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जापानी इंसेफेलाइटिस

  • 14 Mar 2023
  • 6 min read

भारत के गोरखपुर ज़िले में जापानी इंसेफेलाइटिस से बचाव के लिये लगाई गई चीनी वैक्सीन SA-14-14-2 (जीवित, क्षीण वैक्सीन) के बाद टीकाकरण किये गए 266 बच्चों पर हुए एक अध्ययन में अलग-अलग समय बिंदुओं पर एंटीबॉडी IgG को निष्क्रिय करने का बहुत कम स्तर पाया गया। 

जापानी इंसेफेलाइटिस की वैक्सीन का अध्ययन: 

  • परिचय: 
    • इस अध्ययन में वैक्सीन लगाए गए बच्चों में वायरस के खिलाफ सीरोप्रोटेक्शन कम पाया गया।
      • सीरोप्रोटेक्शन एक एंटीबॉडी प्रतिक्रिया है जो संक्रमण को रोकने में सक्षम है, उदाहरण के लिये टीकाकरण के बाद या किसी सूक्ष्मजीव के साथ पिछले संक्रमण के बाद।
    • वैक्सीन लगाने वाले लगभग 98% बच्चों में वायरस के खिलाफ कोई इम्युनोग्लोबुलिन G (IgG) एंटीबॉडी नहीं थी।
    • ऐसे ही परिणाम बांग्लादेश में बच्चों को चीनी वैक्सीन से प्रतिरक्षित किये जाने के संदर्भ में किये गए एक अध्ययन में पाए गए थे।
  • अन्य वैक्सीन के साथ तुलना:
    • इसके विपरीत नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ वायरोलॉजी, पुणे के सहयोग से भारत बायोटेक द्वारा विकसित एक निष्क्रिय टीके (जेनवैक) का उपयोग कर किये गए एक परीक्षण में एकल खुराक के साथ भी दो वर्ष के अंत में बेहतर सुरक्षा पाई गई है।  
    • जेनवैक को सिंगल-डोज़ वैक्सीन के रूप में मंज़ूरी दी गई है।
      • नवंबर 2020 के परीक्षण में पाया गया कि अधिक एंटीबॉडीज़ के उत्पादन के संदर्भ में जेनवैक की दो खुराकों ने चीनी वैक्सीन की दो खुराकों की तुलना में बेहतर प्रदर्शन किया।

जापानी इंसेफेलाइटिस:

  • परिचय:  
    • जापानी इंसेफेलाइटिस एक वायरल संक्रमण है जो मस्तिष्क में जलन पैदा कर सकता है।
      • यह फ्लेविवायरस के कारण होने वाली एक बीमारी है, जो डेंगू, पीला बुखार और वेस्ट नाइल वायरस के समान जीनस से संबंधित है।
    • जापानी इंसेफेलाइटिस वायरस (JEV) भारत में एक्यूट इंसेफेलाइटिस सिंड्रोम (AES) का एक प्रमुख कारण है।
  • संचरण:  
    • यह रोग क्यूलेक्स प्रजाति के संक्रमित मच्छरों के काटने से मनुष्यों में फैलता है।
    • ये मच्छर मुख्य रूप से धान के खेतों और जलीय वनस्पतियों से भरपूर बड़े जल निकायों में प्रजनन करते हैं। 
  • इलाज: 
    • जापानी इंसेफेलाइटिस के रोगियों के लिये कोई एंटीवायरल उपचार उपलब्ध नहीं है। 
      • मौजूद उपचार लक्षणों से छुटकारा पाने और रोगी को स्थिरता प्रदान करने में  सहायक है।
  • निवारण:  
    • इस बीमारी को रोकने के लिये सुरक्षित और प्रभावी जापानी इंसेफेलाइटिस (JE) टीके उपलब्ध हैं। 
      • JE टीकाकरण भारत सरकार के सार्वभौमिक टीकाकरण कार्यक्रम के तहत भी शामिल है। 

एंटीबॉडीज़ क्या हैं?  

  • परिचय: एंटीबॉडी एक प्रोटीन है, जो मानव शरीर में एंटीजन नामक हानिकारक पदार्थों के कारण प्रतिरक्षा प्रणाली द्वारा उत्पादित होता है।
  • प्रकार: एंटीबॉडी (इम्युनोग्लोबुलिन) में 5 प्रकार के भारी शृंखला स्थायी क्षेत्र होते हैं और इन प्रकारों के अनुसार, उन्हें IgG, IgM, IgA, IgD और IgE में वर्गीकृत किया जाता है।  
    • IgG रक्त में मुख्य एंटीबॉडी है और इसमें बैक्टीरिया तथा विषाक्त पदार्थों को आबंधित करने की प्रभावशाली क्षमता होती है। इस प्रकार यह जैविक रक्षा प्रणाली में एक महत्त्वपूर्ण भूमिका निभाता है। यह एकमात्र समप्ररूप है जो प्लेसेंटा से गुज़र सकता है, और माता के शरीर से स्थानांतरित IgG एक नवजात शिशु की रक्षा करता है।

Antibodies

  UPSC सिविल सेवा परीक्षा, विगत वर्ष के प्रश्न  

प्रश्न. निम्नलिखित कथनों में कौन-सा एक मानव शरीर में B कोशिकाओं और T कोशिकाओं की भूमिका का सर्वोत्तम वर्णन है? (2022)

(a) वे शरीर को पर्यावरणीय प्रत्युजर्कों (एलर्जनों) से संरक्षित करती हैं। 
(b) वे शरीर के दर्द और सूजन का अपशमन करती हैं।
(c) वे शरीर में प्रतिरक्षा निरोधकों की तरह काम करती हैं।
(d) ये शरीर को रोगजनकों द्वारा होने वाले रोगों से बचाती हैं।

उत्तर: (d) 


प्रश्न. निम्नलिखित कथनों पर विचार कीजिये: (2017)

  1. उष्णकटिबंधीय प्रदेशों में ज़ीका वायरस रोग उसी मच्छर द्वारा संचरित होता है जिससे डेंगू संचरित होता है ।
  2. ज़ीका वायरस रोग का लैंगिक संचरण होना संभव है ।

उपर्युक्त कथनों में से कौन-सा/से सही है/हैं?

(a) केवल 1
(b) केवल 2
(c) 1 और 2 दोनों
(d) न तो 1, न ही 2

उत्तर: (c) 

स्रोत: द हिंदू

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