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प्रिलिम्स फैक्ट्स

  • 01 Feb, 2025
  • 10 min read
प्रारंभिक परीक्षा

अर्थव्यवस्था में तरलता बढ़ाना

स्रोत: टाइम्स ऑफ इंडिया

चर्चा में क्यों?

भारतीय रिज़र्व बैंक (RBI) ने अर्थव्यवस्था में नकदी प्रवाह बढ़ाने के लिये 1.5 लाख करोड़ रुपए से अधिक की पूंजी शामिल करने के उपायों की घोषणा की है।

RBI के तरलता उपायों के बारे में मुख्य बिंदु क्या हैं?

  • मुद्रा तरलता: अर्थव्यवस्था में नकदी और आसानी से उपलब्ध वित्त की उपलब्धता, जो निवेश और व्यय को प्रभावित करती है, उसे मुद्रा तरलता कहा जाता है।
    • वह सरलता और गति जिससे किसी परिसंपत्ति को उसके मूल्य को महत्त्वपूर्ण रूप से प्रभावित किये बिना नकदी में बदला जा सकता है, उसे तरलता के रूप में जाना जाता है।
  • तरलता की कमी का कारण: विदेशी संस्थागत निवेशकों (FDI) के बहिर्गमन के बीच रुपए को स्थिर करने के लिये RBI द्वारा विदेशी मुद्रा की बिक्री के कारण तरलता में कमी आई है।
    • RBI रुपए के बदले अमेरिकी डॉलर की बिक्री करता है, जिससे बैंकिंग प्रणाली में रुपए की आपूर्ति कम हो जाती है।
    • इसके परिणामस्वरूप अल्पावधि ब्याज दरें अधिक हो गईं है तथा ऋण लेने की लागत में वृद्धि हो गई है।
  • RBI द्वारा उठाए गए कदम: RBI की तरलता निवेश योजना में तीन उपाय शामिल हैं:
    • गवर्नमेंट बॉण्ड बायबैक: इसका अर्थ है कि केंद्रीय बैंक या सरकार परिपक्वता से पहले  बाजार से बॉण्ड पुनर्खरीद करती है ।
      • यह बॉण्डधारकों (बैंकों, वित्तीय संस्थानों या निवेशकों) को भुगतान करके तरलता प्रदान करता है, जिससे बैंकिंग प्रणाली में निधि की उपलब्धता बढ़ जाती है। 
    • रेपो नीलामी: रेपो नीलामी RBI द्वारा प्रयुक्त एक तरलता समायोजन उपकरण है, जिसमें बैंक वांछित उधार दरों पर निधियों के लिये बोली लगाते हैं, तथा RBI न्यूनतम बोलियों को तब तक स्वीकार करता है, जब तक आवश्यक राशि आवंटित नहीं हो जाती।
    • अमेरिकी डॉलर-रुपया स्वैप नीलामी: स्वैप नीलामी मुद्राओं या वित्तीय साधनों के अस्थायी विनिमय की सुविधा प्रदान करके बाज़ार में तरलता बढ़ाती है।
      • विदेशी मुद्रा बाज़ार में रुपए की बिक्री से बचकर तरलता के बहिर्वाह को रोका जाता है, तथा डॉलर ऋण लेकर घरेलू मुद्रा को स्थिर किया जाता है।
  • संभावित रेपो दर में कटौती: आगामी मौद्रिक नीति समीक्षा में तरलता घाटे को संबोधित करना संभावित रेपो दर में कटौती का पूर्व संकेत हो सकता है।
    • पर्याप्त तरलता यह सुनिश्चित करेगी कि भविष्य में रेपो दर में की जाने वाली कटौती का लाभ कम ब्याज दरों के माध्यम से उधारकर्त्ताओं तक प्रभावी रूप से पहुँचाया जा सके।

  UPSC सिविल सेवा परीक्षा, विगत वर्ष के प्रश्न   

प्रिलिम्स:

