प्रारंभिक परीक्षा
पुन: प्रयोज्य प्रक्षेपण यान
हाल ही में भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (Indian Space Research Organisation- ISRO/इसरो) और उसके सहयोगियों ने वैमानिकी परीक्षण रेंज (Aeronautical Test Range- ATR), चित्रदुर्ग, कर्नाटक में पुन: प्रयोज्य लॉन्च वाहन (Reusable Launch Vehicle- RLV) हेतु एक सटीक लैंडिंग परीक्षण का सफलतापूर्वक प्रदर्शन किया।
- भारतीय वायु सेना (Indian Air Forces- IAF) ने चिनूक हेलीकॉप्टर का उपयोग RLV-TD को 4.5 किमी की ऊँचाई से छोड़ने हेतु किया, जिसे इसरो ने योजना के अनुसार RLV-TD के लैंडिंग परीक्षण को अंजाम दिया।
इसरो का RLV प्रोजेक्ट:
- परिचय:
- इसरो के अनुसार, पुन: प्रयोज्य लॉन्च वाहन-प्रौद्योगिकी प्रदर्शन (Reusable Launch Vehicle-Technology Demonstration- RLV-TD) के साथ परीक्षण की शृंखला "अंतरिक्ष में कम लागत वाली पहुँच को सक्षम करने हेतु पूरी तरह से पुन: प्रयोज्य लॉन्च वाहन के लिये आवश्यक प्रौद्योगिकियों को विकसित करने" के प्रयासों का हिस्सा है।
- यह वाहन अंततः भारत के पुन: प्रयोज्य दो-चरण कक्षीय लॉन्च वाहन (TSTO) के पहले चरण के रूप में काम करने हेतु बनाया जाएगा।
- विशेषताएँ एवं अनुप्रयोग:
- ISRO का RLV-TD दिखने में एक वायुयान की तरह है। इसमें एक फ्यूज़लेज, एक नोज़ कैप, डबल डेल्टा विंग्स और ट्विन वर्टिकल टेल्स हैं।
- RLV-TD को हाइपरसोनिक फ्लाइट (HEX), ऑटोनॉमस लैंडिंग (LEX), रिटर्न फ्लाइट एक्सपेरिमेंट (REX), पावर्ड क्रूज़ फ्लाइट और स्क्रैमजेट प्रोपल्शन एक्सपेरिमेंट (SPEX) जैसी प्रौद्योगिकियों को विकसित करने में किया जाएगा।
- महत्त्व:
- किसी भी प्रकार के अंतरिक्ष अन्वेषण में सबसे बड़ा मुद्दा लागत होती है, ऐसे में पुन: प्रयोज्य लॉन्च वाहन और अंतरिक्ष आकलन के लिये आवश्यकता अनुरूप मोड का उपयोग किया जाना लागत प्रभावी हो सकता है।
- किंतु, RLVs का उपयोग करने से वर्तमान लागत को लगभग 80 फीसदी तक कम किया जा सकता है।
- किसी भी प्रकार के अंतरिक्ष अन्वेषण में सबसे बड़ा मुद्दा लागत होती है, ऐसे में पुन: प्रयोज्य लॉन्च वाहन और अंतरिक्ष आकलन के लिये आवश्यकता अनुरूप मोड का उपयोग किया जाना लागत प्रभावी हो सकता है।
- पूर्व में किये गए अन्य परीक्षण:
- ISRO ने मई 2016 के HEX मिशन में अपने विंग्ड व्हीकल RLV-TD का प्रदर्शन किया था।
- HEX मिशन में इस व्हीकल को बंगाल की खाड़ी के एक रनवे पर उतारने का वर्चुअल अथवा अभिकल्पित परीक्षण गया था, रनवे पर सटीक/वास्तविक लैंडिंग HEX मिशन का हिस्सा नहीं थी।
- लेक्स मिशन (LEX Mission) ने अंतिम दृष्टिकोण चरण हासिल किया जो एक स्वायत्त, उच्च गति (350 किमी. प्रति घंटे) लैंडिंग का प्रदर्शन करते हुए पुन: प्रवेश वापसी उड़ान पथ के साथ मेल खाता है।
- RLV या आंशिक RLV का उपयोग करने वाली अन्य एजेंसियाँ:
- पुन: प्रयोज्य अंतरिक्ष यान लंबे समय से अस्तित्त्व में हैं, जिसमें नासा (NASA) के अंतरिक्ष शटल दर्जनों मानव अंतरिक्ष उड़ान मिशनों को अंज़ाम दे रहे हैं।
