डेली न्यूज़ (15 Jul, 2022)



इंडिया स्टैक नॉलेज एक्सचेंज 2022

प्रिलिम्स के लिये:

डिजिटल इंडिया, भारत की डिजिटल योजनाएँं

मेन्स के लिये:

आर्थिक विकास में डिजिटलीकरण की भूमिका, भारत की अर्थव्यवस्था पर डिजिटल योजनाओं का प्रभाव, इंडिया स्टैक नॉलेज एक्सचेंज प्रोग्राम जैसे प्लेटफार्मों का महत्त्व

चर्चा में क्यों?

डिजिटल इंडिया वीक 2022 समारोह के हिस्से के रूप में इंडिया स्टैक नॉलेज एक्सचेंज पर एक तीन दिवसीय वर्चुअल कार्यक्रम का आयोजन किया गया।

  • द इंडिया स्टैक भारत की 4 अरब आबादी को डिजिटल युग में लाने के लिये एक महत्त्वपूर्ण एकीकृत सॉफ्टवेयर प्लेटफॉर्म है।

इंडिया स्टैक नॉलेज एक्सचेंज (ISKE) कार्यक्रम:

  • परिचय:
    • ISKE 2022 के पीछे यह मंशा थी कि आईटी नेतृत्वकर्त्ताओं को ग्राउंड लेवल पर बड़ा परिवर्तन लाने वाली परियोजनाओं व इन परियोजनाओं के भविष्य और इनके सामने आने वाली चुनौतियों पर बोलने के लिये सामने लाया जाए।
      • इसका लक्ष्य दुनिया के सामने इंडिया स्टैक सॉल्यूशन एंड गुड्स प्रोग्राम को पेश करना भी था, ताकि कोई भी देश इसे अपने उपयोग के हिसाब से अपना सके।
  • महत्त्व:
    • यह कार्यक्रम अग्रणी परियोजनाओं को लागू करने में अपने अनुभव साझा करने के लिये व्यवसाइयों और डिजिटल परिवर्तन लाने वाले नेताओं को एक साथ लाया।
    • इसने इंडिया स्टैक नॉलेज एक्सचेंज के गठन में मदद की।
    • इसने कुछ डिजिटल पहलों की प्रतिकृति के लिये एक सहयोगी मंच के रूप में कार्य किया।
    • इसने भारत के लिये ग्लोबल डिजिटल पब्लिक गुड्स के भंडार में अपने योगदान के लिये एक नॉलेज एक्सचेंज प्लेटफॉर्म के रूप में कार्य किया।

ISKE में शामिल क्षेत्र:

अर्बन स्टैक:

  • स्मार्ट सिटी मिशन:
    • यह एक केंद्र प्रायोजित योजना है, जिसे जून 2015 में "स्मार्ट सॉल्यूशंस" (Smart Solutions) के आवेदन के माध्यम से नागरिकों को उच्च गुणवत्ता के साथ जीवन जीने हेतु आवश्यक बुनियादी ढांँचा, स्वच्छ और टिकाऊ वातावरण प्रदान करने के लिये 100 शहरों को परिवर्तित करने के उद्देश्य से शुरू किया गया था।
    • मिशन का उद्देश्य विभिन्न शहरी विकास परियोजनाओं के माध्यम से शहरों में रहने वाली भारतीय आबादी की आकांक्षाओं को पूरा करना है।
  • शासन, प्रभाव और परिवर्तन के लिये डिजिटल इन्फ्रास्ट्रक्चर (DIGIT):
    • DIGIT एक ऐसा प्लेटफॉर्म है जो ओपन सोर्स और ओपन एप्लीकेशन प्रोग्रामिंग इंटरफेस (API) है जो डेवलपर्स, उद्यमों और नागरिकों के लिये नए एप्लीकेशन के निर्माण और समाधान के लिये संचालित है।
    • रेडी टू यूज़ प्लेटफॉर्म समय-सीमा में त्वरित कार्यान्वयन और स्थानीय सरकारों को प्रशासन के विभिन्न स्तरों पर प्रक्रिया में सुधार, जवाबदेही और पारदर्शिता सुनिश्चित करने में मदद करता है।
    • ामाजिक मंच के विचारों की अभिव्यक्ति है, जटिल सामाजिक चुनौतियों को तेज़ी से बड़े पैमाने पर स्थायी रूप से हल करने के लिये व्यवस्थित तरीका है।
      • सामाजिक मंच सामाजिक विचार, प्रणालीगत दृष्टिकोण, मूल्यों और विशिष्ट डिज़ाइन सिद्धांतों के समूह, सामाजिक समस्याओ, समाज के प्रमुख कारकों के बीच प्रमुख अंतःक्रियाओं को फिर से डिज़ाइन करने और घातीय सामाजिक परिवर्तन को प्रेरित करने की अभिव्यक्ति की सुविधा प्रदान करता है।
  • भारत शहरी डेटा विनिमय:
    • IUDE को स्मार्ट सिटी मिशन और भारतीय विज्ञान संस्थान (IISc), बंगलूरू के बीच साझेदारी में विकसित किया गया है।
    • यह एक ओपन-सोर्स सॉटवेयर प्लेटफॉर्म है जो विभिन्न डेटा प्लेटफॉर्म, तृतीय पक्ष प्रमाणित और अधिकृत एप्लीकेशन तथा अन्य स्रोतों के बीच डेटा के सुरक्षित, प्रमाणित एवं प्रबंधित आदान-प्रदान की सुविधा प्रदान करता है।

