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डेली न्यूज़

  • 29 Dec, 2023
  • 34 min read
कृषि

पीड़कनाशी विषाक्तता

प्रिलिम्स के लिये:

सूखा, फसल की क्षति, पीड़कनाशी  विषाक्तता, कीटनाशी अधिनियम, 1968 एवं नियमावली, 1971

मेन्स के लिये:

कृषि उत्पादकता के संदर्भ में कीटनाशकों का महत्त्व एवं उनसे संबंधित स्वास्थ्य व पर्यावरणीय चिंता

स्रोत: द हिंदू 

चर्चा में क्यों?

महाराष्ट्र, जो सूखे तथा फसल की क्षति से ग्रस्त रहता है, में पीड़कनाशी  विषाक्तता से हाल के वर्षों में कई किसानों तथा कृषि श्रमिकों की मृत्यु हुई है।

पीडकनाशी क्या हैं?

  • परिचय:
    • पीड़कनाशी कोई भी रासायनिक अथवा जैविक पदार्थ है जिसका उद्देश्य कीटों से होने वाले क्षति को रोकना, नष्ट करना अथवा नियंत्रित करना है, जिसका कृषि एवं गैर-कृषि क्षेत्र दोनों में अनुप्रयोग होता है।
    • इनका प्रयोग मानव स्वास्थ्य तथा पर्यावरण के लिये भी गंभीर जोखिम उत्पन्न करता है, विशेषकर जब उनका दुरुपयोग किया जाता है अथवा अत्यधिक उपयोग किया जाता है तथा अवैध बिक्री की जाती है।
  • प्रकार: 
    • कीटनाशी: पौधों को कीटों तथा पीड़कों से बचाने के लिये जिन रसायनों का उपयोग किया जाता है उन्हें कीटनाशी कहा जाता है।
    • कवकनाशी: फसल सुरक्षा रसायनों के इस वर्ग का उपयोग पौधों में कवक रोगों के प्रसार को नियंत्रित करने के लिये किया जाता है।
    • शाकनाशी: शाकनाशी वे रसायन हैं जो कृषि क्षेत्र में खरपतवारों को नष्ट करते हैं अथवा उनकी वृद्धि को नियंत्रित करते हैं।
    • जैव-पीड़कनाशी: ये जैविक मूल के पीडकनाशी हैं अर्थात् ये जंतुओं, पौधों, जीवाणु आदि से उत्पन्न होते हैं।
    • अन्य: इसमें पादप वृद्धि नियामक, नेमाटीसाइड, कृंतकनाशक एवं फ्यूमिगेंट शामिल हैं।
  • पीड़कनाशी विषाक्तता: 
    • पीड़कनाशी विषाक्तता एक शब्द है जो मनुष्यों अथवा जानवरों पर कीटनाशों के संपर्क के प्रतिकूल प्रभावों को संदर्भित करता है।
    • विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) के अनुसार, पीड़कनाशी विषाक्तता विश्व भर में कृषि श्रमिकों की मृत्यु के प्रमुख कारणों में से एक है।
    • पीड़कनाशी को दो प्रकारों में वर्गीकृत किया जा सकता है, तीव्र (अल्पकालिक) एवं क्रोनिक(दीर्घकालिक)।
      • तीव्र विषाक्तता तब होती है जब कोई व्यक्ति कम समय तक किंतु अत्यधिक कीटनाशों के संपर्क में आता है या साँस लेता है।
      • दीर्घकालिक विषाक्तता तब होती है जब कोई व्यक्ति लंबे समय तक किंतु पीड़कनाशी के कम संपर्क में रहता है, जिससे शरीर में विभिन्न अंगों तथा प्रणालियों को हानि हो सकती है।
  • हाल ही में प्रतिबंधित कीटनाशक:
    • सरकार द्वारा वर्ष 2023 में मोनोक्रोटोफॉस के अतिरिक्त तीन और कीटनाशकों: डिकोफोल, डिनोकैप एवं मेथोमाइल पर प्रतिबंध लगा दिया है।

भारत में पीड़कनाशी के उपयोग को कैसे नियंत्रित किया जाता है?

