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अंतर्राष्ट्रीय संबंध

परमाणु शस्त्रागार का वैश्विक विस्तार: SIPRI रिपोर्ट

  • 17 Jun 2021
  • 9 min read

प्रिलिम्स के लिये

परमाणु शस्त्रागार का वैश्विक विस्तार, SIPRI रिपोर्ट, स्टॉकहोम इंटरनेशनल पीस रिसर्च इंस्टीट्यूट 

मेन्स के लिये  

परमाणु शस्त्रागार का वैश्विक विस्तार और इससे संबंधित मुद्दे

चर्चा में क्यों?

हाल ही में प्रकाशित SIPRI इयरबुक (SIPRI Yearbook) 2021 के अनुसार, विश्व स्तर पर तैयार और तैनात परमाणु हथियारों की संख्या में वृद्धि हुई है। 

  • SIPRI इयरबुक स्टॉकहोम इंटरनेशनल पीस रिसर्च इंस्टीट्यूट (Stockholm International Peace Research Institute- SIPRI) द्वारा जारी की जाती है जो अंतर्राष्ट्रीय आयुध और संघर्ष पर शोध करता है।
  • SIPRI "ईयरबुक 2021" हथियारों, निरस्त्रीकरण और अंतर्राष्ट्रीय सुरक्षा की वर्तमान स्थिति का आकलन करता है।

प्रमुख बिंदु

नौ परमाणु शस्त्र संपन्न देश:

  • अमेरिका, रूस, ब्रिटेन, फ्राँस, चीन, भारत, पाकिस्तान, इज़राइल तथा उत्तरी कोरिया विश्व के 9 परमाणु हथियार संपन्न देश हैं।
    • इन देशों के पास वर्ष 2021 की शुरुआत में अनुमानित 13,080 परमाणु हथियार थे।
    • रूस और अमेरिका के पास कुल मिलाकर 90% से अधिक वैश्विक परमाणु हथियार हैं और साथ ही वे व्यापक और महँगे आधुनिकीकरण कार्यक्रम भी चल रहे हैं।
      • अमेरिका और रूस दोनों ने न्यू स्टार्ट (New START) संधि के विस्तार को मंज़ूरी दे दी है।
  • चीन के परमाणु शस्त्रागार में वर्ष 2020 की शुरुआत में 320 से ऊपर 350 वॉरहेड शामिल थे।
    • चीन की स्थिति एक महत्त्वपूर्ण आधुनिकीकरण और परमाणु हथियार सूची के विस्तार के बीच स्थित है।
  • वर्ष 2021 की शुरुआत में भारत के पास 156 परमाणु हथियार हैं, जो कि पिछले वर्ष (2020) की शुरुआत में 150 थे, वहीं पाकिस्तान के पास पिछले वर्ष 160 थे जो अब 165 हो गए हैं।
    • भारत और पाकिस्तान नई प्रौद्योगिकियों एवं क्षमताओं की तलाश कर रहे हैं जो परमाणु सीमा के तहत एक-दूसरे की रक्षा को खतरनाक रूप से कमज़ोर करती हैं।
  • पारदर्शिता का निम्न स्तर: परमाणु शस्त्रागार की स्थिति और परमाणु-सशस्त्र राज्यों की क्षमताओं पर उपलब्ध विश्वसनीय जानकारी की  स्थिति भी काफी भिन्न है। 

सबसे बड़ा सैन्य खर्च:

  • वर्ष 2020 में कुल खर्च में वृद्धि काफी हद तक संयुक्त राज्य अमेरिका और चीन (क्रमशः पहले और दूसरे सबसे बड़े खर्च करने वाले) के व्यय पैटर्न से प्रभावित थी।
  • वर्ष 2020 में 72.9 बिलियन अमेरिकी डॉलर के खर्च में 2.1% की वृद्धि हुई, जिसने भारत को विश्व में तीसरे सबसे बड़े सैन्य ऋणदाता के रुप में स्थान दिया।

प्रमुख हथियारों के आयातक:

  • SIPRI ने वर्ष 2016-20 में 164 राज्यों को प्रमुख हथियारों के आयातक के रूप में पहचाना।
  • पाँच सबसे बड़े हथियार आयातक देश थे- सऊदी अरब, भारत, मिस्र, ऑस्ट्रेलिया एवं चीन और कुल हथियारों के आयात में इनका हिस्सा 36% था।
  • क्षेत्रवार: वर्ष 2016-20 के दौरान प्रमुख हथियारों की आपूर्ति की सबसे बड़ी मात्रा प्राप्त करने वाला क्षेत्र एशिया और ओशिनिया था, जो वैश्विक कुल आपूर्ति का 42% था, इसके बाद मध्य पूर्व का स्थान है जिसे 33% हिस्सा प्राप्त हुआ।

