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उत्तराखंड के मुख्यमंत्री ने छात्रवृत्ति योजना के पहले चरण की शुरुआत की
चर्चा में क्यों?
हाल ही में उत्तराखंड के मुख्यमंत्री ने मुख्यमंत्री उच्च शिक्षा प्रोत्साहन छात्रवृत्ति योजना के पहले चरण में 241 छात्रों के खाते में प्रत्यक्ष लाभ अंतरण (DBT) के माध्यम से 33 लाख 52 हज़ार रुपए की राशि प्रदान की।
मुख्य बिंदु:
- यह राशि राज्य के विश्वविद्यालय परिसरों और सरकारी कॉलेजों में स्नातक प्रथम वर्ष में प्रवेश करने वाले छात्रों को प्रदान की गई थी।
- महाविद्यालय स्तर पर तैयार की गई संकायवार मेरिट सूची में न्यूनतम 80% अंक प्राप्त करने वाले विद्यार्थियों को क्रमश: प्रथम, द्वितीय एवं तृतीय स्थान पर 3000, 2000 और 1500 रुपए की मासिक छात्रवृत्ति प्रदान की जाएगी।
- अन्य कक्षाओं के लिये वितरित छात्रवृत्ति संबंधित संस्थान स्तर से समर्थ पोर्टल पर सत्यापन के बाद की जाएगी।
- इस योजना को शुरू करने का मुख्य उद्देश्य सामान्य परिवारों के छात्रों की प्रतिभा को आगे लाना है।
मुख्यमंत्री उच्च शिक्षा प्रोत्साहन छात्रवृत्ति योजना
- इसकी घोषणा 31 मई 2023 को मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने की थी।
- योजना शुरू करने के पीछे मुख्य उद्देश्य छात्रों को मासिक वित्तीय सहायता प्रदान करके उच्च शिक्षा प्राप्त करने के लिये प्रोत्साहित करना है।
- केवल स्नातक और स्नातकोत्तर छात्र ही छात्रवृत्ति के लिये पात्र हैं।
प्रत्यक्ष लाभ अंतरण (DBT)
- यह सरकारी वितरण प्रणाली में सुधार के उद्देश्य से भारत सरकार द्वारा 1 जनवरी 2013 को शुरू की गई एक पहल है।
- इसे सिस्टम के भीतर धोखाधड़ी प्रथाओं को कम करने के साथ-साथ लाभार्थियों को सूचना और धन के हस्तांतरण को सुव्यवस्थित तथा तीव्र करने हेतु डिज़ाइन किया गया है।
- DBT अधिक कुशल और पारदर्शी वितरण तंत्र सुनिश्चित करते हुए, इच्छित प्राप्तकर्त्ताओं को सरकारी सब्सिडी, लाभ तथा सहायता के सीधे हस्तांतरण को सक्षम बनाता है।
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उत्तराखंड ने पवलगढ़ कंज़र्वेशन रिज़र्व का नाम बदला
चर्चा में क्यों?
अयोध्या मंदिर में राम लला की मूर्ति की प्रतिष्ठा से पहले, रामनगर वन प्रभाग में 5,800 हेक्टेयर के पवलगढ़ कंज़र्वेशन रिज़र्व का नाम बदलकर सीताबनी कंज़र्वेशन रिज़र्व कर दिया गया है।
मुख्य बिंदु:
अधिकारियों के अनुसार, रिज़र्व के अंदर माता सीता को समर्पित एक प्राचीन मंदिर तथा महर्षि वाल्मिकी आश्रम है, कहा जाता है कि अयोध्या छोड़ने के बाद वह अपने बेटों लव और कुश के साथ यहीं रुकी थीं।
- दोनों संरचनाओं का रखरखाव भारतीय पुरातत्त्व सर्वेक्षण द्वारा किया जा रहा है।
पवलगढ़ कंज़र्वेशन रिज़र्व (PCR)
- यह पहाड़ी राज्य उत्तराखंड के नैनीताल ज़िले में स्थित है। इसे दिसंबर, 2012 में एक कंज़र्वेशन रिज़र्व के रूप में नामित किया गया था।
- PCR का कुल क्षेत्रफल 58.25 वर्ग किमी. है जो रामनगर वन प्रभाग, रामनगर के सुंदर, विशाल और समृद्ध जंगलों में स्थित है।
- यह रिज़र्व स्तनधारियों की 33 से अधिक प्रजातियों, पक्षियों की 365 प्रजातियों और वनस्पतियों की 400 से अधिक प्रजातियों का निवास स्थान है।
नोट:
- वर्ष 2021 में, केंद्रीय वन राज्य मंत्री ने कॉर्बेट नेशनल पार्क की अपनी यात्रा के दौरान आगंतुक पुस्तिका में लिखा कि इस राष्ट्रीय उद्यान का नाम बदलकर रामगंगा राष्ट्रीय उद्यान कर देना चाहिये, क्योंकि वन अधिकारियों के अनुसार कॉर्बेट का पहले रामगंगा नाम था।
- यह रिज़र्व वर्ष 1936 में अस्तित्व में आया और संयुक्त प्रांत के पहले लेफ्टिनेंट गवर्नर गवर्नर के नाम पर इसका नाम हैली नेशनल पार्क रखा गया।
- इसे दिसंबर 2012 में रिज़र्व के रूप में अधिसूचित किया गया।
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उत्तराखंड के हवाई अड्डे जल्द ही अंतर्राष्ट्रीय होंगे
चर्चा में क्यों?
