शासन व्यवस्था
वर्षांत समीक्षा: शिक्षा मंत्रालय
- 12 Jan 2023
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समग्र शिक्षा
- स्कूल शिक्षा और साक्षरता विभाग (DoSE&L) की समग्र शिक्षा की केंद्र प्रायोजित योजना प्री-स्कूल से लेकर बारहवीं कक्षा तक स्कूली शिक्षा क्षेत्र के लिये एक व्यापक कार्यक्रम है।
- इसे राष्ट्रीय शिक्षा नीति, 2020 (NEP: 2020) की सिफारिशों के साथ संरेखित किया गया है और 2021-22 से बढ़ाकर 2025-26 तक दिया गया है।
- आईसीटी और स्मार्ट क्लास अनुमोदन:
- समग्र शिक्षा योजना के सूचना और संचार प्रौद्योगिकी (ICT) घटक के तहत, पूरे देश में पाठ्यक्रम-आधारित इंटरएक्टिव मल्टीमीडिया, डिजिटल किताबें, वर्चुअल लैब आदि को विकसित और स्थापित करके बच्चों को कंप्यूटर साक्षरता और कंप्यूटर-सक्षम शिक्षा प्रदान करने का प्रावधान है।
- इसमें छठी से बारहवीं कक्षा तक के सभी सरकारी/सरकारी सहायता प्राप्त स्कूलों को शामिल करने की परिकल्पना की गई है।
- परीक्षा पे चर्चा, भारत के माननीय प्रधान मंत्री का एक अनूठा इंटरेक्टिव कार्यक्रम है। इस कार्यक्रम में पीएम छात्रों, शिक्षकों और अभिभावकों से बातचीत करते हैं।
प्रशस्त मोबाइल ऐप - "प्री-असेसमेंट होलिस्टिक स्क्रीनिंग टूल"
- DoSE&L ने शिक्षक पर्व, 2022 के दौरान स्कूलों के लिये एक दिव्यांग स्क्रीनिंग चेकलिस्ट और प्रशस्त मोबाइल ऐप - "प्री-असेसमेंट होलिस्टिक स्क्रीनिंग टूल" नामक एक एंड्रॉइड मोबाइल ऐप लॉन्च किया है।
- प्रशस्त ऐप स्कूल स्तर पर RPwD अधिनियम, 2016 में मान्यता प्राप्त 21 विकलांगता स्थितियों की जांच करने में मदद करेगा और स्कूल-वार रिपोर्ट तैयार करेगा।
- इसे CIET, NCERT द्वारा विकसित किया गया है।
आरटीई अधिनियम, 2009 में संशोधन (छात्र शिक्षक अनुपात)
- सामान्य विद्यालयों में विशेष शिक्षकों के लिये छात्र-शिक्षक अनुपात के संबंध में आरटीई अधिनियम, 2009 की अनुसूची में संशोधन किया गया है।
- प्राथमिक स्तर पर नामांकित प्रत्येक दस विकलांग विद्यार्थियों के लिये एक 'विशेष शिक्षा' शिक्षक और उच्च प्राथमिक स्तर पर नामांकित प्रत्येक पंद्रह विकलांग विद्यार्थियों के लिये एक 'विशेष शिक्षा' शिक्षक।
कस्तूरबा गांधी बालिका विद्यालय (KGBV) का उन्नयन
- अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति, अन्य पिछड़ा वर्ग, अल्पसंख्यक और गरीबी रेखा से नीचे (BPL) जैसे वंचित समूहों से संबंधित कक्षा छठी से बारहवीं तक की लड़कियों के लिये KGBV समग्र शिक्षा के तहत आवासीय विद्यालय हैं।
परख
- NEP 2020 के कार्यान्वयन के मद्देनजर, NCERT में शिक्षा मंत्रालय के तहत एक नया राष्ट्रीय मूल्यांकन केंद्र, PARAKH (प्रदर्शन मूल्यांकन, समीक्षा और ज्ञान का समग्र विकास के लिये विश्लेषण) स्थापित किया जाएगा।
- यह केंद्र भारत के सभी मान्यता प्राप्त स्कूल बोर्डों के लिये छात्र के मूल्यांकन हेतु मानदंड, मानक और दिशानिर्देश स्थापित करने और राष्ट्रीय अचीवमेंट सर्वेक्षण (NAS) करने के लिये काम करेगा।
राष्ट्रीय उपलब्धि सर्वेक्षण (NAS), 2021
