प्रिलिम्स फैक्ट्स (04 Jan, 2024)



गुजरात में कैद में प्रशिक्षित भेड़िये वन में छोड़े जाएँगे

स्रोत: इंडियन एक्सप्रेस 

कैद में पाले और  प्रशिक्षित किये गए भेड़ियों को पुनः वनों में लाने की गुजरात की महत्त्वाकांक्षी परियोजना में सफलता के शुरुआती संकेत दिख रहे हैं।

  • यह पहल संयुक्त राज्य अमेरिका के बाहर, अपनी तरह की प्रथम पहल है, जिसका लक्ष्य भेड़ियों की जीवसंख्या को बहाल करना है जहाँ ये नीलगाय (Blue Bulls) और जंगली सूअर जैसे जंगली शाकाहारी जानवरों की जीवसंख्या को नियंत्रित रखकर तथा जानवर बायोकंट्रोल एजेंटों के रूप में अपनी भूमिका निभा सकते हैं।

भेड़ियों से संबंधित प्रमुख बिंदु क्या हैं? 

  • परिचय:  
    • भेड़िये, कुत्ते/श्वान कुल कैनिडे (Canidae) के सबसे बड़े सदस्य हैं, जो अपनी प्रभावशाली काया, मोटे फर, तेज़ आँखें, मज़बूत जबड़े, तीक्ष्ण कान और लंबी झाड़ीनुमा पूँछ के लिये जाने जाते हैं, जो उनके डरावने रूप को दर्शाते हैं।
  • पारिस्थितिकी तथा व्यवहार:
    • सामाजिक जंतु: ये झुंड में निवास करते हैं, जिसमें अमूमन एक प्रजनन जोड़ा तथा उनकी संतानें शामिल होती हैं, जो शिकार करने एवं बच्चों (जिन्हें Whelp अथवा Pup कहा जाता है) के पालन पोषण के लिये मिलकर कार्य करते हैं।
    • शिकारी: ये मुख्य रूप से हिरण, एल्क (Elk) तथा मूस जैसे बड़े खुर वाले जीवों का शिकार करते हुए पारिस्थितिकी तंत्र के संतुलन को बनाए रखने में महत्त्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं।
    • कम्युनिकेटिव मास्टर्स: उनकी चीखें भयानक गर्जना के सामान होती हैं अपितु वे झुंड संबंधो को मज़बूत करने, निवास क्षेत्र की रक्षा करने तथा अन्य भेड़ियों के झुंड के साथ संवाद करने का कार्य करती हैं।
  • भारत में पाई जाने वाली उप-प्रजातियाँ:
    • भारत में भेड़ियों की दो उप-प्रजातियाँ पाई जाती हैं: प्रायद्वीपीय क्षेत्र में भूरा भेड़िया/ग्रे वुल्फ (कैनिस ल्यूपस पल्लिप्स) तथा उत्तर में हिमालयी अथवा तिब्बती भेड़िया (कैनिस ल्यूपस चान्को)।
  • भारत में वितरण क्षेत्र:
    • ग्रे वुल्फ गुजरात, राजस्थान, उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश, महाराष्ट्र सहित कई राज्यों में पाए जाते हैं।
    • हिमालयी भेड़िया मुख्य रूप से लद्दाख क्षेत्र एवं पूर्वोत्तर हिमाचल प्रदेश के लाहौल और स्पीति क्षेत्र में पाया जाता है।
  • संरक्षण की स्थिति: 

सिकल सेल रोग

स्रोत: पी. आई. बी

राष्ट्रीय सिकल सेल एनीमिया उन्मूलन मिशन के तहत सिकल सेल रोग (SCD) के लिये 1 करोड़ से अधिक लोगों की जाँच की गई है।

  • वर्ष 2023 में शुरू किये गए राष्ट्रीय सिकल सेल एनीमिया उन्मूलन मिशन का लक्ष्य वर्ष 2047 तक भारत से सिकल सेल एनीमिया को समाप्त करना है।

सिकल सेल रोग (SCD) क्या है?

