प्रारंभिक परीक्षा
मच्छू नदी
हाल ही में गुजरात के मोरबी ज़िले में मच्छू नदी पर निर्मित सस्पेंशन ब्रिज गिर गया, जिसमें लगभग 135 लोग मारे गए।
- सस्पेंशन ब्रिज या झूलता पुल, वर्ष1877 में मोरबी रियासत के शासक सर वाघजी ठाकोर द्वारा बनाया गया था।
- इसे 'मोरबी के शासकों की प्रगतिशील और वैज्ञानिक प्रकृति' को प्रतिबिंबित करने के लिये बनाया गया था। इसका उद्घाटन वर्ष 1879 में तत्कालीन बॉम्बे गवर्नर रिचर्ड टेम्पल ने किया था।
सस्पेंशन ब्रिज:
- सस्पेंशन ब्रिज एक प्रकार का पुल होता है जिसमें डेक (मुख्य पथ) को सस्पेंशन तारों के सहारे नीचे लटका दिया जाता है।
- पुल के दोनों छोर पर ठोस एवं कड़े गर्डर, दो या दो से अधिक मुख्य सस्पेंशन तार, टावर और केबल एंकरेज इस पुल के प्राथमिक संरचनात्मक तत्त्व हैं।
- मुख्य तार टावरों के बीच सस्पेंडेड (झूलता हुआ) होता है और एंकरेज या पुल से ही जुड़ा होता है। डेक (मुख्य पथ) का वज़न एवं उस पर आवगमन करने वाले यात्रियों का भार संभालने का काम वर्टिकल सस्पेंडर्स करता है।
- इस डिज़ाइन से यह सुनिश्चित होता है कि सस्पेंशन तार पर पड़ने वाला भार, दोनों छोर के टावरों पर स्थानांतरित हो जाता है और फिर एंकरेज केबल्स के माध्यम से यह भार लंबवत संपीड़न द्वारा ज़मीन पर पड़ता है।
मच्छू नदी:
- परिचय : मच्छू नदी गुजरात के सुरेंद्रनगर ज़िले में मदला पहाड़ियों से निकलती है और कच्छ के रण में 141.75 किमी. तक बहते हुए समाप्त हो जाती है।
- सहायक नदियाँ: बेटी, असोई, जंबुरी, बेनिया, मछछोरी, महा आदि मच्छू नदी की सहायक नदियाँ हैं।
- बाँध: सौराष्ट्र क्षेत्र में सिंचाई हेतु इस पर दो बाँध बनाए गए हैं।
मोरबी ज़िले का महत्त्व:
- यह सिरेमिक उद्योग के लिये प्रसिद्ध है। भारत के सिरेमिक का लगभग 70% मोरबी में उत्पादित किया जाता है और यहाँ निर्मित सिरेमिक टाइलें मध्य-पूर्व, पूर्वी एशिया एवं अफ्रीका के देशों को निर्यात की जाती हैं।
UPSC सिविल सेवा परीक्षा विगत वर्ष के प्रश्नप्रश्न. निम्नलिखित नदियों पर विचार कीजिये:
उपर्युक्त में से कौन पूर्वी घाट से निकलती है? (a) 1 और 2 उत्तर: b व्याख्या:
अतः विकल्प (b) सही है। |
स्रोत: इंडियन एक्सप्रेस
प्रारंभिक परीक्षा
छत्तीसगढ़ स्थापना दिवस
हाल ही में 1 नवंबर से 3 नवंबर, 2022 तक आयोजित होने वाले राष्ट्रीय आदिवासी नृत्य महोत्सव के तीसरे संस्करण का उद्घाटन राज्य स्थापना दिवस के अवसर पर रायपुर, छत्तीसगढ़ में किया गया।
- इस कार्यक्रम में भारत और मोज़ाम्बिक, मंगोलिया, टोंगो, रूस, इंडोनेशिया, मालदीव, सर्बिया, न्यूज़ीलैंड एवं मिस्र सहित 10 देशों के 1,500 से अधिक आदिवासी कलाकार प्रतिभाग करेंगे।
छत्तीसगढ़ (Chhattisgarh):
- परिचय:
- 1 नवंबर, 2000 को मध्य प्रदेश से 16 छत्तीसगढ़ी भाषी ज़िलों को अलग कर छत्तीसगढ़ राज्य का गठन किया गया था।