- भारत सरकार तीन साल की चक्रावधि (Cycle Period) के साथ कक्षा III, V, VIII और X के उद्देश्य से नमूना आधारित राष्ट्रीय उपलब्धि सर्वेक्षण (NAS) का एक कार्यक्रम लागू कर रही है।
- NAS 2021 ने कवर किया है:
- सरकारी स्कूल (केंद्र सरकार और राज्य सरकार)
- सरकारी सहायता प्राप्त विद्यालय
- निजी गैर सहायता प्राप्त विद्यालय
- कवर किये गए विषय कक्षा 3 और 5 के लिये भाषा, गणित और ईवीएस हैं।
- कक्षा 8 के लिये भाषा, गणित, विज्ञान और सामाजिक विज्ञान।
- कक्षा 10 के लिये भाषा, गणित, विज्ञान, सामाजिक विज्ञान और अंग्रेजी।
राष्ट्रीय शिक्षा नीति (एनईपी) का कार्यान्वयन
- NEP कार्यान्वयन योजना 'SARTHAQ' (छात्रों और शिक्षकों की गुणवत्तापूर्ण शिक्षा के माध्यम से समग्र उन्नति) जारी की गई।
- एक राष्ट्रीय मूलभूत साक्षरता और संख्यात्मक मिशन का नाम 'समझ और संख्यात्मकता के साथ पढ़ने में प्रवीणता के लिये राष्ट्रीय पहल - (NIPUN-BHARAT) है।
- इसे यह सुनिश्चित करने के लिये शुरू किया गया था कि देश में प्रत्येक बच्चा वर्ष 2026-27 तक ग्रेड 3 में आवश्यक रूप से मूलभूत साक्षरता और संख्यात्मक ज्ञान प्राप्त कर ले।
- NCERT ने 'विद्या प्रवेश' नाम से 3 महीने का प्ले बेस्ड 'स्कूल प्रिपरेशन मॉड्यूल' विकसित किया है।
- फाउंडेशनल लिटरेसी और न्यूमेरसी में कक्षा 3 के छात्रों के सीखने के स्तर का आकलन करने के लिये फाउंडेशनल लर्निंग स्टडी (FLS) का संचालन MoE और NCERT द्वारा NIPUN-BHARAT मिशन के तहत सभी भारतीय राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के राज्यों/केंद्र शासित प्रदेशों के सहयोग से किया गया था।
- समुदाय/स्वयंसेवी प्रबंधन कार्यक्रम के माध्यम से सरकारी और सरकारी सहायता प्राप्त स्कूलों को जोड़ने के लिये विभाग ने विद्यांजलि वेब पोर्टल को नया रूप दिया है।
- नए शुरू किये गए पोर्टल - विद्यांजलि 2.0 का उद्देश्य समुदाय/स्वयंसेवकों को अपने ज्ञान और कौशल को साझा करने के साथ-साथ संपत्ति/सामग्री/उपकरण के रूप में योगदान करने के लिये अपनी पसंद के स्कूलों के साथ बातचीत करने और सीधे जुड़ने में मदद करना है।
- निष्ठा 4.0 (ECCE) - ऑनलाइन: प्रारंभिक बाल्यावस्था देखभाल और शिक्षा के लिये शिक्षक प्रशिक्षण कार्यक्रम 6 मॉड्यूल के साथ शुरू किया गया है।
राइजिंग इंडिया के लिये पीएम स्कूल (पीएम श्री)
- कैबिनेट ने पीएम श्री नामक एक नई केंद्र प्रायोजित योजना को मंज़ूरी दी।
- ये स्कूल राष्ट्रीय शिक्षा नीति, 2020 के कार्यान्वयन को प्रदर्शित करेंगे और समय के साथ अनुकरणीय स्कूलों के रूप में उभरेंगे।
- NEP 2020 के विज़न के अनुसार, वे एक समान, समावेशी और रोचक स्कूल वातावरण में उच्च गुणवत्ता वाली शिक्षा प्रदान करने में अपने संबंधित क्षेत्रों में नेतृत्व प्रदान करेंगे जो विविध पृष्ठभूमि, बहुभाषी आवश्यकताओं और बच्चों की विभिन्न शैक्षणिक क्षमताओं का ध्यान रखता है और उन्हें अपनी स्वयं की सीखने की प्रक्रिया में सक्रिय भागीदार बनाता है।
- योजना की अवधि वर्ष 2022-23 से 2026-27 तक प्रस्तावित है; जिसके बाद इन स्कूलों द्वारा हासिल किये गए बेंचमार्क को बनाए रखना राज्यों/संघ शासित प्रदेशों की ज़िम्मेदारी होगी।
प्रौढ़ शिक्षा