ई-कॉमर्स हेतु प्रौद्योगिकी स्टैक: 

  • GeM पोर्टल:
    • विभिन्न केंद्रीय और राज्य सरकार के विभागों/संगठनों/सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रमों (PSU) द्वारा आवश्यक सामान्य उपयोग की वस्तुओं एवं सेवाओं की ऑनलाइन खरीद की सुविधा हेतु गवर्नमेंट -मार्केटप्लेस वन-स्टॉप नेशनल पब्लिक प्रोक्योरमेंट पोर्टल है।
    • GeM पर उपलब्ध वस्तुओं और सेवाओं के लिये मंत्रालयों व केंद्रीय सार्वजनिक क्षेत्र के उद्यमों (CPSEs) द्वारा वस्तुओं एवं सेवाओं की खरीद करना अनिवार्य है।
    • यह सरकारी उपयोगकर्त्ताओं को उनके पैसे का सर्वोत्तम मूल्य प्राप्त करने की सुविधा के लिये ई-बोली और रिवर्स ई-नीलामी जैसे उपकरण भी प्रदान करता है।
  • ओपन नेटवर्क फॉर डिजिटल कॉमर्स (ONDC):
    • ONDC स्वतंत्र रूप से सुलभ सरकार-समर्थित प्लेटफॉर्म है जिसका उद्देश्य -कॉमर्स को प्लेटफॉर्म-केंद्रित मॉडल से वस्तुओं और सेवाओं की खरीद तथा बिक्री हेतु एक ओपन नेटवर्क में स्थानांतरित करके सार्वभौमिक बनाना है।
    • यह एक गैर-लाभकारी संगठन है जो उद्योगों में स्थानीय डिजिटल कॉमर्स स्टोर को किसी भी नेटवर्क-सक्षम एप्लीकेशन द्वारा खोजने और संलग्न करने में सक्षम बनाने के लिये एक नेटवर्क की पेशकश करेगा।
    • ONDC के तहत यह परिकल्पना की गई है कि एक प्रतिभाग करने वाली ई-कॉमर्स साइट (उदाहरण के लिये-अमेज़ॅन) पर पंजीकृत खरीदार किसी अन्य प्रतिभागी ई-कॉमर्स साइट (उदाहरण के लिये फ्लिपकार्ट) पर विक्रेता से सामान खरीद सकता है।

अंतरिक्ष प्रौद्योगिकी स्टैक:

