उत्तराखंड Switch to English
उत्तरकाशी में भूकंप
चर्चा में क्यों?
राष्ट्रीय भूकंप विज्ञान केंद्र (NCS) के अनुसार, उत्तराखंड के उत्तरकाशी में रिक्टर पैमाने पर 3.5 तीव्रता का भूकंप आया।
- यह भूकंप, जो 5 किमी. की गहराई पर आया, भूकंपीय घटनाओं की एक शृंखला का हिस्सा है, इससे पहले म्याँमार में 4.8 तीव्रता का एक और भूकंप आया था।
मुख्य बिंदु
- उत्तरकाशी और भूकंपीय संवेदनशीलता:
- उत्तरकाशी हिमालयी भूकंपीय क्षेत्र में स्थित है, जिसके कारण यह भूकंप के प्रति अत्यधिक संवेदनशील है।
- इस क्षेत्र में पहले भी विनाशकारी भूकंप आ चुके हैं, जिनमें 1991 में उत्तरकाशी भूकंप (6.8 तीव्रता) और 1999 में चमोली भूकंप शामिल हैं।
- भूवैज्ञानिक कारक और भेद्यता:
- भारतीय प्लेट और यूरेशियन प्लेट के बीच टकराव के कारण यह क्षेत्र भूकंपीय दृष्टि से सक्रिय है।
- अनियंत्रित निर्माण और वनों की कटाई ने स्थिति को और खराब कर दिया है, जिससे बड़े भूकंप की स्थिति में विनाश का संकट बढ़ गया है।
- उत्तरकाशी और आसपास के शहर जैसे देहरादून, नैनीताल और मसूरी घनी जनसंख्या वाले हैं, जिससे भूकंपीय घटनाओं के दौरान संवेदनशीलता बढ़ जाती है।
भूकंप
- परिचय:
- भूकंप पृथ्वी की सतह का कंपन है जो पृथ्वी की सतह के नीचे ऊर्जा के अचानक मुक्त होने के कारण होता है।
- इस प्राकृतिक घटना से भूकंपीय तरंगें उत्पन्न होती हैं जो पृथ्वी के सभी दिशाओं में विस्तारित होती हैं, जिसके परिणामस्वरूप जमीन में हलचल होती है।
- भूकंप से संबंधित प्रमुख शब्द:
- हाइपोसेन्टर: पृथ्वी की सतह के नीचे वह स्थान जहाँ भूकंप उत्पन्न होता है।
- अधिकेंद्र (एपिसेंटर): पृथ्वी की सतह पर हाइपोसेंटर के ठीक ऊपर स्थित वह बिंदु, जहाँ सबसे अधिक तीव्र कंपन महसूस किया जाता है।
- भूकंप के प्रकार:
- भ्रंश क्षेत्र: वे भूकंप जो पृथ्वी की पपड़ी में भ्रंश रेखाओं के साथ होने वाली हलचल के कारण आते हैं।
- टेक्टोनिक भूकंप: पृथ्वी की सतह के नीचे टेक्टोनिक प्लेटों की हलचल के परिणामस्वरूप उत्पन्न होते हैं।
- ज्वालामुखीय भूकंप: ज्वालामुखीय गतिविधि के कारण, आमतौर पर पृथ्वी की सतह के नीचे मैग्मा की गति के कारण।
- मानव-जनित भूकंप: मानवीय गतिविधियों, जैसे खनन या जमीन में तरल पदार्थ डालने से उत्पन्न भूकंप।
- भूकंप मापने के पैमाने
- परिमाण पैमाना:
- भूकंप की तीव्रता से तात्पर्य उत्सर्जित ऊर्जा की मात्रा से है। इसे रिक्टर स्केल का उपयोग करके मापा जाता है, जो 0 से 10 तक होता है, जिसमें प्रत्येक संख्या आयाम में दस गुना वृद्धि दर्शाती है। यह भूकंप की ताकत का एक माप प्रदान करता है।
- तीव्रता पैमाना:
- भूकंप की तीव्रता का अर्थ है भूकंप के झटके और उससे होने वाली क्षति। इतालवी भूकंप विज्ञानी ग्यूसेप मर्कली द्वारा विकसित मर्कली तीव्रता पैमाना 1 से 12 तक होता है, जिसमें उच्च संख्या अधिक गंभीर झटकों और विनाश का संकेत देती है।
- परिमाण पैमाना:
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उत्तर प्रदेश Switch to English
प्रयागराज का पहला सुपर स्पेशियलिटी अस्पताल
चर्चा में क्यों?
