PM-किसान योजना | उत्तर प्रदेश | 20 Jun 2024
चर्चा में क्यों ?
भारत के प्रधानमंत्री ने किसान कल्याण के प्रति सरकार की प्रतिबद्धता को दर्शाते हुए, प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि (PM-किसान) की 17वीं किस्त के वितरण की अनुमति दी।
मुख्य बिंदु:
- प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि (PM-किसान) के तहत लगभग 9.26 करोड़ लाभार्थी किसानों को प्रत्यक्ष लाभ अंतरण के माध्यम से 20,000 करोड़ रुपए से अधिक की 17वीं किस्त दी जाएगी।
- अब तक PM-किसान के तहत 11 करोड़ से अधिक पात्र किसान परिवारों को 3.04 लाख करोड़ रुपए से अधिक का लाभ मिला है।
- स्वयं सहायता समूहों (SHG) की 30,000 से अधिक महिलाओं को कृषि सखी के रूप में प्रमाण-पत्र भी प्रदान किये गए।
- कृषि सखी अभिसरण कार्यक्रम (KSCP) का उद्देश्य कृषि सखी के रूप में ग्रामीण महिलाओं को सशक्त बनाकर, कृषि सखियों को पैरा-विस्तार कार्यकर्त्ताओं के रूप में प्रशिक्षण और प्रमाणन प्रदान करके ग्रामीण भारत में बदलाव लाना है।
- यह प्रमाणन पाठ्यक्रम “लखपति दीदी” कार्यक्रम के उद्देश्यों के अनुरूप भी है।
प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि (PM-किसान)
- इस योजना के अंतर्गत, केंद्र सरकार सभी भूमिधारक किसानों के बैंक खातों में तीन समान किस्तों में प्रतिवर्ष 6,000 रुपए की राशि सीधे हस्तांतरित करती है, चाहे उनकी भूमि का आकार कुछ भी हो।
- इसे फरवरी 2019 में लॉन्च किया गया था।
- यह एक केंद्रीय क्षेत्र की योजना है जिसका 100% वित्तपोषण भारत सरकार द्वारा किया जाता है।
- इसका क्रियान्वयन कृषि एवं किसान कल्याण मंत्रालय द्वारा किया जा रहा है।
- लाभार्थी किसान परिवारों की पहचान की पूरी ज़िम्मेदारी राज्य/संघ राज्य क्षेत्र सरकारों की है।
- उद्देश्य:
- प्रत्येक फसल चक्र के अंत में प्रत्याशित कृषि आय के अनुरूप उचित फसल स्वास्थ्य और उपयुक्त उपज सुनिश्चित करने के लिये विभिन्न इनपुट प्राप्त करने में छोटे तथा सीमांत किसानों की वित्तीय आवश्यकताओं को पूरा करना।
- उन्हें ऐसे व्ययों को पूरा करने के लिये साहूकारों से बचाना तथा कृषि गतिविधियों में उनकी निरंतरता सुनिश्चित करना।
लखपति दीदी योजना
- सरकार का लक्ष्य गाँवों में दो करोड़ "लखपति दीदी" (समृद्ध बहनें) तैयार करना है। यह योजना गरीबी उन्मूलन और आर्थिक सशक्तीकरण के व्यापक मिशन से जुड़ी है।
- इस योजना के तहत महिलाओं को कौशल प्रशिक्षण प्रदान किया जाएगा ताकि वे प्रतिवर्ष 1 लाख रुपए से अधिक कमा सकें।
- विशेषताएँ:
- कृषि गतिविधियों के लिये महिला स्वयं सहायता समूहों को ड्रोन उपलब्ध कराए जाएंगे।
- इस नई पहल का उद्देश्य प्रौद्योगिकी का लाभ उठाकर कृषि परिदृश्य में बदलाव लाना तथा ग्रामीण समुदायों में महिलाओं को सशक्त बनाना है।
- लगभग 15,000 महिला स्वयं सहायता समूहों को ड्रोन संचालन और मरम्मत का प्रशिक्षण दिया जाएगा।
- यह प्रशिक्षण न केवल आय सृजन के नए अवसर उत्पन्न करेगा बल्कि महिलाओं को अत्याधुनिक कौशल से भी लैस करेगा।
- ड्रोन में परिशुद्ध खेती, फसल निगरानी और कीट नियंत्रण को सक्षम करके कृषि में क्रांति लाने की क्षमता है।
- इस योजना के तहत महिलाओं को LED बल्ब बनाने, प्लंबिंग आदि जैसे कौशलों में प्रशिक्षण दिया जाएगा।
वाराणसी अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डे का विकास | उत्तर प्रदेश | 20 Jun 2024
चर्चा में क्यों ?
केंद्रीय मंत्रिमंडल ने वाराणसी में लाल बहादुर शास्त्री अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डे के लिये 2869.65 करोड़ रुपए की अनुमानित लागत के साथ एक व्यापक विकास योजना को मंज़ूरी दी।
मुख्य बिंदु:
- इस परियोजना में एक नया टर्मिनल बनाना, रनवे को लंबा करना और एप्रन को विस्तृत करना शामिल है।
- आगामी टर्मिनल 75,000 वर्ग मीटर में विस्तृत होगा, जो प्रतिवर्ष 6 मिलियन यात्रियों की सेवा करेगा तथा व्यस्त समय में 5,000 यात्रियों को संभाल सकेगा।
- इसमें वाराणसी की सांस्कृतिक विरासत को प्रदर्शित किया जाएगा तथा यात्रियों को एक अनूठा अनुभव प्रदान किया जाएगा।
- हवाई अड्डा ऊर्जा दक्षता, अपशिष्ट पुनर्चक्रण, कार्बन उत्सर्जन को कम करने, सौर ऊर्जा का उपयोग करने और प्राकृतिक प्रकाश को अधिकतम करने के माध्यम से पर्यावरणीय स्थिरता को प्राथमिकता देकर पर्यावरण-अनुकूल हवाई अड्डे में परिवर्तित होने की राह पर है।
भारतीय विमानपत्तन प्राधिकरण (AAI)
- इसका गठन संसद के भारतीय विमानपत्तन प्राधिकरण अधिनियम, 1994 द्वारा किया गया था तथा यह 1 अप्रैल, 1995 को तत्कालीन राष्ट्रीय विमानपत्तन प्राधिकरण और भारतीय अंतर्राष्ट्रीय विमानपत्तन प्राधिकरण को मिलाकर अस्तित्त्व में आया।
- इस विलय से एक संगठन अस्तित्त्व में आया जिसे देश में ज़मीन और हवाई क्षेत्र में नागरिक विमानन अवसंरचना के सृजन, उन्नयन, रखरखाव तथा प्रबंधन की ज़िम्मेदारी सौंपी गई।