- न्यू इंडिया लिटरेसी प्रोग्राम (NILP):
- एनईपी, 2020 और यूनेस्को सतत् विकास लक्ष्य (SDG) 4.6 की सिफारिशों को ध्यान में रखते हुए "न्यू इंडिया लिटरेसी प्रोग्राम" (NILP) एक केंद्र प्रायोजित योजना है।
- इस योजना के पाँच घटक हैं:
- मूलभूत साक्षरता और अंकज्ञान
- महत्त्वपूर्ण जीवन कौशल
- व्यावसायिक कौशल विकास
- मूलभूत शिक्षा
- पढाई जारी रखना
- NILP स्कूली छात्रों, उच्च शिक्षा संस्थानों (HEIs) के पूर्व छात्रों, स्कूल शिक्षकों, आंगनवाड़ी और आशा कार्यकर्ताओं, NYKS, NSS, NCC स्वयंसेवकों को शामिल करने का प्रावधान करता है।
- लड़कियों और महिलाओं, अनुसूचित जाति/अनुसूचित जनजाति/अन्य पिछड़ा वर्ग/अल्पसंख्यक, विशेष आवश्यकता वाले व्यक्तियों/दिव्यांगजनों (विकलांग व्यक्तियों), सीमांत/खानाबदोशों/निर्माण श्रमिकों/मज़दूरों आदि को प्राथमिकता दी जाएगी।
- 'ऑनलाइन टीचिंग लर्निंग एंड असेसमेंट सिस्टम' (OTLAS) के माध्यम से आईसीटी का उपयोग और योजना का ऑनलाइन कार्यान्वयन
- नमूना उपलब्धि सर्वेक्षण: प्रत्येक राज्य/संघ राज्य क्षेत्र से यादृच्छिक रूप से चुने गए 500-1000 शिक्षार्थियों के लिये प्रति वर्ष नमूना उपलब्धि सर्वेक्षण आयोजित किया जाएगा।
भारत में स्कूली शिक्षा की सांख्यिकीय रूपरेखा
- UDISE PLUS
- DoSE&L शिक्षा प्लस के लिये एकीकृत ज़िला सूचना प्रणाली (UDISE+) के माध्यम से सभी मान्यता प्राप्त स्कूलों से स्कूली शिक्षा से संबंधित महत्त्वपूर्ण मापदंडों पर वार्षिक डेटा एकत्र करता है।
- UDISE+ में राष्ट्रीय स्तर पर अंतिम रूप देने से पहले ब्लॉक, ज़िला और राज्य स्तर पर इनबिल्ट सत्यापन जांच और बाद में डेटा सत्यापन है।
- प्रदर्शन ग्रेडिंग इंडेक्स (PGI) -राज्य:
- प्रदर्शन ग्रेडिंग इंडेक्स (PGI) DoSE&L के द्वारा विकसित हैं।
- इसका उद्देश्य सभी राज्यों/केंद्र शासित प्रदेशों के सापेक्ष प्रदर्शन का एक समान पैमाने पर आकलन करना है ताकि राज्यों/केंद्र शासित प्रदेशों को बेहतर प्रदर्शन करने के लिये प्रोत्साहित किया जा सके।
- नई पीजीआई संरचना में 73 संकेतक शामिल हैं, जो डिजिटल पहल और शिक्षक शिक्षा को शामिल करने के अलावा गुणात्मक मूल्यांकन पर अधिक ध्यान केंद्रित करते हैं।
- प्रदर्शन ग्रेडिंग सूचकांक ज़िला (PGI-D):
- PGI-D को एक सामान्य पैरामीटर पर ज़िलों का आकलन करने हेतु केंद्रित उद्देश्य के साथ तैयार किया गया है, जिसमें अब ध्यान शैक्षिक नीतियों के परिणाम मापन की ओर जा रहा है।
- PGI-D संरचना में 83 संकेतकों में कुल 600 अंकों का भार शामिल है, जिन्हें 6 श्रेणियों के तहत समूहीकृत किया गया है, जैसे परिणाम, प्रभावी कक्षा लेनदेन, बुनियादी सुविधाएँ और छात्र की पात्रता, स्कूल सुरक्षा और बाल संरक्षण, डिजिटल शिक्षा और शासन प्रक्रिया।
- PGI-D ज़िलों को दस ग्रेडों में ग्रेड करता है अर्थात् उच्चतम प्राप्त करने योग्य ग्रेड को दक्ष कहा जाता है, जो कि उस श्रेणी में या समग्र रूप से कुल अंकों का 90% से अधिक स्कोर करने वाले ज़िलों के लिये है।
- PGI-D में सबसे निचले ग्रेड को आकांक्षी-3 कहा जाता है जो कुल अंकों के 10% तक स्कोर के लिये होता है।