  • पीड़कनाशी के उपयोग को  कीटनाशी अधिनियम, 1968 एवं नियमावली, 1971 के तहत विनियमित किया जाता है।
  • कीटनाशी अधिनियम, 1968 भारत में पीड़कनाशी के पंजीकरण, निर्माण एवं बिक्री को कवर करता है।
  • यह अधिनियम कृषि एवं किसान कल्याण विभाग, कृषि और किसान कल्याण मंत्रालय द्वारा प्रशासित किया जाता है।

नोट:  नाशकजीवमार प्रबंध विधेयक, 2020 को वर्ष 2020 में राज्यसभा में प्रस्तुत किया गया था। यह सुरक्षित पीड़कनाशी की उपलब्धता सुनिश्चित करने के साथ इसके उपयोग को कम करने के लिये पीड़कनाशों के निर्माण, आयात, बिक्री, भंडारण, वितरण, उपयोग तथा निपटान को विनियमित करता है। जो मनुष्यों, जानवरों और पर्यावरण के लिये जोखिमपूर्ण है। यह विधेयक कीटनाशी अधिनियम, 1968 को प्रतिस्थापित करने का प्रयास करता है।

पीड़कनाशी के उपयोग के संबंध में क्या चिंताएँ हैं?

  • किसानों पर हानिकारक प्रभाव:
    • विशेषज्ञों का मानना है कि लंबे समय तक निम्न-स्तर के पीड़कनाशी का संपर्क तंत्रिका-तंत्र के लक्षणों की एक विस्तृत शृंखला से जुड़ा हुआ है, जैसे– सिरदर्द, थकान, चक्कर आना, तनाव, क्रोध, अवसाद के साथ लोप होती स्मृति, पर्किंसंस रोग तथा अल्ज़ाइमर रोग आदि।
  •  उपभोक्ताओं पर हानिकारक प्रभाव:
    • पीड़कनाशी का स्थानांतरण पर्यावरण के माध्यम से मृदा या जल प्रणालियों में अपना रास्ता बनाते हुए खाद्य शृंखला के उच्च स्तर तक होता है जिसके बाद ये जलीय जीवों या पादपों और अंततः मनुष्यों द्वारा ग्रहण कर लिये जाते हैं। इस प्रक्रिया को जैव-आवर्द्धन कहा जाता है।
  • कृषि पर हानिकारक प्रभाव:
    • दशकों से कीटनाशकों के निरंतर उपयोग ने भारतीय कृषि क्षेत्र के वर्तमान पारिस्थितिक, आर्थिक और अस्तित्व संबंधी संकट में महत्त्वपूर्ण योगदान दिया है।
  • विनियामक मुद्दे:
    • हालाँकि कृषि एक राज्य-सूची का विषय है, कीटनाशक अधिनियम, 1968 एक केंद्रीय अधिनियम है जो कीटनाशकों से संबंधित शिक्षा और अनुसंधान को नियंत्रित करता है। इसलिये इस अधिनियम के संशोधन में राज्य सरकारों की प्रत्यक्ष भूमिका नहीं है।
      • यही कारण है कि अनुमानित 104 पीड़कनाशी जो अभी भी भारत में उत्पादित/प्रयोग किये जाते हैं, विश्व के दो या दो से अधिक देशों में प्रतिबंधित कर दिये गए हैं।
    • वर्ष 2021 में गैर-लाभकारी कीटनाशक एक्शन नेटवर्क (PAN) इंटरनेशनल ने अत्यधिक खतरनाक पीड़कनाशी की एक सूची जारी की, जिनमें से 100 से अधिक पीड़कनाशी वर्तमान में भारत में उपयोग के लिये स्वीकृत हैं।