  • परिचय:
    • SCD वंशानुगत लाल रक्त कोशिका विकारों का एक समूह है। इस रोग में हीमोग्लोबिन में विसंगति उत्पन्न हो जाती है, हीमोग्लोबिन लाल रक्त कोशिकाओं में पाया जाने वाला प्रोटीन है, जो ऑक्सीजन का परिवहन करता है। SCD में लाल रक्त कोशिकाएँ कठोर और चिपचिपी हो जाती हैं तथा C-आकार के कृषि उपकरण की तरह दिखती हैं जिसे "सिकल" कहा जाता है।
  • लक्षण:
    • सिकल सेल रोग के लक्षण भिन्न हो सकते हैं, लेकिन कुछ सामान्य लक्षणों में शामिल हैं:
      • क्रोनिक एनीमिया: यह शरीर में थकान, कमज़ोरी और पीलेपन का कारण बनता है।
      • तीव्र दर्द (सिकल सेल संकट के रूप में भी जाना जाता है): यह हड्डियों, छाती, पीठ, हाथ एवं पैरों में अचानक असहनीय दर्द उत्पन्न कर सकता है।
      • यौवन व शारीरिक विकास में विलंब।
  • उपचार:
    • रक्ताधान: ये एनीमिया से छुटकारा पाने और तीव्र दर्द के जोखिम को कम करने में मदद कर सकते हैं।
    • हाइड्रॉक्सीयूरिया: यह दवा दर्द की निरंतरता की आवृत्ति को कम करने और बीमारी की दीर्घकालिक जटिलताओं को नियंत्रित करने में सहायता कर सकती है।
    • इसका इलाज अस्थि मज्जा या स्टेम सेल प्रत्यारोपण द्वारा भी किया जा सकता है।
  • SCD से निपटने के लिये सरकारी पहल:

  UPSC सिविल सेवा परीक्षा, विगत वर्ष के प्रश्न  

प्रिलिम्स: 

प्रश्न. एनीमिया मुक्त भारत रणनीति के अंतर्गत की जा रही व्यवस्थाओं के संदर्भ में निम्नलिखित कथनों पर विचार कीजियेः(2023)

  1. इसमें स्कूल जाने से पूर्व के (प्री-स्कूल) बच्चों, किशोरों और गर्भवती महिलाओं के लिये रोगनिरोधक कैल्सियम पूरकता प्रदान की जाती है।
  2. इसमें शिशु जन्म के समय देरी से रज्जु बंद करने के लिये अभियान चलाया जाता है।
  3. इसमें बच्चों और किशोरों की निर्धारित अवधियों पर कृमि-मुक्ति की जाती है।
  4. इसमें मलेरिया, हीमोग्लोबिनोपैथी और फ्लोरोसिस पर विशेष ध्यान देने के साथ स्थानिक बस्तियों में एनीमिया के गैर-पोषण कारणों की ओर ध्यान दिलाना शामिल है।

उपर्युक्त कथनों में से कितने सही हैं?

(a) केवल एक
(b) केवल दो
(c) केवल तीन
(d) सभी चार

उत्तर: (c)

व्याख्या:

  • इसमें रोगनिरोधी कैल्शियम पूरकता नहीं बल्कि प्रोफिलैक्टिक आयरन और फोलिक एसिड पूरकता बच्चों, किशोरों एवं प्रजनन आयु की महिलाओं तथा गर्भवती महिलाओं को एनीमिया के बावजूद प्रदान की जाती है। अतः कथन 1 सही नहीं है।
  • शिशु और छोटे बच्चों का उपयुक्त आहार (Appropriate Infant and Young Child Feeding- IYCF) 6 महीने तथा उससे अधिक उम्र के बच्चों हेतु पर्याप्त एवं आयु-उपयुक्त पूरक खाद्य पदार्थ प्रदान करने पर ध्यान केंद्रित किया जाता है।
  • अपने आहार में विविधता लाकर भोजन की मात्रा एवं आवृत्ति में वृद्धि करना, साथ ही खाद्य पदार्थों में आयरन युक्त, प्रोटीन युक्त तथा विटामिन C युक्त खाद्य पदार्थों का सेवन बढ़ाना।
  • सभी स्वास्थ्य सुविधाओं में विलंबित कॉर्ड क्लैम्पिंग (रक्त के प्रवाह को रोकना) (कम से कम 3 मिनट या रज्‍जु स्पंदन बंद होने तक) को बढ़ावा देना, इसके बाद प्रसव के 1 घंटे के भीतर प्रारंभिक स्तनपान कराने पर ज़ोर देना। अतः कथन 2 सही है।
  • राष्ट्रीय कृमि मुक्ति दिवस (National Deworming Day- NDD) के तहत प्रत्येक वर्ष 1-19 वर्ष के आयु वर्ग के बच्चों हेतु द्वि-वार्षिक सामूहिक कृमि नियंत्रण कार्यक्रम आयोजित किया जाता है। अतः कथन 3 सही है।
  • NDD योजना के हिस्से के रूप में एनीमिया मुक्त भारत में गर्भवती महिलाओं और प्रजनन आयु की महिलाओं हेतु कृमिनाशक दवा भी शामिल है।
  • मलेरिया, हीमोग्लोबिनोपैथी और फ्लोरोसिस पर विशेष ध्यान देने के साथ एनीमिया के गैर-पोषण संबंधी कारणों को उजागर करना आवश्यक है। अतः कथन 4 सही है।

