भारतीय अर्थव्यवस्था
एकीकृत पेंशन योजना
- 27 Aug 2024
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प्रिलिम्स के लिये:एकीकृत पेंशन योजना (UPS), मुद्रास्फीति सूचकांक, औद्योगिक श्रमिकों के लिये अखिल भारतीय उपभोक्ता मूल्य सूचकांक, पुरानी पेंशन योजना (OPS), राष्ट्रीय पेंशन योजना (NPS), आयकर अधिनियम, 1961, पेंशन फंड नियामक और विकास प्राधिकरण (PFRDA), ऋण-GDP अनुपात। मेन्स के लिये:भारत के पेंशन फ्रेमवर्क में परिवर्तन तथा अर्थव्यवस्था और समाज पर इसका प्रभाव। |
स्रोत: इंडियन एक्सप्रेस
चर्चा में क्यों?
केंद्रीय मंत्रिमंडल ने एकीकृत पेंशन योजना (UPS) को मंज़ूरी दे दी है, जो सरकारी कर्मचारियों को सेवानिवृत्ति के बाद सुनिश्चित पेंशन प्रदान करेगी।
- यह योजना 1 अप्रैल, 2025 से प्रभावी होगी, जब केंद्र सरकार के कर्मचारी वर्तमान राष्ट्रीय पेंशन प्रणाली (NPS) से UPS में स्थानांतरित हो जाएंगे।
- राज्य सरकारों के पास एकीकृत पेंशन योजना अपनाने का विकल्प भी होगा।
एकीकृत पेंशन योजना के प्रावधान क्या हैं?
- सुनिश्चित पेंशन: यह 25 वर्ष की न्यूनतम अर्हक सेवा के लिये सेवानिवृत्ति से पहले अंतिम 12 महीनों में कर्मचारी के औसत मूल वेतन का 50% होगा।
- यह राशि न्यूनतम 10 वर्ष तक की छोटी सेवा अवधि के लिये आनुपातिक रूप से कम हो जाएगी।
- सुनिश्चित न्यूनतम पेंशन: न्यूनतम 10 वर्ष की सेवा के बाद सेवानिवृत्ति की स्थिति में UPS 10,000 रुपए प्रति माह की सुनिश्चित न्यूनतम पेंशन प्रदान करता है।
- सुनिश्चित पारिवारिक पेंशन: सेवानिवृत्त व्यक्ति की मृत्यु पर उसका निकटतम परिवार सेवानिवृत्त व्यक्ति द्वारा अंतिम बार प्राप्त पेंशन का 60% पाने का पात्र होगा।
- मुद्रास्फीति सूचकांकीकरण: उपर्युक्त तीनों प्रकार की पेंशनों पर महँगाई राहत उपलब्ध होगी।
- औद्योगिक श्रमिकों के लिये अखिल भारतीय उपभोक्ता मूल्य सूचकांक के आधार पर सूचकांक की गणना की जाएगी।
- सेवानिवृत्ति पर एकमुश्त भुगतान: ग्रेच्युटी के अतिरिक्त कर्मचारियों को सेवानिवृत्ति पर एकमुश्त भुगतान प्राप्त होगा, जो सेवा के प्रत्येक छह माह पूरे होने पर सेवानिवृत्ति तिथि के अनुसार उनके मासिक वेतन (वेतन+DA) के 1/10वें भाग के बराबर होगा।
- इस भुगतान से सुनिश्चित पेंशन की राशि पर कोई असर नहीं पड़ेगा।
- ग्रेच्युटी एक ऐसी राशि है, जो नियोक्ता द्वारा अपने कर्मचारियों को उनकी सेवाएँ प्रदान करने के लिये दी जाती है।
- कर्मचारियों के लिये विकल्प: कर्मचारी अभी भी NPS के अंतर्गत बने रहने का विकल्प चुन सकते हैं। हालाँकि कोई भी कर्मचारी केवल एक बार ही विकल्प चुन सकता है। एक बार विकल्प चुनने के बाद विकल्प को बदला नहीं जा सकता।
UPS, पुरानी पेंशन योजना (OPS) और राष्ट्रीय पेंशन योजना (NPS) के बीच मुख्य अंतर क्या हैं?