उत्तराखंड के मुख्यमंत्री ने घोषणा की कि देहरादून और पंतनगर में हवाई अड्डे जल्द ही अंतर्राष्ट्रीय दर्जा प्राप्त करेंगे।
मुख्य बिंदु:
- देहरादून में जॉली ग्रांट और उधम सिंह नगर में पंतनगर राज्य के लिये महत्त्वपूर्ण हवाई अड्डे हैं।
- जॉली ग्रांट मसूरी के सुरम्य शहर का प्राथमिक हवाई अड्डा और निकटतम प्रवेश द्वार है।
- पंतनगर नैनीताल के लिये निकटतम हवाई अड्डा है।
- इस कदम से कनेक्टिविटी बढ़ने और पर्यटन को बढ़ावा मिलने, राज्य में आर्थिक विकास के नए रास्ते खुलने की उम्मीद है।
- इसके अलावा, सीएम ने देहरादून के पास एक नई टाउनशिप के विकास के लिये एक महत्त्वाकांक्षी दृष्टिकोण का भी खुलासा किया।
- यह टाउनशिप देहरादून ज़िले के कालसी के पास हरिपुर में स्थापित की जाएगी, जो निवासियों की आवश्यकताओं को पूरा करने के लिये आधुनिक सुविधाओं से सुसज्जित होगी।
- यह विकास राज्य की बढ़ती आबादी का समर्थन करने के लिये सतत् शहरी बुनियादी ढाँचे के निर्माण के सरकार के व्यापक एजेंडे के अनुरूप है।
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उत्तराखंड के मुख्यमंत्री ने जारी किया कैलेंडर
चर्चा में क्यों?
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने सूचना एवं जनसंपर्क विभाग, उत्तराखंड के वार्षिक कैलेंडर "सशक्त नेतृत्व, समृद्ध उत्तराखंड" का विमोचन किया।
मुख्य बिंदु:
- इस वार्षिक कैलेंडर के माध्यम से उत्तराखंड के सभी 13 ज़िलों के प्रमुख धार्मिक एवं पर्यटन स्थलों, स्थानीय उत्पादों, प्राकृतिक सौंदर्य, पौराणिक स्थलों को चित्रों के माध्यम से दर्शाया गया।
- राज्य की पर्यटन नीति, सौर ऊर्जा नीति, सशक्त महिला-समृद्ध राज्य, युवाओं के प्रति संवेदनशीलता और निवेश-रोज़गार-समृद्धि के लिये सरकार द्वारा किये गये कार्यों की ओर लोगों का ध्यान आकर्षित करने का प्रयास किया गया।
- सीएम ने उच्चस्तरीय बैठक में अधिकारियों को दिये निर्देश:
- जल संरक्षण की दिशा में निरंतर प्रयास किये जाने चाहिये तथा इसके लिये जागरूकता अभियान भी चलाए जाने चाहिये।
- लोगों को डिजिटल लेन-देन के प्रति जागरूक करना और नियमित रूप से स्वच्छता अभियान चलाना।
- प्रदेश में वोकल फॉर लोकल को तेज़ी से बढ़ावा दिया जाए।
- राज्य में पर्यटन को और अधिक तेज़ी से बढ़ावा देने तथा प्राकृतिक कृषि को बढ़ावा देने पर निरंतर कार्य करना।
- खान-पान, खेल को अपनी दिनचर्या में शामिल करने तथा नशे और लत से दूर रहने के लिये समय-समय पर जागरूकता अभियान चलाना।
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