- यह 135,190 वर्ग किमी के क्षेत्रफल के साथ भारत का 10वाँ सबसे बड़ा राज्य है।
- यह भारत में इस्पात और विद्युत शक्ति के उत्पादन के लिये एक महत्त्वपूर्ण केंद्र है, जो भारत में उत्पादित कुल इस्पात का लगभग 15% उत्पादन करता है।
- छत्तीसगढ़ मुख्य रूप से अपने कृषि कार्यों हेतु प्रसिद्ध है, जो लगभग 80% कार्यबल के लिये ज़िम्मेदार है। चावल के उत्पादन के कारण इसे 'धान का कटोरा' के नाम से भी जाना जाता है जिसका अर्थ है 'चावल का कटोरा'।
- सीमावर्ती राज्य :
- यह सात राज्यों से घिरा हुआ है: मध्य प्रदेश, महाराष्ट्र, आंध्र प्रदेश, तेलंगाना, ओडिशा, झारखंड और उत्तर प्रदेश।
- राजधानी :
- रायपुर
- भाषा:
- छत्तीसगढ़ के लोगों की मूल भाषा छत्तीसगढ़ी है।
- हालाँकि यहाँ हिंदी भी लोकप्रिय है।
- छत्तीसगढ़ के लोगों की मूल भाषा छत्तीसगढ़ी है।
- जनजातियाँ:
- इस राज्य की कुछ प्रमुख जनजातियों में मिरियम, बैगा, कमर, हलबा, गोंड, भुमजा, कवार आदि हैं।
- प्रमुख त्योंहार:
- आदिवासी समाजों द्वारा मनाए जाने वाले कुछ उल्लेखनीय त्योहारों में बस्तर दशहरा, बस्तर लोकोत्सव, कोरिया मेला, फागुन वडाई, मडई महोत्सव, गोंचा महोत्सव, पोला महोत्सव और अन्य शामिल हैं।
- खनिज संसाधन:
- यह कोयला, लौह अयस्क और डोलोमाइट जैसे खनिजों का प्रमुख उत्पादक है।
- इसके अलावा इस राज्य में बॉक्साइट, चूना पत्थर और क्वार्टजाइट के पर्याप्त भंडार उपलब्ध हैं।
- इस राज्य में भारत के टिन अयस्क भंडार का 35.4% हिस्सा है। छत्तीसगढ़ भारत का एकमात्र राज्य है जहाँ टिन कंसन्ट्रेटस (tin concentrates) का उत्पादन होता है।
- यह कोयला, लौह अयस्क और डोलोमाइट जैसे खनिजों का प्रमुख उत्पादक है।
- महत्वपूर्ण नदियाँ:
- राष्ट्रीय उद्यान:
- इंद्रावती राष्ट्रीय उद्यान
- गुरु घासीदास राष्ट्रीय उद्यान
- कांगेर घाटी राष्ट्रीय उद्यान
- वन्यजीव अभयारण्य:
- तमोर पिंगला वन्यजीव अभयारण्य
- पामेड वन्यजीव अभयारण्य
- गोर्मदा वन्यजीव अभयारण्य
- बादलखोल वन्यजीव अभयारण्य
- भोरमदेव वन्यजीव अभयारण्य
- भैरमगढ़ वन्यजीव अभयारण्य
- सेरामसोट वन्यजीव अभयारण्य
- बरनवापारा वन्यजीव अभयारण्य
- सीतानदी वन्यजीव अभयारण्य
- नंदन वन वन्यजीव अभयारण्य
- पाइथन फाॅरेस्ट वन्यजीव अभयारण्य
- नरसिंहगढ़ वन्यजीव अभयारण्य
- उदंती जंगली भैंस वन्यजीव अभयारण्य
- टाइगर रिज़र्व:
- राष्ट्रीय बाघ संरक्षण प्राधिकरण (NTCA) ने गुरु घासीदास राष्ट्रीय उद्यान और तमोर पिंगला वन्यजीव अभयारण्य के संयुक्त क्षेत्रों को टाइगर रिज़र्व के रूप में नामित किया है।
UPSC सिविल सेवा परीक्षा विगत वर्ष के प्रश्नप्रश्न. निम्नलिखित में से कौन सा खनिज़ छत्तीसगढ़ राज्य में प्राकृतिक रूप से पाया जाता है? (2008)
