iVOFm तकनीक
जल संदूषण की समस्या से निपटने तथा स्वच्छ एवं पीने योग्य जल तक पहुँच बढ़ाने हेतु भारतीय विज्ञान शिक्षा और अनुसंधान संस्थान (Indian Institute of Science Education and Research- IISER), पुणे ने प्रदूषित जल को साफ करने के लिये मैक्रो/सूक्ष्म छिद्रपूर्ण आयनिक जैविक ढाँचा- iVOFm प्रस्तुत किया है।
वायोलोजेन-यूनिट ग्राफ्टेड ऑर्गेनिक-फ्रेमवर्क (iVOFm):
- वायोलोजेन-यूनिट ग्राफ्टेड ऑर्गेनिक-फ्रेमवर्क (iVOFm) अद्वितीय आणविक स्पंज जैसी सामग्री है जो प्रदूषित जल में मौजूद दूषित पदार्थों को सोख कर उसे साफ करती है।
- मीठे जल के स्रोतों में कार्सिनोजेनिक संदूषक शामिल होते हैं जिन्हें सॉर्बेंट सामग्री और आयन-विनिमय प्रक्रियाओं (ion-exchange techniques) का उपयोग करके समाप्त किया जा सकता है, हालाँकि ये प्रक्रियाएँ उतनी सक्षम नहीं हैं। iVOFm की मदद से इसमे सुधार होने की संभावना है।
- लक्षित प्रदूषक को हटाने के लिये aFm इलेक्ट्रोस्टैटिक रूप से संचालित आयन-एक्सचेंज, नैनोमीटर-आकार के मैक्रोप्रोर्स और विशेष बाइंडिंग साइट्स के संयोजन का उपयोग करता है।
- iVOFm और मैक्रोपोरोसिटी (कैविटी> 75 मीटर) की अंतर्निहित cationic प्रकृति द्वारा दूषित पदार्थों (कार्बनिक + अकार्बनिक,> 30 सेकंड में 93% कमी) का तेजी से प्रसार संभव है।
- सामान्य सॉर्बेंट सामग्री के विपरीत यह सामग्री विषाक्त प्रदूषकों के प्रति बहुत ही चयनात्मक पाई जाती है। इसे बाथिंग स्पंज की तरह कई बार उपयोग किया जा सकता है।
आयन-एक्सचेंज तकनीक:
- आयन एक्सचेंज (IX) विआयनीकरण की एक प्रक्रिया है जिसमें जल में घुलित अशुद्ध आयनों को हाइड्रोजन और हाइड्रॉक्सिल आयनों द्वारा प्रतिस्थापित किया जाता है जिससे जल शुद्ध होता है।
- वाटर सॉफ्टनर IX तकनीक के समान हैं क्योंकि दोनों जल से मैग्नीशियम और कैल्शियम आयनों को हटा सकते हैं।
स्रोत: द हिंदू
17वाँ प्रवासी भारतीय दिवस सम्मेलन
भारत के विकास में प्रवासी भारतीय समुदाय के योगदान को चिह्नित करने के लिये 9 जनवरी को प्रवासी भारतीय दिवस मनाया जाता है।
- प्रधानमंत्री ने मध्य प्रदेश के इंदौर में तीन दिवसीय 17वें प्रवासी भारतीय दिवस सम्मलेन और स्वतंत्रता संग्राम में प्रवासी भारतीयों के योगदान पर एक डिजिटल प्रदर्शनी का उद्घाटन किया। इस अवसर पर उन्होंने एक स्मारक डाक टिकट 'सुरक्षित जाएँ, प्रशिक्षित जाएँ' भी जारी किया।
प्रवासी भारतीय दिवस:
- पृष्ठभूमि:
- 9 जनवरी को PBD के रूप में चुना गया था क्योंकि इसी दिन वर्ष 1915 में महात्मा गांधी दक्षिण अफ्रीका से भारत लौटे थे, जिन्होंने भारत के स्वतंत्रता संग्राम का नेतृत्व किया था।
- वर्ष 2003 से प्रवासी दिवस मनाने की शुरुआत की गई लेकिन वर्ष 2015 में इसे संशोधित किया गया और हर दो वर्ष पर इसे मनाने का निर्णय लिया गया। यह तब एक विषय-आधारित सम्मेलन था जिसे प्रत्येक वर्ष अंतरिम अवधि के दौरान आयोजित किया जाता था।
- PBD सम्मेलन हर दो वर्ष में आयोजित किया जाता है।
- PBD 2023: इसका विषय "प्रवासी: अमृत काल में भारत की प्रगति के विश्वसनीय भागीदार (Diaspora: Reliable partners for India’s progress in Amrit Kaal)" है।
- इस दिन सरकार प्रवासी भारतीय सम्मान पुरस्कार भी प्रदान करती है।