आगे की राह  

  • विनियामक सुधार:
    • पीड़कनाशी की अवैध बिक्री और दुरुपयोग को रोकने के लिये नियमों को सख्ती से लागू करने की आवश्यकता है।
    • पीड़कनाशी उपयोग दिशानिर्देशों का उल्लंघन करने वालों के लिये दंड लागू किया जाना चाहिये।
  • सरकारी सहायता:
    • किसानों को सुरक्षित और अधिक संधारणीय कृषि पद्धतियाँ अपनाने में मदद करने के लिये वित्तीय सहायता प्रदान किया जाना चाहिये।
    • इसमें जैविक कृषि, एकीकृत कीट प्रबंधन या सुरक्षित पीड़कनाशी की खरीद के लिये सब्सिडी भी शामिल हो सकती है।
  • सामुदायिक जागरूकता कार्यक्रम:
    • लोगों को पीड़कनाशी के उपयोग से जुड़े जोखिमों के बारे में शिक्षित करने के लिये समुदाय स्तर पर जागरूकता अभियान चलाए जाने चाहिये।
    • दुरुपयोग या विषाक्तता के मामलों की निगरानी और रिपोर्टिंग में स्थानीय समुदायों को शामिल किया जाना चाहिये।
  • प्रतिपूर्ति तंत्र: 
    • पीड़कनाशी विषाक्तता के शिकार लोगों के लिये प्रतिपूर्ति तंत्र की स्थापना करना।
    • दावे (claims), चिकित्सा व्यय और आर्थिक नुकसान के लिये प्रतिपूर्ति प्रदान करने हेतु एक तीव्र तथा पारदर्शी प्रक्रिया सुनिश्चित करना।

  UPSC सिविल सेवा परीक्षा, विगत वर्ष प्रश्न  

प्रिलिम्स

प्रश्न1. शरीर में श्वास अथवा खाने से पहुँचा सीसा (लेड) स्वास्थ्य के लिये हानिकारक है। पेट्रोल में सीसे का योग प्रतिबंधित होने के बाद से अब सीसे की विषाक्तता उत्पन्न करने वाले स्रोत कौन-कौन से हैं? (2012)

1. प्रगलन इकाइयाँ
2. पेन (कलम) और पेंसिलें
3. पेन्द
4. केश तेल एवं प्रसाधन सामग्रियाँ

निम्नलिखित कूटों के आधार पर सही उत्तर चुनिये:

(A) केवल 1, 2 और 3
(B) केवल 1 और 3
(C) केवल 2 और 4
(D) 1, 2 , 3 और 4

उत्तर: B


प्रश्न 2. भारत में कार्बोफ्यूरेन, मेथिल पैराथियॉन, फोरेट और ट्राइऐज़ोफॉस के इस्तेमाल को आशंका से देखा जाता है। ये रसायन किस रूप में इस्तेमाल किये जाते हैं? (2019)

(A) कृषि में पीड़कनाशी
(B) संसाधित खाद्यों में परिरक्षक
(C) फल-पक्वन कारक
(D) प्रसाधन सामग्री में नमी बनाए रखने वाले कारक

उत्तर: A

व्याख्या: कार्बोफ्यूरेन, फोरेट और ट्राइऐज़ोफॉस कृषि में इस्तेमाल होने वाले पीड़कनाशी हैं। केरल में जैविक खेती को बढ़ावा देने के लिये, राज्य के कृषि विभाग ने कीटनाशकों के उपयोग पर प्रतिबंध लगाने का आदेश दिया था। केरल कृषि विश्वविद्यालय को प्रतिबंधित पीड़कनाशी, जिसमें कार्बोफ्यूरेन, फोरेट, मिथाइल पैराथियाॅन, मोनोक्रोटोफॉस, मिथाइल डेमेथॉन आदि शामिल हैं, के विकल्प प्रदान करने के लिये कहा गया था। विश्वविद्यालय ने कम खतरनाक पीड़कनाशी का सुझाव दिया, जैसे– एसीफेट, कार्बेरिल, डाइमेथोएट और फ्लुबेंडियामाइड। अतः विकल्प A सही है।


विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी

कृत्रिम बुद्धिमत्ता

प्रिलिम्स के लिये:

कृत्रिम बुद्धिमत्ता (AI), AI के नैतिक उपयोग, मशीन लर्निंग, लार्ज लैंग्वेज मॉडल, कृत्रिम बुद्धिमत्ता पर वैश्विक साझेदारी, कृत्रिम बुद्धिमत्ता मिशन

मेन्स के लिये:

AI नवाचार और स्टार्टअप, कृत्रिम बुद्धिमत्ता प्रौद्योगिकी को बढ़ावा देना।

स्रोत: इंडियन एक्सप्रेस

चर्चा में क्यों? 