नीचे दिये गए कूट का उपयोग कर सही उत्तर चुनिये: कूट: (a) केवल 1, 2 और 3 उत्तर: (d) |
स्रोत: इंडियन एक्सप्रेस
प्रारंभिक परीक्षा
मुदुमलाई टाइगर रिज़र्व
वन विभाग सेना स्पेक्टाबिलिस जैसी आक्रामक प्रजातियों के प्रसार से निपटने के लिये व्यापक रणनीति अपना रहा है, जो नीलगिरी पहाड़ी ज़िले में मुदुमलाई टाइगर रिज़र्व (MTR) के बफर ज़ोन में तेज़ी से फैल रहा है।
- सेना स्पेक्टाबिलिस और लैंटाना कमारा जैसे आक्रामक खरपतवार नीलगिरि के विशाल क्षेत्रों पर फैल गए हैं।
- आक्रामक खरपतवार का स्थानीय जैवविविधता पर नकारात्मक प्रभाव पड़ता है, इससे स्थानीय प्रजातियों की भीड़ और वन्यजीवों के लिये भोजन की उपलब्धता सीमित हो जाती है।
मुदुमलाई टाइगर रिज़र्व
- परिचय:
- तीन राज्यों कर्नाटक, केरल और तमिलनाडु के त्रि-जंक्शन पर यह तमिलनाडु के नीलगिरि ज़िले में स्थित है।
- इसके पश्चिम मेंं वायनाड वन्यजीव अभयारण्य (केरल), उत्तर में बांदीपुर टाइगर रिज़र्व (कर्नाटक) के साथ एक आम सीमा है, जो बाघ और एशियाई हाथी जैसी प्रमुख प्रजातियों के लिये एक बड़े संरक्षण परिदृश्य का निर्माण करता है।
- मुदुमलाई बाघ अभयारण्य उन 14 भारतीय बाघ अभयारण्यों में से एक है जिन्हें लक्षित प्रजातियों के प्रभावी प्रबंधन के लिये संरक्षण आश्वासन/बाघ मानक का दर्जा दिया गया था।
- मुदुमलाई की जलवायु समशीतोष्ण है। यह दिसंबर के महीने या जनवरी की शुरुआत के दौरान ठंडे मौसम का अनुभव करती है और मार्च एवं अप्रैल के महीनों में गर्म मौसम रहता है।
- महत्त्वपूर्ण वनस्पति और जीव:
- इसमें लंबी घास उगती है, जिसे आमतौर पर "एलीफैंट ग्रास" कहा जाता है, साथ ही विशाल किस्म के बांस, सागवान, शीशम आदि मूल्यवान लकड़ियों की प्रजातियाँ पाई जाती है।
- इसमें स्थानिक वनस्पतियों की कई प्रजातियाँ हैं। इन प्राकृतिक आवासों में विभिन्न प्रकार के जानवर रहते हैं जिनमें बाघ, हाथी, भारतीय गौर, पैंथर, सांभर, चित्तीदार हिरण, भौंकने वाला हिरण, माउस हिरण, लंगूर, मालाबार विशालकाय गिलहरी, जंगली कुत्ता, नेवला, जंगली बिल्ली, लकड़बग्घा शामिल हैं।
- इस रिज़र्व में पक्षियों की 260 से अधिक प्रजातियाँ पाई जाती हैं।
- भारत में पाई जाने वाली पक्षियों की 8% प्रजातियाँ मुदुमलाई में हैं।
तमिलनाडु में अन्य टाइगर रिज़र्व:
- अनामलाई:
- विषय:
- अनामलाई पहाड़ियों को काट कर बनाया गया यह टाइगर रिज़र्व पश्चिमी घाट के अंतर्गत है, जो अपने आप में 25 वैश्विक जैवविविधता हॉटस्पॉट में से एक है।
- इस रिज़र्व में उष्णकटिबंधीय वन, शोला जंगलों, बाँस के पेड़ों और विशाल घास के मैदानों सहित विविध आवास शामिल हैं।
- वनस्पति और जीव:
- बाघ के अलावा यहाँ पाए जाने वाले कुछ प्रमुख जानवरों में गौर, स्लोथ बियर, हाथी, पैंगोलिन, हिरण और पक्षियों की 350 से अधिक प्रजातियाँ शामिल हैं। यहाँ अमरावती बाँध जलाशय में मगरमच्छों को देखा जा सकता है।