- यह एक अनिवासी भारतीय (NRI) या भारतीय मूल के व्यक्ति (PIO) और अनिवासी भारतीयों या भारतीय मूल के व्यक्तियों द्वारा स्थापित एवं संचालित एक संगठन/संस्था को दिया जाने वाला सर्वोच्च सम्मान है, जिन्होंने विदेशों में भारत को बेहतर ढंग से समझने में महत्त्वपूर्ण योगदान दिया है तथा भारत के कारणों एवं चिंताओं का मूर्त रूप से समर्थन करते हैं।
- महत्त्व:
- यह दिन महत्त्वपूर्ण भूमिका निभाता है क्योंकियह प्रवासी भारतीय समुदाय को सरकार और देश के मूल लोगों के साथ जुड़ने के लिये साझा मंच प्रदान करता है।
- यह कन्वेंशन दुनिया के विभिन्न हिस्सों में रहने वाले प्रवासी भारतीय समुदाय के बीच नेटवर्किंग में बहुत उपयोगी है और उन्हें विभिन्न क्षेत्रों में अपने अनुभव साझा करने में सक्षम बनाता है।
प्रवासी भारतीयों से संबंधित सरकारी पहलें:
- प्रवासी कौशल विकास योजना (PKVY): प्रवासी भारतीय कामगारों के कौशल विकास की प्रक्रिया को संस्थागत बनाना।
- प्रवासी बच्चों के लिये छात्रवृत्ति कार्यक्रम (Scholarship Programme for Diaspora Children- SPDC): स्नातक पाठ्यक्रमों हेतु भारतीय मूल के व्यक्तियों (PIO) और अनिवासी भारतीय (NRI) छात्रों को प्रतिवर्ष 100 छात्रवृत्तियाँ प्रदान की जाती हैं।
- ‘भारत को जानो’ कार्यक्रम (Know India Program- KIP): यह भारतीय मूल के युवाओं (18-30 वर्ष) को भारतीय मूल और समकालीन भारत से परिचित कराता है।
- ई-माइग्रेट सिस्टम: यह एक विदेशी नियोक्ता डेटाबेस है। यह कल्याण सुनिश्चित करता है और प्रवासियों के शोषण पर रोक लगाता है।
- VAJRA (उन्नत संयुक्त अनुसंधान संकाय का दौरा) योजना: यह एक रोटेशन कार्यक्रम को औपचारिक रूप देता है जिसमें शीर्ष एनआरआई वैज्ञानिक, इंजीनियर, डॉक्टर, प्रबंधक और पेशेवर एक संक्षिप्त अवधि के लिये भारतीय सार्वजनिक क्षेत्र के संगठनों में अपनी विशेषज्ञ सेवाएँ प्रदान करते हैं।
स्रोत: पी.आई.बी.
Rapid Fire (करेंट अफेयर्स): 09 जनवरी, 2023
वित्तीय समावेशन पर G-20 समूह की पहली बैठक
वित्तीय समावेशन पर G-20 कार्यकारी समूह की पहली बैठक 9 जनवरी से कोलकाता में शुरू हो रही है। सभी सदस्य देश, आमंत्रित देश और विश्व बैंक, अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष तथा संयुक्त राष्ट्र जैसे आमंत्रित संगठन इस बैठक में हिस्सा लेंगे। प्रारंभिक सत्र में चर्चा का विषय वित्तीय समावेशन के लिये वैश्विक भागीदारी है। वित्त मंत्रालय में वित्तीय कार्य विभाग के सलाहकार के अनुसार, यह बैठक वित्तीय समावेशन के लिये डिजिटल सार्वजनिक बुनियादी ढाँचे को सुलभ बनाने संबंधी चर्चा के साथ आरंभ होगी। परिचर्चा में अंतर्राष्ट्रीय स्तर के 12 वित्तीय विशेषज्ञ भाग लेंगे। इसमें नवोन्मेषी वित्तीय उत्पादों से संबंधित एक प्रदर्शनी का भी आयोजन किया जा रहा है। मुख्य सत्र दिनांक 10 जनवरी को होगा। इसके अलावा इसमें छात्रों में वित्तीय साक्षरता बढ़ाने हेतु एक विशेष संगोष्ठी का भी आयोजन किया जा रहा है। इस बैठक के अन्य प्रमुख बिंदुओं के अंतर्गत डिजिटल माध्यम से लेन-देन के बुनियादी ढाँचे को विकसित करने, इससे अधिक-सेअधिक लोगों को जोड़ने, विदेश भेजे जाने वाले धन पर प्रेषण शुल्क कम करने तथा मध्यम एवं लघु उद्यमियों को दी जाने वाली वित्तीय सहायता को बढ़ाने पर ज़ोर दिया जाना शामिल है।
डार्क स्काई सेंचुरी
