की प्रभावकारिता सभी आयु वर्ग के बच्चों में देखी गई।
- टाईपबार TCV विश्व की पहली चिकित्सकीय रूप से प्रामाणित कन्ज्यूगेट टाइफाइड वैक्सीन है।
- भारत बायोटेक द्वारा निर्मित कन्ज्यूगेट टाइफाइड वैक्सीन को वर्ष 2017 में WHO प्रीक्वालिफिकेशन प्राप्त हुआ था।
नोट:
- कन्ज्यूगेट या संयुग्मित वैक्सीन एक ऐसी वैक्सीन है जो एक कमज़ोर एंटीजन को मज़बूत एंटीजन जिसे वाहक प्रोटीन (Carrier Protein) भी कहा जाता है, के साथ संयोजित करता है। यह संयोजन प्रतिरक्षा प्रणाली को कमज़ोर एंटीजन के प्रति एक मज़बूत और अधिक प्रभावी प्रतिरक्षा प्रतिक्रिया विकसित करने में मदद करता है।
- यह मज़बूत प्रतिरक्षा प्रतिक्रिया उस रोगजनक (Pathogen) से संक्रमण से बचाने में मदद करती है जिसके परिणामस्वरूप कमज़ोर एंटीजन उत्पन्न हुआ था।
टाईपबार वैक्सीन परीक्षणों के प्रमुख निष्कर्ष क्या हैं?
- फरवरी से सितंबर 2018 की अवधि के दौरान बच्चों को वैक्सीन का सिंगल डोज़ टीका लगाया गया था।
- 14,069 बच्चों को टाइफाइड का टीका लगाया गया जबकि शेष 14,061 बच्चों को कंट्रोल वैक्सीन (MeNA) लगाई गई।
- 9 माह से 2 वर्ष की उम्र के बच्चों में 4.3 वर्ष के औसत अनुवर्ती के अंत में प्रभावकारिता 70.6% थी।
- 2 से 4 वर्ष के बच्चों में प्रभावकारिता 79.6% थी, जबकि 5 से 12 वर्ष के बच्चों में प्रभावकारिता 79.3% थी।
- प्रति 1,000 टीकाकरण वाले बच्चों में जोखिम में टाइफाइड संक्रमण कम होकर 6.1 तक पाया गया।
- समय के साथ टीके की प्रभावकारिता में अनुमानित कमी चार वर्षों में प्रति वर्ष केवल 1-3% थी।
टाइफाइड क्या है?
- परिचय: टाइफाइड बुखार एक जानलेवा संक्रमण है जो साल्मोनेला टाइफी (Salmonella Typhi) नामक जीवाणु के कारण होता है। इसका प्रसार आमतौर पर दूषित भोजन या जल द्वारा होता है।
- यह दूषित भोजन या जल के सेवन से मल-मौखिक मार्ग (faecal-oral route) द्वारा संचरित होता है।
- एक बार शरीर में प्रवेश करने के बाद यह बैक्टीरिया गुणित होता है और रक्तप्रवाह में फैल जाता है।
- शहरीकरण और जलवायु परिवर्तन के परिणामस्वरूप टाइफाइड का वैश्विक बोझ बढ़ने की संभावना व्यक्त की गई है।
- यह दूषित भोजन या जल के सेवन से मल-मौखिक मार्ग (faecal-oral route) द्वारा संचरित होता है।
- लक्षण: इसमें बुखार, थकान, गैस्ट्रोइंटेस्टाइनल समस्याएँ, सिरदर्द और कभी-कभी शरीर पर चकत्ते (rashes) पड़ जाना शामिल हैं।
- इसके गंभीर मामलों में बहुत अधिक समस्याएँ या मृत्यु भी हो सकती है, इसकी पुष्टि रक्त परीक्षण से होती है।
- जोखिम और रोग बोझ: वर्ष 2019 में, विश्व भर में अनुमानतः 9.24 मिलियन टाइफाइड के मामले सामने आए और इस बीमारी के कारण 1,10,000 मौतें हुईं।
- यह एक महत्त्वपूर्ण स्वास्थ्य मुद्दा बना हुआ है, विशेष रूप से विकासशील क्षेत्रों में। वर्ष 2019 में टाइफाइड के अधिकांश मामले दक्षिण-पूर्व एशिया और अफ्रीका में सामने आए तथा सर्वाधिक मौतें भी इन्हीं क्षेत्रों में हुईं।
- स्वच्छ जल और स्वच्छता की कमी से इसका जोखिम बढ़ जाता है, विशेष रूप से बच्चों के लिये।