वर्ष 2023 कृत्रिम बुद्धिमत्ता (AI) नवाचार के लिये एक ऐतिहासिक वर्ष रहा है, जो विभिन्न AI उपकरणों में अविश्वसनीय प्रगति को प्रदर्शित करता है। ये प्रगति विशेष रूप से रचनात्मकता, संवाद एवं दृश्य सामग्री निर्माण में AI की बढ़ती क्षमता की झलक प्रस्तुत करती है।

  • हालाँकि यह विकास AI के नैतिक उपयोग और इसके लाभों तक निष्पक्ष पहुँच की गारंटी के लिये अधिक निगरानी की तत्काल आवश्यकता पर प्रकाश डालती है।

कृत्रिम बुद्धिमत्ता क्या है?

  • परिचय:
    • AI को मशीनों और प्रणालियों का ज्ञान प्राप्त करने, इसे लागू करने और बुद्धिमत्तापूर्ण व्यवहार करने की क्षमता के रूप में परिभाषित किया गया है।
      • “कृत्रिम बुद्धिमत्ता” शब्द का सर्वप्रथम उपयोग अमेरिकी कंप्यूटर वैज्ञानिक और संज्ञानात्मक वैज्ञानिक जॉन मैककार्थी ने किया था। उन्हें AI का जनक माना जाता है।
    • इसमें मशीन लर्निंग, डीप लर्निंग, बिग डेटा, न्यूरल नेटवर्क, कंप्यूटर विज़न, लार्ज लैंग्वेज मॉडल आदि तकनीकें शामिल हैं।
    • कृत्रिम बुद्धिमत्ता की आदर्श विशेषता ऐसे कार्य करने और उन्हें तर्कसंगत बनाने की क्षमता है जिनमें किसी विशिष्ट लक्ष्य को प्राप्त करने की सबसे अच्छी संभावना होती है।

AI के प्रकार:

क्षमताओं के आधार पर 

विवरण

दुर्बल Al या संकीर्ण Al

इस Al को शतरंज खेलने, चेहरे पहचानने या सिफ़ारिशें करने जैसे विशिष्ट कार्यों के लिये डिज़ाइन किया गया है। उदाहरणों में सिरी, वॉटसन, AlphaGo शामिल हैं।

जनरल Al 

तर्कशक्ति, लर्निंग और प्लानिंग सहित किसी भी बौद्धिक कार्य को करने की क्षमता जो मनुष्य कर सकता है। कोई मौजूदा उदाहरण नहीं है, लेकिन शोधकर्त्ता इस पर कार्य कर रहे हैं।

सुपर Al 

काल्पनिक Al जो मानव बुद्धि से बढ़कर है, रचनात्मकता, आत्म-जागरूकता और भावना जैसी संज्ञानात्मक क्षमताओं वाले कार्यों में उत्कृष्ट है। कोई वर्तमान उदाहरण नहीं, केवल भविष्य की संभावनाएँ।

कार्यक्षमता पर आधारित

विवरण

प्रतिक्रियाशील मशीनें

Al जो वर्तमान स्थिति पर प्रतिक्रिया करता है लेकिन उसमें स्मृति या पिछले अनुभव भंडारण का अभाव है। उदाहरणों में डीप ब्लू, AlphaGo शामिल हैं।

सीमित मेमोरी

Al  जो थोड़े समय के लिये कुछ डेटा या पिछले अनुभव को संग्रहीत करता है, निर्णय लेने के लिये इसका उपयोग करता है। उदाहरणों में सेल्फ-ड्राइविंग कारें, चैटबॉट शामिल हैं।

मस्तिष्क का सिद्धांत

वह जो दूसरों की मानसिक स्थिति, शून्यता और विश्वास को समझता है तथा उनका अनुकरण करता है। flo durrent उदाहरण, अनुसंधान जारी है।

सेल्फ अवेयर 

स्वयं की भावना, चेतना और आत्म-प्रतिबिंब वाला Al इसके वर्तमान उदाहरण हैं, जो दार्शनिक तथा वैज्ञानिक तर्क-वितर्क के अधीन हैं।