प्रश्न. यदि आर.बी.आई. प्रसारवादी मौद्रिक नीति का अनुसरण करने का निर्णय लेता है, तो वह निम्नलिखित में से क्या नहीं करेगा? (2020)

  1. वैधानिक तरलता अनुपात को घटाकर उसे अनुकूलित करना
  2. सीमांत स्थायी सुविधा दर को बढ़ाना
  3. बैंक दर को घटाना और रेपो दर को भी घटाना

नीचे दिये गए कूट का उपयोग कर सही उत्तर चुनिये:

(a) केवल 1
(b) केवल 2
(c) केवल 1 और 3
(d) 1, 2 और 3

उत्तर: (b)


प्रश्न.  मौद्रिक नीति समिति (मोनेटरी पालिसी कमिटी/MPC) के संबंध में निम्नलिखित कथनों में से कौन-सा/से सही है/हैं? (2017)

  1. यह RBI की मानक (बेंचमार्क) ब्याज दरों का निर्धारण करती है।
  2. यह एक 12 सदस्यीय निकाय है जिसमें RBI का गवर्नर शामिल है तथा प्रत्येक वर्ष इसका पुनर्गठन किया जाता है।
  3. यह केंद्रीय वित्त मंत्री की अध्यक्षता में कार्य करती है।

 नीचे दिये गए कूट का उपयोग करके सही उत्तर चुनिये:

(a) केवल 1
(b) केवल 1 और 2
(c) केवल 3
(d) केवल 2 और 3

उत्तर: (a)


रैपिड फायर

भारत में कार्ड टोकनाइज़ेशन

स्रोत: बिज़नेस लाइन

कार्ड टोकनाइज़ेशन भारत में एक महत्त्वपूर्ण तकनीकी प्रगति बन गया है, जो डिजिटल भुगतान में सुरक्षा और ग्राहक सुविधा को बढ़ाता है।

  • दिसंबर 2024 तक 91 करोड़ से अधिक टोकन जारी किये गए और लगभग 98% ई-कॉमर्स लेनदेन को वास्तविक कार्ड डेटा के बिना संसाधित करने में सक्षम बनाया गया, जिससे डेटा उल्लंघनों का जोखिम कम हो गया।
  • टोकनाइज़ेशन: यह वास्तविक कार्ड विवरण के स्थान पर एक अद्वितीय कोड या "टोकन" देता है, जो लेनदेन के दौरान एक सुरक्षित पहचानकर्त्ता के रूप में कार्य करता है।
    • प्रकार: डिवाइस टोकेनाइज़ेशन (प्रत्येक डिवाइस के लिये विशिष्ट ) और कार्ड-ऑन-फाइल टोकेनाइज़ेशन (प्रत्येक व्यापारी के लिये विशिष्ट )।
    • सुरक्षा लाभ: टोकन व्यापारियों को संवेदनशील कार्ड विवरण संग्रहीत करने से रोकते हैं, तथा सुरक्षा भंग होने की स्थिति में ग्राहकों की जानकारी सुरक्षित रखते हैं।
    • भावी विस्तार: टोकनाइज़ेशन के ई-कॉमर्स से आगे बढ़कर संपर्क रहित भुगतान, आवर्ती लेनदेन और संभावित रूप से UPI-लिंक्ड क्रेडिट कार्ड भुगतान तक बढ़ने की उम्मीद है।
    • साइबर सुरक्षा विनियम: अक्तूबर 2022 में, RBI ने आदेश दिया कि व्यापारी और भुगतान प्रोसेसर अब ग्राहक कार्ड डेटा संग्रहीत नहीं करेंगे, पूरी तरह से टोकनाइज़ेशन पर निर्भर रहेंगे।