  • NavIC:
    • नेविगेशन इन इंडियन कॉन्स्टेलेशन (NavIC) भारतीय क्षेत्रीय नेविगेशन सैटेलाइट सिस्टम (IRNSS) है, जिसे भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (ISRO) द्वारा विकसित किया गया है।
    • इसका मुख्य उद्देश्य भारत और उसके पड़ोस में विश्वसनीय स्थिति, नेविगेशन तथा समयबद्ध सेवाएँ प्रदान करना है।
    • इसे मोबाइल टेलीफोनी मानकों के समन्वय के लिये वैश्विक निकाय, तीसरी पीढ़ी की भागीदारी परियोजना (3GPP) द्वारा प्रमाणित किया गया है।
  • भू प्रेक्षण डेटा और अभिलेखीय प्रणाली का विज़ुअलाइज़ेशन (VEDAS):
    • VEDAS युवा शोधकर्त्ताओं और शिक्षाविदों को भारतीय पृथ्वी अवलोकन डेटा का उपयोग करके अपने स्थानिक विश्लेषणात्मक कौशल का प्रदर्शन करने एवं भू-स्थानिक अनुप्रयोगों के निर्माण को प्रेरित करने के लिये एक मंच प्रदान करता है।
    • यह इसरो के पृथ्वी विज्ञान अनुसंधान में देश के निवेश के सामाजिक लाभों के विस्तार की दिशा में एक कदम है।
    • यह उम्मीद की जाती है कि डेटा जनरेटर और संभावित विश्लेषकों के बीच सहयोग से नए और अभिनव प्रसंस्करण उपकरण एवं भू-स्थानिक अनुप्रयोग सामने आएंगे।
    • प्रावधान:
      • शिक्षाविदों हेतु अनुसंधान और प्रशिक्षण के लिये मंच।
      • वेब पर डेटा विज़ुअलाइज़ेशन और ग्राफिकल विश्लेषण
      • वेब पर विश्लेषण के लिये भू-प्रसंस्करण उपकरण
      • विभिन्न स्रोतों से वेब मानचित्र सेवा को एकीकृत करना
  • मौसम विज्ञान और समुद्र विज्ञान उपग्रह डेटा अभिलेखीय केंद्र (MOSDAC):
    • स्पेस एप्लीकेशन सेंटर (SAC) अहमदाबाद में स्थित एक इसरो केंद्र है, जो उपग्रह पेलोड विकास, ऑपरेशनल डेटा रिसेप्शन (Operational Data Reception) और संसाधन (Processing) से लेकर सामाजिक अनुप्रयोगों तक कई तरह के कार्य करता है।
    • मौसम विज्ञान और समुद्र विज्ञान उपग्रह डेटा अभिलेखीय केंद्र (MOSDAC) स्पेस एप्लीकेशन सेंटर (SAC) का एक डेटा केंद्र है और यह उपग्रह डेटा प्राप्त करने, प्रसंस्करण, विश्लेषण और प्रसार की सुविधा प्रदान करता है।
    • MOSDAC राष्ट्रीय एवं अंतर्राष्ट्रीय अनुसंधान आवश्यकताओं को पूरा करने के लिये भारतीय मौसम विज्ञान और समुद्र विज्ञान उपग्रहों के माध्यम से पृथ्वी अवलोकन डेटा की आपूर्ति कर रहा है।
  • भुवन, भूनिधि और युक्तधारा:
    • भुवन:
      • भुवन एक प्रकार का वेब पोर्टल है, जिसका उपयोग इंटरनेट के माध्यम से भौगोलिक जानकारी (भू-स्थानिक जानकारी) और अन्य संबंधित भौगोलिक सेवाओं (प्रदर्शन, संपादन, विश्लेषण आदि) की खोज और उनके उपयोग के लिये किया जाता है।
    • भूनिधि:
      • यह 44 उपग्रहों से रिमोट सेंसिंग डेटा के व्यापक संग्रह तक पहुँच को सक्षम बनाता है, जिसमें 31 वर्षों में प्राप्त भारतीय और विदेशी रिमोट सेंसिंग सेंसर शामिल हैं।
    • युक्तधारा:
      • यह एक भू-स्थानिक नियोजन पोर्टल है जो पूरे भारत में मनरेगा गतिविधियों की ग्राम पंचायत स्तर की योजना को सुविधाजनक बनाने के लिये है।
      • यह ओपन सोर्स GIS टूल्स का उपयोग करके योजना बनाने की दिशा में एक समग्र दृष्टिकोण को सक्षम करने के लिये स्थानिक सूचना सामग्री की विस्तृत विविधता को एकीकृत करता है।    

स्रोत: पी.आई.बी.


मिशन शक्ति

प्रिलिम्स के लिये:

महिला सशक्तीकरण और सुरक्षा के लिये महत्त्वपूर्ण योजनाएँं

मेन्स के लिये:

मिशन शक्ति की अम्ब्रेला योजना, समाज पर सरकारी हस्तक्षेप का प्रभाव, समाज में महिलाओं का महत्त्व, संबंधित सरकारी योजनाएँं

चर्चा में क्यों?

हाल ही में महिला एवं बाल विकास मंत्रालय ने 'मिशन शक्ति' योजना हेतु विस्तृत दिशा-निर्देश जारी किये हैं।

  • 'मिशन शक्ति' के मानदंड 1 अप्रैल, 2022 से लागू होंगे

मिशन शक्ति:

  • परिचय:
  • घटक:
    • संबल:
      • यह महिलाओं की सुरक्षा के लिये है।
      • संबल' उप-योजना के घटकों में नारी अदालतों के एक नए घटक के साथ वन स्टॉप सेंटर (OSC), महिला हेल्पलाइन (WHL), बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ (BBBP) की पूर्ववर्ती योजनाएँ शामिल हैं, इसके अलावा यह योजना समाज और परिवार के भीतर वैकल्पिक विवाद के समाधान एवं लैंगिक न्याय को बढ़ावा देने का काम करेगी।
    • सामर्थ्य(Samarthya):

सेवाएँ और गतिविधियाँ:

