शासन व्यवस्था
परफॉर्मेंस ग्रेडिंग इंडेक्स (PGI)
- 08 Jun 2021
- 8 min read
प्रिलिम्स के लियेपरफॉरमेंस ग्रेडिंग इंडेक्स, शिक्षा का अधिकार, राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020, सतत् विकास लक्ष्य, समग्र शिक्षा, मिड डे मील, शगुन पोर्टल मेन्स के लियेपरफॉर्मेंस ग्रेडिंग इंडेक्स का परिचय एवं संबंधित मूद्दे (उद्देश्य, क्रियान्वयन एजेंसी, कार्यप्रणाली, सूचना का स्रोत), फॉर्मेंस ग्रेडिंग इंडेक्स का क्षेत्र-वार (Domain-wise) निष्पादन |
चर्चा में क्यों?
हाल ही में केंद्रीय शिक्षा मंत्री ने भारत के राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों के लिये ‘निष्पादन ग्रेडिंग सूचकांक’ अर्थात् ‘परफॉरमेंस ग्रेडिंग इंडेक्स’ (Performance Grading Index- PGI) 2019-20 जारी करने को मंज़ूरी दे दी है ।
- PGI राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों में स्कूली शिक्षा की स्थिति पर अंतर्दृष्टि प्रदान करने का एक उपकरण है, जिसमें प्रमुख चरण या लीवर (Levers) शामिल हैं जो उनके निष्पादन और महत्वपूर्ण क्षेत्रों में सुधार को संदर्भित करते हैं।
प्रमुख बिंदु
परफॉर्मेंस ग्रेडिंग इंडेक्स के बारे में (PGI):
- पृष्ठभूमि: राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों के लिये PGI पहली बार वर्ष 2019 में 2017-18 के संदर्भ में प्रकाशित किया गया था।
- PGI : राज्य/संघ राज्य क्षेत्र 2019-20 के लिये इस शृंखला का तीसरा प्रकाशन है।
- उद्देश्य:
- PGI अभ्यास में परिकल्पना की गई है कि सूचकांक राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों को बहु-आयामी हस्तक्षेप करने के लिये प्रेरित करेगा जो कि वांछित इष्टतम शिक्षा परिणाम लाएगा।
- PGI राज्यों/केंद्रशासित प्रदेशों को अंतराल को इंगित करने में मदद करता है जो हस्तक्षेप के लिये क्षेत्रों को प्राथमिकता देता है ताकि स्कूली शिक्षा प्रणाली के प्रत्येक स्तर को मज़बूत करना सुनिश्चित किया जा सके।
- क्रियान्वयन एजेंसी:
- यह स्कूल शिक्षा और साक्षरता विभाग (DoSEL) द्वारा शुरू किया गया है।
- सूचना का स्रोत :
- यूनिफाइड डिस्ट्रिक्ट इंफॉर्मेशन सिस्टम फॉर एजुकेशन (UDISE), NCERT के नेशनल अचीवमेंट सर्वे (NAS), मिड डे मील वेबसाइट, पब्लिक फाइनेंशियल मैनेजमेंट सिस्टम (PFMS) और राज्यों तथा केंद्रशासित प्रदेशों द्वारा DoSEL के शगुन पोर्टल पर अपलोड की गई सूचनाओं को DoSEL के पास उपलब्ध डेटा से संकेतकों की जानकारी ली गई है।
- कार्यप्रणाली :
- PGI को दो श्रेणियों में गठित किया गया है अर्थात् परिणाम, शासन एवं प्रबंधन तथा 1000 के कुल भार के साथ कुल 70 संकेतक शामिल हैं।
- श्रेणियों के तहत डोमेन (Domains) में शामिल हैं : एक्सेस, इंफ्रास्ट्रक्चर और सुविधाएँ, इक्विटी, गवर्नेंस प्रक्रिया।
PGI 2019-20 के महत्त्वपूर्ण निष्कर्ष :
- राज्यवार निष्पादन :
- इन आँकड़ों के अनुसार 33 राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों ने पिछले वर्ष की तुलना में 2019-20 में PGI स्कोर में सुधार किया है।
- अंडमान और निकोबार द्वीप समूह, अरुणाचल प्रदेश, मणिपुर, पुद्दुचेरी, पंजाब और तमिलनाडु ने कुल PGI स्कोर में 10% का सुधार किया है।
- अंतर-राज्यीय अंतराल:
- वर्ष 2019-20 में अधिकतम संभव 1000 अंकों पर उच्चतम और निम्नतम स्कोर वाले राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों के बीच की सीमा 380 अंक से अधिक है।
क्षेत्र-वार (Domain-wise) निष्पादन :
- पहुँच (Access) : अंडमान-निकोबार द्वीप समूह, लक्षद्वीप और पंजाब ने पहुँच (एक्सेस) डोमेन के मामले में 10% या उससे अधिक का सुधार किया है।
- अवसंरचना और सुविधाएँ : राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों ने 'बुनियादी ढाँचे और सुविधाओं' में 10% या उससे अधिक का सुधार किया है, जबकि अंडमान और निकोबार द्वीप समूह तथा ओडिशा ने अपने कार्यक्षेत्र (डोमेन) स्कोर में 20% या उससे अधिक का सुधार किया है।
- समानता या इक्विटी : अरुणाचल प्रदेश, मणिपुर और ओडिशा ने इक्विटी में 10% से अधिक का सुधार किया है।
- शासन (Governance) प्रक्रिया : इसमें 19 राज्यों ने 10% या उससे अधिक सुधार किया है।
- अंडमान और निकोबार द्वीप समूह, आंध्र प्रदेश, अरुणाचल प्रदेश, मणिपुर,पंजाब, राजस्थान तथा पश्चिम बंगाल ने कम-से-कम 20 प्रतिशत का सुधार किया है।
आगे की राह
- एक विश्वसनीय, सामयिक और सहभागी सूचना प्रणाली के साथ-साथ एक मज़बूत और दक्षतापूर्ण डेटा विश्लेषण ढाँचा किसी भी सरकारी कार्यक्रम के सफल कार्यान्वयन की कुंजी है।
- स्कूली शिक्षा और साक्षरता के क्षेत्र में शिक्षा का अधिकार, राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 और दूरदर्शी सतत् विकास लक्ष्यों (SDG) को समग्र शिक्षा (SS), मिड-डे मील (एमडीएम) जैसी सरकारी योजनाओं के सक्षम विधायी ढाँचे द्वारा निर्देशित करना है तथा राज्यों द्वारा इसी तरह की ऐसी योजनाएँ वांछित परिणाम प्रदान करेंगी यदि उनकी प्रभावी ढंग से निगरानी की जाती है।
- रियल टाइम डेटा उपलब्धता प्रणाली की रूपरेखा (अर्थात्, UDISE+ शगुन आदि) और PGI इसके उद्देश्य तथा समग्र निष्पादन मूल्यांकन ढाँचे के माध्यम से स्कूल शिक्षा क्षेत्र में नीति के प्रभावी कार्यान्वयन हेतु सही संयोजन प्रदान करेगा।
- एक निष्पादन-आधारित अनुदान राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों को इस क्षेत्र पर निरंतर और अधिक ध्यान केंद्रित करने हेतु आवश्यक प्रोत्साहन प्रदान करेगा, जो देश के समग्र वृद्धि और विकास के लिये महत्त्वपूर्ण है।