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स्टेट पी.सी.एस.

  • 26 Jun 2024
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बिहार Switch to English

महागठबंधन शासन के दौरान दी गई संविदा रद्द

चर्चा में क्यों?

हाल ही में बिहार सरकार ने ग्रामीण क्षेत्रों में पेयजल आपूर्ति के लिये पिछली 'महागठबंधन' सरकार द्वारा दिये गए 826 करोड़ रुपए के 350 संविदाओं को रद्द कर दिया।

मुख्य बिंदु

  • लोक स्वास्थ्य अभियंत्रण  विभाग द्वारा की गई जाँच में पता चला है कि संविदाकार चयन प्रक्रिया में अनियमितताओं के कारण ये संविदा रद्द कर दी गई थी।
  • सूत्रों के अनुसार, बाँका ज़िला इस सूची में सबसे ऊपर है, जहाँ ग्रामीण जलापूर्ति व्यवस्था से संबंधित सबसे अधिक 106 संविदा रद्द कर दी गई हैं, इसके बाद जमुई, लखीसराय, औरंगाबाद और आरा का स्थान है।
    • स्वास्थ्य, पथ निर्माण, नगर विकास, ग्रामीण कार्य समेत विभिन्न विभागों के अधिकारियों को राज्य की पिछली महागठबंधन सरकार द्वारा लिये गए निर्णयों की समीक्षा करने का निर्देश दिया गया है।

लोक स्वास्थ्य अभियंत्रण विभाग (Public Health Engineering Department- PHED)

  • यह एक सरकारी एजेंसी है जो जनता को सुरक्षित पेयजल और स्वच्छता सुविधाएँ प्रदान करने के लिये ज़िम्मेदार है।
  • यह सार्वजनिक स्वास्थ्य और कल्याण को बेहतर बनाने में महत्त्वपूर्ण भूमिका निभाता है।


उत्तर प्रदेश Switch to English

उत्तर प्रदेश सार्वजनिक परीक्षा (अनुचित साधनों की रोकथाम)

चर्चा में क्यों?

हाल ही में उत्तर प्रदेश सरकार ने एक अध्यादेश लाने का प्रस्ताव पारित किया है, जिसमें प्रश्नपत्र लीक करने वालों के लिये दो वर्ष से लेकर आजीवन कारावास तक की सज़ा तथा एक करोड़ रुपए तक के ज़ुर्माने का प्रावधान है।

मुख्य बिंदु

  • उत्तर प्रदेश सार्वजनिक परीक्षा (अनुचित साधनों की रोकथाम) अध्यादेश ने सभी अपराधों को संज्ञेय और गैर-ज़मानती बना दिया है।
    • इन अपराधों की सुनवाई सत्र न्यायालयों द्वारा की जाएगी और ये गैर-समझौता योग्य होंगे तथा इनमें ज़मानत के लिये सख्त प्रावधान होंगे।
  • अध्यादेश में उत्तर प्रदेश लोक सेवा आयोग, उत्तर प्रदेश अधीनस्थ सेवा चयन बोर्ड, UP बोर्ड, राज्य विश्वविद्यालयों और उनके द्वारा नामित प्राधिकरणों, निकायों या एजेंसियों द्वारा आयोजित परीक्षाएँ शामिल हैं।
    • इसमें सरकारी नौकरियों में नियमितीकरण और पदोन्नति के लिये परीक्षाएँ भी शामिल होंगी।
  • अध्यादेश में फर्ज़ी प्रश्नपत्र वितरित करने और फर्ज़ी रोज़गार वेबसाइट बनाने पर भी दंड का प्रावधान है।
    • परीक्षाओं पर प्रतिकूल प्रभाव डालने का दोषी पाए जाने वाली कंपनियों और सेवा प्रदाताओं को ब्लैक लिस्ट में डालने की अनुमति देता है।
    • यदि कोई परीक्षा प्रभावित होती है, तो वित्तीय बोझ संबंधित लोगों से वसूला जाएगा।