  • AI के नैतिक उपयोग के सिद्धांत:
    • ज़िम्मेदार तकनीकी प्रगति सुनिश्चित करने के लिये AI पहल को स्थापित नैतिक सिद्धांतों, मानवाधिकारों और सामाजिक मूल्यों के अनुरूप होना चाहिये।
      • व्यक्तियों, समुदायों और समाज पर AI के सकारात्मक प्रभाव को प्राथमिकता दें, व्यापक भलाई के लिये ज़िम्मेदार उपयोग पर ज़ोर दें।
    • AI सिस्टम को पारदर्शी और समझाने योग्य डिज़ाइन करना, जिससे उपयोगकर्त्ताओं तथा हितधारकों को संचालन एवं निर्णय लेने की प्रक्रियाओं को समझने में मदद मिले, जिससे विश्वास व जवाबदेही को बढ़ावा मिले।
      • जाति, लिंग, जातीयता या सामाजिक आर्थिक स्थिति के आधार पर भेदभाव को रोकने, निष्पक्ष परिणाम सुनिश्चित करने के लिये AI एल्गोरिदम में पूर्वाग्रहों को कम करना।
    • व्यक्तिगत डेटा को ज़िम्मेदारी से संभालकर, स्पष्ट सहमति प्राप्त करके और प्रासंगिक गोपनीयता कानूनों तथा विनियमों का अनुपालन करके व्यक्तियों के गोपनीयता अधिकारों को बनाए रखना।
    • त्रुटियों या हानिकारक प्रभावों को संबोधित करने के तंत्र के साथ, AI सिस्टम तैनात करने वाले डेवलपर्स और संगठनों के लिये जवाबदेही को स्पष्ट करना।
    • मानव कल्याण को बढ़ाने, सामाजिक चुनौतियों का समाधान करने और वैश्विक प्रगति, अर्थव्यवस्थाओं तथा पर्यावरणीय स्थिरता में सकारात्मक योगदान देने के लिये AI तकनीक का विकास एवं उपयोग करना।

प्रमुख AI टूल्स:

टूल्स

विवरण 

ChatGPT

OpenAl का शक्तिशाली चैटबॉट सुविधाओं, मोबाइल संस्करणों और DALL-E 3 के साथ एकीकरण के साथ विकसित हुआ। आंतरिक उथल-पुथल के साथ चुनौतियों का सामना करना पड़ा।

Bing Al Chat/Microsoft Copilot

GPT-4 द्वारा संचालित Microsoft का इंटरैक्टिव खोज अनुभव।  कोडिंग सहायता, यात्रा योजना और भाषा सीखने में उत्कृष्टता। 

Runway Gen-2

रनवे द्वारा रिवोल्यूशनरी AI वीडियो सॉफ्टवेयर, फिल्म ‘एवरीथिंग एवरीव्हेयर ऑल एट वन्स’ में आश्चर्यजनक दृश्य प्रभावों के लिये प्रशंसित।

DALL-E 3

ओपन AI की तीसरा पुनरावृत्ति जनरेटिव AI मॉडल विचार-मंथन और शीघ्र शोधन के लिये चैटजीपीटी के साथ एकीकृत है। कंटेंट प्रतिबंध लागू किये गए हैं।  

Midjourney

यह AI उपकरण विस्तृत टेक्स्ट संकेतों के आधार पर आकर्षक छवियाँ बनाने के लिये लोकप्रिय है, जो सटीक और फोटो-रियलिस्टिक रचनाओं के लिये जाना जाता है।

Pi Chatbot

वेब से नवीनतम जानकारी तक रियल टाइम पहुँच के साथ एक सहयोगी के रूप में इन्फ्लेक्शन AI द्वारा डिज़ाइन किया गया सहानुभूतिपूर्ण चैटबॉट।

Claude 2 by Anthropic

प्राकृतिक वार्तालाप, स्व-पर्यवेक्षण अधिगम और विभिन्न कार्यों में सहायता के लिये एक बड़ी संदर्भ विंडो के साथ एंथ्रोपिक का चैटबॉट।

Character Al

मशहूर हस्तियों, ऐतिहासिक शख्सियतों और काल्पनिक पात्रों के AI संस्करणों के साथ वार्ता को सक्षम करने वाला आकर्षक चैटबॉट।