- स्पेसएक्स (SpaceX) वर्ष 2017 से अपने फॉल्कन 9 और फॉल्कन हैवी रॉकेट के साथ आंशिक रूप से पुन: प्रयोज्य लॉन्च सिस्टम का प्रदर्शन कर रहा है।
- स्पेसएक्स स्टारशिप नामक पूरी तरह से पुन: प्रयोज्य लॉन्च वाहन प्रणाली पर भी काम कर रहा है।
निष्कर्ष:
RLV-TD कार्यक्रम का सफल लैंडिंग प्रयोग भारत के अंतरिक्ष प्रौद्योगिकी विकास में एक महत्त्वपूर्ण मील का पत्थर है। RLV-TD अंतरिक्ष तक कम लागत वाली पहुँच प्राप्त करने की दिशा में एक महत्त्वपूर्ण कदम है और इसके सफल कार्यान्वयन से भविष्य में भारत के अंतरिक्ष कार्यक्रम को लाभ होगा
UPSC सिविल सेवा परीक्षा, विगत वर्ष के प्रश्नप्रश्न. भारत के उपग्रह प्रमोचित करने वाले वाहनों के संदर्भ में निम्नलिखित कथनों पर विचार कीजिये:
उपर्युक्त कथनों में से कौन-सा/से सही है/हैं? (a) केवल 1 उत्तर: (a) |
स्रोत: इंडियन एक्सप्रेस
प्रारंभिक परीक्षा
केरल में तितली की नई प्रजाति की खोज
हाल ही में केरल के अक्कुलम और वेम्बनाड झीलों के किनारे से एक तितली उप-प्रजाति (कैल्टोरिस ब्रोमस सदाशिवा) की खोज की गई है।
खोज से संबंधित प्रमुख बिंदु:
- परिचय: यह लेपिडोप्टेरा (पतंगे और तितलियों) के स्किपर तितली परिवार से संबंधित है।
- यह पश्चिमी घाट और प्रायद्वीपीय भारत में ब्रोमस स्विफ्ट (कैल्टोरिस ब्रोमस) तितली की पहली प्रलेखित उप-प्रजाति है।
- तितली प्रजातियों की संख्या: कैल्टोरिस ब्रोमस सदाशिवा की खोज के साथ पश्चिमी घाट में तितली प्रजातियों की संख्या 336 तथा स्किपर तितलियों की संख्या 83 हो गई है, जिसमें अंतिम स्किपर तितली की खोज लगभग 75 वर्ष पूर्व हुई थी।
- कैल्टोरिस: कैल्टोरिस, इंडो-ऑस्ट्रेलियाई वर्ग की 15 से अधिक प्रजातियाँ दक्षिण-पूर्व एशिया में पाई जाती हैं। कैल्टोरिस ब्रोमस उनमें से एक है तथा दो अन्य उप-प्रजातियाँ हैं कैल्टोरिस ब्रोमस ब्रोमस एवं कैल्टोरिस ब्रोमस यानुका।
वेम्बनाड झील के बारे में प्रमुख तथ्य:
- यह केरल की सबसे बड़ी एवं भारत की सबसे लंबी झील है।
- वेम्बनाड झील को वेम्बनाड कयाल, वेम्बनाड कोल, पुन्नमदा झील (कुट्टनाड में) और कोच्चि झील (कोच्चि में) के नाम से भी जाना जाता है।
- झील का स्रोत चार नदियाँ- मीनाचिल, अचनकोविल, पंपा और मणिमाला हैं।
- यह एक संकीर्ण द्वीप द्वारा अरब सागर से अलग होती है तथा केरल में एक लोकप्रिय लेगून दरार (Backwater Stretch) का निर्माण करती है।
- वर्ष 2002 में इसे रामसर अभिसमय द्वारा परिभाषित अंतर्राष्ट्रीय महत्त्व की आर्द्रभूमियों की सूची में शामिल किया गया था।
- यह पश्चिम बंगाल में सुंदरबन के बाद भारत का दूसरा सबसे बड़ा रामसर स्थल है।
UPSC सिविल सेवा परीक्षा, विगत वर्ष के प्रश्नप्रश्न. हाल ही में हमारे देश में पहली बार निम्नलिखित राज्यों में से किसने एक विशेष तितली को ‘राज्य तितली’ के रूप में घोषित किया है? (2016) (a) अरुणाचल प्रदेश उत्तर: (d) व्याख्या:
अत: विकल्प D सही है। प्रश्न. भारत के निम्नलिखित क्षेत्रों में से 'ग्रेट इंडियन हॉर्नबिल' के अपने प्राकृतिक आवास में पाए जाने की सबसे अधिक संभावना कहाँ है? (2016) (a) उत्तर-पश्चिमी भारत के रेतीले मरूस्थल उत्तर: D व्याख्या:
