उत्तर प्रदेश Switch to English
महाकुंभ 2025 का समापन
चर्चा में क्यों?
प्रयागराज में 13 जनवरी 2024 से शुरू हुए महाकुंभ मेले का 45 दिन बाद 26 फरवरी 2025 को महाशिवरात्रि के स्नान के पवित्र साथ समापन हो गया।
मुख्य बिंदु
- महाकुंभ मेला 2025 दुनिया का सबसे बड़ा मेला बन गया, जिसमें 66 करोड़ से ज़्यादा श्रद्धालु आए, जो संयुक्त राज्य अमेरिका की आबादी से दोगुना है।
- दुनिया में कहीं भी इतनी बड़ी भीड़ पहले कभी नहीं देखी गई। महाकुंभ मेला क्षेत्र दुनिया के सबसे बड़े स्टेडियम से 166 गुना बड़ा था।
- समापन समारोह के बारे में:
-
समापन समारोह संगम तट 27 फरवरी 2025 को आयोजित किया गया, जिसमें मुख्यमंत्री द्वारा महाकुंभ मेले के समापन की आधिकारिक घोषणा की गई।
- मुख्यमंत्री ने महाकुंभ को ऐतिहासिक, दिव्य, भव्य, स्वच्छ, सुरक्षित और डिजिटल बनाने में योगदान देने वाले कर्मचारियों और संस्थाओं को सम्मानित किया।
-
- प्रमख घोषणाएँ:
- किसान आपदा योजना के तहत नाव संचालकों को मुख्यमंत्री कृषक दुर्घटना बीमा योजना के समान आपदा सहायता मिलेगी, जिसके तहत दुर्भाग्यपूर्ण घटना की स्थिति में 5 लाख रुपये की वित्तीय सहायता दी जाएगी। जिन लोगों के पास स्वास्थ्य बीमा नहीं है, उन्हें इसके तहत कवर किया जाएगा।
- जिन लोगों के पास स्वास्थ्य बीमा नहीं है, उन्हें आयुष्मान भारत योजना के तहत कवर किया जाएगा।
- महाकुंभ ड्यूटी पर तैनात सफाई कर्मचारियों एवं स्वास्थ्य कर्मियों को 10 हज़ार का अतिरिक्त बोनस मिलेगा।
- मुख्यमंत्री ने यह भी घोषणा की कि राज्य सरकार एक निगम बनाने जा रही है जिसके माध्यम से वह प्रत्येक सफाई कर्मचारी, स्वास्थ्य कर्मचारी और उन सभी श्रमिकों को 16,000 रुपये प्रति माह प्रदान करेगी जिन्हें न्यूनतम मजदूरी नहीं मिल रही थी। यह राशि अप्रैल 2025 से प्रत्यक्ष लाभ हस्तांतरण (डीबीटी) के माध्यम से उनके खाते में भेजी जाएगी।
- कुंभ मेला 2025 के प्रमुख आकर्षण:
- त्रिवेणी संगम: गंगा, यमुना और सरस्वती का पवित्र संगम।
- प्राचीन मंदिर: हनुमान मंदिर, अलोपी देवी मंदिर, मनकामेश्वर मंदिर।
- कलाग्राम: संस्कृति मंत्रालय द्वारा स्थापित सांस्कृतिक गाँव, शिल्प, व्यंजन और संस्कृति से जुड़ी प्रदर्शनी।
- अखाड़ा शिविर: साधु-साधकों का ध्यान, चर्चा और दार्शनिक आदान-प्रदान का केंद्र।
- ड्रोन शो: उत्तर प्रदेश पर्यटन विभाग द्वारा भव्य ड्रोन शो।
- अंतर्राष्ट्रीय पक्षी महोत्सव: 16-18 फरवरी 2025 को 200 से अधिक पक्षियों का प्रदर्शन।
- महत्वपूर्ण पहल:
- चिकित्सा सुविधाएं:
- मेले के दौरान 133 एम्बुलेंस तैनात की गईं, जिनमें सात जल एम्बुलेंस और एक एयर एम्बुलेंस शामिल हैं।
- जन औषधि केंद्रों के माध्यम से सस्ती दवाइयाँ।
- हरित पहल (मियावाकी वन):
- पिछले दो वर्षों में प्रयागराज में मियावाकी तकनीक का उपयोग करके लगभग 56,000 वर्ग मीटर घने जंगल बनाए गए।
