राष्ट्रीय भूस्खलन जोखिम न्यूनीकरण परियोजना | उत्तराखंड | 29 Nov 2024
चर्चा में क्यों?
हाल ही में केंद्रीय गृह मंत्री और सहकारिता मंत्री की अध्यक्षता में एक उच्च स्तरीय समिति ने विभिन्न राज्यों में आपदा न्यूनीकरण और क्षमता निर्माण परियोजनाओं के लिये 1,115.67 करोड़ रुपए की मंज़ूरी दी है।
मुख्य बिंदु
- समिति:
- 15 राज्यों के लिये 1,000 करोड़ रुपए की कुल लागत वाली राष्ट्रीय भूस्खलन जोखिम न्यूनीकरण परियोजना को मंज़ूरी दी गई।
- राज्यवार आवंटन:
- उत्तराखंड: 139 करोड़ रुपए
- हिमाचल प्रदेश: 139 करोड़ रुपए
- आठ पूर्वोत्तर राज्य: 378 करोड़ रुपए
- महाराष्ट्र: 100 करोड़ रुपए
- कर्नाटक: 72 करोड़ रुपए
- केरल: 72 करोड़ रुपए
- तमिलनाडु: 50 करोड़ रुपए
- पश्चिम बंगाल: 50 करोड़ रुपए
- सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के लिये 115.67 करोड़ रुपए के कुल परिव्यय के साथ नागरिक सुरक्षा स्वयंसेवकों के प्रशिक्षण और क्षमता निर्माण को मंज़ूरी दी गई।
- समिति द्वारा पूर्व अनुमोदन:
- शहरी बाढ़ जोखिम शमन परियोजनाएँ: सात शहरों के लिये 3,075.65 करोड़ रुपए के कुल परिव्यय के साथ शहरी बाढ़ जोखिम प्रबंधन परियोजनाओं को मंज़ूरी दी गई।
- GLOF (ग्लेशियल लेक आउटबर्स्ट फ्लड) जोखिम प्रबंधन परियोजनाएँ: NDMF के तहत 150 करोड़ रुपए की कुल लागत पर चार राज्यों के लिये GLOF को मंज़ूरी दी गई।
राष्ट्रीय आपदा राहत कोष
- आपदा प्रबंधन अधिनियम, 2005 के अधिनियमन के साथ राष्ट्रीय आपदा आकस्मिकता निधि (NCCF) का नाम बदलकर राष्ट्रीय आपदा प्रतिक्रिया कोष (NDRF) कर दिया गया।
- इसे आपदा प्रबंधन अधिनियम, 2005 की धारा 46 में परिभाषित किया गया है।
- किसी भी आपदा की आशंका वाली स्थिति या आपदा के कारण आपातकालीन प्रतिक्रिया, राहत और पुनर्वास के लिये व्यय को पूरा करने के लिये इसका प्रबंधन केंद्र सरकार द्वारा किया जाता है।
- यह गंभीर प्रकृति की आपदा की स्थिति में SDRF की सहायता करता है, बशर्ते SDRF में पर्याप्त धनराशि उपलब्ध न हो।
ग्लेशियल झील विस्फोट बाढ़ (GLOF)
- हिमनद झील विस्फोट बाढ़ (GLOF) एक विनाशकारी बाढ़ की स्थिति है, जो तब उत्पन्न होती है जब हिमनद झील का बाँध टूट जाता है, जिसके परिणामस्वरूप विशाल मात्रा में जल का प्रवाह होता है।
- इस प्रकार की बाढ़ आमतौर पर ग्लेशियरों के तेजी से पिघलने या भारी वर्षा या पिघले जल के प्रवाह के कारण झील में जल के जमाव के कारण होती है।