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आंतरिक सुरक्षा

भारत के हथियारों का आयात: SIPRI

  • 14 Mar 2023
  • 5 min read

प्रिलिम्स के लिये:

भारत में हथियारों का आयात, स्टॉकहोम इंटरनेशनल पीस रिसर्च इंस्टीट्यूट, रूस-यूक्रेन युद्ध, प्रौद्योगिकी का स्वदेशीकरण। 

मेन्स के लिये:

भारत में हथियारों का आयात और निर्यात। 

चर्चा में क्यों?

स्टॉकहोम इंटरनेशनल पीस रिसर्च इंस्टीट्यूट (SIPRI) के ट्रेंड्स इन इंटरनेशनल आर्म्स ट्रांसफर 2022 रिपोर्ट के अनुसार, भारत वर्ष 2018 से 2022 तक विश्व का सबसे बड़ा हथियार आयातक बना रहा, इसके बाद सऊदी अरब और यूक्रेन का स्थान रहा।

रिपोर्ट की मुख्य विशेषताएँ: 

  • वैश्विक हथियार हस्तांतरण: 
    • वैश्विक स्तर पर अंतर्राष्ट्रीय हथियारों के हस्तांतरण में 5.1% की कमी आई है, यूक्रेन में युद्ध की पृष्ठभूमि में वर्ष 2013-17 और वर्ष 2018-22 के बीच यूरोपीय देशों द्वारा प्रमुख हथियारों के आयात में 47% की वृद्धि हुई है।
    • वैश्विक हथियारों के निर्यात में अमेरिकी हिस्सेदारी 33% से बढ़कर 40% हो गई जबकि रूस की हिस्सेदारी 22% से गिरकर 16% हो गई। 
    • वर्ष 2013-17 और वर्ष 2018-22 के बीच पाकिस्तान द्वारा हथियारों के आयात में 14% की वृद्धि हुई और वर्ष 2018-22 में पाकिस्तान के 77% हथियारों की आपूर्ति करने वाले चीन के साथ वैश्विक कुल का 3.7% हिस्सा रहा। 
  • भारत का हथियार आयात, आउटलुक: 
    • भारत वर्ष 2018-22 में हथियारों का विश्व में सबसे बड़ा आयातक था, जो कुल वैश्विक आयात का 11% हिस्सा था।
    • वर्ष 2013-17 और 2018-22 के मध्य अपने हथियारों के आयात में 11% की गिरावट के बावजूद भारत शीर्ष आयातक बना रहा।
  • भारत को हथियार आपूर्तिकर्त्ता:
    • रूस 2013-17 और 2018-22 के मध्य भारत का सबसे बड़ा हथियार आपूर्तिकर्त्ता था, किंतु भारत में हथियारों के आयात में इसकी हिस्सेदारी 64% से गिरकर 45% हो गई, जबकि फ्राँस वर्ष 2018-22 के मध्य भारत के लिये दूसरे सबसे बड़े हथियार आपूर्तिकर्त्ता (29%) के रूप में उभरा, उसके बाद संयुक्त राज्य अमेरिका (11%) पर है।
      • भारत के मुख्य हथियार आपूर्तिकर्त्ता के रूप में रूस की स्थिति अन्य आपूर्तिकर्त्ता देशों से कड़ी प्रतिस्पर्धा के कारण दबाव में है जबकि भारतीय हथियारों के उत्पादन में वृद्धि हुई है तथा वर्ष 2022 में यूक्रेन पर रूस के आक्रमण से रूस के हथियारों के निर्यात में बाधाएँ उत्पन्न हुई हैं।
    • भारत ने इन पाँच वर्ष की अवधि के दौरान इज़रायल, दक्षिण कोरिया और दक्षिण अफ्रीका से भी हथियार आयात किये, जो वैश्विक स्तर पर शीर्ष हथियार निर्यातकों में से हैं।
  • हथियार आयात के चालक कारक: 
    • पाकिस्तान और चीन के साथ भारत का तनाव हथियारों के आयात की उसकी मांग को काफी हद तक प्रभावित करता है।
  • हथियार आयात में कमी के कारण: 
    • हथियारों के आयात में गिरावट हेतु भारत की धीमी और जटिल हथियारों की खरीद प्रक्रिया और इसके हथियारों के आपूर्तिकर्त्ताओं में विविधता लाने के प्रयासों सहित कई कारकों को ज़िम्मेदार ठहराया जा सकता है।
  • भारत से हथियार की आपूर्ति: 
    • रूस और चीन के बाद इस अवधि के दौरान भारत, म्याँमार का तीसरा सबसे बड़ा हथियार आपूर्तिकर्त्ता था जो इसके आयात का 14% हिस्सा था।
      • वर्ष 2018-22 में चीन ने पाकिस्तान को 77% हथियारों की आपूर्ति की।

स्टॉकहोम इंटरनेशनल पीस रिसर्च इंस्टीट्यूट (SIPRI): 

  • यह एक स्वतंत्र अंतर्राष्ट्रीय संस्थान है जो आयुध, हथियार नियंत्रण और निरस्त्रीकरण में अनुसंधान हेतु समर्पित है।
  • इसकी स्थापना वर्ष 1966 में स्टॉकहोम (स्वीडन) में हुई थी।
  • यह नीति निर्माताओं, शोधकर्त्ताओं, मीडिया और इच्छुक जनता को खुले स्रोतों के आधार पर डेटा, विश्लेषण एवं सिफारिशें प्रदान करता है।

स्रोत: इंडियन एक्सप्रेस

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