एकीकृत भुगतान इंटरफेस 2.0
प्रमुख बिंदु
- इस संस्करण के तहत ग्राहक अब चालू और बचत खाते के अतिरिक्त अपने ओवरड्राफ्ट खातों को भी UPI से जोड़ पाएंगे।
- साथ ही बाद की तारीख़ में किये जाने वाले लेन-देन के लिये वन टाइम आदेश (mandate) सृजन और पूर्व प्राधिकरण तथा भुगतान से पूर्व व्यापारी द्वारा भेजे गए चालान की जाँच जैसी सुविधाएँ शामिल हैं।
एकीकृत भुगतान प्रणाली (UPI) क्या है?
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- गौरतलब है कि NPCI भारत में सभी खुदरा भुगतानों के लिये एक अम्ब्रेला संगठन है।
- बड़ी संख्या में बैंक, व्यापारी, तीसरे पक्ष के खिलाड़ी और उपभोक्ताओं ने इस मंच के प्रति भरोसा जताया है। जिसके परिणामस्वरूप स्थापना के बाद से इसने अपनी लेन-देनों में मूल्य और मात्रा दोनों ही मामले में पर्याप्त वृद्धि की है।
- UPI 2.0 के लॉन्च के साथ ही इसके विस्तार से नए रिकॉर्ड स्थापित करने की उम्मीद है विशेष रूप से व्यक्ति से व्यापारी को किये जाने वाले भुगतान के मामले में।
- इसकी उच्च मात्रा, कम लागत और एक खुले स्रोत पर निर्मित मापनीय मंच होना भारत की डिज़िटल अर्थव्यवस्था में परिवर्तन की एक कुंजी है।
- वर्तमान में UPI 2.0 बैंक के सदस्यों में शामिल हैं- भारतीय स्टेट बैंक, HDFC बैंक, एक्सिस बैंक, आईसीआईसीआई बैंक, आईडीबीआई बैंक, आरबीएल बैंक, यस बैंक, कोटक महिंद्रा बैंक , इंडसइंड बैंक, फेडरल बैंक और एचएसबीसी।
UPI 2.0 की विशेषताएँ:
- इस संस्करण के तहत ग्राहक अब चालू और बचत खाते के अतिरिक्त अपने ओवरड्राफ्ट खातों को भी UPI से जोड़ पाएंगे। साथ ही ग्राहक तत्काल लेन-देन करने में सक्षम होंगे और ओवरड्राफ्ट खाते से जुड़े सभी लाभ उपयोगकर्त्ताओं को उपलब्ध कराए जाएंगे।
- यूपीआई आदेश का इस्तेमाल परिदृश्य में किया जा सकता है, जहाँ वर्तमान प्रतिबद्धताओं के माध्यम से बाद में पैसे स्थानांतरित किया जाना है।
- इसमें ग्राहक लेन-देन को पूर्व-अधिकृत कर सकते हैं और बाद की तारीख में भुगतान कर सकते हैं।
- इसमें में एक सुविधा है जिससे ग्राहक भुगतान करने से पहले व्यापारी द्वारा भेजे गए चालान की जाँच कर सकते हैं। इसका उद्देश्य ग्राहकों को प्रमाण-पत्र देखने और सत्यापित करने में सहायता करना तथा यह जाँचना है कि इसे सही व्यापारी द्वारा भेजा गया है या नहीं।
- कोड स्कैन करते समय व्यापारियों की प्रामाणिकता की जाँच करने हेतु ग्राहकों के लिये एक त्वरित प्रतिक्रिया (QR) कोड सुविधा पेश की गई है। यह उपयोगकर्त्ता को सूचित करता है कि व्यापारी व्यापारी UPI सत्यापित है या नहीं।
- इसमें लेन-देन तेज़ी से संसाधित होते हैं क्योंकि हस्ताक्षरित इंटेंट के मामले में एप पासकोड की आवश्यकता नहीं होती है। यह QR छेड़छाड़ की संभावनाओं को भी अस्वीकार करता है।
- इसके अतिरिक्त प्राप्तकर्त्ता के अधिसूचनाओं के माध्यम से सुरक्षित नहीं होने से ग्राहकों को सूचित किया जाता है।