अध्यादेश

  • यह राज्य या केंद्र सरकार द्वारा उस समय जारी किया गया आदेश या कानून है, जब विधानमंडल या संसद सत्र में नहीं होता है।
  • अध्यादेश जारी करने की विधायी शक्ति एक आपातकालीन शक्ति की प्रकृति है, जो केवल आपातकालीन स्थिति से निपटने के लिये कार्यपालिका को प्रदान की जाती है।
  • अध्यादेशों के संबंध में संवैधानिक प्रावधान:
  • COI का अनुच्छेद 123 राष्ट्रपति को संसद के अवकाश के दौरान अध्यादेश जारी करने का अधिकार देता है, जबकि अनुच्छेद 213 राज्यपालों को विधानमंडल के सत्र में न होने पर अध्यादेश जारी करने का अधिकार देता है।

संज्ञेय अपराध (Cognisable Offences)

  • संज्ञेय अपराधों में कोई अधिकारी न्यायालय से वारंट प्राप्त किये बिना ही किसी संदिग्ध व्यक्ति का संज्ञान ले सकता है और उसे गिरफ्तार कर सकता है, यदि उसके पास यह “विश्वास करने का कारण” है कि उस व्यक्ति ने अपराध किया है तथा वह इस बात से संतुष्ट है कि कुछ निश्चित आधारों पर गिरफ्तारी आवश्यक है।
  • गिरफ्तारी के 24 घंटे के भीतर अधिकारी को न्यायिक मज़िस्ट्रेट से हिरासत की पुष्टि करानी होगी।
  • विधि आयोग की 177वीं रिपोर्ट के अनुसार, संज्ञेय अपराध वे हैं जिनमें तत्काल गिरफ्तारी की आवश्यकता होती है।
  • संज्ञेय अपराध आमतौर पर जघन्य या गंभीर प्रकृति के होते हैं जैसे- हत्या, बलात्कार, अपहरण, चोरी, दहेज़ हत्या आदि।
  • प्रथम सूचना रिपोर्ट (FIR) केवल संज्ञेय अपराधों में ही दर्ज की जाती है।

गैर-ज़मानती अपराध

  • कोई भी अपराध जो CrPC की प्रथम अनुसूची या किसी अन्य कानून के तहत ज़मानतीय नहीं बताया गया है, उसे गैर-ज़मानती अपराध माना जाता है।
  • गैर-ज़मानती अपराध का आरोपी व्यक्ति जमानत का अधिकार नहीं ले सकता। CrPC की धारा 437 में यह प्रावधान है कि गैर-ज़मानती अपराध के मामले में ज़मानत कब ली जा सकती है।

उत्तर प्रदेश Switch to English

अयोध्या में मंदिरों का संग्रहालय

चर्चा में क्यों?

हाल ही में उत्तर प्रदेश कैबिनेट ने अयोध्या में ‘मंदिरों का संग्रहालय’ बनाने के लिये टाटा संस के प्रस्ताव को अनुमति दी, जिसकी अनुमानित लागत 750 करोड़ रुपए है।

मुख्य बिंदु

  • राज्य के पर्यटन मंत्री जयवीर सिंह के अनुसार, कंपनी अपने कॉर्पोरेट सामाजिक उत्तरदायित्व (Corporate Social Responsibility- CSR) फंड का उपयोग करके परियोजना का प्रबंधन करेगी।
    • पर्यटन विभाग इस अंतर्राष्ट्रीय स्तर के संग्रहालय के लिये कंपनी की ज़मीन को 90 वर्षों के लिये पट्टे पर देगा, जिसके लिये उसे मात्र 1 रुपए का शुल्क देना होगा।
    • कंपनी मंदिर शहर में और अधिक विकास परियोजनाओं के लिये अतिरिक्त 100 करोड़ रुपए का निवेश करेगी।
  • मुख्यमंत्री पर्यटन फेलोशिप कार्यक्रम को भी कैबिनेट से मंज़ूरी मिल गई है।
    • शुरुआत में 25 शोधकर्त्ताओं का चयन किया जाएगा, जिनमें से प्रत्येक को 40,000 रुपए  दिये जाएँगे, जिसमें 30,000 रुपए भुगतान के लिये और फील्ड ट्रिप के लिये 10,000 रुपए और टैबलेट दिये जाएँगे। वे पर्यटन विकास में सहयोग करेंगे तथा इस क्षेत्र में निवेश आकर्षित करेंगे।
  • कैबिनेट बैठक के दौरान स्वीकृत अन्य प्रस्ताव निम्नलिखित थे:

कॉर्पोरेट सामाजिक उत्तरदायित्व (Corporate Social Responsibility- CSR)

  • कॉर्पोरेट सामाजिक उत्तरदायित्व (CSR) की अवधारणा यह विचार है कि कंपनियों को पर्यावरण और सामाजिक कल्याण पर अपने प्रभावों का आकलन करना चाहिये तथा उनकी ज़िम्मेदारी लेनी चाहिये एवं सकारात्मक सामाजिक व पर्यावरणीय परिवर्तन को बढ़ावा देना चाहिये।
  • कॉर्पोरेट सामाजिक उत्तरदायित्व के चार मुख्य प्रकार हैं:
    • पर्यावरणीय ज़िम्मेदारी 
    • नैतिक ज़िम्मेदारी 
    • परोपकारी ज़िम्मेदारी 
    • आर्थिक ज़िम्मेदारी 
  • कंपनी अधिनियम, 2013 के अंतर्गत CSR प्रावधान उन कंपनियों पर लागू होता है जिनका वार्षिक कारोबार 1,000 करोड़ रुपए या उससे अधिक है या जिनकी निवल संपत्ति 500 ​​करोड़ रुपए या उससे अधिक है या जिनका शुद्ध लाभ 5 करोड़ रुपए या उससे अधिक है।
    • अधिनियम के तहत कंपनियों को एक CSR समिति गठित करने की आवश्यकता होती है, जो निदेशक मंडल को कॉर्पोरेट सामाजिक उत्तरदायित्व नीति की सिफारिश करेगी तथा समय-समय पर उसकी निगरानी भी करेगी।


उत्तर प्रदेश Switch to English

स्प्रिचुअल सर्किट डेवलपमेंट

चर्चा में क्यों?

उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ राज्य में पर्यटन को बढ़ावा देने के लिये 12 प्रमुख पर्यटन सर्किट विकसित कर रहे हैं।

  • इन पहलों के अंतर्गत आध्यात्मिक सर्किट को बढ़ाने पर विशेष ध्यान दिया गया है, ताकि इसकी विशाल क्षमता का दोहन किया जा सके।