  • आपातकालीन/तत्काल सेवाएँ और अल्पकालिक देखभाल:
    • राष्ट्रीय टोल-फ्री नंबर और एकीकृत सेवाएँ जैसे- अस्थायी आश्रय, कानूनी सहायता, मनो-सामाजिक परामर्श, चिकित्सा सहायता, पुलिस सुविधा और उन्हें वन स्टॉप सेंटर के माध्यम से मौज़ूदा सेवाओं से जोड़ना।
  • दीर्घकालिक समर्थन के लिये संस्थागत देखभाल:
    • इसमें गर्भाधान के चरण से लेकर उस समय तक महिलाओं की ज़रूरतों का ख्याल रखा जाता हैं जब तक उन्हें इस तरह की देखभाल और समर्थन की आवश्यकता नहीं होती।
    • सखी निवास या वर्किंग वुमन हॉस्टल, कामकाजी महिलाओं के लिये एक सुरक्षित स्थान प्रदान करेगा।
  • महिलाओं के खिलाफ अपराध और हिंसा की रोकथाम के लिये संचार:
    • इसमें बड़े पैमाने पर जागरूकता कार्यक्रम और लैंगिक संवेदनशीलता के लिये सामुदायिक जुड़ाव शामिल होगा।
    • इसके अलावा महिलाओं के खिलाफ हिंसा और लैंगिक रूढ़ियों का मुकाबला करने के लिये पुरुषों की भागीदारी सुनिश्चित की जाएगी।

मिशन शक्ति का उद्देश्य:

  • हिंसा से प्रभावित महिलाओं एवं संकटग्रस्त महिलाओं को तत्काल और व्यापक निरंतर देखभाल, समर्थन और सहायता प्रदान करना।
  • सहायतकी आवश्यकता वाली महिलाओं और अपराध तथा हिंसा पीड़ितों के बचाव, संरक्षण और पुनर्वास के लिये गुणवत्ता तंत्र स्थापित करना।
  • विभिन्न स्तरों पर महिलाओं के लिये उपलब्ध विभिन्न सरकारी सेवाओं तक पहुंँच में सुधार करना।
  • दहेज, घरेलू हिंसा, कार्यस्थल पर यौन उत्पीड़न जैसी सामाजिक बुराइयों से लड़ने और लैंगिक समानता आदि को बढ़ावा देने के लिये सरकारी योजनाओं एवं कार्यक्रमों के साथ-साथ कानूनी प्रावधानों के बारे में लोगों को जागरूक करना।
  • नीतियों, कार्यक्रमों/योजनाओं के अभिसरण के लिये सहयोगी मंत्रालयों/विभागों/राज्यों/केंद्रशासित प्रदेशों के साथ सहयोग और सभी क्षेत्रों में महिलाओं की सुरक्षा एवं सशक्तीकरण हेतु सार्वजनिक-निजी भागीदारी के लिये सक्षम वातावरण बनाना।
  • लिंग आधारित लिंग चयन उन्मूलन के लिये बालिकाओं के अस्तित्व, संरक्षण, शिक्षा और विकास को सुनिश्चित करना।
  • यह महिलाओं पर देखभाल के बोझ को कम करने और कौशल विकास, क्षमता निर्माण, वित्तीय साक्षरता, माइक्रोक्रेडिट तक पहुंँच आदि को बढ़ावा देकर महिला श्रम बल की भागीदारी को बढ़ाने का भी प्रयास करता है।

स्रोत : पी.आई.बी.


सेवा शुल्क

प्रिलिम्स के लिये:

सेवा शुल्क, केंद्रीय उपभोक्ता संरक्षण प्राधिकरण (CCPA), राष्ट्रीय उपभोक्ता हेल्पलाइन (NCH), उपभोक्ता अधिकार।

मेन्स के लिये:

सरकारी नीतियाँ और हस्तक्षेप।

चर्चा में क्यों?

हाल ही में केंद्रीय उपभोक्ता संरक्षण प्राधिकरण (CCPA) ने अनुचित व्यापार प्रथाओं से बचने और सेवा शुल्क का आकलन करने वाले होटलों और रेस्तराँ में उपभोक्ता हितों की रक्षा के लिये नियम जारी किये हैं।

केंद्रीय उपभोक्ता संरक्षण प्राधिकरण (CCPA):

  • इसे उपभोक्ता संरक्षण अधिनियम (CPA) 2019 के तहत स्थापित किया गया था।
  • यह उपभोक्ता अधिकारों के दुरुपयोग, अनुचित व्यापार प्रथाओं और झूठे या भ्रामक विपणन, जो कि जनता के हित में हानिकारक हैं, को नियंत्रित करने का अधिकार रखता है।
  • इसके पास CPA, 2019 की धारा 18 के तहत उपभोक्ताओं के अधिकारों की रक्षा, प्रचार और सबसे महत्त्वपूर्ण अधिनियम के तहत उनके अधिकारों के उल्लंघन को रोकने का अधिकार है।
  • इसके अलावा यह  उपभोक्ता अधिकारों को बढ़ावा देता है तथा यह सुनिश्चित करता है कि कोई भी व्यक्ति अनुचित व्यापार प्रथाओं में शामिल न हो और इसे उपभोक्ताओं के अधिकारों को लागू करने के लिये दिशा-निर्देश जारी करने का भी अधिकार है।

