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सामाजिक न्याय

टाइफाइड कॉनज्युगेट वैक्सीन

  • 10 Dec 2019
  • 5 min read

प्रीलिम्स के लिये

टाइफाइड कॉनज्युगेट वैक्सीन, सालमोनेला टाईफी तथा एक्सडीआर (XDR) टाइफाइड क्या है?

मेन्स के लिये

यूनिवर्सल हेल्थ कवरेज की दिशा में टाइफाइड कॉनज्युगेट वैक्सीन की भूमिका

चर्चा में क्यों?

भारत की हैदराबाद स्थित दवा निर्माता कंपनी भारत बायोटेक (Bharat Biotech) द्वारा टाइफाइड के उपचार के लिये विकसित की गई टाइफाइड कॉनज्युगेट वैक्सीन (Typhoid Conjugate Vaccine-TCV) अन्य वैक्सीनों की तुलना में अधिक कारगर पाई गई।

मुख्य बिंदु:

  • विश्व स्वास्थ्य संगठन (World Health Organisation-WHO) ने वर्ष 2018 में इस वैक्सीन के सफल परीक्षण के बाद टाइफाइड से प्रभावित देशों में छह माह से ऊपर के शिशु तथा 16 वर्ष तक की आयु के बच्चों के लिये TCV के वाणिज्यिक प्रयोग की अनुशंसा की थी।
  • इस वैक्सीन का क्लिनिकल परीक्षण (Clinical Trial) नेपाल में 10,000 बच्चों पर किया गया था। परीक्षण में टाइफाइड से होने वाले बुखार की रोकथाम में TCV 82 प्रतिशत तक सक्षम पाई गई।
  • बाज़ार में यह वैक्सीन टाइपबार टीसीवी (Typbar TCV) के नाम से प्रयोग में लाई जा रही है।
  • टाइफाइड अत्यधिक संक्रामक बैक्टीरिया सालमोनेला टाईफी (Salmonella Typhi) के कारण होता है। यह संक्रमित भोजन तथा पानी के माध्यम से फैलता है।
  • वैश्विक स्तर पर प्रतिवर्ष लगभग 1 करोड़ 10 लाख लोग टाइफाइड से ग्रसित होते हैं तथा इनमें 1 लाख से अधिक लोगों की मौत हो जाती है।
  • WHO के अनुसार, टाइफाइड के मामले 2 वर्ष से कम आयु के बच्चों में अधिक देखने को मिलते हैं।

कॉनज्युगेट वैक्सीन (Conjugate Vaccine):

  • ऐसी वैक्सीन जिसमें एंटीजन (Antigen) को रासायनिक तौर पर वाहक प्रोटीन (Career Protein) के साथ जोड़ दिया जाता है, कॉनज्युगेट वैक्सीन कहलाती हैं।
  • इस वैक्सीन में पॉलीसैकराइड (Polysaccharide) को एंटीजन के तौर पर प्रयोग किया गया है।
  • हालाँकि टाइफाइड की रोकथाम के लिये पहले ही दो वैक्सीन मौजूद हैं जिनका नाम- पॉलीसैकराइड टाइफाइड वैक्सीन (Polysaccharide Typhoid Vaccine) तथा लाइव, वीकेनेड टाइफाइड वैक्सीन (Live, Weakened Typhoid Vaccine) है।
  • लेकिन जहाँ TCV की एक खुराक (Dose) टाइफाइड की रोकथाम में 82 प्रतिशत तक सक्षम है, वहीं इन दोनों वैक्सीनों की दो खुराक इसे रोकने में मात्र 60-70 प्रतिशत तक ही सक्षम हैं।
  • इसके अलावा TCV छह माह के शिशु को भी दी जा सकती है, जबकि अन्य वैक्सीनों का प्रयोग केवल 2 वर्ष से अधिक आयु के बच्चों पर ही किया जा सकता है।
  • टाइफाइड के बैक्टीरिया का उपचार एंटीबायोटिक्स से भी किया जा सकता है लेकिन पिछले कुछ वर्षों में पाया गया है कि इसके बैक्टीरिया ने कुछ एंटीबायोटिक्स के खिलाफ प्रतिरोधक क्षमता विकसित कर ली है।
  • इस प्रकार के मल्टीड्रग प्रतिरोधक टाइफाइड बैक्टीरिया (Multi-drug Resistant Typhoid Bacteria) दक्षिण एशिया तथा अफ्रीका के कुछ हिस्सों में पाए गए हैं।
  • इसके अलावा पाकिस्तान, भारत तथा बांग्लादेश में एक्सडीआर (Extensively Drug Resistant-XDR) टाइफाइड का संक्रमण पाया गया हैं। इन देशों में पाकिस्तान टाइफाइड से सर्वाधिक प्रभावित है।
  • भारत बायोटेक कंपनी की तरफ से वर्ष 2017 से ही पाकिस्तान को TCV की आपूर्ति की जा रही है तथा पाकिस्तान पहला देश है जिसने TCV को राष्ट्रीय रोग-प्रतिरक्षण कार्यक्रम (National Immunisation Programme) में शामिल किया है।

स्रोत: द हिंदू

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