उत्तर प्रदेश सरकार ने प्रयागराज में चल रहे महाकुंभ के दौरान कई महत्त्वपूर्ण पहलों की घोषणा की, जिनमें शहर के पहले सुपर स्पेशियलिटी अस्पताल का निर्माण और UP के विभिन्न ज़िलों में बुनियादी ढाँचे के विकास के लिये नगरपालिका बॉण्ड को स्वीकृति प्रदान करना शामिल है।
मुख्य बिंदु
- राज्य सरकार की प्रमुख घोषणा:
- प्रयागराज में सुपर स्पेशियलिटी अस्पताल:
- उत्तर प्रदेश के शहरी विकास मंत्री ए.के. शर्मा ने प्रयागराज में 100 करोड़ रुपए की लागत से एक सुपर स्पेशियलिटी अस्पताल के निर्माण की घोषणा की।
- यह शहर का पहला ऐसा अस्पताल होगा, जिसे शहरी विकास विभाग द्वारा वित्त पोषित किया जाएगा।
- विकास के लिये नगरपालिका बॉण्ड:
- मंत्रिमंडल ने प्रयागराज, वाराणसी और आगरा में बुनियादी ढाँचे के विकास के लिये नगरपालिका बॉण्ड जारी करने को मंज़ूरी दी।
- इन ज़िलों के लिये 50 करोड़ रुपए की धनराशि आवंटित की गई है।
- इससे पहले लखनऊ और गाज़ियाबाद के लिये बॉण्ड जारी किये जा चुके हैं, जिनके परिणाम आशाजनक रहे हैं।
- नए मेडिकल कॉलेज:
- सरकार ने हाथरस, कासगंज और बागपत में तीन मेडिकल कॉलेज स्थापित करने की घोषणा की।
- औद्योगिक एवं शैक्षिक विकास:
- राज्य सरकार की योजना राज्य भर में 62 औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थान (ITI) और पाँच नवाचार, आविष्कार और प्रशिक्षण केंद्र स्थापित करने की है।
- पॉलिसी नवीनीकरण:
- उत्तर प्रदेश की एरोस्पेस और रक्षा तथा रोज़गार नीति, जो पाँच वर्ष पूरे कर चुकी है, नए प्रोत्साहनों के साथ नवीनीकरण किया जाएगा ताकि निवेश को आकर्षित किया जा सके।
- प्रयागराज में सुपर स्पेशियलिटी अस्पताल:
नगरपालिका बॉण्ड
- नगरपालिका बॉण्ड (म्यूनिसिपल बॉण्ड) एक ऋण प्रतिभूति है जो किसी राज्य, नगर पालिका या काउंटी द्वारा अपने पूंजीगत व्ययों के वित्तपोषण के लिये जारी की जाती है, जिसमें राजमार्गों, पुलों या स्कूलों का निर्माण शामिल है।
- एक नगरपालिका निगम नगरपालिका बॉण्ड के माध्यम द्वारा व्यक्तियों या संस्थानों से धन एकत्र है और एक निर्दिष्ट ब्याज राशि का भुगतान करने का वादा करता है, साथ ही एक निश्चित परिपक्वता तिथि पर मूलधन की वापसी करता है।
- ये अधिकांशतः संघीय करों तथा अधिकांश राज्य और स्थानीय करों से मुक्त होते हैं, जिससे ये उच्च आयकर वर्ग वाले लोगों के लिये विशेष रूप से आकर्षक बन जाते हैं।
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हरियाणा Switch to English
2025 गणतंत्र दिवस परेड में हरियाणा की झाँकी शामिल
चर्चा में क्यों?