- विषय:
- कलक्कड़ - मुंडनथुराई:
- परिचय:
- इसे लोकप्रिय रूप से KMTR के रूप में जाना जाता है, यह रिज़र्व वर्ष 1988 में मौजूदा और निकटवर्ती कालक्कड़ एवं मुंडनथुराई वन्यजीव अभयारण्यों को मिलाकर बनाया गया था।
- कलक्कड़ - मुंडनथुराई को तमिलनाडु में पहला टाइगर रिज़र्व घोषित किया गया था। यह पश्चिमी घाट के दक्षिणी भाग में है और इसमें आर्द्र सदाबहार वन हैं; यह 14 नदियों का जलग्रहण क्षेत्र है।
- यह अगस्त्यमाला बायोस्फीयर रिज़र्व का भी हिस्सा है।
- अगस्त्यमाला बायोस्फीयर रिज़र्व को अंतर्राष्ट्रीय प्रकृति संरक्षण संघ (IUCN) द्वारा भारत में पौधों की विविधता और स्थानिकता के पाँच केंद्रों में से एक के रुप में संदर्भित किया गया है।
- वनस्पति और जीव:
- बाघों के अलावा यहाँ पर सांभर, चित्तीदार हिरण, हाथी, तेंदुआ, जंगली कुत्ते के साथ बड़ी संख्या में पक्षी प्रजातियाँ, सरीसृप आदि हैं।
- परिचय:
- सत्यमंगलम:
- परिचय:
- वर्ष 2013 से एक बाघ अभयारण्य के रुप में यह नीलगिीरि के माध्यम से पूर्वी और पश्चिमी घाटों के बीच एक महत्त्वपूर्ण गलियारा बनाता है।।
- वर्ष 2019 की जनगणना के अनुसार इसमें 83 बाघों और 111 तेंदुओं को चिह्नित किया गया।
- परिचय:
- श्रीविल्लीपुथुर-मेगामलाई:
- परिचय:
- राज्य में नवीनतम टाइगर रिजर्व, श्रीविल्लीपुथुर-मेगामलाई टाइगर रिज़र्व (SMTR) का गठन फरवरी 2021 में मेगामलाई और श्रीविल्लीपुथुर वन्यजीव अभयारण्यों को मिलाकर किया गया था। यह पश्चिमी घाट क्षेत्र में स्थित है।
- SMTR भी कलक्कड़ मुंडनथुराई रिज़र्व से सटा हुआ है।
- वनस्पति और जीव:
- इस क्षेत्र में उष्णकटिबंधीय सदाबहार और अर्द्ध-सदाबहार वन, शुष्क पर्णपाती एवं नम मिश्रित पर्णपाती वन तथा घास के मैदान पाए जाते है।
- परिचय:
यूपीएससी सिविल सेवा परीक्षा विगत वर्ष के प्रश्नप्रश्न. निम्नलिखित में से कौन-से अगस्त्यमाला जीवमंडल रिज़र्व में आते हैं? (a) नेय्यर, पेप्पारा एवं शेंदुर्ने वन्यजीव अभयारण्य और कलाकड़ मुंडनथुराई टाइगर रिज़र्व उत्तर: (a) |
स्रोत: द हिंदू
विविध
Rapid Fire (करेंट अफेयर्स): 02 नवंबर, 2022
इन्वेस्ट कर्नाटक 2022 सम्मेलन
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 2 नवंबर को बंगलूरू, कर्नाटक में वैश्विक निवेशक सम्मेलन इन्वेस्ट कर्नाटक 2022 को उद्धाटन समारोह को वीडियो कॉफ्रेंसिंग के माध्यम से संबोधित करेंगे। इस सम्मेलन का उद्देश्य भावी निवेशकों को आकर्षित करने के साथ ही अगले दशक के लिये विकास एजेंडा निर्धारित करना है। 