मुख्य बिंदु

  • उत्तर प्रदेश पर्यटन विभाग पर्यटन स्थलों के सर्वेक्षण, अंतर विश्लेषण और UP पर्यटन नीति दस्तावेज़ 2022 के पालन सहित एक विस्तृत रणनीति को लागू करने की तैयारी कर रहा है।
    • योजना में 7 S- सूचना (Awareness), स्वागत (Welcome), सुविधा (Amenities), सुरक्षा (Safety), स्वच्छता (Cleanliness), संरक्षण (Infrastructure) और सहयोग (Support) के आधार पर मानकों को प्राथमिकता दी गई है।
  • उत्तर प्रदेश ने पर्यटन क्षेत्र में महत्त्वपूर्ण प्रगति की है और यह विश्वभर के पर्यटकों के लिये एक प्रमुख गंतव्य बन गया है।
    • काशी विश्वनाथ धाम और अयोध्या धाम के साथ-साथ उनके संबंधित गलियारों के विकास से ये स्थल राज्य के प्रमुख पर्यटक आकर्षण बन गए हैं।
    • वर्ष 2025 में प्रयागराज में होने वाले महाकुंभ में 30 करोड़ प्रतिभागियों के भाग लेने की उम्मीद है, जो पर्यटन उद्योग में उत्तर प्रदेश की बढ़ती प्रमुखता को उजागर करेगा।
  • आध्यात्मिक सर्किट सहित विभिन्न सर्किटों में पर्यटन विकास को रणनीतिक रूप से बेहतर बनाने के लिये एक विस्तृत परियोजना रिपोर्ट (Detailed Project Report- DPR) तैयार की जाएगी।
    • चयनित एजेंसी पर्यटक अंतराल विश्लेषण के लिये सर्वेक्षण पद्धति तैयार करने हेतु विभागीय अधिकारियों के साथ मिलकर कार्य करेगी।
    • सर्वेक्षण रिपोर्ट में आगंतुकों की प्रतिक्रिया, फोटोग्राफी और वीडियो दस्तावेज़ीकरण शामिल होंगे।
  • कार्ययोजना में DPR में उल्लिखित चयनित पर्यटन स्थलों पर आगंतुकों से फीडबैक एकत्र करना, पर्यटन आँकड़े एकत्र करना, विकास प्रवृत्तियों का मूल्यांकन करना और नागरिक-केंद्रित दृष्टिकोण को प्राथमिकता देना शामिल है।
    • सर्वोत्तम प्रथाओं को लागू करके और प्रौद्योगिकी का लाभ उठाकर, इस दृष्टिकोण का उद्देश्य इन स्थानों को प्रभावी ढंग से संचालित एवं उन्नत करना है।

उत्तर प्रदेश राज्य पर्यटन विकास निगम (UPSTDC)

  • इसकी स्थापना वर्ष 1974 में हुई थी।
  • उत्तर प्रदेश राज्य पर्यटन विकास निगम (UPSTDC) की स्थापना का मुख्य उद्देश्य पर्यटकों के लिये पर्यटक आवास, रेस्तरां, पर्यटन सुविधाएँ उपलब्ध कराना तथा मनोरंजन केंद्र खोलना है।
  • राज्य में पर्यटन को बढ़ावा देने के लिये व्यापक प्रचार-प्रसार के माध्यम से पैकेज टूर का आयोजन करना।

हरियाणा Switch to English

स्वतंत्रता सेनानियों, आपातकालीन पीड़ितों और मातृभाषा सत्याग्रहियों के लिये पेंशन में वृद्धि

चर्चा में क्यों?

हाल ही में हरियाणा के मुख्यमंत्री ने स्वतंत्रता सेनानियों, उनके आश्रितों, आपातकाल पीड़ितों और मातृभाषा सत्याग्रहियों के लिये मासिक पेंशन में उल्लेखनीय वृद्धि की घोषणा की।

  • नई पेंशन दरें 1 जुलाई, 2024 से लागू होंगी।

मुख्य बिंदु

  • स्वतंत्रता सेनानियों और उनके आश्रितों की पेंशन 25,000 रुपए से बढ़ाकर 40,000 रुपए कर दी गई है
  • आपातकाल के पीड़ितों और मातृभाषा सत्याग्रहियों की पेंशन बढ़ाकर 20,000 रुपए कर दी गई है।
  • मुख्यमंत्री ने देश की आज़ादी हेतु दिये गए अनगिनत बलिदानों के लिये स्वतंत्रता सेनानियों को सम्मानित किया और संविधान की भावना को बनाए रखने तथा लोकतंत्र को बहाल करने के लिये  आपातकाल के दौरान लड़ने वाले 'सत्याग्रहियों' को भी श्रद्धांजलि दी।

मातृभाषा सत्याग्रही

  • वर्ष 1957 में तत्कालीन पंजाब के हिंदी भाषी इलाकों से कई लोगों ने अपनी मातृभाषा के सम्मान, प्रचार और कार्यान्वयन हेतु एक अभियान शुरू किया। उन्हें 'मातृभाषा सत्याग्रही' के नाम से जाना जाता है।