|
स्रोत: द हिंदू
प्रारंभिक परीक्षा
असोला भट्टी अभयारण्य में बीज बैंक
दिल्ली तथा अन्य राज्यों से बीज (Seed) संग्रह करने के कुछ वर्षों के प्रयासों के बाद अरावली क्षेत्र में पाए जाने वाले देशी पौधों की प्रजातियों हेतु एक 'बीज बैंक’ धीरे-धीरे असोला भट्टी वन्यजीव अभयारण्य की एक नर्सरी में आकार ले रहा है।
परियोजना:
- परिचय:
- यह परियोजना वर्ष 2015 में शुरू हुई थी और वन विभाग एवं बॉम्बे नेचुरल हिस्ट्री सोसाइटी (BNHS) द्वारा संयुक्त रूप से कार्यान्वित की जा रही है।
- असोला भट्टी वन्यजीव अभयारण्य नर्सरी देशी घास, पौधों और पेड़ों की 100 से अधिक प्रजातियों को उगा रही है और शहर में एजेंसियों के माध्यम से वृक्षारोपण हेतु पौधे प्रदान करती है।
- उद्देश्य:
- बीज बैंक का उद्देश्य शहर के लिये देशी पौधों की आपूर्ति करना तथा उन प्रजातियों को फिर से पेश करना है जो दुर्लभ हैं या जिनका पाया जाना कठिन हो गया है।
- बीज बैंक का उद्देश्य दिल्ली में गायब हो रहे पेड़ों के बारे में जागरूकता बढ़ाना, इन पेड़ों को उगाने में लोगों को सक्षम बनाकर उन्हें उपलब्ध करना और उनकी अवस्थिति का मानचित्रण करना है।
- प्रतिवर्ष उत्पादन को लगभग 10 लाख पौधों तक बढ़ाने की योजना है।
बीज बैंक (Seed Bank):
- परिचय:
- बीज बैंक पादप आनुवंशिक संसाधनों के महत्त्वपूर्ण भंडार हैं।
- वे विभिन्न पादपों की किस्मों के बीजों का भंडारण करते हैं, ताकि उनकी आनुवंशिक विविधता एवं बदलती पर्यावरणीय परिस्थितियों के अनुकूल होने की उनकी क्षमता को बनाए रखा जा सके।
- बीज बैंक अनुसंधान, कृषि और संरक्षण हेतु महत्त्वपूर्ण संसाधनों के रूप में भी काम करते हैं।
- भारत का बीज बैंक:
- भारत ने लद्दाख, जम्मू और कश्मीर में चांग ला में अपनी बीज भंडारण सुविधा स्थापित की है।
- इसे रक्षा अनुसंधान और विकास संगठन (Defence Research and Development Organisation- DRDO) के तत्त्वावधान में वर्ष 2010 में डिफेंस इंस्टीट्यूट ऑफ हाई-एल्टीट्यूड रिसर्च (DIHAR) एवं नेशनल ब्यूरो ऑफ प्लांट जेनेटिक रिसोर्सेज़ (NBPGR) द्वारा संयुक्त रूप से बनाया गया है।
- इसमें 5,000 से अधिक बीज परिग्रहणों को संग्रहीत किया गया है (एक परिग्रहण में विभिन्न भौगोलिक और जनसांख्यिकीय क्षेत्रों से एकत्रित विशेष प्रजाति के बीजों का समूह होता है)।
- भारत ने लद्दाख, जम्मू और कश्मीर में चांग ला में अपनी बीज भंडारण सुविधा स्थापित की है।
- विश्व का सबसे बड़ा बीज कोष्ठ:
- स्वालबार्ड ग्लोबल सीड वॉल्ट या डूम्सडे वॉल्ट नॉर्वे में स्थित विश्व की सबसे बड़ी बीज भंडारण सुविधा है।
असोला-भट्टी वन्यजीव अभयारण्य
- असोला-भट्टी वन्यजीव अभयारण्य दिल्ली-हरियाणा सीमा पर अरावली पहाड़ी शृंखला के दक्षिणी दिल्ली रिज पर 32.71 वर्ग किमी. क्षेत्र में फैला है, इसमें दक्षिणी दिल्ली के साथ-साथ हरियाणा राज्य के फरीदाबाद एवं गुरुग्राम ज़िलों के उत्तरी हिस्से शामिल हैं।