- पेंशन गणना विधि: OPS में पेंशन अंतिम मूल वेतन तथा महंगाई भत्ते (DA) के 50% के बराबर तय की गई थी।
- UPS में पेंशन की गणना रिटायरमेंट से पहले आखिरी वर्ष में लिये गए मूल वेतन और DA के औसत के 50% के रूप में की जाती है। इस समायोजन का अर्थ है कि अगर किसी कर्मचारी को रिटायरमेंट से कुछ समय पहले पदोन्नति मिलती है तो उसे थोड़ी कम पेंशन मिलेगी।
- कर्मचारी अंशदान: OPS में किसी कर्मचारी अंशदान की आवश्यकता नहीं थी।
- UPS में कर्मचारी का अंशदान मूल वेतन और DA का 10% है तथा सरकार भी 18.5% का योगदान करेगी।
- NPS में केंद्रीय सरकारी कर्मचारी के मूल वेतन से 10% तथा सरकार से 14% अंशदान की आवश्यकता होती है।
- कर लाभ: केंद्र सरकार के कर्मचारी NPS योजना में सरकार के योगदान के लिये कर लाभ के पात्र हैं। वे आयकर अधिनियम, 1961 के तहत पुरानी और नई दोनों कर व्यवस्थाओं से 14% की कटौती कर सकते हैं।
- चूँकि OPS में कर्मचारियों का कोई योगदान नहीं था, इसलिये वे कर लाभ नहीं उठा सकते।
- सरकार ने अभी तक यह स्पष्ट नहीं किया है कि UPS के अंतर्गत कर्मचारी और सरकारी अंशदान पर कोई कर लाभ मिलेगा या नहीं।
- UPS में उच्च न्यूनतम पेंशन: UPS योजना के तहत 10 वर्ष की न्यूनतम सेवा के बाद सेवानिवृत्ति के समय प्रति माह न्यूनतम पेंशन 10,000 रुपए है।
- दस वर्ष की न्यूनतम सेवा अवधि के बाद वर्तमान न्यूनतम राशि 9,000 रुपए है।
- एकमुश्त भुगतान: OPS ने पेंशन के 40% तक के एकमुश्त भुगतान की अनुमति दी, जिससे मासिक पेंशन राशि कम हो गई।
- UPS सेवानिवृत्ति पर एकमुश्त भुगतान प्रदान करता है, जिसकी गणना मासिक वेतन के दसवें हिस्से के साथ-साथ प्रत्येक छह महीने की सेवा के लिये महंगाई भत्ते के रूप में की जाती है तथा पेंशन राशि पर इसका कोई प्रभाव नहीं पड़ता है।
राष्ट्रीय पेंशन योजना (NPS) क्या है?
- परिचय: NPS की शुरुआत बाज़ार से संबद्ध एक अंशदान योजना थी, जिसकी शुरुआत केंद्र सरकार द्वारा व्यक्तियों को उनकी सेवानिवृत्ति आवश्यकताओं की पूर्ति के लिये पेंशन के रूप में आय उपलब्ध कराने में मदद करने हेतु की गई थी
- भारत के पेंशन विनियमों को आधुनिक बनाने की सरकार की प्रतिबद्धता के तहत 1 जनवरी 2004 को NPS ने OPS का स्थान ले लिया।
- पेंशन फंड नियामक और विकास प्राधिकरण (PFRDA), PFRDA अधिनियम, 2013 के तहत NPS को विनियमित व प्रशासित करता है।
- NPS की आवश्यकता: OPS के साथ एक बुनियादी समस्या थी अर्थात् यह वित्तपोषित नहीं थी और पेंशन हेतु कोई विशेष कोष नहीं था।
- समय के साथ इसके कारण सरकार की पेंशन देयता वित्तीय दृष्टि से असह्य स्तर तक बढ़ गई।
- केंद्र की पेंशन देनदारियाँ वर्ष 1990-91 में 3,272 करोड़ रुपए से बढ़कर वर्ष 2020-21 में 1,90,886 करोड़ रुपए हो गईं।
- NPS की कार्यप्रणाली: NPS दो मूलभूत तरीकों से OPS से भिन्न थी।
- सबसे पहले इसने सुनिश्चित पेंशन की व्यवस्था को समाप्त कर दिया।
- दूसरा इसका वित्तपोषण कर्मचारी द्वारा स्वयं किया जाएगा तथा सरकार भी इसमें उतना ही योगदान देगी।
- परिभाषित अंशदान में कर्मचारी द्वारा मूल वेतन और महंगाई भत्ते का 10% तथा सरकार का 14% अंशदान शामिल था।
- NPS के अंतर्गत व्यक्ति NPS में जमा अपने धन को निवेश करने के लिये अनेक योजनाओं और पेंशन फंड प्रबंधकों के साथ-साथ निजी कंपनियों में से भी चुन सकते हैं।
- NPS का विरोध: NPS के तहत सरकारी कर्मचारियों को कम गारंटीकृत रिटर्न मिलता था और उन्हें अपनी पेंशन में योगदान देना पड़ता था, जबकि OPS में कर्मचारियों का कोई योगदान नहीं था तथा गारंटीकृत रिटर्न अधिक था।
- पुरानी पेंशन योजना को पुनः लागू करने के लिये चल रही मांगों के बीच, केंद्र सरकार ने वर्ष 2023 में टी. वी. सोमनाथन की अध्यक्षता में एक समिति का गठन किया था। समिति की सिफारिशों के आधार पर नई एकीकृत पेंशन योजना (UPS) की शुरुआत की गई है।
UPS के राजकोषीय निहितार्थ क्या हो सकते हैं?