राष्ट्रीय आपातकाल

  • राष्ट्रीय आपातकाल 25 जून, 1975 को अनुच्छेद 352 के अंतर्गत ‘आंतरिक अशांति’ के आधार पर लागू किया गया था और 21 मार्च, 1977 को इसे वापस लिये जाने तक 21 महीने तक लागू रहा था। यह घोषणा राष्ट्रीय सुरक्षा एवं खराब आर्थिक स्थिति के विषय में चिंताओं से प्रेरित थी।
    • इस आदेश ने केंद्र सरकार को नागरिक स्वतंत्रता पर अंकुश लगाने वाले आदेश पारित करने का अधिकार दिया
    • राष्ट्रीय आपातकाल की घोषणा के समय पहले से ही बाह्य आपातकाल लागू था।

स्वतंत्रता सैनिक सम्मान योजना (SSSY)

  • यह योजना राष्ट्रीय स्वतंत्रता संग्राम में उनके योगदान के सम्मान के प्रतीक के रूप में स्वतंत्रता सेनानियों को मासिक सम्मान पेंशन प्रदान करती है।
  • उनकी मृत्यु पर पात्र आश्रितों अर्थात् पति या पत्नी तथा अविवाहित एवं बेरोज़गार बेटियों और आश्रित माता-पिता को निर्धारित पात्रता मानदंडों व प्रक्रिया के अनुसार पेंशन प्रदान की जाती है।
  • इसे गृह मंत्रालय (स्वतंत्रता सेनानी प्रभाग) द्वारा कार्यान्वित किया जाता है।
  • इस योजना के तहत देश भर में 23,566 लाभार्थी शामिल हैं।

हरियाणा Switch to English

नए आपराधिक कानूनों पर जागरूकता कार्यक्रम

चर्चा में क्यों?

हाल ही में हरियाणा के मुख्य सचिव ने घोषणा की कि 1 जुलाई, 2024 को राज्य के सभी 378 पुलिस थानों और जेलों में जागरूकता अभियान चलाए जाएंगे।

मुख्य बिंदु

  • मुख्य सचिव ने इन कानूनों के सफल कार्यान्वयन के लिये उठाए गए कदमों पर ज़ोर दिया।
    • जाँच अधिकारियों (IO) सहित लगभग 40,000 पुलिस कर्मियों ने विभिन्न राज्य प्रशिक्षण केंद्रों में प्रशिक्षण लिया है।
    • हरियाणा के 300 न्यायिक अधिकारियों को चंडीगढ़ न्यायिक अकादमी में अद्यतन आपराधिक कानूनों पर प्रशिक्षित किया गया है।
    • हरियाणा लोक प्रशासन संस्थान (HIPA), गुरुग्राम द्वारा IAS और HCS अधिकारियों के लिये एक ऑनलाइन प्रशिक्षण पहल आयोजित की गई, जिसका उद्देश्य अधिकारियों को नए कानून के विवरण से परिचित कराना था।
  • राज्य की प्रत्येक जेल में पर्याप्त तकनीकी उपकरण उपलब्ध हैं, जिनमें लगभग 300 कंप्यूटर भी शामिल हैं।
    • वर्चुअल न्यायालय सुनवाई की सुविधा के लिये जेलों और न्यायालय भवनों में 149 वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग व्यवस्थाएँ स्थापित की गई हैं तथा 178 अतिरिक्त प्रणालियाँ अधिग्रहित की जाएंगी।
    • राज्य के सभी जेल अधीक्षकों को निर्देश दिया गया है कि वे कैदियों, उनके परिवारों, आगंतुकों और जेल कर्मियों के लिये नए आपराधिक कानूनों के बारे में लक्षित जागरूकता अभियान शुरू करें।
    • क्षेत्र में कार्यरत कर्मचारियों के बीच वितरण के लिये इन कानूनों के अंतर्गत नवीनतम धाराओं और प्रक्रियाओं को दर्शाने वाली उपयोगी पुस्तिकाएँ तैयार की गई हैं।

 


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