नए दिशा-निर्देश:

  • परिचय:
    • इसके अनुसार होटल और रेस्तराँ में सेवा शुल्क (Service Charge) चार्ज के नाम पर बिल में स्वत: या डिफॉल्ट रूप से अतिरिक्त चार्ज वसूलने पर रोक है।
    • उन्हें ग्राहकों को यह बताना होगा कि सेवा शुल्क स्वैच्छिक और वैकल्पिक हैं।
    • सबसे महत्त्वपूर्ण बात यह है कि होटल और रेस्तराँ को अब सेवा शुल्क के संग्रह के आधार पर प्रवेश या सेवाओं को सीमित करने की अनुमति नहीं है।
    • इसके अलावा होटलों को अपने बिलों में सेवा शुल्क जोड़ने और कुल GST जमा करने की अनुमति नहीं है।
    • किसी भी टिप, टोकन, दान आदि को होटल के कर्मचारियों और उपभोक्ता के बीच एक अलग लेन-देन के रूप में माना जाएगा जो उपभोक्ता के लिये पूरी तरह से स्वैच्छिक है।
  • सुधार प्रक्रिया:
    • अगर कोई होटल या रेस्तराँ सेवा शुल्क ले रहा है तो ग्राहक संबंधित होटल या रेस्तराँ को बिल से सेवा शुल्क हटाने के लिये कह सकता है या फिर 1915 नंबर पर कॉल करके या NCH मोबाइल एप के माध्यम से NCH पर शिकायत दर्ज करा सकता है।
      • राष्ट्रीय उपभोक्ता हेल्पलाइन मुकदमेबाज़ी के पूर्व स्तर पर एक वैकल्पिक विवाद निवारण तंत्र के रूप में कार्य करती है।
    • इसके त्वरित और प्रभावी निवारण के लिये इलेक्ट्रॉनिक रूप से edaakhil.nic.in के माध्यम से उपभोक्ता आयोग के पास अनुचित व्यापार व्यवहार के खिलाफ शिकायत दर्ज की जा सकती है

सेवा शुल्क:

  • यह ग्राहक और रेस्तराँ कर्मियों, विशेष रूप से प्रतीक्षा कर्मचारियों के बीच एक टिप या सीधा लेन-देन है।
  • यह एक मुख्य उत्पाद या सेवा की खरीद से संबंधित सेवाओं के लिये ली जाने वाली लागत है।
  • यह आतिथ्य और खाद्य एवं पेय उद्योगों द्वारा उपभोक्ताओं की सेवा के लिये शुल्क के रूप में एकत्र किया जाता है।

 नए दिशा-निर्देश जारी करने का कारण:

  • राष्ट्रीय उपभोक्ता हेल्पलाइन (NCH) पर भुगतान बिलों में अनावश्यक रूप से सेवा शुल्क लगाने से संबंधित अत्यधिक शिकायतें दर्ज की गई थीं।
  • बिल में अक्सर कुछ अन्य शुल्कों की आड़ में कुल राशि के रूप में अतिरिक्त राशि वसूली जा रही थी।
  • नए नियमों के अनुसार, किसी उपभोक्ता से मेन्यू पर खाद्य पदार्थों की कीमत और लागू करों से अधिक शुल्क लेना CPA के तहत 'अनुचित व्यापार व्यवहार' माना जाता है।

आगे की राह

  • ये नए नियामक दिशा-निर्देश आवश्यक थे क्योंकि कई होटल और रेस्तराँ आदि लोगों से भारी मात्रा में सेवा शुल्क वसूल रहे थे तथा साथ ही मनमाना मूल्य निर्धारण भी कर रहे थे।
  • अब ग्राहक शुल्क का भुगतान करने के लिये बाध्य नहीं होंगे और यह एक स्वैच्छिक विकल्प होगा, लेकिन देश भर में इन नियमों के बेहतर कार्यान्वयन की आवश्यकता है।

यूपीएससी सिविल सेवा परीक्षा विगत वर्ष के प्रश्न:

प्रश्न: भारत में कानून के प्रावधानों के तहत 'उपभोक्ताओं' के अधिकारों/विशेषाधिकारों के संदर्भ में निम्नलिखित कथनों में से कौन-सा/से सही है/हैं? (2012)

  1. उपभोक्ताओं को खाद्य परीक्षण के लिये नमूने लेने का अधिकार है।
  2. जब कोई उपभोक्ता किसी उपभोक्ता फोरम में शिकायत दर्ज कराता है तो कोई शुल्क नहीं देना होता है।
  3. उपभोक्ता की मृत्यु के मामले में उसका कानूनी उत्तराधिकारी उसकी ओर से उपभोक्ता फोरम में शिकायत दर्ज करा सकता है।