- यह सरिस्का-दिल्ली वन्यजीव गलियारे का भी हिस्सा है, जो राजस्थान में सरिस्का टाइगर रिज़र्व से दिल्ली रिज तक विस्तृत है।
UPSC सिविल सेवा परीक्षा, विगत वर्ष के प्रश्नप्रश्न. भारत की खाद्य एवं पोषण सुरक्षा के संदर्भ में विभिन्न फसलों की 'बीज प्रतिस्थापन दरों' को बढ़ाने से भविष्य के खाद्य उत्पादन लक्ष्यों को प्राप्त करने में मदद मिलती है। किंतु इसके अपेक्षाकृत बड़े/विस्तृत कार्यान्वयन में क्या बाध्यता है/ बाध्यताएँ हैं? (2014)
नीचे दिये गए कूट का प्रयोग कर सही उत्तर चुनिये: (a) केवल 1 और 2 उत्तर: (b) व्याख्या:
|
स्रोत: इंडियन एक्सप्रेस
विविध
Rapid Fire (करेंट अफेयर्स): 04 अप्रैल, 2023
ऑटिज़्म जागरूकता दिवस
स्वलीनता/ऑटिज़्म जिसे ऑटिज़्म स्पेक्ट्रम डिसऑर्डर (ASD) के रूप में भी जाना जाता है, विकास संबंधी एक विकार है जो लोगों की विस्तृत शृंखला को प्रभावित करता है, सामान्यतः इसका पता बचपन में चल जाता है और पूरे जीवन व्यक्ति को प्रभावित कर सकता है। ऑटिज़्म से प्रभवित लोग सामाजिक कठिनाइयों का अनुभव कर सकते हैं, साथ ही वे दोहराए जाने वाले व्यवहार प्रतिरूप या वाक् एवं अन्य व्यावहारिक कठिनाइयों का सामना करते हैं। इस स्थिति वाले लोगों को विभिन्न स्तरों की देखभाल तथा सहायता की आवश्यकता हो सकती है। ऑटिज़्म के बारे में जागरूकता बढ़ाने तथा इस स्थिति से प्रभावित लोगों हेतु स्वीकृति एवं समर्थन को बढ़ावा देने के लिये संयुक्त राष्ट्र ने 2 अप्रैल को विश्व ऑटिज़्म जागरूकता दिवस की स्थापना की। पहला विश्व ऑटिज़्म जागरूकता दिवस वर्ष 2008 में मनाया गया था। विश्व ऑटिज़्म जागरूकता दिवस 2023 की थीम "घर पर, काम पर, कला और नीति निर्माण में ऑटिस्टिक प्रभावित व्यक्तियों का योगदान" है। यह दिन ऑटिज़्म की सार्वजनिक समझ बढ़ाने एवं ऑटिज़्म से प्रभावित लोगों का समर्थन करने हेतु व्यक्तियों, समुदायों तथा संगठनों को कार्रवाई करने के लिये प्रोत्साहित करने के अवसर के रूप में कार्य करता है। भारत का दिव्यांग व्यक्तियों का अधिकार अधिनियम, 2016 ऑटिज़्म सहित दिव्यांग लोगों के अधिकारों से संबंधित है।
और पढ़ें… ऑटिज़्म स्पेक्ट्रम डिसऑर्डर
भारत-बांग्लादेश मैत्री पाइपलाइन
भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और बांग्लादेश की प्रधानमंत्री शेख हसीना द्वारा वर्चुअल तरीके से भारत-बांग्लादेश मैत्री पाइपलाइन (IBFP) का उद्घाटन किया गया। यह पाइपलाइन भारत और इसके पड़ोसी देशों के बीच दूसरी सीमा पार ऊर्जा पाइपलाइन है, यह हाई-स्पीड डीज़ल (HSD) के 1 मिलियन मीट्रिक टन प्रतिवर्ष (MMTPA) परिवहन की क्षमता रखती है। जबकि IBFP भारत और बांग्लादेश के बीच पहली सीमा पार ऊर्जा पाइपलाइन है। यह पाइपलाइन दोनों देशों के संबंधों को और मज़बूती प्रदान करेगी तथा दोनों पक्षों के बीच कनेक्टिविटी एवं जनसंपर्क बढ़ाने में सहायक होगी। इससे दोनों देशों के बीच ऊर्जा सहयोग को बढ़ावा मिलने के साथ-साथ बांग्लादेश में विशेष रूप से कृषि क्षेत्र में विकास की गति में तेज़ी आएगी।
और पढ़ें… भारत-बांग्लादेश संबंध
बास्तील दिवस परेड