ऑटोमोबाइल और ऑटो कंपोनेंट्स के लिये विस्तारित PLI योजना

स्रोत: पी.आई.बी.

हाल ही में भारी उद्योग मंत्रालय (Ministry of Heavy Industries- MoHI) ने ऑटोमोबाइल और ऑटो कंपोनेंट्स के लिये उत्पादन-आधारित प्रोत्साहन (Production Linked Incentive- PLI) योजना की अवधि एक वर्ष बढ़ा दी है, यह योजना वित्त वर्ष 2023-24 से शुरू होकर अगले पाँच वर्षों के लिये लागू है।

  • यह निर्णय सचिवों के अधिकार प्राप्त समूह  (Empowered Group of Secretaries- EGoS) की मंज़ूरी मिलने के बाद लिया गया है।
  • इसके तहत पहले वर्ष की बिक्री वृद्धि सीमा को पूरा करने में विफल रहने वाली कंपनियों को उस वर्ष हेतु प्रोत्साहन नहीं मिलेगा।
    • हालाँकि वे पहले वर्ष की सीमा से 10% वर्ष-दर-वर्ष वृद्धि प्राप्त करके भविष्य के लाभों के लिये पात्र बने रहते हैं।

उत्पादन आधारित प्रोत्साहन (Production Linked Incentive) योजना क्या है? 

  • परिचय: PLI योजना भारत में एक सरकारी पहल है जो कंपनियों को भारत में निर्मित उत्पादों की बढ़ती बिक्री के आधार पर वित्तीय प्रोत्साहन प्रदान करती है।
    • इस योजना का लक्ष्य घरेलू विनिर्माण, रोज़गार सृज़न एवं निर्यात को बढ़ावा देना, प्रौद्योगिकी हस्तांतरण को सुविधाजनक बनाना और आयात निर्भरता को कम करना है।
  • प्रमुख विशेषताएँ: 
    • क्षेत्र-विशिष्ट: यह योजना वर्तमान में 14 प्रमुख क्षेत्रों में सक्रिय है: मोबाइल विनिर्माण, चिकित्सा उपकरणों का विनिर्माण, ऑटोमोबाइल और ऑटो कंपोनेंट्स, फार्मास्यूटिकल्स, दवाएँ, विशिष्ट इस्पात, दूरसंचार और नेटवर्किंग उत्पाद, इलेक्ट्रॉनिक उत्पाद, श्वेत वस्तुएँ (AC व LED), खाद्य उत्पाद, वस्त्र उत्पाद, सौर PV मॉड्यूल, उन्नत रसायन सेल ( Advanced Chemistry Cell- ACC) बैटरी तथा ड्रोन व ड्रोन कंपोनेंट्स।
    • प्रोत्साहन दर: प्रोत्साहन दर क्षेत्र और उत्पाद श्रेणी के आधार पर भिन्न होती है, यह कुल वृद्धिशील विक्रय के 4% से 6% तक हो सकती है।

भारत में ऑटोमोबाइल सेक्टर की स्थिति क्या है?