वर्ष 2025 के गणतंत्र दिवस परेड में हरियाणा की झाँकी विभिन्न क्षेत्रों में राज्य की प्रगति को उजागर करेगी, जिसमें जनता को लाभ पहुँचाने वाली सरकारी योजनाओं पर विशेष ध्यान दिया जाएगा।
मुख्य बिंदु
- गणतंत्र दिवस परेड में हरियाणा की झाँकी:
- झाँकी में कुरुक्षेत्र में भगवान कृष्ण द्वारा अर्जुन को दिये गए भगवद् गीता के दिव्य संदेश को दर्शाया जाएगा।
- हरियाणा की झाँकी का विषय "समृद्ध हरियाणा- विरासत और विकास" कुरुक्षेत्र में अपनी ऐतिहासिक जड़ों से लेकर आधुनिक उपलब्धियों तक हरियाणा की यात्रा को दर्शाता है।
- गणतंत्र दिवस परेड 2025 की मुख्य विशेषताएँ:
- गणतंत्र दिवस 2025 का विषय 'स्वर्णिम भारत- विरासत और विकास' है, जो भारत की समृद्ध सांस्कृतिक विरासत और इसकी प्रगति की निरंतर यात्रा को दर्शाता है।
- 2025 की गणतंत्र दिवस परेड में तीनों सेनाओं की झाँकी भी शामिल होगी, जिसमें सशस्त्र बलों के बीच सहयोग और एकीकरण की भावना पर ज़ोर दिया जाएगा। इस झाँकी का विषय "सशक्त और सुरक्षित भारत" है।
- विभिन्न राज्यों, केंद्र शासित प्रदेशों और केंद्रीय मंत्रालयों की 31 झाँकियाँ इसमें भाग लेंगी, जो भारत की सांस्कृतिक विविधता और प्रगति को दर्शाएँगी।
- गणतंत्र दिवस परेड 2025 भारत की सांस्कृतिक विविधता और सैन्य शक्ति का एक अनूठा मिश्रण होगा, जिसमें संविधान लागू होने के 75 वर्ष और जन भागीदारी पर विशेष ध्यान दिया जाएगा।
- इंडोनेशिया की भागीदारी:
- इंडोनेशिया के राष्ट्रपति प्रबोवो सुबियांटो परेड के मुख्य अतिथि होंगे।
- इंडोनेशिया की 160 सदस्यीय मार्चिंग टुकड़ी और 190 सदस्यीय बैंड टुकड़ी भी भारतीय सशस्त्र बलों के साथ मार्च करेगी।
गणतंत्र दिवस
- गणतंत्र दिवस 26 जनवरी, 1950 को भारत के संविधान के अंगीकरण तथा देश के गणतंत्र में परिवर्तन की स्मृति में मनाया जाता है, जो 26 जनवरी, 1950 को प्रभावी हुआ।
- संविधान को भारत की संविधान सभा द्वारा 26 नवंबर, 1949 को अपनाया गया तथा 26 जनवरी, 1950 को लागू किया गया।
- 26 जनवरी, 1950 को प्रभावी होने पर संविधान ने भारतीय स्वतंत्रता अधिनियम, 1947 और भारत सरकार अधिनियम, 1935 को निरस्त कर दिया। भारत ब्रिटिश क्राउन का प्रभुत्व नहीं रहा और संविधान के साथ एक संप्रभु, लोकतांत्रिक गणराज्य बन गया।
- प्रतिवर्ष गणतंत्र दिवस पर भारत के राष्ट्रपति, जो राज्य के प्रमुख होते हैं, तिरंगा फहराते हैं, जबकि स्वतंत्रता दिवस (15 अगस्त) पर प्रधानमंत्री, जो केंद्र सरकार का नेतृत्व करते हैं, राष्ट्रीय ध्वज फहराते हैं।
- यद्यपि दोनों शब्दों का प्रयोग प्रायः एक दूसरे के स्थान पर किया जाता है, लेकिन ये तिरंगे को प्रस्तुत करने की भिन्न-भिन्न तकनीकों को दर्शाते हैं।
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राजस्थान Switch to English
राजस्थान हाईकोर्ट ने ट्रांसजेंडर OBC आरक्षण पर नोटिस जारी किया
चर्चा में क्यों?
