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स्टेट पी.सी.एस.

  • 25 Aug 2021
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उत्तर प्रदेश Switch to English

लखनऊ में होगा ब्रह्मोस मिसाइलों का उत्पादन

चर्चा में क्यों?

24 अगस्त, 2021 को ब्रह्मोस एयरोस्पेस के मुख्य कार्यकारी अधिकारी और प्रबंध निदेशक डॉ. सुधीर कुमार मिश्रा ने बताया कि भारत का प्रमुख रक्षा प्रतिष्ठान, ‘रक्षा अनुसंधान और विकास संगठन’ (Defence Research and Development Organization-DRDO) निकट भविष्य में उत्तर प्रदेश रक्षा औद्योगिक गलियारे (Defense Industrial Corridor) के तहत लखनऊ में ब्रह्मोस की नेक्स्ट जेनरेशन मिसाइल का उत्पादन करेगा।

प्रमुख बिंदु

  • यह बात डॉ. सुधीर कुमार मिश्रा ने लखनऊ में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से मुलाकात के दौरान ब्रह्मोस परियोजना की वर्तमान गतिविधियों के बारे में जानकारी देते हुए कही।
  • DRDO की पहल का स्वागत करते हुए मुख्यमंत्री ने इस परियोजना के लिये आवश्यक भूमि सहित अन्य सभी सुविधाएँ प्रदान करने का आश्वासन दिया।
  • ज्ञातव्य है कि ब्रह्मोस सुपरसोनिक क्रूज मिसाइल को DRDO, भारत सरकार तथा NPOM, रूस के संयुक्त उपक्रम ब्रह्मोस एयरोस्पेस द्वारा परिकल्पित, विकसित एवं उत्पादित किया जा रहा है। 
  • वर्तमान में भारतीय थल, जल एवं वायु सेना द्वारा इसका उपयोग किया जा रहा है। 
  • ब्रह्मोस की नेक्स्ट जेनरेशन मिसाइल के उत्पादन के लिये लगभग 200 एकड़ भूमि की आवश्यकता होगी तथा इस परियोजना को पूर्ण करने के लिये लगभग 300 करोड़ रुपए की धनराशि निवेशित की जाएगी। 
  • इस परियोजना के माध्यम से लगभग 500 अभियंताओं एवं तकनीशियनों को प्रत्यक्ष रूप से तथा 5,000 लोगों को अप्रत्यक्ष रूप से रोज़गार प्राप्त होगा। 
  • इस मिसाइल के उत्पादन की योजना के लिये एन्सिलरी यूनिट्स भी स्थापित होंगी। इनके माध्यम से लगभग 10,000 लोगों को रोज़गार मिलेगा।
  • लखनऊ में ब्रह्मोस मिसाइल का निर्माण होने से उत्तर प्रदेश, देश का एयरोस्पेस और डिफेंस हब बनने की ओर तेज़ी से अग्रसर होगा। 
  • इस परियोजना से डिफेंस कॉरिडोर को गति मिलेगी। 
  • ब्रह्मोस मिसाइल के विभिन्न सिस्टम तथा सब-सिस्टम के निर्माण से जुड़ी 200 से अधिक औद्योगिक इकाइयाँ भी परियोजना के निकट अपनी उत्पादन इकाइयाँ स्थापित करने की ओर अग्रसर होंगी।

हरियाणा Switch to English

भूमि अधिग्रहण संशोधन विधेयक

चर्चा में क्यों?

24 अगस्त, 2021 को हरियाणा विधानसभा के मानसून सत्र के अंतिम दिन विधानसभा में ‘भूमि अधिग्रहण, पुनर्वास और पुनर्स्थापन में उचित प्रतिकर और पारदर्शिता अधिकार (हरियाणा संशोधन) विधेयक, 2021’ पारित हो गया।

प्रमुख बिंदु

  • यह विधेयक हरियाणा विधानसभा के मानसून सत्र के अंतिम दिन राज्य विधानसभा द्वारा पारित छह विधेयकों में से एक है।
  • विधानसभा में पारित होने के बाद अब इसे राष्ट्रपति की मंज़ूरी के लिये भेजा जाएगा। मंज़ूरी मिलने के बाद यह कानून बन जाएगा और सरकार द्वारा अधिसूचना जारी करने पर लागू होगा।
  • संशोधन विधेयक के अनुसार भूमि अधिग्रहण के लिये किसानों की सहमति लेने का काम DC (District Collector) करेंगे। 
  • अधिग्रहण के बाद सरकार किसी भी समय ज़मीन पर कब्ज़ा कर सकती है। 48 घंटे पूर्व नोटिस देने की बाध्यता नहीं होगी। 
  • पुरातत्त्व स्थलों व वन भूमि को अधिग्रहण के दौरान सुरक्षित एवं संरक्षित रखा जाएगा। 
  • सरकार जिन किसानों से 200 एकड़ से कम ज़मीन खरीदेगी, उन्हें कुल कीमत के अलावा 50 फीसदी अतिरिक्त राशि का एकमुश्त भुगतान करेगी। 
  • गौरतलब है कि हरियाणा 2013 में बने भूमि अधिग्रहण कानून में संशोधन करने वाला पहला राज्य नहीं हैतमिलनाडु, तेलंगाना, गुजरात, महाराष्ट्र व आंध्र प्रदेश जैसे बड़े राज्य पहले ही इसमें संशोधन कर चुके हैं। कुल 16 राज्यों ने अपनी सुविधानुसार इस कानून में संशोधन किये हैं।