- बसवार डंपिंग यार्ड को हरित क्षेत्र में परिवर्तित किया गया।
- ट्रैश स्किमर मशीनों से नदियों की सफाई।
कुंभ मेले के बारे में
- वर्ष 2025 में महाकुंभ मेला प्रयागराज में 13 जनवरी से 26 फरवरी 2025 तक आयोजित किया गया है, जिसमें 66.30 करोड़ से अधिक श्रद्धालु आए।
- 'कुंभ' शब्द की उत्पत्ति 'कुंभक' (अमरता के अमृत का पवित्र घड़ा) धातु से हुई है।
- पुष्यभूति वंश के राजा हर्षवर्द्धन ने प्रयागराज में कुंभ मेले का आयोजन प्रारंभ किया।
- यह तीर्थयात्रियों का सबसे बड़ा शांतिपूर्ण समागम है जिसके दौरान प्रतिभागी पवित्र नदी में स्नान या डुबकी लगाते हैं। यह समागम 4 अलग-अलग जगहों पर होता है, अर्थात्:
- हरिद्वार में गंगा के तट पर।
- उज्जैन में शिप्रा नदी के तट पर।
- नासिक में गोदावरी (दक्षिण गंगा) के तट पर।
- प्रयागराज में गंगा, यमुना और पौराणिक अदृश्य सरस्वती के संगम पर
कुंभ के विभिन्न प्रकार:
- कुंभ मेला 12 वर्षों में 4 बार मनाया जाता है।
- हरिद्वार और प्रयागराज में अर्द्धकुंभ मेला हर छठे वर्ष आयोजित किया जाता है।
- महाकुंभ मेला 144 वर्षों (12 'पूर्ण कुंभ मेलों' के बाद) के बाद प्रयाग में मनाया जाता है।
- प्रयागराज में प्रतिवर्ष माघ (जनवरी-फरवरी) महीने में माघ कुंभ मनाया जाता है
यूनेस्को की सूची में शामिल
- यूनेस्को ने कुंभ मेला को 2017 में अपनी "मानवता की अमूर्त सांस्कृतिक विरासत" की सूची में शामिल किया।


राजस्थान Switch to English
बाल महोत्सव ‘आजू गूजा’
चर्चा में क्यों?
22-23 फरवरी 2025 को राजस्थान के बीकानेर में बच्चों के लिये पहले बाल महोत्सव ‘आजू गूजा’ का आयोजन किया गया।
मुख्य बिंदु
- महोत्सव के बारे में:
- यह महोत्सव जिला प्रशासन द्वारा आयोजित किया गया, जिसमें देश भर से 50 से अधिक कलाकारों ने भाग लिया।
- इसमें बच्चों को नृत्य, संगीत, चित्रकला और कई अन्य कला रूपों से परिचित कराया गया।
- कला और शिल्प गतिविधियाँ
- महोत्सव में पपेट्री, स्टोरी टेलिंग, थिएटर, चित्रकला, माइम, क्लाउन एक्ट, जादूगर शो, वेंट्रिलोक्विज़्म, कावड़, बायोस्कोप, लोक संगीत और नृत्य जैसी गतिविधियों ने बच्चों का भरपूर मनोरंजन किया।
- महोत्सव में विभिन्न प्रकाशकों द्वारा बाल साहित्य पुस्तकों की प्रदर्शनी लगाई गई, जिनमें प्रथम, नेशनल बुक ट्रस्ट, एकलव्य, अमर चित्र कथा, आदिदेव, राज कॉमिक्स और कॉलास्टिक प्रमुख रहे।
बीकानेर के बारे में
- स्थापना:
- बीकानेर की स्थापना सन् 1488 ई. में, राठौड़ राजकुमार राव बीकाजी ने की थी।
- भौगोलिक स्थिति:
- अक्षांश 28.01° उत्तर और रेखांश 73.9° पूर्व पर स्थित।
- भौगोलिक विशेषता:
- रेगिस्तानी ज़िला, उत्तर-पूर्व राजस्थान में स्थित।
- बीकानेर में कोई नदी नहीं है।
- सीमाएँ:
- उत्तर: श्रीगंगानगर।