प्रमुख हथियारों के आपूर्तिकर्त्ता:

  • वर्ष 2016-20 के दौरान पाँच सबसे बड़े आपूर्तिकर्त्ताओं संयुक्त राज्य अमेरिका, रूस, फ्राँस, जर्मनी और चीन का प्रमुख हथियारों के निर्यात में हिस्सा 76% था।

सशस्त्र संघर्ष के हालिया उदाहरण:

  • कश्मीर को लेकर भारत और पाकिस्तान के बीच क्षेत्रीय संघर्ष। वर्ष 2020 में स्थिति बड़े पैमाने पर सशस्त्र हिंसा की अपेक्षा निम्न स्तर की यथास्थिति में वापस आ गई।
  • जून 2020 में पाँच दशकों में पहली बार कश्मीर के विवादित पूर्वी लद्दाख क्षेत्र में चीन और भारत के बीच सीमा तनाव घातक हो गया।
  • नवंबर 2020 में उत्तरी इथियोपिया के टाइग्रे क्षेत्र (Tigray Region) में संघीय सरकारी बलों और टाइग्रे पीपुल्स लिबरेशन फ्रंट के बीच एक नया सशस्त्र संघर्ष छिड़ गया, जिसमें हज़ारों लोग मारे गए और 46,000 से अधिक शरणार्थियों को पूर्वी सूडान में भागने के लिये मजबूर होना पड़ा। 

परमाणु हथियार

इसके बारे में:

  • परमाणु हथियार एक उपकरण है जिसे परमाणु विखंडन, परमाणु संलयन या दोनों के संयोजन के परिणामस्वरूप विस्फोटक तरीके से ऊर्जा जारी करने के लिये डिज़ाइन किया गया है।
  • विखंडन हथियारों को आमतौर पर परमाणु बम के रूप में जाना जाता है, और संलयन हथियारों को थर्मोन्यूक्लियर बम या सामान्यतः हाइड्रोजन बम के रूप में संदर्भित किया जाता है।
  • 1945 में हिरोशिमा और नागासाकी में हुए बम धमाकों में इनका इस्तेमाल किया गया।

परमाणु प्रसार और परीक्षण को रोकने वाली संधियाँ

  • परमाणु हथियारों के अप्रसार पर संधि (NPT)।
  • वायुमंडल के बाहरी अंतरिक्ष में और पानी के नीचे परमाणु हथियार परीक्षण पर प्रतिबंध लगाने वाली संधि जिसे आंशिक परीक्षण प्रतिबंध संधि (Partial Test Ban Treaty- PTBT) के रूप में भी जाना जाता है।
  • व्यापक परमाणु परीक्षण प्रतिबंध संधि (Comprehensive Nuclear-Test-Ban Treaty- CTBT) पर वर्ष 1996 में हस्ताक्षर किये गए थे, लेकिन यह अभी तक लागू नहीं हुई है।
  • परमाणु हथियारों के निषेध पर संधि (TPNW) जो 22 जनवरी, 2021 को लागू हुई।

अन्य संबंधित पहलें:

  • परमाणु आपूर्तिकर्त्ता समूह, मिसाइल प्रौद्योगिकी नियंत्रण व्यवस्था, बैलिस्टिक मिसाइल प्रसार के खिलाफ हेग आचार संहिता और वासेनर अरेंजमेंट।

भारत का परमाणु हथियार कार्यक्रम:

  • भारत ने मई 1974 में अपने पहले परमाणु उपकरण का परीक्षण किया और परमाणु हथियारों के अप्रसार संधि (NPT) और व्यापक परमाणु परीक्षण प्रतिबंध संधि (CTBT) दोनों से बाहर है।
  • हालाँकि भारत का अंतर्राष्ट्रीय परमाणु ऊर्जा एजेंसी (IAEA) के साथ एक सुविधा-विशिष्ट सुरक्षा उपाय समझौता है और उसे परमाणु आपूर्तिकर्त्ता समूह (NSG) से छूट मिली है जो इसे वैश्विक नागरिक परमाणु प्रौद्योगिकी वाणिज्य में भाग लेने की अनुमति देता है।
  • इसे वर्ष 2016 में मिसाइल प्रौद्योगिकी नियंत्रण व्यवस्था (MTCR) में वर्ष 2017 में वासेनर अरेंजमेंट और वर्ष 2018 में ऑस्ट्रेलिया समूह में एक सदस्य के रूप में शामिल किया गया था।
  • भारत ने परमाणु हथियारों के पहले प्रयोग नहीं करने की अपनी आधिकारिक प्रतिबद्धता को बनाए रखा है।

स्रोत: द हिंदू

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