2 से 4 नवंबर तक बंगलूरू में आयोजित होने वाले तीन दिवसीय वैश्विक निवेशक सम्मेलन इन्वेस्ट कर्नाटक 2022 में 80 से अधिक सत्र होंगे। इस सम्मलेन में भाग लेने वालो में मुख्य रूप से उद्योग जगत के शीर्ष कारोबारी होंगे। इस सम्मेलन में कारोबार से जुड़ी प्रदर्शनियाँ और भागीदार देशों के सत्र भी होंगे। भागीदार देशों में फाँस, जर्मनी, नीदरलैंड्स, दक्षिण कोरिया, जापान और ऑस्ट्रेलिया शामिल हैं। इस सम्मेलन से कर्नाटक को विश्व के समक्ष अपनी संस्कृति प्रदर्शित करने का अवसर भी मिलेगा।
स्व-स्थाने परियोजना
प्रधानमंत्री 3 नवंबर, 2022 को स्व-स्थाने परियोजना के अंतर्गत दिल्ली के कालकाजी में आर्थिक रूप से कमज़ोर वर्ग के लिये नवनिर्मित 3024 फ्लैटों का उद्घाटन करेंगे। प्रधानमंत्री दिल्ली के विज्ञान भवन में आयोजित भूमिहीन शिविर में पात्र लाभार्थियों को इन फ्लैटों की चाबियाँ भी सौंपेंगे। सभी को आवास उपलब्ध कराने के प्रधानमंत्री की परिकल्पना के अनुरूप दिल्ली विकास प्राधिकरण 376 झुग्गी-झोपड़ी समूहों का स्व-स्थाने पुनर्वास कर रहा है। पुनर्वास परियोजना का उद्देश्य झुग्गी-झोपड़ी निवासियों को उचित सुविधाओं के साथ बेहतर और स्वस्थ निवास स्थान हेतु वातावरण प्रदान करना है। दिल्ली विकास प्राधिकरण ने कालकाजी विस्तार, जेलोरवाला बाग एवं कठपुतली कॉलोनी में ऐसी तीन परियोजनाएँ शुरू की हैं। कालकाजी विस्तार परियोजना के तहत तीन स्लम क्लस्टर-भूमिहीन कैंप, नवजीवन कैंप और कालकाजी स्थित जवाहर कैंप का स्व-स्थाने पुनर्वास चरणबद्ध तरीके से किया जा रहा है। पहले चरण के तहत पास के खाली वाणिज्यिक केंद्र स्थल पर आर्थिक रूप से कमज़ोर वर्ग के लिये 3024 फ्लैटों का निर्माण किया गया है। भूमिहीन शिविर में झुग्गी-झोपड़ी स्थल को इस शिविर के पात्र परिवारों को नवनिर्मित फ्लैटों में पुनर्वासित कर खाली किया जाएगा। परियोजना का पहला चरण पूरा हो चुका है। इन फ्लैटों का निर्माण लगभग 345 करोड़ रुपए की लागत से किया गया है और ये सभी नागरिक सुविधाओं से युक्त हैं।
अंतर्राष्ट्रीय पुस्तक मेला
भारत सरकार का प्रकाशन विभाग संयुक्त अरब अमीरात में 2 नवंबर से शुरू हो रहे अंतर्राष्ट्रीय पुस्तक मेले में अपने प्रकाशन प्रदर्शित करेगा। मेले का इस वर्ष का विषय- 'स्प्रेड द वर्ड' है। 12 दिन तक चलने वाले इस पुस्तक मेले का आयोजन शारजाह बुक अथॉरिटी द्वारा किया जा रहा है। शारजाह के एक्सपो सेंटर में आयोजित इस मेले में विश्व के जाने-माने पुरस्कार विजेता लेखक, बुद्धिजीवी और अन्य साहित्यकार भाग ले रहे हैं। इस मेले में आजादी का अमृत महोत्सव के अंतर्गत, प्रकाशन विभाग पुस्तकों में रुचि रखने वाले उत्साही लोगों के लिये भारतीय स्वतंत्रता संग्राम और स्वतंत्रता सेनानियों के इतिहास पर विभिन्न पुस्तकें उपलब्ध कराएगा। इसमें विभिन्न विषयों पर कई भारतीय भाषाओं में 100 से अधिक पुस्तकें, पत्रिकाएँ भी उपलब्ध रहेंगी।