Rapid Fire (करेंट अफेयर्स): 04 जनवरी, 2024

तटीय कर्नाटक कस्बों में प्राचीन जल निकायों को पुनर्जीवित करना

हाल ही में, कर्नाटक के दो तटीय शहर मूडबिद्री और करकला, हजारों साल पहले के अपने प्राचीन जल निकायों को पुनर्जीवित कर रहे हैं।

  • ये जल निकाय शहरों की प्राकृतिक विरासत और सांस्कृतिक पहचान का हिस्सा हैं, जो अपने जैन मंदिरों और मठों के लिये भी जाने जाते हैं।
  • नागरिकों ने अधिकारियों के समक्ष याचिका दायर करके, धन जुटाकर और सामुदायिक कार्यों में संलग्न होकर इन जल निकायों को पुनर्स्थापित करने की पहल की है।
  • मूडबिद्री शहर को 'जैन काशी' (जैनियों का बनारस) के रूप में जाना जाता है। यह जैन मंदिरों (बसदि और निशिदि) के साथ-साथ मठों का भी केंद्र है।
    • मूडबिद्री विश्व से जैन तीर्थयात्रियों को आकर्षित करता है और यह एक शैक्षिक केंद्र के रूप में भी विकसित हुआ है।
  • इन जल निकायों के पुनरुद्धार से कई लाभ होंगे जैसे भूजल पुनर्भरण में सुधार, जैव विविधता में वृद्धि, पेयजल उपलब्ध कराना और सांस्कृतिक विरासत का संरक्षण।

सावित्रीबाई फुले जयंती

  • हाल ही में, भारत के प्रधान मंत्री ने सावित्रीबाई फुले को उनकी जयंती (3 जनवरी 1831) पर श्रद्धांजलि अर्पित की।     

और पढ़ें: सावित्रीबाई और ज्योतिराव फुले

रानी वेलु नचियार जयंती

भारत के प्रधान मंत्री ने रानी वेलु नचियार (3 जनवरी 1730 - 25 दिसंबर 1796) को उनकी जयंती पर श्रद्धांजलि अर्पित की है।

  • रानी वेलु नचियार, जिन्हें वीरमंगई के नाम से भी जाना जाता है, तमिलनाडु के रामनाथपुरम के रामनाद साम्राज्य की राजकुमारी थीं।
  • उन्हें भारत में ब्रिटिश औपनिवेशिक सत्ता के विरुद्ध लड़ने वाली पहली रानी के रूप में सम्मानित किया जाता है।
    • वह फ्रेंच, अंग्रेज़ी तथा उर्दू जैसी भाषाओं की ज्ञाता थीं।
  • वर्ष 1780 में अपने पति मुथुवदुगनाथपेरिया उदयथेवर की मृत्यु के बाद नचियार शिवगंगा एस्टेट (वर्तमान तमिलनाडु) की रानी बन गईं। उन्होंने वर्ष 1790 तक शासन किया।
    • उन्होंने पहले मानव बम के प्रयोग के साथ-साथ वर्ष 1700 के दशक के अंत में प्रशिक्षित महिला सैनिकों की पहली सेना की स्थापना की।

विश्व ब्रेल दिवस

वर्ष 2019 से प्रतिवर्ष 4 जनवरी को मनाया जाने वाला विश्व ब्रेल दिवस, नेत्रहीन और आंशिक दृष्टि वाले लोगों के लिये मानवाधिकारों की पूर्ण प्राप्ति में संचार के साधन के रूप में ब्रेल के महत्त्व के बारे में जागरूकता बढ़ाने हेतु मनाया जाता है।

  • ब्रेल वर्णमाला और संख्यात्मक प्रतीकों का एक स्पर्शपूर्ण प्रतिनिधित्व है, जिसमें प्रत्येक अक्षर और संख्या और यहाँ तक कि संगीत, गणितीय और वैज्ञानिक प्रतीकों को दर्शाने के लिये छह बिंदुओं का उपयोग किया जाता है।
    • ब्रेल (इसका नाम 19वीं सदी के फ्राँस में इसके आविष्कारक लुई ब्रेल के नाम पर रखा गया) का उपयोग नेत्रहीन और आंशिक दृष्टि वाले लोगों द्वारा उन्हीं पुस्तकों और पत्रिकाओं को पढ़ने के लिये किया जाता है जो दृश्य फॉन्ट में मुद्रित होती हैं।
  • ब्रेल शिक्षा, अभिव्यक्ति और राय की स्वतंत्रता के साथ-साथ सामाजिक समावेशन के संदर्भ में आवश्यक है, जैसा कि दिव्यांग व्यक्तियों के अधिकारों पर कन्वेंशन के अनुच्छेद 2 में दर्शाया गया है।

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