PEN पिंटर पुरस्कार, 2023
प्रसिद्ध कवि और लेखक माइकल रोसेन को उनके साहित्यिक योगदान के लिये प्रतिष्ठित PEN पिंटर पुरस्कार, 2023 से सम्मानित किया गया।
- रोसेन को अपने कार्य और प्रदर्शन के माध्यम से बच्चों के लिये कविता को सुलभ बनाने के लिये जाना जाता है। उनके विषय प्रायः सामाजिक, राजनीतिक और नैतिक होते हैं।
PEN पिंटर पुरस्कार का इतिहास और उद्देश्य:
- PEN पिंटर पुरस्कार की स्थापना वर्ष 2009 में इंग्लिश PEN संस्था द्वारा की गई थी, जो एक वैश्विक साहित्यिक नेटवर्क का संस्थापक केंद्र है, यह संस्था साहित्य और मानवाधिकारों को बढ़ावा देती है।
- इस पुरस्कार का नाम हेरोल्ड पिंटर के नाम पर रखा गया था, जो इंग्लिश PEN के उपाध्यक्ष और इंटरनेशनल PEN राइटर्स इन प्रिज़न कमेटी (WiPC) के सक्रिय सदस्य थे।
- यह वर्ष 2005 में पिंटर के नोबेल पुरस्कार स्वीकृति भाषण जिसका शीर्षक-"कला, सत्यता और राजनीति" था, से प्रेरित था, जिसमें उन्होंने "विश्व के नागरिक" के रूप में लेखक की भूमिका के बारे में बात की, साथ ही जो सत्ता के झूठ पर सवाल उठाता है तथा उसे उजागर करता है।
- इस पुरस्कार का उद्देश्य दूसरों की गरिमा और अधिकारों की रक्षा के लिये लेखन कार्य करने वाले लेखकों की पहचान करना है।
- यह पुरस्कार प्रतिवर्ष यूनाइटेड किंगडम, आयरलैंड गणराज्य, राष्ट्रमंडल अथवा पूर्व राष्ट्रमंडल में रहने वाले किसी लेखक को प्रदान किया जाता है।
- विजेता को अंग्रेज़ी में लिखे गए साहित्यिक उत्कृष्टता वाले नाटकों, कविता, निबंध अथवा कथा साहित्य का लेखक होना अनिवार्य है।
- इस प्रतिष्ठित पुरस्कार के पिछले प्राप्तकर्त्ताओं में हनीफ कुरैशी, लेमन सिस्से और मैलोरी ब्लैकमैन शामिल हैं।
अन्य प्रमुख साहित्यिक पुरस्कार:
- अंतर्राष्ट्रीय:
- साहित्य में नोबेल पुरस्कार (वर्ष 2022 में एनी एर्नाक्स)
- बुकर पुरस्कार
- UNESCO किंग सेजोंग साक्षरता पुरस्कार
- भारतीय:
स्रोत: इंडियन एक्सप्रेस
ग्लोबल एन्वायरनमेंट फैसिलिटी
हाल ही में ब्राज़ील में आयोजित 64वीं ग्लोबल एन्वायरनमेंट फैसिलिटी (GEF) परिषद की बैठक में शासी निकाय ने जलवायु, जैवविविधता और प्रदूषण की समस्या से निपटने के प्रयासों में तेज़ी लाने के लिये 1.4 बिलियन अमेरिकी डॉलर के संवितरण को मंज़ूरी दी है।
- यह GEF-8 फंडिंग अवधि (2022 और 2026 तक चलने वाला) की दूसरी कार्य योजना है।
बैठक के प्रमुख बिंदु:
- वैश्विक जैवविविधता फ्रेमवर्क फंड:
- शासी निकाय ने कुनमिंग-मॉन्ट्रियल वैश्विक जैवविविधता फ्रेमवर्क के कार्यान्वयन को वित्तपोषित करने के लिये एक नए फंड, ग्लोबल बायोडायवर्सिटी फ्रेमवर्क फंड (GBFF) की स्थापना को मंज़ूरी दे दी है।
- यह निधि महत्त्वपूर्ण है क्योंकि GEF-8 अवधि के दौरान लगभग 50% संसाधन जैवविविधता से संबंधित कार्यों के लिये आवंटित किये जाएंगे।
- निधि आवंटन:
- यह निधि 20% स्वदेशी लोगों एवं स्थानीय समुदायों (IPLC) को, 25% GEF एजेंसियों को, 36% SIDS (छोटे विकासशील द्वीपीय देश) को तथा 3% LDC (अल्प विकसित देशों) को आवंटित की जाएगी।
- IPLC के लिये आवंटन की समीक्षा अगस्त में अनुसमर्थन के दो वर्ष बाद की जाएगी जबकि SIDS और LDC के लिये आवंटन की समीक्षा अनुसमर्थन के तीन वर्ष बाद की जाएगी।
ग्लोबल एन्वायरनमेंट फैसिलिटी (GEF):
