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समेकित बाल विकास सेवा अम्‍ब्रेला स्‍कीम के अंतर्गत निहित उपयोजनाओं से संबंधित मुद्दे

  • 18 Nov 2017
  • 7 min read

चर्चा में क्यों?

आर्थिक मामलों संबंधी मंत्रिमंडलीय समिति (Cabinet Committee on Economic Affairs) ने समेकित बाल विकास सेवा (Integrated Child Development Services - ICDS) अम्‍ब्रेला स्‍कीम के अंतर्गत निहित  उपयोजनाओं को 01 अप्रैल 2017 से 30 नवंबर 2018 तक जारी रखने के संबंध में मंज़ूरी प्रदान की है। 

आई.सी.डी.एस. योजना के अंतर्गत शामिल उपयोजनाएँ हैं: 

♦ आंगनवाड़ी सेवा
♦ किशोरी योजना
♦ बाल संरक्षण सेवा
♦ राष्‍ट्रीय शिशु गृह योजना 

  • इसके साथ-साथ मंत्रिमंडल द्वारा निम्‍नलिखित को भी मंज़ूरी दी गई है:

♦ 11-14 आयु वर्ग की स्‍कूल बाह्य लड़कियों के लिये किशोरी योजना  (Scheme for Adolescent Girls for out of school) का कार्यान्‍वयन तथा इसका चरणबद्ध विस्‍तार।
♦ 11-14 आयु वर्ग की स्‍कूल बाह्य लड़कियों के लिये चल रही किशोरी शक्ति योजना (Kishori Shakti Yojana) का चरणबद्ध तरीके से समापन। 

वित्तीय आवंटन

  • सभी राज्‍यों तथा विधानमंडल वाले संघ राज्‍य क्षेत्रों के लिये 60-40 वित्तीय आवंटन।
  • पूर्वोत्तर तथा हिमालयन राज्‍यों के लिये 90:10।  
  • विधानमंडल रहित संघ राज्‍य क्षेत्रों के लिये 100 प्रतिशत। 

संशोधन

  • केन्‍द्र और राज्‍यों के बीच इस संशोधित लागत भागीदारी के साथ राष्‍ट्रीय शिशु गृह योजना को केन्‍द्रीय क्षेत्र की योजना से केन्‍द्र प्रायोजित योजना के रूप में परिवर्तित किया गया है।
  • इस योजना का कार्यान्वयन पहले से मौजूद कार्यान्‍वयन एजेंसियों के बजाय राज्‍यों/संघ क्षेत्रों के माध्‍यम से किया जाएगा। 

उद्देश्य

  • कुपोषण, रक्ताल्पता तथा जन्म के समय बच्चों में कम वज़न की समस्या का समाधान करना।
  • किशोरियों का सशक्तीकरण सुनिश्चित करना।
  • कानून का उल्लंघन करने वाले बच्चों को संरक्षण प्रदान करना। 
  • कामकाजी माताओं के बच्चों की देख-रेख हेतु सुरक्षित स्थान की व्यवस्था करना।
  • बेहतर निगरानी सुनिश्चित करना।
  • समय पर कार्यवाही के लिये नकारात्मक अलर्ट जारी करना।
  • राज्यों/संघ राज्य क्षेत्रों को बेहतर निष्पादन के लिये प्रोत्साहित करना। 
  • निर्धारित लक्ष्य को प्राप्त करने एवं अधिक पारदर्शिता लाने हेतु संबंधित मंत्रालय तथा राज्यों/संघ राज्य क्षेत्रों का मार्गदर्शन एवं पर्यवेक्षण करना। 

लाभार्थी

  • इस स्‍कीम के अंतर्गत 11 करोड़ से अधिक बच्‍चों, गर्भवती महिलाओं, स्‍तनपान कराने वाली माताओं के अतिरिक्‍त किशोर युवतियों को लाभ प्रदान करने का प्रयास किया जाएगा। 

कार्यान्वयन रणनीति और लक्ष्य

  • आंगनवाड़ी सेवा (आईसीडीएस) और बाल संरक्षण सेवा पूरे देश में पहले से ही चल रही है। किशोरी योजना का चरणबद्ध ढंग से विस्तार किया जाएगा। 

पृष्‍ठभूमि 

सरकार द्वारा वित्तीय वर्ष 2016-17 में इन परियोजनाओं का युक्तिकरण करते हुए इन्हें अम्ब्रेला स्कीम आई.सी.डी.एस. में उपयोजनाओं के रूप में शामिल किया गया। इन योजनाओं के अंतर्गत निम्नलिखित लक्ष्य निर्धारित किये गए हैं: 

  • आंगनवाडी सेवा 

♦ इस योजना का उद्देश्‍य छह साल से कम आयु के बच्‍चों का समग्र विकास करना है।
♦ इस आयु वर्ग के सभी बच्‍चे और गर्भवती महिलाएँ एवं धात्री माताएँ इसके लाभार्थी पात्र हैं। 

  • किशोरी योजना 

♦ इस योजना का उद्देश्‍य किशोरियों को सुगमता प्रदान करना, शिक्षित करना और सशक्‍त बनाना है ताकि पोषण एवं स्‍वास्‍थ्‍य स्‍तर में सुधार के माध्‍यम से उन्हें आत्‍मनिर्भर तथा जागरूक नागरिक बनाया जा सके। 
♦ स्‍वास्‍थ्‍य, स्‍वच्‍छता, पोषण के बारे में जागरूकता को बढ़ावा देना, स्‍कूल बाह्य किशारियों को औपचारिक/अनौपचारिक शिक्षा में शा‍मिल करना तथा विद्यमान सरकारी सेवाओं के बारे में सूचना/मार्गदर्शन प्रदान करना है। 

  • बाल संरक्षण सेवा 

♦ इस योजना का उद्देश्य कानून का उल्लंघन करने वाले बच्चों की देखरेख एवं संरक्षण के लिये सुरक्षित एवं निरापद परिवेश प्रदान करना।
♦ सामाजिक संरक्षण में व्यापक उपायों के माध्यम से असुरक्षिता घटाना। 
♦ बच्चों के दुरुपयोग, उपेक्षा, शोषण, परित्याग तथा परिवार आदि से अलगाव का मार्ग प्रशस्त करने वाली कार्यवाहियों को रोकना।
♦ गैर संस्थानिक देखरेख पर बल देना। 
♦ सरकार एवं सभ्य समाज के बीच साझेदारी के लिये एक मंच विकसित करना ।
♦ बाल संबद्ध सामाजिक संरक्षण सेवाओं में तालमेल स्थापित करना। 

  • राष्ट्रीय शिशु गृह योजना 

♦ इस योजना का उद्देश्य कामकाजी माताओं हेतु उनके छोटे बच्चों के लिये एक सुरक्षित स्थान प्रदान करना है। यह प्रयास महिला सशक्तीकरण की दिशा में एक प्रभावकारी कदम साबित होग।  
♦ साथ ही यह 6 माह से 6 साल तक के बच्चों के संरक्षण और विकास की दिशा में भी एक उल्लेखनीय पहल है।

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