GitHub Copilot

GitHub का Al पेयर प्रोग्रामर प्रासंगिक सुझाव, रियल टाइम सहायता और उपयोगकर्त्ता की कोडिंग शैली एडैप्टेशन प्रदान करता है।

Adobe Firefly

Adobe द्वारा AI छवि निर्माण के लिये रचनात्मक पावरहाउस, टेक्स्ट संकेतों को आश्चर्यजनक उच्च गुणवत्ता वाली छवियों में परिवर्तित करता है। फिलहाल बीटा वर्ज़न में निःशुल्क।

Perplexity Al

कन्वर्सेशनल AI सर्च इंजन एक चैटबॉट जैसा इंटरफ़ेस पेश करता है, जो सटीक उत्तरों और स्रोत जानकारी के साथ रचनात्मकता तथा ज्ञान को समायोजित करता है।

Google Bard

कोड और टेक्स्ट के विशाल डेटासेट के साथ AI चैटबॉट, मानव भाषा सीखने तथा समझने में सक्षम है।  विकास के तहत, AI इंटरैक्शन के भविष्य की एक झलक पेश करता है।

  UPSC सिविल सेवा परीक्षा, विगत वर्ष प्रश्न   

प्रिलिम्स:

प्रश्न1. विकास की वर्तमान स्थिति में, कृत्रिम बुद्धिमत्ता (Artificial Intelligence), निम्नलिखित में से किस कार्य को प्रभावी रूप से कर सकती है? (2020)

  1. औद्योगिक इकाइयों में विद्युत की खपत कम करना 
  2. सार्थक लघु कहानियों और गीतों की रचना  
  3. रोगों का निदान 
  4. टेक्स्ट से स्पीच (Text-to-Speech) में परिवर्तन 
  5. विद्युत ऊर्जा का बेतार संचरण

नीचे दिये गए कूट का प्रयोग करके सही उत्तर चुनिये:

(A) केवल 1, 2, 3 और 5
(B) केवल 1, 3 और 4
(C) केवल 2, 4 और 5
(D) 1, 2, 3, 4 और 5

उत्तर: B


अंतर्राष्ट्रीय संबंध

भारत-रूस द्विपक्षीय बैठक

प्रिलिम्स के लिये:

भारत-रूस द्विपक्षीय बैठक, क्षेत्रीय स्थिरता, आतंकवाद, रूस निर्मित परमाणु संयंत्र, कुडनकुलम परमाणु ऊर्जा संयंत्र

मेन्स के लिये:

भारत-रूस द्विपक्षीय बैठक, भारत से जुड़े या भारत के हितों को प्रभावित करने वाले द्विपक्षीय, क्षेत्रीय एवं वैश्विक समूह और समझौते।

स्रोत: द हिंदू 

चर्चा में क्यों?

हाल ही में भारत के विदेश मंत्री ने द्विपक्षीय बैठक के लिये रूस का दौरा किया जहाँ दोनों देशों ने परमाणु ऊर्जा व दवाओं, फार्मास्युटिकल पदार्थों व चिकित्सा उपकरणों के क्षेत्रों में समझौतों पर हस्ताक्षर किये।

भारत-रूस द्विपक्षीय बैठक के प्रमुख बिंदु क्या हैं?

