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फाइलेरिया से मुकाबला

  • 13 Feb 2023
  • 4 min read

स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय ने फाइलेरिया रोग को समाप्त करने के उद्देश्य से एक राष्ट्रव्यापी मास ड्रग एडमिनिस्ट्रेशन (Mass Drug Administration- MDA) अभियान शुरू किया है।

  • भारत का लक्ष्य वैश्विक लक्ष्य से तीन वर्ष पहले यानी वर्ष 2027 तक फाइलेरिया को समाप्त करना है।
  • फाइलेरिया से प्रभावित उच्च दबाव वाले राज्य बिहार, छत्तीसगढ़, झारखंड, महाराष्ट्र, उत्तर प्रदेश, पश्चिम बंगाल, कर्नाटक, ओडिशा, मध्य प्रदेश और आंध्र प्रदेश हैं। 

फाइलेरिया  

  • परिचय: 
    • फाइलेरिया सूक्ष्म, तंतु जैसे कृमियों के कारण होने वाला एक परजीवी संक्रमण है जिसे फाइलेरिया कहा जाता है। यह संक्रमित मच्छरों के काटने से फैलता है और यह दुनिया भर में उष्णकटिबंधीय एवं उपोष्णकटिबंधीय क्षेत्रों में लाखों लोगों को प्रभावित करता है।
  • कारण और संचरण: 
    • लसीका फाइलेरिया, फिलारियोडिडिया परिवार के नेमाटोड (राउंडवॉर्म) के रूप में वर्गीकृत परजीवियों के संक्रमण के कारण होता है। 
    • ये तंतु-सदृश फाइलेरिया परजीवी 3 प्रकार के होते हैं:
      • वुचेरेरिया बैनक्रोफ्टी (Wuchereria Bancrofti) जो 90% मामलों के लिये उत्तरदायी है।
      • ब्रुगिया मलाई (Brugia Malayi) जो शेष अधिकांश मामलों के लिये उत्तरदायी है।
      • ब्रुगिया तिमोरी (Brugiya Timori) भी इस रोग का कारण है।
  • लक्षण: 
    • लसीका फाइलेरिया संक्रमण में स्पर्शोन्मुख, तीव्र और जीर्ण स्थितियाँ शामिल हैं।  
      • जीर्ण स्थितियों में इसके कारण अंगों में लिम्फोएडेमा (ऊतकों में सूजन) या एलिफेंटियासिस (त्वचा/ऊतकों में सूजन) और हाइड्रोसील (अंडकोश की सूजन) हो जाता है।
  • उपचार: 
    • विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) फाइलेरिया के वैश्विक उन्मूलन में तेज़ी लाने के लिये तीन औषधीय उपचारों की सिफारिश करता है। उपचार, जिसे आईडीए (IDA) के रूप में जाना जाता है, में आइवरमेक्टिन (Ivermectin), डायथाइलकार्बामाज़िन  साइट्रेट (Diethylcarbamazine Citrate) और एल्बेंडाज़ोल (Albendazole) का संयोजन शामिल है।
      • ये दवाएँ लगातार दो वर्ष तक दी जाएंगी। परिपक्व कृमि का जीवनकाल चार वर्ष से अधिक नहीं होता है, इस प्रकार यह व्यक्ति को नुकसान पहुँचाए बिना स्वाभाविक रूप से नष्ट हो जाएगा।

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स्रोत: द हिंदू

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