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राजस्थान स्टेट पी.सी.एस.

  • 20 Mar 2025
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सज्जनगढ़ वन्यजीव अभयारण्य

चर्चा में क्यों?

राजस्थान के सज्जनगढ़ वन्यजीव अभयारण्य के जंगलों में लगी आग से वन्यजीवों के अस्तित्व पर गंभीर संकट उत्पन्न हो गया है।

मुख्य बिंदु

  • अभयारण्य के बारे में:
    • यह अभयारण्य राजस्थान के उदयपुर ज़िले में अरावली पर्वतमाला में स्थित है, जो अपनी समृद्ध जैवविविधता और ऐतिहासिक सज्जनगढ़ पैलेस के लिये प्रसिद्ध है। 

    • यह अभयारण्य 5.19 वर्ग किलोमीटर में फैला हुआ है और इसकी सुरक्षा के लिये किशन पोल नामक चट्टानी दीवार बनाई गई थी।
  • वन्यजीव और वनस्पति
    • यह अभयारण्य चीतल, पैंथर, नीलगाय, सियार, जंगली सूअर, लकड़बग्घा और सांभर सहित कई वन्यजीवों का प्राकृतिक आवास है। 
    • इसके अलावा यहाँ पक्षियों और सरीसृपों की भी एक विस्तृत शृंखला पाई जाती है।
  • जियान झील 
    • यहाँ स्थित जीयान झील (जिसे टाइगर झील या बारी झील भी कहा जाता है) अभयारण्य के लिये जल संसाधन का कार्य करती है। 
    • वर्ष 1664 में महाराणा राज सिंह द्वारा निर्मित यह झील 1.25 वर्ग मील में फैली हुई है और इसकी जल भंडारण क्षमता 400 मिलियन क्यूबिक फीट है।
  • ऐतिहासिक महत्त्व
    • यह वर्ष 1884 में निर्मित सज्जनगढ़ पैलेस (जिसे मानसून पैलेस के नाम से भी जाना जाता है) का एक हिस्सा है। महल का नाम मेवाड़ राजवंश के शासकों में से एक महाराणा सज्जन सिंह के नाम पर रखा गया है।
    • वर्ष 1987 में इस क्षेत्र को वन्यजीव अभयारण्य में बदल दिया गया

अरावली पर्वतमाला के बारे में: 

  • परिचय: 
    • अरावली पर्वतमाला गुजरात से राजस्थान होते हुए दिल्ली तक विस्तृत है जिसकी लंबाई 692 किमी. है और चौड़ाई 10 से 120 किमी. के बीच है।
      • यह पर्वतमाला एक प्राकृतिक हरित दीवार (green wall) के रूप में कार्य करती है, जिसका 80% हिस्सा राजस्थान में और 20% हरियाणा, दिल्ली और गुजरात में स्थित है।
    • अरावली पर्वतमाला दो मुख्य पर्वतमालाओं में विभाजित है - राजस्थान में सांभर सिरोही पर्वतमाला और सांभर खेतड़ी पर्वतमाला, जहाँ इनका विस्तार लगभग 560 किमी. है।
    • यह थार रेगिस्तान और गंगा के मैदान के बीच एक इकोटोन के रूप में कार्य करती है।
      • इकोटोन वे क्षेत्र हैं, जहाँ दो या दो से अधिक पारिस्थितिकी तंत्र, जैविक समुदाय या जैविक क्षेत्र मिलते हैं।
    • इस पर्वतमाला की सबसे ऊँची चोटी गुरुशिखर (राजस्थान) है, जिसकी ऊँचाई 1,722 मीटर है।




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