  • आर्थिक सहयोग:
    • रक्षा, अंतरिक्ष अन्वेषण, परमाणु ऊर्जा और प्रौद्योगिकी साझाकरण में रणनीतिक सहयोग पर ज़ोर, लंबे समय से चली आ रही साझेदारी की दृढ़ता को दर्शाता है तथा गहरे सहयोग के रास्ते तलाशता है।
    • दोनों देश भारतीय बाज़ार में रूसी हाइड्रोकार्बन के निर्यात के विस्तार के साथ-साथ परमाणु ऊर्जा के शांतिपूर्ण उपयोग में सहयोग पर सहमत हुए
    • दोनों पक्षों ने सुदूर पूर्व में सहयोग के कार्यक्रम को अंतिम रूप दिया और EaEU-India FTA वार्ता की शीघ्र बैठक आयोजित करने का निर्णय लिया गया।
  • परमाणु ऊर्जा संयंत्रों पर समझौता:
    • भारत और रूस ने तमिलनाडु में कुडनकुलम परमाणु ऊर्जा परियोजना की भविष्य की इकाइयों को आगे बढ़ाने के लिये समझौते पर हस्ताक्षर किये।
    • भारत पहले से ही दो रूस निर्मित परमाणु संयंत्रों का संचालन कर रहा है जबकि अन्य चार तमिलनाडु के कुडनकुलम में निर्माणाधीन हैं।
      • भारत का सबसे बड़ा कुडनकुलम परमाणु ऊर्जा संयंत्र रूस की तकनीकी सहायता से तमिलनाडु में बनाया जा रहा है। निर्माण मार्च 2002 में शुरू हुआ। फरवरी 2016 से, कुडनकुलम NPP की पहली ऊर्जा इकाई 1,000 मेगावाट की अपनी डिज़ाइन क्षमता पर लगातार काम कर रही है।
      • रूसी मीडिया के अनुसार संयंत्र के वर्ष 2027, में पूरी क्षमता से काम शुरू करने की उम्मीद है।
  • कूटनीतिक पहल: 

भारत-रूस संबंधों का इतिहास कैसा रहा है?

  • ऐतिहासिक पृष्ठभूमि:
    • शीत युद्ध के दौरान, भारत और सोवियत संघ के बीच मज़बूत रणनीतिक, सैन्य, आर्थिक और राजनीतिक संबंध थे। सोवियत संघ के विघटन के बाद, रूस को भारत के साथ घनिष्ठ संबंध विरासत में मिले, जिसके परिणामस्वरूप दोनों देशों ने एक विशेष रणनीतिक संबंध साझा किया।
    • हालाँकि, कोविड के बाद के परिदृश्य में, खासकर पिछले कुछ वर्षों में संबंधों में भारी गिरावट आई है। इसका सबसे बड़ा कारण रूस के चीन और पाकिस्तान के साथ घनिष्ठ संबंध हैं, जिसने पिछले कुछ वर्षों में भारत के लिये कई भू-राजनीतिक मुद्दे उत्पन्न किये हैं।
  • राजनीतिक संबंध:
    • दो अंतर-सरकारी आयोग– एक व्यापार, आर्थिक, वैज्ञानिक, तकनीकी और सांस्कृतिक सहयोग पर (IRIGC-TEC) तथा दूसरा सैन्य-तकनीकी सहयोग पर (RIGC- MTC), हर साल मिलते हैं।
  • द्विपक्षीय व्यापार:
    • रूस के साथ भारत का कुल द्विपक्षीय व्यापार वर्ष 2021-22 में 13 बिलियन डॉलर और वर्ष 2020-21 में 8.14 बिलियन डॉलर रहा।
    • रूस भारत का सातवाँ सबसे बड़ा व्यापारिक साझेदार है, जो वर्ष 2021 में 25वें स्थान पर था।
      • वर्ष 2022-23 के पहले पाँच महीनों के दौरान-भारत के साथ सबसे अधिक व्यापार मात्रा वाले छह देश अमेरिका, चीन, संयुक्त अरब अमीरात, सऊदी अरब, इराक और इंडोनेशिया थे।
  • रक्षा और सुरक्षा संबंध:
  • विज्ञान और तकनीक: 
    • विज्ञान और प्रौद्योगिकी ने द्विपक्षीय भारत-रूस (तथा भारत-सोवियत) साझेदारी में अहम भूमिका निभाई है, विशेषकर भारत की आज़ादी के बाद के शुरुआती दिनों में जहाँ भिलाई स्टील प्लांट, भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान, बॉम्बे एवं भारत का अंतरिक्ष कार्यक्रम की स्थापना के लिये तत्कालीन सोवियत संघ की सहायता महत्त्वपूर्ण थी।
    • भारतीय अंतरिक्ष कार्यक्रम के शुरुआती चरणों के दौरान, सोवियत संघ की सहायता ने वर्ष 1984 में पहले भारतीय उपग्रहों-आर्यभट्ट तथा भास्कर के प्रक्षेपण में महत्त्वपूर्ण भूमिका निभाई।
    • वर्तमान में भारत और रूस मूल विज्ञान, सामग्री विज्ञान, गणित तथा भारत के मानवयुक्त अंतरिक्ष उड़ान कार्यक्रम (गगनयान), नैनोटेक्नोलॉजी एवं क्वांटम कंप्यूटिंग जैसे अत्याधुनिक क्षेत्रों पर संयुक्त रूप से कार्य करते हैं।

भारत के लिये रूस का क्या महत्त्व है?