- पश्चिम: जैसलमेर और पाकिस्तान।
- पूर्व: चुरु और श्री डुंगरगढ़।
- दक्षिण-पूर्व: नागौर और जोधपुर।
- दर्शनीय स्थल:
- करणी माता का मंदिर: चूहों के मंदिर के रूप में प्रसिद्ध।
- मुकाम मंदिर: बिश्नोई सम्प्रदाय का मुख्य धार्मिक स्थल।
- जूनागढ़ किला: राजस्थान के सबसे सुंदर किलों में से एक।
- भांडशाह जैन मंदिर: शहरी परकोटे के भीतर स्थित प्राचीन जैन मंदिर।
- लूणकरनसर - खारे पानी की झील।
- गजनेर अभयारण्य - बटबट(इम्पीरियल सेंडगाउज, रेत का तीतर) पक्षी तथा जंगली सुअर के लिये प्रसिद्ध है।
- सभ्यताएँ:
- सोथी, पूंगल, डाडाथोरा प्राचिन सभ्यताएँ बीकानेर में है।
- ऊँट अनुसंधान केंद्र:
- दुनियाँ का सबसे बड़ा ऊँट अनुसंधान और प्रजनन केंद्र बीकानेर (1984) में है।
- बीकानेर में हर साल जनवरी में ऊँट महोत्सव का आयोजन होता है।
- दुनियाँ का सबसे बड़ा ऊँट अनुसंधान और प्रजनन केंद्र बीकानेर (1984) में है।


हरियाणा Switch to English
ED ने हरियाणा में क्रिप्टोकरेंसी ज़ब्त की
चर्चा में क्यों?
प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने एक निवेश घोटाले से संबंधित हरियाणा में छह स्थानों पर तलाशी के बाद 17.20 करोड़ रुपए की क्रिप्टोकरेंसी ज़ब्त की।
मुख्य बिंदु
- क्रिप्टोकरेंसी की ज़ब्ती:
- ED को पता चला कि क्रिप्टोकरेंसी कई वॉलेट्स में संगृहीत थी।
- कथित मास्टरमाइंड और उसके सहयोगी इन वॉलेट्स के मालिक थे और उनका प्रबंधन करते थे।
- अधिकारियों ने तलाशी के दौरान कई मोबाइल फोन ज़ब्त किये, जिनमें क्रिप्टोकरेंसी वॉलेट तक पहुँचने के लिये इस्तेमाल किये जाने वाले कई ऐप थे।
- जाँच का आधार:
- यह जाँच हरियाणा पुलिस द्वारा दर्ज की गई प्रथम सूचना रिपोर्ट (FIR) पर आधारित है।
- एक पीड़ित की शिकायत ने भी जाँच शुरू करने में मदद की।
प्रवर्तन निदेशालय (ED)
- ED एक बहु-विषयक संगठन है, जिसका कार्य धन शोधन और विदेशी मुद्रा कानूनों के उल्लंघन के अपराधों की जाँच करना है।
- यह वित्त मंत्रालय के राजस्व विभाग के अधीन कार्य करता है।
- भारत सरकार की एक प्रमुख वित्तीय जाँच एजेंसी के रूप में, ED भारत के संविधान और कानूनों का कड़ाई से अनुपालन करते हुए कार्य करती है।
- प्रथम सूचना रिपोर्ट (FIR)
- प्रथम सूचना रिपोर्ट (FIR) एक लिखित दस्तावेज़ है, जो पुलिस द्वारा तब तैयार किया जाता है जब उन्हें किसी संज्ञेय अपराध के घटित होने की सूचना प्राप्त होती है।
- संज्ञेय अपराध वह है, जिसमें पुलिस किसी व्यक्ति को बिना वारंट के गिरफ्तार कर सकती है।
- FIR शब्द को भारतीय दंड संहिता (IPC), दंड प्रक्रिया संहिता (CRPC), 1973 या किसी अन्य कानून में परिभाषित नहीं किया गया है, लेकिन पुलिस विनियमों या नियमों में, CRPC की धारा 154 के तहत दर्ज की गई जानकारी को प्रथम सूचना रिपोर्ट (FIR) के रूप में जाना जाता है।