- उपचार: एंटीबायोटिक इसके उपचार का मुख्य आधार हैं, लेकिन एंटीबायोटिक उपचार के प्रति बढ़ती प्रतिरोधक क्षमता के कारण उन समुदायों में टाइफाइड का प्रसार आसानी से हो रहा है जिनकी सुरक्षित पेयजल या पर्याप्त स्वच्छता तक पहुँच नहीं है।
- बैक्टीरिया के प्रतिरोधी उपभेदों के अस्तित्व का अर्थ है कि उन्हें मारने के लिये बनाई गई एंटीबायोटिक या दवाएँ अब काम नहीं करती हैं, जिससे इनका प्रसार तेज़ी से होता है, फलतः सार्वजनिक स्वास्थ्य के लिये जोखिम उत्पन्न होता है।
- रोकथाम: रोकथाम रणनीतियों में सुरक्षित जल, स्वच्छता और साफ-सफाई तक पहुँच शामिल है।
- WHO टाइफाइड स्थानिक देशों में नियमित शिशु टीकाकरण कार्यक्रमों में टाइफाइड कन्ज्यूगेट वैक्सीन को एकीकृत करने की सिफारिश करता है।
- गावी (GAVI) पात्र देशों में वैक्सीन कार्यान्वयन का समर्थन करता है।
- वैक्सीन एलायंस (GAVI) की स्थापना वर्ष 2000 में एक वैश्विक स्वास्थ्य साझेदारी के रूप में की गई थी, जिसका लक्ष्य विश्व के सबसे गरीब देशों में रहने वाले बच्चों के लिये नए और कम उपयोग वाले टीकों तक समान पहुँच बनाना था।
- जून 2020 में ग्लोबल वैक्सीन शिखर सम्मेलन के दौरान भारत ने GAVI के 2021-2025 कार्यक्रम के लिये 15 मिलियन अमेरिकी डॉलर देने का वादा किया।
UPSC सिविल सेवा परीक्षा, विगत वर्ष के प्रश्नप्रिलिम्स:प्रश्न. निम्नलिखित में से कौन-से, भारत में सूक्ष्मजैविक रोगजनकों में बहु-औषध प्रतिरोध के होने के कारण हैं?
नीचे दिये गए कूट का प्रयोग कर सही उत्तर चुनिये: (a) 1 और 2 उत्तर: (b) |
प्रारंभिक परीक्षा
हिंदू कुश हिमालय
स्रोत: डी. टी. ई.
चर्चा में क्यों?
अंतर्राष्ट्रीय एकीकृत पर्वतीय विकास केंद्र (international Centre for Integrated Mountain Development- ICIMOD) ने एक चेतावनी जारी की है, जिसमें हाई माउंटेन एशिया में प्रकृति के पतन को रोकने के लिये "साहसिक कार्रवाई" और "तत्काल वित्त" का आह्वान किया गया है।
- इसमें कहा गया है कि 'बायोस्फियर ओन द ब्रिक' के रूप में हिंदू कुश हिमालय (HKH), पृथ्वी पर सर्वाधिक जैवविविधता वाले क्षेत्रों में से एक है।
हिंदू कुश हिमालय क्या है?
- परिचय: यह 3500 किलोमीटर से अधिक और आठ देशों अफगानिस्तान, बांग्लादेश, भूटान, चीन, भारत, नेपाल, म्याँमार व पाकिस्तान में फैला हुआ है, यह HKH आर्कटिक तथा अंटार्कटिका के बाहर बर्फ एवं हिमपात के सबसे बड़े आयतन में से एक है।
- विश्व के 36 वैश्विक जैवविविधता हॉटस्पॉट में से 4 इसी क्षेत्र में हैं।
- हिमालय, इंडो-बर्मा, दक्षिण-पश्चिम चीन के पर्वत और मध्य एशिया के पर्वत।
- विश्व के 36 वैश्विक जैवविविधता हॉटस्पॉट में से 4 इसी क्षेत्र में हैं।
- एशिया का जल मीनार (Water Tower of Asia): इसे 'एशिया का जल मीनार' कहा जाता है। HKH (हिंदूकुश हिमालय) से संपूर्ण एशियाई महाद्वीप में प्रत्येक दिशा में कम-से-कम 12 नदियाँ बहती हैं:
- सिंधु, गंगा और ब्रह्मपुत्र नदी अरब सागर एवं बंगाल की खाड़ी की ओर
- सिर दरिया (Syr Darya) और अमु दरिया (Amu Darya) मृत अरल सागर की ओर
- तारिम टकलामकान (Taklamakan) की ओर
- येलो नदी बोहाई की खाड़ी की ओर