लद्दाख के हानले में निर्माणाधीन दक्षिण-पूर्व एशिया की पहली डार्क स्काई सेंचुरी से पर्यटक करीब से खगोलीय नजारे देख सकेंगे। वर्तमान में विश्व में मात्र 16 डार्क स्काई सेंचुरी विद्यमान हैं और इनमें से अधिकतर संयुक्त राज्य अमेरिका में हैं। डार्क स्काई सेंचुरी अंधेरी रात में तारे देखने के लिये संरक्षित क्षेत्र है। लेह ज़िले के हानले में डार्क स्काई सेंचुरी पूरी घाटी में फैली है। तारों एवं ग्रहों को देखने के लिये गामा और ऑप्टिकल टेलिस्कोप लगाए गए हैं। यह कार्य विज्ञानं एवं तकनीकी मंत्रालय के काउंसिल फॉर साइंटिफिक एंड इंडस्ट्रियल रिसर्च की देख-रेख में किया जा रहा है। चूँकि यह लेह से काफी दूर स्थित है, इसलिये यहाँ पर प्रदूषण न के बराबर है। हानले में रात घनी काली होती है। ऐसे में तारों का नजारा अद्भुत होता है। यहाँ डार्क स्काई सेंचुरी स्थापित होने से इंडियन एस्ट्रानिमिकल आब्जर्वेटरी विश्व पटल पर आ जाएगी। इससे न सिर्फ पर्यटन को बढ़ावा मिलेगा, अपितु तारों, आकाश गंगा, ग्रहों के बारे में बेहतर आँकड़े मिल सकेंगे, साथ ही पर्यटन क्षेत्र को भी गति मिलेगी।
केरल द्वारा मनरेगा श्रमिकों को पेंशन
इस तरह की पहली पहल में केरल सरकार ने मनरेगा/MGNREGS और अय्यंकाली शहरी रोज़गार गारंटी योजना के लिये पंजीकृत श्रमिकों हेतु कल्याण कोष बोर्ड शुरू किया है। 60 वर्ष के होने पर उन्हें बोर्ड से मासिक पेंशन प्रदान की जाएगी। मानक के अनुसार, कोई भी कार्यकर्त्ता (उम्र 18-55) निधि बोर्ड की सदस्यता ले सकता है। उन्हें 55 वर्ष की आयु तक मासिक प्रीमियम राशि (50 रुपए अस्थायी रूप से तय) का भुगतान करना होगा और जिस सदस्य ने कम-से-कम 10 वर्षों तक भुगतान किया है, वह पेंशन के लिये पात्र होगा। श्रमिकों के मासिक योगदान के अलावा सरकार कोष के लिये एक समान योगदान भी देगी (जिसे त्रैमासिक रूप से संशोधित किया जा सकता है)।
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सामाजिक और भावनात्मक शिक्षा के लिये 'सहर्ष' योजना
सामाजिक और भावनात्मक शिक्षा को बढ़ावा देने के लिये त्रिपुरा राज्य सरकार ने "सहर्ष" विशेष शिक्षा कार्यक्रम की शुरुआत की। इसे अगस्त 2022 में 40 विद्यालयों में एक परीक्षण कार्यक्रम के रूप में शुरू किया गया था, अब इसे सभी सरकारी और सहायता प्राप्त स्कूलों के लिये उपलब्ध कराया जाएगा। इसका उद्देश्य बच्चों को उल्लास एवं उत्साहपूर्वक पढ़ाई करने में सक्षम बनाना है। प्रदर्शन ग्रेडिंग सूचकांक के अनुसार, वर्तमान में त्रिपुरा ग्रेड- I समूह के अंतर्गत आता है।
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जीडीपी का पहला अग्रिम अनुमान
राष्ट्रीय सांख्यिकी कार्यालय (NSO) ने हाल ही में सकल घरेलू उत्पाद (GDP) का पहला अग्रिम अनुमान (FAE) जारी किया, इसके अनुसार वित्त वर्ष 2022-23 में भारतीय अर्थव्यवस्था के 7% की दर से बढ़ने की उम्मीद है (MPC द्वारा अनुमानित 6.8% से अधिक)। वित्त वर्ष 22-23 की पहली छमाही में अर्थव्यवस्था 9.7% बढ़ी, जिसके दूसरी छमाही में 4.5% तक धीमी होने की संभावना है। भारत अब भी दुनिया की सबसे तेज़ी से बढ़ती अर्थव्यवस्थाओं में से एक है। FAE पहली बार वर्ष 2016-17 में पेश किया गया था, ये पहले आधिकारिक अनुमान हैं कि उस वित्तीय वर्ष में GDP के किस प्रकार से बढ़ने की उम्मीद है। FAE आर्थिक गतिविधियों में अंतर्निहित गतिशीलता का आभास कराता है और आगामी केंद्रीय बजट के संदर्भ में उपयोगी होता है।
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