- वैश्विक पर्यावरण सुविधा (Global Environment Facility- GEF) की स्थापना वर्ष 1992 के रियो अर्थ समिट से एक दिन पहले की गई थी।
- यह एक प्रकार की निधि है जो जैवविविधता के नुकसान, जलवायु परिवर्तन, प्रदूषण और भूमि एवं महासागर स्वास्थ्य के क्षरण का सामना करने के लिये समर्पित है।
- इसकी एक अद्वितीय शासकीय संरचना है जिसमें एक विधानसभा, परिषद, सचिवालय, 18 एजेंसियाँ, एक वैज्ञानिक एवं तकनीकी सलाहकार पैनल तथा मूल्यांकन कार्यालय सम्मिलित है।
- यह पाँच प्रमुख अंतर्राष्ट्रीय सम्मेलनों के लिये वित्तीय सहायता प्रदान करती है:
- पारा पर मिनामाता अभिसमय वर्ष 2013 में हस्ताक्षरित और वर्ष 2017 में लागू हुआ)।
- स्थायी कार्बनिक प्रदूषकों (POP) पर स्टॉकहोम अभिसमय (वर्ष 2001 में हस्ताक्षरित और वर्ष 2004 में लागू हुआ)।
- जैविक विविधता पर संयुक्त राष्ट्र सम्मेलन (UNCBD) (वर्ष 1993 में लागू हुआ)।
- मरुस्थलीकरण से निपटने के लिये संयुक्त राष्ट्र अभिसमय (UNCCD) (वर्ष 1994 में अपनाया गया)।
- जलवायु परिवर्तन पर संयुक्त राष्ट्र फ्रेमवर्क अभिसमय (UNFCCC) (वर्ष 1992 में हस्ताक्षरित और वर्ष 1994 में लागू हुआ)।
- भारत सहित 184 देश इसके सदस्य हैं।
- इसका सचिवालय वाशिंगटन, डी.सी. में स्थित है।
- विश्व बैंक GEF के ट्रस्टी के रूप में कार्य करता है, जो GEF ट्रस्ट फंड (दानदाताओं द्वारा योगदान) का प्रबंधन करता है।
GEF काउंसिल:
- GEF के मुख्य शासी निकाय, परिषद में GEF सदस्य देशों के निर्वाचन क्षेत्रों (विकसित देशों से 14, विकासशील देशों से 16 और 2 संक्रमण से गुज़र रही अर्थव्यवस्थाओं से) द्वारा नियुक्त 32 सदस्य शामिल हैं।
- भारत ने बांग्लादेश, श्रीलंका, भूटान, नेपाल और मालदीव के साथ मिलकर GEF की कार्यकारी परिषद में एक स्थायी निर्वाचन क्षेत्र का गठन किया है।
- परिषद सदस्यों के रोटेशन के बीच की अवधि प्रत्येक निर्वाचन क्षेत्र द्वारा निर्धारित की जाती है।
- परिषद की वर्ष में दो बार बैठक होती है।
- परिषद GEF-वित्तपोषित गतिविधियों के लिये परिचालन नीतियों के साथ कार्यक्रमों का विकास तथा उनको अपनाने के साथ उनका मूल्यांकन करती है।
- यह सर्वसम्मति से निर्णय लेते हुए कार्य योजनाओं (अनुमोदन के लिये प्रस्तुत परियोजनाएँ) की समीक्षा के साथ उनका अनुमोदन भी करती है।
स्रोत: द हिंदू
Rapid Fire (करेंट अफेयर्स): 03 जुलाई, 2023
वेक्टर-जनित रोगों के लिये तैयारी
हाल ही में केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री ने मानसून के मौसम से पहले वेक्टर जनित बीमारियों को रोकने और नियंत्रित करने में राज्य की तत्परता का वस्तुतः मूल्यांकन किया, सक्रिय उपायों तथा रोग के बोझ को कम करने के लिये स्वास्थ्य आवश्यकताओं के महत्त्व पर ज़ोर दिया। वेक्टर-जनित बीमारियाँ मच्छरों, किलनी, पिस्सू और मक्खियों जैसे संक्रमित वाहकों के काटने से मनुष्यों में फैलने वाली बीमारियों का एक समूह है। इन बीमारियों में मलेरिया, डेंगू बुखार, चिकनगुनिया, जापानी इंसेफेलाइटिस, लिम्फेटिक फाइलेरिया और कालाज़ार शामिल हैं। वे आमतौर पर मौसमी होते हैं और उनके फैलने का खतरा होता है, ये बीमारियाँ ज़्यादातर मानसून और इसके बाद की अवधि के दौरान उत्पन्न होती हैं।
और पढ़ें… डेंगू, कालाज़ार रोग, जापानी इंसेफेलाइटिस, मलेरिया
इंडिया पोस्ट और कनाडा पोस्ट ने ई-कॉमर्स के लिये ITPS प्रस्तुत किया