हाल ही में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को बास्तील दिवस परेड के अवसर पर फ्रांँस द्वारा आमंत्रित किया गया था। वर्ष 1780 में फ्राँसीसी सैन्य परेड जिसे बास्तील दिवस सैन्य परेड तथा 14 जुलाई सैन्य परेड के रूप में भी जाना जाता है, पेरिस में 14 जुलाई की सुबह मनाया गया था। इस दिन को फ्राँस के राष्ट्रीय दिवस के रूप में चिह्नित किया जाता है। इस सैन्य परेड को नृत्य एवं आतिशबाज़ी के साथ मनाया जाता है।
महावीर जयंती
हाल ही में उपराष्ट्रपति श्री जगदीप धनखड़ ने देशवासियों को महावीर जयंती की बधाई दी। यह जैन धर्म के अनुयायियों के लिये एक शुभ दिन है क्योंकि यह भगवान महावीर की जयंती का प्रतीक है, जो जैन धर्म के अंतिम तीर्थंकर थे। भगवान महावीर का जन्म चैत्र मास के शुक्ल पक्ष की 13वीं तिथि को हुआ था। ग्रेगोरियन कैलेंडर के अनुसार, यह आमतौर पर मार्च या अप्रैल के महीने में मनाई जाती है। महावीर जयंती पर भगवान महावीर की मूर्ति के साथ एक जुलूस निकाला जाता है जिसे रथ यात्रा कहते है तथा मूर्ति को औपचारिक स्नान कराया जाता है जिसे अभिषेक कहा जाता है। भक्त भगवान की स्तुति में जैन प्रार्थना या स्तवन का पाठ करते हैं। महावीर की शिक्षाएँ अहिंसा, सत्य, ब्रह्मचर्य और अपरिग्रह के सिद्धांतों के इर्द-गिर्द घूमती हैं। उन्होंने अहिंसा, सत्य, अस्तेय, शुद्धता और अनासक्ति के महत्त्व पर बल दिया, जिन्हें बाद में जैन आगमों में संकलित किया गया। उनकी शिक्षाएँ सरल एवं समझने में आसान थीं क्योंकि शिक्षा का माध्यम प्राकृत भाषा में था; एक ऐसी भाषा जिसे आम लोग समझ सकते थे। ऐसा माना जाता है कि भगवान महावीर ने 72 वर्ष की आयु में प्राण त्याग दिये और उन्होंने बिहार में आधुनिक राजगीर के पास पावापुरी में जन्म एवं मृत्यु के चक्र से मोक्ष या मुक्ति प्राप्त की थी। महावीर जयंती का उत्सव लोगों के लिये इन सिद्धांतों पर चिंतन करने तथा नैतिक और आध्यात्मिक जीवन जीने का प्रयास करने का एक अवसर है।
और पढ़े… महावीर जयंती
कोप इंडिया अभ्यास
भारत और अमेरिका की वायु सेनाएँ पश्चिम बंगाल के कलाईकुंडा एयरबेस पर 10 से 21 अप्रैल, 2023 तक कोप इंडिया अभ्यास आयोजित करने के लिये तैयार हैं, जिसमें जापान एक पर्यवेक्षक के रूप में शामिल होगा। कोप इंडिया अभ्यास एक द्विपक्षीय संयुक्त प्रशिक्षण अभ्यास है जिसमें भारतीय वायु सेना (IAF) और अमेरिकी वायु सेना (USAF) शामिल हैं, यह वर्ष 2004 में एक लड़ाकू-प्रशिक्षण अभ्यास के रूप में शुरू हुआ था। अभ्यास की सबसे हालिया पुनरावृत्ति वर्ष 2019 में हुई थी। इस अभ्यास को लड़ाकू-प्रशिक्षण अभ्यास, विषय विशेषज्ञ आदान-प्रदान, वायु गतिशीलता प्रशिक्षण, एयरड्रॉप प्रशिक्षण एवं बड़े सैन्य अभ्यासों को शामिल करने हेतु विकसित किया गया है। भारत और अमेरिका के बीच अन्य संयुक्त रक्षा अभ्यासों में युद्ध-अभ्यास (सैन्य अभ्यास), वज्र प्रहार तथा जापान के साथ धर्म गार्जियन शामिल हैं एवं भारत, जापान तथा संयुक्त राज्य अमेरिका की नौ-सेनाओं के बीच त्रिपक्षीय समुद्री अभ्यास मालाबार संपन्न होता है।
और पढ़ें… भारत-अमेरिका संबंध