  • चीन के साथ संतुलन:
    • पूर्वी लद्दाख के सीमावर्ती क्षेत्रों में चीनी आक्रामकता ने भारत-चीन संबंधों को न केवल निर्णायक मोड़ पर ला दिया बल्कि यह भी प्रदर्शित किया कि रूस चीन के साथ तनाव कम करने में योगदान दे सकता है।
    • लद्दाख के विवादित क्षेत्र में गलवान घाटी में घातक झड़पों के बाद रूस ने रूस, भारत और चीन के विदेश मंत्रियों के बीच एक त्रिपक्षीय बैठक आयोजित की। 
  • आर्थिक भागीदारी के उभरते नए क्षेत्र:
    • हथियार, हाइड्रोकार्बन, परमाणु ऊर्जा और हीरे जैसे सहयोग के पारंपरिक क्षेत्रों के अतिरिक्त आर्थिक साझेदारी के नए क्षेत्र के उभरने की संभावना है जिसमें खनन, कृषि-औद्योगिक तथा रोबोटिक्स, नैनोटेक एवं बायोटेक सहित उच्च प्रौद्योगिकी शामिल हैं।
    • रूस के सुदूर-पूर्व तथा आर्कटिक में भारत की पहुँच का विस्तार होना तय है और साथ ही कनेक्टिविटी परियोजनाओं को भी बढ़ावा मिल सकता है।
  • आतंकवाद से मुकाबला:
  • बहुपक्षीय मंचों पर सहयोग:
  • रूस का सैन्य निर्यात:
    • स्टॉकहोम इंटरनेशनल पीस रिसर्च इंस्टीट्यूट (SIPRI) के ट्रेंड्स इन इंटरनेशनल आर्म्स ट्रांसफर्स, 2022 शोध में कहा गया है, हालाँकि रूस वर्ष 2013 से 2017 एवं वर्ष 2018 से 2022 तक भारत का शीर्ष हथियार आपूर्तिकर्त्ता था, लेकिन भारत में हथियारों के आयात का प्रतिशत 64% से घटकर 45% हो गया।

आगे की राह:

  • रूस आने वाले दशकों तक भारत का एक प्रमुख रक्षा भागीदार बना रहेगा।
  • दोनों देश इस बात पर चर्चा कर रहे हैं कि वे तीसरे देशों को रूसी मूल के उपकरण एवं सेवाओं के निर्यात के लिये उत्पादन आधार के रूप में भारत का उपयोग करने में कैसे सहयोग कर सकते हैं।
    • इसे संबोधित करने के लिये, रूस द्वारा वर्ष 2019 में हस्ताक्षरित एक अंतर-सरकारी समझौते के बाद अपनी कंपनियों को भारत में संयुक्त उद्यम स्थापित करने की अनुमति देते हुए विधायी परिवर्तन किये हैं।
    • इस समझौते को समयबद्ध तरीके से लागू करने की आवश्यकता है।

  UPSC सिविल सेवा परीक्षा, विगत वर्ष के प्रश्न  

प्रिलिम्स:

प्रश्न1. हाल ही में भारत ने निम्नलिखित में से किस देश के साथ ‘नाभिकीय क्षेत्र में सहयोग क्षेत्रों के प्राथमिकीकरण और कार्यान्वयन हेतु कार्ययोजना’ नामक सौदे पर हस्ताक्षर किये हैं? (2019)

(A) जापान
(B) रूस
(C) यूनाइटेड किंगडम
(D) संयुक्त राज्य अमेरिका

उत्तर: B


मेन्स:

प्रश्न1. भारत-रूस रक्षा समझौतों की तुलना में भारत-अमेरिका रक्षा समझौतों की क्या महत्ता है? हिंद-प्रशांत महासागरीय क्षेत्र में स्थायित्व के संदर्भ में चर्चा कीजिये। (2020)


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