उत्तराखंड Switch to English

अनुपूरक बजट

चर्चा में क्यों?

24 अगस्त, 2021 को उत्तराखंड विधानसभा के मानसून सत्र के दूसरे दिन मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने 5,720.78 करोड़ रुपए का अनुपूरक बजट पेश किया।

प्रमुख बिंदु

  • बजटीय प्रावधानों में राजस्व व्यय के लिये 2,990.53 करोड़ रुपए और पूंजीगत व्यय के लिये 2,730.25 करोड़ रुपए शामिल हैं। 
  • बजट में कोविड-19 से निपटने और स्वरोज़गार योजनाओं के क्रियान्वयन को सुगम बनाने के लिये विशेष प्रावधान किया गया है। 
  • बजट आवंटन में प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना (PMGSY) के लिये 570 करोड़ रुपए, राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन (NHM) के लिये 449 करोड़ रुपए, जल जीवन मिशन के लिये 401 करोड़ रुपए, कायाकल्प और शहरी परिवर्तन के लिये अटल मिशन (AMRUT) के लिये 137.29 करोड़ रुपए, प्रधानमंत्री आवास योजना के लिये 70.01 करोड़ रुपए और स्वच्छ भारत मिशन के लिये 24.65 करोड़ रुपए शामिल हैं। 
  • कोविड-19 के लिये विभिन्न कार्यों और सहायता हेतु 600 करोड़ रुपए का आवंटन किया गया है, जबकि मुख्यमंत्री स्वरोज़गार योजना (MSY) के लिये 100 करोड़ रुपए, मुख्यमंत्री सौभाग्यवती योजना के लिये 8.34 करोड़ रुपए और मुख्यमंत्री वात्सल्य योजना के लिये 7.65 करोड़ रुपए आवंटित किये गए हैं। 
  • इसके अलावा सड़कों और पुलों की मरम्मत तथा रखरखाव के लिये 55 करोड़ रुपए, बाढ़ सुरक्षा कार्यों हेतु 30 करोड़ रुपए, पेयजल परियोजनाओं के लिये 25 करोड़ रुपए और स्मार्ट सिटी परियोजना कार्यों के लिये 60 करोड़ रुपए आवंटित किये गए हैं।

उत्तराखंड Switch to English

गौरा देवी कन्याधन योजना

चर्चा में क्यों?

24 अगस्त, 2021 को उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने विधानसभा में घोषणा की कि वर्ष 2015-16 व 2016-17 में गौरा देवी कन्याधन योजना (Gaura Devi Kanyadhan Yojana) के लाभ से वंचित बालिकाओं को सरकार द्वारा योजना का लाभ दिया जाएगा।

प्रमुख बिंदु

  • मुख्यमंत्री ने विधानसभा में बताया कि जिन बालिकाओं ने वर्ष 2015-16 व 2016-17 में इस योजना के तहत आवेदन किया था तथा उनको इसका लाभ नहीं मिल पाया था, उन्हें इस योजना का लाभ दिया जाएगा। इसके लिये वांछित आवश्यक धनराशि की भी व्यवस्था की जाएगी। 
  • प्रदेश में वर्ष 2015-16 में 11,300 बालिकाएँ व वर्ष 2016-17 में 21,916 बालिकाएँ योजना के लाभ से वंचित रह गई थीं। इस प्रकार कुल 33,216 बालिकाओं को कन्याधन योजना का लाभ देने के लिये 49.42 करोड़ रुपए की शेष धनराशि सरकार द्वारा प्रदान की जाएगी।
  • गौरतलब है कि ‘गौरा देवी कन्याधन’ योजना उत्तराखंड सरकार द्वारा वर्ष 2006-07 में शुरू की गई थी। इसका मुख्य उद्देश्य उत्तराखंड राज्य की बीपीएल श्रेणी की 12वीं पास सभी बालिकाओं को उच्च स्तर की शिक्षा हेतु प्रेरित करने के लिये प्रोत्साहन राशि प्रदान करना है।

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