नीचे दिये गए कूट का प्रयोग कर सही उत्तर चुनिये:

(a) केवल 1
(b) केवल 2 और 3
(c) केवल 1 और 3
(d) 1, 2 और 3

उत्तर: c

व्याख्या

  • संसद द्वारा पारित खाद्य सुरक्षा और मानक अधिनियम के तहत उपभोक्ताओं को खाद्य नमूने लेने, उनका परीक्षण करने और अभियुक्तों के खिलाफ मुकदमा चलाने के लिये शिकायत दर्ज करने का अधिकार दिया गया है। अत: कथन 1 सही है।
  • उपभोक्ता को शिकायत दर्ज करने या उपभोक्ता फोरम में अपना मामला लड़ने के लिये वकील की आवश्यकता नहीं होती है। वह खुद शिकायत दर्ज करा सकता है। उपभोक्ता को कोई अदालती शुल्क देने की आवश्यकता नहीं है, बल्कि यह अदालत के प्रकार और दावा राशि के आधार पर केवल एक मामूली शुल्क है। अतः कथन 2 सही नहीं है।
  • उपभोक्ता संरक्षण अधिनियम के तहत यह प्रावधान किया गया है कि उपभोक्ता की मृत्यु के मामले में उसका कानूनी उत्तराधिकारी या प्रतिनिधि उपभोक्ता फोरम में शिकायत दर्ज करा सकता है। अत: कथन 3 सही है।

अतः विकल्प (c) सही है।

स्रोत: द हिंदू


I2U2 शिखर सम्मेलन और खाद्य सुरक्षा

चर्चा में क्यों?

हाल ही में पहले I2U2 (भारत, इज़रायल, संयुक्त राज्य अमेरिका और संयुक्त अरब अमीरात) नेताओं का शिखर सम्मेलन वर्चुअल रूप में आयोजित किया गया।

I2U2

  • परिचय:
    • I2U2 भारत, इज़रायल, संयुक्त अरब अमीरात और संयुक्त राज्य अमेरिका द्वारा गठित एक समूह है।  इसे 'पश्चिम एशियाई क्वाड' भी कहा जाता है।
    • I2U2 का गठन अक्तुबर, 2021 में अब्राहम समझौते के बाद समुद्री सुरक्षा, आधारभूत संरचना और परिवहन से संबंधित मुद्दों को संबोधित करने के लिये किया गया था।
      • ‘अब्राहम एकॉर्ड (Abraham Accord) इज़रायल और अरब देशों के बीच पिछले 26 वर्षों में पहला शांति समझौता है।
  • उद्देश्य:
    • इसका घोषित उद्देश्य "पारस्परिक हित के सामान्य क्षेत्रों और उसके बाहर व्यापार एवं निवेश में आर्थिक साझेदारी को मज़बूत करने" पर चर्चा करना है।
    • देशों द्वारा परस्पर सहयोग के छह क्षेत्रों की पहचान की गई है तथा इसका उद्देश्य जल, ऊर्जा, परिवहन, अंतरिक्ष, स्वास्थ्य और खाद्य सुरक्षा में संयुक्त निवेश को प्रोत्साहित करना है।

शिखर सम्मेलन की मुख्य विशेषताएँ:

  • संयुक्त अरब अमीरात (UAE) ने देश भर में फूड पार्क विकसित करने के लिये भारत में 2 बिलियन अमेरिकी डाॅलर का निवेश करने की घोषणा की।
  • भारत इस परियोजना के लिये उपयुक्त भूमि उपलब्ध कराएगा और किसानों के फूड पार्कों में एकीकरण की सुविधा प्रदान करेगा।
  • समूह ने गुजरात में "हाइब्रिड नवीकरणीय ऊर्जा परियोजना" का समर्थन करने की घोषणा की, जिसमें 300 मेगावाट (MW) पवन और सौर क्षमता शामिल है।
    • यह परियोजना वर्ष 2030 तक 500 GW गैर-जीवाश्म ईंधन क्षमता के लिये भारत में एक और महत्त्वपूर्ण कदम साबित होगी।
  • अमेरिका और इज़रायल को निजी क्षेत्रों में अपनी विशेषज्ञता प्रदान करने और समूह के तहत परियोजनाओं की समग्र स्थिरता में योगदान करने वाले अभिनव समाधान प्रदान करने के लिये आमंत्रित किया जाएगा।

फूड पार्क:

  • फूड पार्क एक अवधारणा है जिसका उद्देश्य खेत से प्रसंस्करण तक उपभोक्ता बाज़ारों का सीधा संबंध स्थापित करना है।
  • इसमें केंद्रीय प्रसंस्करण केंद्र से जुड़े संग्रह केंद्र (CC) और प्राथमिक प्रसंस्करण केंद्र (PPC) शामिल हैं।

फूड पार्क का महत्त्व:

  • खाद्य असुरक्षा से निपटना:
    • फूड पार्कों में निवेश से फसल की पैदावार को अधिकतम करने के साथ ही र बदले में दक्षिण एशिया और मध्य-पूर्व में खाद्य असुरक्षा से निपटने में मदद मिलेगी।
    • उनका उद्देश्य "खाद्य क्षति और खाद्यान्न के खराब होने" को कम करना है।
      • भारत, दुनिया में प्रमुख खाद्य उत्पादक है।
      • यूक्रेन में वर्तमान सैन्य स्थिति की पृष्ठभूमि में खाद्य और ऊर्जा सुरक्षा पर ध्यान केंद्रित करना अत्यावश्यक हो गया है, इसने खाद्य, ऊर्जा और अन्य क्षेत्रों पर व्यापक नकारात्मक प्रभाव डाला है।
  • आय में वृद्धि:
    • किसानों की आय कई गुना बढ़ जाएगी और वे पटल पर आएंगे।
  • कृषि आपूर्ति शृंखला को कारगर बनाना:
    • भारत को खाद्य परियोजना के लिये चुना गया था क्योंकि यह इज़रायल और संयुक्त अरब अमीरात से निकटता के कारण एक सुगम कृषि आपूर्ति शृंखला बनाने में मदद करेगा।

आगे की राह

  • केवल साझेदारी ही आज के संघर्षों और अतिव्यापी चुनौतियों को दूर कर सकती है, जिनमें से सबसे महत्त्वपूर्ण खाद्य और ऊर्जा सुरक्षा, जलवायु परिवर्तन और स्वास्थ्य देखभाल संबंधी हैं।
  • भारत के मध्य-पूर्व के साथ भी बहुत पुराने संबंध हैं और न केवल खाड़ी देशों बल्कि वर्षों से इज़रायल के साथ भी संबंध हैं।
  • इसलिये जिस तरह संयुक्त राज्य अमेरिका इस क्षेत्र में इज़रायल के एकीकरण को मज़बूत करने में मदद करने में एक महत्त्वपूर्ण और केंद्रीय भूमिका निभा सकता है, उसी तरह भारत को भी इसमें भूमिका निभानी है।
  • भारत इंडो-पैसिफिक में यह कहते हुए "महत्त्वपूर्ण भूमिका निभाता है" कि वह "इंडो-पैसिफिक में सबसे बड़े, सबसे महत्त्वपूर्ण, सबसे रणनीतिक रूप से परिणामी देशों में से एक है और इसलिये उसे क्वाड के माध्यम से हमारी रणनीति में एक केंद्रीय भूमिका निभानी चाहिये।

स्रोत: इंडियन एक्सप्रेस


बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ योजना

प्रिलिम्स के लिये:

बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ योजना, वन-स्टॉप सेंटर।

मेन्स के लिये:

बालिकाओं के अधिकार, संबंधित मुद्दे और इस संबंध में कदम उठाने की ज़रूरत।

चर्चा में क्यों?

महिला एवं बाल विकास मंत्रालय द्वारा हाल ही में जारी दिशा-निर्देशों के अनुसार, बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ (BBBP) योजना को सभी ज़िलों में लागू किया जाएगा।

दिशा-निर्देश:

  • मंत्रालय ने अब जन्म के समय लिंगानुपात (SRB) में प्रतिवर्ष 2 अंक सुधार और संस्थागत प्रसव में 95% या उससे अधिक सुधार का लक्ष्य रखा है।
  • 'खेलो इंडिया' के तहत प्रतिभाओं की पहचान कर उन्हें उपयुक्त प्राधिकारियों से जोड़कर खेलों में लड़कियों की भागीदारी बढ़ाना है।
  • आत्मरक्षा शिविरों को बढ़ावा देना, लड़कियों के लिये शौचालयों का निर्माण, सैनिटरी नैपकिन वेंडिंग मशीन और सैनिटरी पैड उपलब्ध कराना, विशेष रूप से शैक्षणिक संस्थानों में PC-PNDT (पूर्व गर्भाधान और प्रसव पूर्व निदान तकनीक) अधिनियम 1994 के बारे में जागरूकता आदि।
    • PC-PNDT अधिनियम का उद्देश्य पूर्व गर्भाधान या बाद में लिंग चयन तकनीकों के उपयोग पर प्रतिबंध लगाना और लिंग-चयनात्मक गर्भपात के लिये प्रसव-पूर्व निदान तकनीक के दुरुपयोग को रोकना है।
  • शून्य-बजट विज्ञापन और ज़मीनी प्रभाव वाली गतिविधियों पर अधिक खर्च को प्रोत्साहित करना।
    • वर्ष 2021 में महिलाओं के सशक्तीकरण पर संसदीय समिति ने अपनी रिपोर्ट में कहा कि BBBP योजना में लगभग 80% धन का उपयोग विज्ञापनों के लिये किया गया है, न कि महिलाओं के स्वास्थ्य और शिक्षा पर।
  • घरेलू हिंसा और तस्करी सहित हिंसा का सामना करने वाली महिलाओं की मदद के लिये स्थापित वन-स्टॉप सेंटर (OSC) को मज़बूत करना, उन ज़िलों में 300 OSC जोड़कर, जहांँ या तो महिलाओं के खिलाफ अपराधों की उच्च दर है या भौगोलिक रूप से बड़े हैं, विशेषतः आकांक्षी ज़िलों में।