और पढ़ें: भारत में कार्डों का टोकनाइज़ेशन


रैपिड फायर

एक्सिओम मिशन का संचालन करने वाले प्रथम भारतीय

स्रोत: बीएस

भारतीय वायु सेना के ग्रुप कैप्टन शुभांशु शुक्ला 2025 में निजी मिशन पर अंतर्राष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन (ISS) की यात्रा करने वाले पहले भारतीय अंतरिक्ष यात्री बनेंगे।

  • इसका नेतृत्व नासा की अंतरिक्ष यात्री पैगी व्हिटसन करेंगी और शुभांशु शुक्ला मिशन पायलट के रूप में कार्य करेंगे ।
    • वह भारत के मानव अंतरिक्ष उड़ान कार्यक्रम, गगनयान के अंतरिक्ष यात्री भी हैं
  • वह NASA और ISRO के संयुक्त उद्यम Axiom मिशन 4 (Ax-4) के हिस्से के रूप में फ्लोरिडा के कैनेडी स्पेस सेंटर से स्पेसएक्स ड्रैगन अंतरिक्ष यान में शामिल होंगे
  • Axiom मिशन 4 (Ax-4) में भारत, पोलैंड और हंगरी के अंतरिक्ष यात्री शामिल होंगे और यह 40 वर्षों में इस प्रकार का पहला सहयोग है
  • अंतरिक्ष यात्री ISS पर 14 दिन बिताएंगे तथा NASA और ISRO के साथ वैज्ञानिक प्रयोग, शैक्षिक प्रसार और वाणिज्यिक गतिविधियाँ संचालित करेंगे।
  • राकेश शर्मा 1984 में इंटरकोस्मोस कार्यक्रम के तहत सोवियत सोयूज टी-11 मिशन में शामिल होकर अंतरिक्ष की यात्रा करने वाले पहले भारतीय थे।

और पढ़ें: Axiom-4 मिशन हेतु गगनयान अंतरिक्ष यात्रियों का चयन


रैपिड फायर

श्रमिकों की सामाजिक सुरक्षा हेतु अंतर-राज्यीय समितियाँ

स्रोत: द हिंदू

केंद्र और राज्य सरकारों के श्रम मंत्रियों और सचिवों ने श्रम सुधारों और श्रमिक कल्याण पर प्रमुख चर्चा की।

  • इसमें नई श्रम संहिताओं के कार्यान्वयन एवं सामाजिक सुरक्षा कवरेज के विस्तार पर ध्यान केंद्रित किया गया ।
  • पाँच-पाँच राज्यों की तीन समितियों द्वारा श्रमिकों के लिये सामाजिक सुरक्षा हेतु एक स्थायी मॉडल विकसित किया जाएगा, जिनकी रिपोर्ट मार्च 2025 तक आना प्रस्तावित है।
  • एक प्रमुख श्रम सुधार में अनुपालन बोझ को कम करने और व्यापार करने में सुगमता को बढ़ाने के लिये श्रम निरीक्षक मॉडल से निरीक्षक-सह-सुविधाकर्त्ता मॉडल को स्थानांतरित करने का प्रस्ताव किया गया।
  • इसने निर्माण श्रमिकों के बच्चों की शिक्षा और पेंशन योजनाओं के लिये उपकर निधियों का उपयोग करने के लिये सतत् मॉडल की आवश्यकता पर बल दिया।
    • निर्माण श्रमिकों के कल्याण को प्राथमिकता दी गई, तथा 70,744.16 करोड़ रुपए की अप्रयुक्त उपकर निधि पर चिंता व्यक्त की गई।
  • सरकार गिग और प्लेटफॉर्म श्रमिकों के लिये एक समर्पित सामाजिक सुरक्षा योजना पर भी काम कर रही है, जिसमें वित्त पोषण, डेटा संग्रह और ई-श्रम पोर्टल पर पंजीकरण पर ध्यान केंद्रित किया जा रहा है।

और पढ़ें: भारत में श्रम सुधार


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