राजस्थान उच्च न्यायालय ने एक याचिका के उत्तर में राज्य सरकार को नोटिस जारी किया है। एक ट्रांसजेंडर महिला ने सार्वजनिक शिक्षा और रोज़गार में आरक्षण के लिये ट्रांसजेंडर लोगों को अन्य पिछड़ा वर्ग (OBC) के रूप में वर्गीकृत करने के सरकार के निर्णय को चुनौती दी है।
मुख्य बिंदु
- याचिकाकर्त्ता: राजस्थान पुलिस में कांस्टेबल के रूप में शामिल होने वाली पहली ट्रांसवुमन गंगा कुमारी ने याचिका दायर की।
- मुद्दे का परिचय: राजस्थान सरकार के जनवरी 2023 के परिपत्र में ट्रांसजेंडर लोगों को आरक्षण के लिये OBC के तहत वर्गीकृत किया गया है, जिसके बारे में याचिकाकर्त्ता का तर्क है कि इससे OBC और ट्रांसजेंडर दोनों से संबंधित लाभों से बहिष्कार हो सकता है।
- कानूनी आधार: याचिकाकर्त्ता का कहना है कि यह वर्गीकरण सर्वोच्च न्यायालय के राष्ट्रीय विधिक सेवा प्राधिकरण बनाम भारत संघ (2014) के निर्णय का उल्लंघन करता है, जिसमें ट्रांसजेंडर लोगों को आरक्षण के लिये पात्र एक अलग समूह के रूप में माना जाता है, लेकिन जरूरी नहीं कि वे OBC श्रेणी में ही हों।
- नालसा निर्णय: वर्ष 2014 के सर्वोच्च न्यायालय के निर्णय ने सरकारों को ट्रांसजेंडर लोगों को "सामाजिक और शैक्षणिक रूप से पिछड़ा" मानते हुए आरक्षण देने का निर्देश दिया।
- हालाँकि, इस बात पर अस्पष्टता है कि क्या इसका तात्पर्य OBC जैसी मौजूदा सामाजिक-आर्थिक श्रेणियों में समावेशन या ट्रांसजेंडर लोगों के लिये क्षैतिज आरक्षण से है।
- न्यायालय की व्याख्या: मध्य प्रदेश जैसे अन्य राज्यों ने NALSA निर्णय की व्याख्या ट्रांसजेंडरों को OBC श्रेणी में रखने के रूप में की है, जबकि कर्नाटक, मद्रास और कलकत्ता जैसे राज्यों ने क्षैतिज आरक्षण को बरकरार रखा है।
ट्रांसजेंडर
- ट्रांसजेंडर व्यक्ति से तात्पर्य ऐसे व्यक्ति से है जिसका लिंग जन्म के समय निर्धारित लिंग से मेल नहीं खाता है।
- इसमें 'इंटरसेक्स भिन्नता वाले व्यक्ति' और 'ट्रांसजेंडर व्यक्ति' जैसे शब्दों को स्पष्ट किया गया है, ताकि सर्जरी या थेरेपी की परवाह किये बिना ट्रांस पुरुषों और महिलाओं को इसमें शामिल किया जा सके।
ट्रांसजेंडर व्यक्ति (अधिकारों का संरक्षण) अधिनियम, 2019
- भेदभाव न करना: शिक्षा, रोज़गार, स्वास्थ्य देखभाल और सार्वजनिक सुविधाओं में भेदभाव को प्रतिबंधित करता है, तथा आवागमन, संपत्ति और कार्यालय के अधिकारों की पुष्टि करता है।
- पहचान प्रमाण पत्र: यह कानून स्वयं-अनुभूत लिंग पहचान का अधिकार प्रदान करता है तथा जिला मजिस्ट्रेटों को बिना मेडिकल परीक्षण के प्रमाण-पत्र जारी करने की आवश्यकता बताता है।
- चिकित्सा देखभाल: HIV निगरानी, चिकित्सा देखभाल तक पहुँच, लिंग पुनर्निर्धारण सर्जरी और बीमा कवरेज के साथ चिकित्सा सुनिश्चित करता है।
- राष्ट्रीय ट्रांसजेंडर व्यक्ति परिषद: सरकार को सलाह देने और शिकायतों का समाधान करने के लिये स्थापित।
- अपराध और दंड: बलपूर्वक श्रम, दुर्व्यवहार और अधिकारों से वंचित करने जैसे अपराधों के लिये कारावास (6 महीने से 2 वर्ष) और ज़ुर्माने का प्रावधान है।
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