- यांग्त्ज़ी नदी पूर्वी चीन सागर की ओर
- मेकांग नदी दक्षिण चीन सागर की ओर
- चिंदविन, साल्विन और इरावदी अंडमान सागर की ओर
- चिंता:
- बढ़ता जलवायु खतरा: HKH क्षेत्र में वॉर्मिंग की दर का संपूर्ण उत्तरी गोलार्द्ध में दर्ज़ की गई औसत दर से लगभग दोगुना होने का अनुमान है।
- पारिस्थितिकी तंत्र का क्षरण: रिपोर्ट से संकेत मिलता है कि क्षेत्र का 70-80% मूल निवास स्थान पहले ही नष्ट हो चुका है, यह नुकसान वर्ष 2100 तक बढ़कर 80-87% हो सकता है।
- मानव भेद्यता: HKH क्षेत्र में लगभग 241 मिलियन व्यक्ति निवास करते हैं, जिनमें से एक महत्त्वपूर्ण भाग खाद्य असुरक्षा और कुपोषण का सामना कर रहा है।
नोट: एशिया के उच्च पर्वतीय क्षेत्र में तियान शान, कुनलुन शान, पामीर, काराकोरम, हिंदूकुश, तिब्बती पठार और हिमालय जैसी पर्वत शृंखलाएँ शामिल हैं।
अंतर्राष्ट्रीय एकीकृत पर्वतीय विकास केंद्र (International Centre for Integrated Mountain Development-ICIMOD) क्या है?
- परिचय: ICIMOD वर्ष 1983 में स्थापित एक क्षेत्रीय अंतरसरकारी संगठन है, जो एक हरित, अधिक समावेशी और लचीले जलवायु वाले हिंदूकुश हिमालय की दिशा में कार्यरत है।
UPSC सिविल सेवा परीक्षा, विगत वर्ष के प्रश्नप्रिलिम्स:प्रश्न. जब आप हिमायल की यात्रा करेंगे, तब आप निम्नलिखित को देखेंगे: (2012)
उपर्युक्त में से कौन-से हिमालय तरुण वलित पर्वत होने के साक्ष्य कहे जा सकते हैं? (a) केवल 1 और 2 उत्तर: (d) मेन्स:प्रश्न.1 विश्व की प्रमुख पर्वत शृंखलाओं के संरेखण का संक्षिप्त उल्लेख कीजिये तथा उनके स्थानीय मौसम पर पड़े प्रभावों का सोदाहरण वर्णन कीजिये। (2021) प्रश्न.2 हिमालय के हिमनदों के पिघलने का भारत के जल-संसाधनों पर किस प्रकार दूरगामी प्रभाव होगा? (2020) |
रैपिड फायर
वोल्ट टाइफून
स्रोत: इंडियन एक्सप्रेस
माइक्रोसॉफ्ट ने चीनी राज्य-प्रायोजित समूह वोल्ट टाइफून (Volt Typhoon) द्वारा खुफिया, लक्षित दुर्भावनापूर्ण गतिविधि का पता लगाया है, जिसका उद्देश्य समझौता किये गए क्रेडेंशियल एक्सेस और नेटवर्क सिस्टम डिस्कवर, अमेरिका के महत्त्वपूर्ण अवसंरचना को लक्षित करना है।
- वोल्ट टाइफून संचार, विनिर्माण, उपयोगिताओं, परिवहन, निर्माण, समुद्री, सरकार, IT और शिक्षा सहित विभिन्न क्षेत्रों को प्रभावित कर रहा है।
- यह लंबे समय तक अज्ञात जासूसी और पहुँच बनाए रखने के खुफिया इरादे (Covert Intent) को इंगित करता है।
- अपने लक्ष्य तक पहुँचने के लिये हमलावर खुफिया तरीके से ध्यान केंद्रित करता है जैसे- नियमित नेटवर्क ट्रैफिक के भीतर अपनी गतिविधि को छिपाना, डेटा एकत्र करने और पहुँच बनाए रखने हेतु बुनियादी तकनीकों का उपयोग करना, अक्सर समझौता किये गए घरेलू कार्यालय उपकरण तथा रिमोट कंट्रोल के लिये कस्टम टूल का प्रयोग करना।
- यह लंबे समय तक अज्ञात जासूसी और पहुँच बनाए रखने के खुफिया इरादे (Covert Intent) को इंगित करता है।
- इक्वेशन ग्रुप (USA), फैंसी बियर (रूस), APT37 (उत्तर कोरिया), तुरला- APT34 (ईरान), सैंडवर्म (रूस) आदि सुरक्षा एजेंसियों द्वारा उपयोग किये जाने वाले कुछ अन्य हैकिंग समूह हैं।