- अधिक ऋण-GDP अनुपात: एक ऐसी सरकार पर, जो पहले से ही उच्च ऋण और ऋण-GDP अनुपात से जूझ रही है, एकीकृत पेंशन योजना (UPS) का महत्त्वपूर्ण वित्तीय प्रभाव पड़ेगा।
- इस योजना की लागत से सरकारी वित्त पर और अधिक दबाव पड़ सकता है।
- उच्च राजकोषीय बोझ: भारतीय रिज़र्व बैंक द्वारा किये गए एक अध्ययन (सितंबर 2023) में चेतावनी दी गई है कि यदि सभी राज्य OPS को लागू कर देते हैं तो राजकोषीय बोझ राष्ट्रीय पेंशन प्रणाली (NPS) के 4.5 गुना तक हो सकता है, जो संभवतः वर्ष 2060 तक सकल घरेलू उत्पाद का 0.9% वार्षिक तक पहुँच सकता है।
- इस बात को लेकर भी चिंता व्यक्त की गई है कि UPS संघीय वित्त पर किस प्रकार प्रभाव डालेगा, क्योंकि यह मोटे तौर पर OPS जैसा ही है।
निष्कर्ष
UPS का लक्ष्य कर्मचारियों की आकांक्षाओं के साथ राजकोषीय लागत को संतुलित करना है। यह राष्ट्रीय पेंशन योजना (NPS) की अनिश्चितता तथा पुरानी पेंशन योजना (OPS) को पुनः लागू करने के परिणामस्वरूप पड़ने वाले अतरिक्त राजकोषीय दबाव की समस्या को संबोधित करता है। UPS पुरानी पेंशन योजना (परिभाषित लाभ) और राष्ट्रीय पेंशन योजना (अंशदायी) दोनों के तत्त्वों को समाहित करता है, पेंशन पूल पर एक परिभाषित रिटर्न/लाभांश प्रदान करता है तथा बाज़ार जोखिम को कम करता है। सुनिश्चित रिटर्न और मुद्रास्फीति संरक्षण के साथ UPS से समग्र पेंशन फंड में वृद्धि होने की आशा है, जिससे ऋण बोझ से जुड़े कुछ जोखिम कम हो जाएंगे।
दृष्टि मेन्स प्रश्न: प्रश्न. एकीकृत पेंशन योजना (UPS), पुरानी पेंशन योजना (OPS) और राष्ट्रीय पेंशन योजना (NPS) के बीच प्रमुख अंतरों की व्याख्या कीजिये। UPS किस प्रकार NPS से जुड़े जोखिमों को कम करने का प्रयास करता है? |
UPSC सिविल सेवा परीक्षा, विगत वर्ष के प्रश्न (PYQ)प्रिलिम्स:प्रश्न. निम्नलिखित में से कौन राष्ट्रीय पेंशन प्रणाली (NPS) में शामिल हो सकता है? (2017) (a) केवल निवासी भारतीय नागरिक उत्तर: (c) प्रश्न. 'अटल पेंशन योजना' के संबंध में निम्नलिखित कथनों में से कौन-सा/से सही है/हैं? (2016)
नीचे दिये गए कूट का प्रयोग कर सही उत्तर चुनिये: (a) केवल 1 उत्तर: (c) |