In-the-works

बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ:

  • परिचय:
    • इसे जनवरी 2015 में लिंग चयनात्मक गर्भपात (Sex Selective Abortion) और गिरते बाल लिंग अनुपात (Declining Child Sex Ratio) को संबोधित करने के उद्देश्य से शुरू किया गया था, जो 2011 में प्रति 1,000 लड़कों पर 918 लड़कियाँ था।.
    • यह महिला और बाल विकास मंत्रालय, स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय तथा मानव संसाधन विकास मंत्रालय की एक संयुक्त पहल है।
    • यह कार्यक्रम देश के 405 ज़िलों में लागू किया जा रहा है।
  • मुख्य उद्देश्य:
    • लिंग आधारित चयन पर रोकथाम।
    • बालिकाओं के अस्तित्व और सुरक्षा को सुनिश्चित करना।
    • बालिकाओं के लिये शिक्षा की उचित व्यवस्था तथा उनकी भागीदारी सुनिश्चित करना।
    • बालिकाओं के अधिकारों की रक्षा करना।
  • योजना का प्रदर्शन:
    • जन्म के समय लिंग अनुपात:
    • स्वास्थ्य प्रबंधन सूचना प्रणाली (Health Management Information System- HMIS) से प्राप्त आँकड़ों के अनुसार, वर्ष 2014-15 में जन्म के समय लिंग अनुपात 918 था जो वर्ष 2019-20 में 16 अंकों के सुधार के साथ बढ़कर 934 हो गया है।
  • महत्त्वपूर्ण उदाहरण:
    • मऊ (उत्तर प्रदेश) में वर्ष 2014-15 से वर्ष 2019-20 तक लिंग अनुपात 694 से बढ़कर 951 हुआ है।
    • करनाल (हरियाणा) में वर्ष 2014-15 से वर्ष 2019-20 तक यह अनुपात 758 से बढ़कर 898 हो गया है।
    • महेन्द्रगढ़ (हरियाणा) में वर्ष 2014-15 से वर्ष 2019-20 तक यह 791 से बढ़कर 919 हो गया।
  • स्वास्थ्य:
    • ANC पंजीकरण: पहली तिमाही में प्रसव पूर्व देखभाल (AnteNatal Care- ANC) पंजीकरण में सुधार का रुझान वर्ष 2014-15 के 61% से बढ़कर वर्ष 2019-20 में 71% देखा गया है।
    • संस्थागत प्रसव में सुधार का प्रतिशत वर्ष 2014-15 के 87% से बढ़कर वर्ष 2019-20 में 94% तक पहुँच गया है।
  • शिक्षा:
    • सकल नामांकन अनुपात (GER): शिक्षा के लिये एकीकृत ज़िला सूचना प्रणाली (UDISE) के अंतिम आंँकड़ों के अनुसार, माध्यमिक स्तर पर स्कूलों में बालिकाओं के सकल नामांकन अनुपात (Gross Enrolment Ratio-GER) में 77.45 (वर्ष 2014-15) से 81.32 (वर्ष 2018-19) तक सुधार हुआ है।
      • लड़कियों के लिये शौचालय: लड़कियों के लिये अलग शौचालय वाले स्कूलों का प्रतिशत वर्ष 2014-15 में 92.1% से बढ़कर वर्ष 2018-19 में 95.1% हो गया है।
    • मनोवृत्ति परिवर्तन:
      • BBBP योजना कन्या भ्रूण हत्या के महत्त्वपूर्ण मुद्दे, लड़कियों के बीच शिक्षा की कमी और जीवन चक्र निरंतरता पर उनको अधिकारों से वंचित करने पर ध्यान केंद्रित करने में सक्षम रही है।
      • बेटी जन्मोत्सव प्रत्येक ज़िले में मनाए जाने वाले प्रमुख कार्यक्रमों में से एक है।

स्रोत: इंडियन एक्सप्रेस