और पढ़ें: साइबर सुरक्षा
रैपिड फायर
मृत्युदंड के लिये नाइट्रोजन गैस का उपयोग
स्रोत: द हिंदू
हाल ही में संयुक्त राज्य अमेरिका में नाइट्रोजन गैस का उपयोग कर एक व्यक्ति को मृत्युदंड (वर्ष 1982 के बाद पहली बार) दिया गया जिसके परिणामस्वरूप मृत्युदंड की नैतिकता तथा प्रभावकारिता चर्चा का विषय बन गए हैं।
- फाँसी के लिये नाइट्रोजन गैस का उपयोग करने से निवासियों में आक्रोश फैल गया तथा मृत्युदंड के नैतिक एवं विधिक पहलुओं पर पुनः बहस शुरू हो गई।
- हाइपोक्सिया अथवा ऑक्सीजन की कमी, नाइट्रोजन गैस के कारण होती है और इसे मृत्युदंड की एक विधि के रूप में प्रयोग किया जाता है जिसके परिणामस्वरूप अपराधी बेहोश हो जाता है एवं अंततः उसकी मृत्यु हो जाती है।
- इस प्रक्रिया में सामान्यतः संबद्ध व्यक्ति को एक वायुमुक्त कक्ष में बैठाया जाता है अथवा उसके मुख पर मास्क पहनाया जाता है जिसके माध्यम से नाइट्रोजन गैस पंप की जाती है।
- श्वसन के माध्यम से जैसे ही व्यक्ति नाइट्रोजन के संपर्क में आता है, नाइट्रोजन उसके फेफड़ों में मौजूद ऑक्सीजन को अवशोषित कर लेता है जिससे रक्तप्रवाह तथा मस्तिष्क में ऑक्सीजन की कमी हो जाती है।
रैपिड फायर
ICC पुरुष टेस्ट गेंदबाजी रैंकिंग में जसप्रीत बुमराह शीर्ष पर
भारतीय क्रिकेट टीम के तेज़ गेंदबाज़ जसप्रीत बुमराह इंग्लैंड के खिलाफ विशाखापत्तनम टेस्ट मैच में अपने शानदार गेंदबाज़ी प्रदर्शन के बाद ICC पुरुष टेस्ट गेंदबाजी रैंकिंग में शीर्ष स्थान पर पहुँचने वाले पहले भारतीय तेज़ गेंदबाज़ बन गए।
- बुमराह ने पैट कमिंस, कैगिसो रबाडा और रविचंद्रन अश्विन को पीछे छोड़ते हुए यह स्थान प्राप्त किया, साथ ही बिशन सिंह बेदी, रवींद्र जड़ेजा और अश्विन (सभी स्पिनर) के बाद यह उपलब्धि प्राप्त करने वाले चौथे भारतीय बन गए।
- न्यूज़ीलैंड के केन विलियमसन वर्तमान में ICC पुरुष टेस्ट बल्लेबाज़ी रैंकिंग में शीर्ष स्थान पर हैं।
और पढ़ें: क्रिकेट में वेतन समानता
रैपिड फायर
NISAR चरण II परियोजना में शामिल हुआ कुफोस
स्रोत: द हिंदू
NASA-ISRO सिंथेटिक एपर्चर रडार (NISAR) चरण-II रडार डेटा के माध्यम से वन बायोमास और कार्बन अनुवीक्षण पर केंद्रित एक अत्याधुनिक अनुसंधान परियोजना है, हाल ही में केरल यूनिवर्सिटी ऑफ फिशरीज एंड ओशन स्टडीज़ (KUFOS) ने इस परियोजना में भाग लेने की घोषणा की है।
- भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (ISRO) तथा NISAR कार्यक्रम के प्रारंभिक चरण की सफलता के बाद इस सहयोग की घोषणा की गई है, पहला चरण विभिन्न क्षेत्रों में वन बायोमास की वास्तविक से जुड़े डेटा के मान्यीकरण पर केंद्रित था।
- नासा और इसरो द्वारा संयुक्त रूप से वर्ष 2024 में लॉन्च किये जाने के लिये प्रस्तावित स्पेस-बोर्न सिंथेटिक एपर्चर रडार का विकास किया जा रहा है।
- NISAR का लक्ष्य व्यापक क्षेत्रों के उच्च-सटीकता वाले डेटा प्रदान करके पृथ्वी संसाधन के अवलोकन में क्रांति लाना है।
- यह परियोजना कृषि, वानिकी, आर्द्रभूमि और मृदा की नमी के आकलन के व्यवस्थित अनुवीक्षण के लिये काफी महत्त्वपूर्ण है।
और पढ़ें… NISAR मिशन