इंडिया पोस्ट और कनाडा पोस्ट ने हाल ही में दोनों देशों के मध्य इंटरनेशनल ट्रैक्ड पैकेट सर्विस (ITPS) प्रारंभ करने के लिये एक समझौते पर हस्ताक्षर किये हैं। यह सेवा 01 जुलाई, 2023 से प्रभावी है। ITPS पैकेटों के प्रसारण तथा वितरण के लिये एक प्रतिस्पर्द्धी सेवा है, साथ ही इसे स्थानीय डाकघरों का उपयोग करके अपने उत्पादों के निर्यात को बढ़ावा देने के लिये MSMEs, छोटे व्यवसायों, व्यापारियों आदि सहित ई-कॉमर्स निर्यातकों की सीमा पार शिपिंग आवश्यकताओं को पूरा करने के लिये डिज़ाइन किया गया है। ITPS सुविधा जो पहले से ही 38 भागीदार देशों के साथ उपलब्ध है, में ब्रिटेन, फ्राँस, संयुक्त अरब अमीरात तथा मिस्र जैसे हाल ही में शामिल देश हैं और अब कनाडा को 39वें भागीदार के रूप में शामिल किया जा रहा है। अंतर्राष्ट्रीय EMS (स्पीड पोस्ट) तथा अन्य बाज़ार उत्पादों की तुलना में ITPS दरें बहुत किफायती रखी गई हैं।
INS सुनयना का बीरा, मोज़ाम्बिक का दौरा
हाल ही में भारतीय नौसेना के एक नौसैनिक जहाज़ INS सुनयना ने बीरा, मोज़ाम्बिक के बंदरगाह का दौरा किया जो अपने समुद्री पड़ोसियों के साथ सौहार्दपूर्ण संबंधों को बढ़ावा देने तथा सागर- क्षेत्र में सभी के लिये सुरक्षा और विकास के दृष्टिकोण को बढ़ावा देने हेतु भारत की प्रतिबद्धता को दर्शाता है। INS सुनयना की तैनाती में मोज़ाम्बिक के तट पर एक संयुक्त विशेष आर्थिक क्षेत्र (EEZ) की गश्त करना भी शामिल है जो दोनों देशों के बीच सुरक्षा सहयोग को और बढ़ाती है। मिशन सागर को वर्ष 2015 में आरंभ किया गया था। यह हिंद महासागर क्षेत्र (IOR) में भारत की रणनीतिक दृष्टि है। सागर के माध्यम से भारत अपने समुद्री पड़ोसियों के साथ आर्थिक एवं सुरक्षा सहयोग को सुदृढ़ करना चाहता है तथा उनकी समुद्री सुरक्षा क्षमताओं के निर्माण में सहायता करना चाहता है।
और पढ़ें… क्षेत्र में सभी के लिये सुरक्षा और विकास, विशेष आर्थिक क्षेत्र (EEZ)
भारत ने आठवीं एशियाई कबड्डी चैंपियनशिप का खिताब जीता
एशियाई कबड्डी चैंपियनशिप, वर्ष 2023 में भारत ने विजय प्राप्त की और नौ संस्करणों में आठवीं बार यह खिताब जीता। मैच का फाइनल दक्षिण कोरिया के बुसान शहर में आयोजित हुआ। भारतीय कबड्डी टीम अब 23 सितंबर से 8 अक्तूबर, 2023 तक चीन के हांगझू में होने वाले आगामी एशियाई खेलों में भाग लेगी। पहली एशियाई कबड्डी चैंपियनशिप वर्ष 1980 में आयोजित की गई थी और इसे वर्ष 1982 में नई दिल्ली में आयोजित 9वें एशियाई खेलों में एक प्रदर्शन खेल के रूप में शामिल किया गया था। कबड्डी भारत का सबसे प्रसिद्ध पारंपरिक खेल है जो मूल रूप से एक लड़ाकू खेल है, जिसमें प्रत्येक टीम में सात खिलाड़ी होते हैं, यह 5 मिनट के अंतराल (20-5-20) के साथ 40 मिनट की अवधि तक खेला जाता है। इस खेल का मुख्य विचार प्रतिद्वंद्वी के कोर्ट में हमला करके तथा एक भी बार साँस लिये बिना जितना संभव हो रक्षा पंक्ति के खिलाड़ियों को छूकर अंक हासिल करना है। खेल को प्रोत्साहित करने के लिये वर्ष 1950 में अखिल भारतीय कबड्डी महासंघ का गठन किया गया था। भारत और एशिया के पड़ोसी देशों में खेल को लोकप्रिय बनाने के उद्देश्य से भारतीय ओलंपिक संघ (IOA) से संबद्ध नई संस्था, एमेच्योर कबड्डी फेडरेशन ऑफ इंडिया (AKFI) की वर्ष 1972 में स्थापना की गई।