प्रधानमंत्री मोदी का काशी विश्वनाथ मंदिर का दौरा | उत्तर प्रदेश | 19 Jun 2024
चर्चा में क्यों
भारत के प्रधानमंत्री ने हाल ही में वाराणसी का दौरा किया, जो तीसरी बार पदभार ग्रहण करने के बाद उनकी इस पवित्र नगरी की पहली यात्रा थी।
मुख्य बिंदु:
- उन्होंने काशी विश्वनाथ मंदिर कॉरिडोर परियोजना के प्रथम चरण का उद्घाटन किया।
- यह कॉरिडोर मंदिर को गंगा नदी के तट से जोड़ता है और भारत की सनातन संस्कृति का प्रतीक है।
- उद्घाटन के बाद प्रधानमंत्री मोदी ने दर्शकों को संबोधित करते हुए काशी विश्वनाथ मंदिर के ऐतिहासिक महत्त्व पर ज़ोर दिया। उन्होंने अतीत में हुए आक्रमणों और इसकी छवि को धूमिल करने के प्रयासों के बावजूद शहर की दृढ़ता पर भी प्रकाश डाला।
- उद्घाटन से पहले प्रधानमंत्री मोदी ने वाराणसी के काल भैरव मंदिर में पूजा-अर्चना की।
- शाम को प्रधानमंत्री मोदी गंगा आरती में शामिल हुए। यह यात्रा सांस्कृतिक और ऐतिहासिक दृष्टि से अत्यंत महत्त्वपूर्ण है, जो वाराणसी तथा उसके भव्य मंदिर के सार को सम्मान देती है।
काशी विश्वनाथ कॉरिडोर
- काशी विश्वनाथ कॉरिडोर प्रतिष्ठित काशी विश्वनाथ मंदिर तथा गंगा नदी के घाटों को जोड़ता है।
- काशी विश्वनाथ मंदिर भगवान शिव को समर्पित सबसे प्रसिद्ध हिंदू मंदिरों में से एक है।
- यह मंदिर पवित्र गंगा नदी के पश्चिमी तट पर स्थित है तथा बारह ज्योतिर्लिंगों में से एक है, जो सबसे पवित्र शिव मंदिर है।
- काशी विश्वनाथ धाम भारत के शीर्ष तीर्थ स्थलों में से एक बन गया है क्योंकि आँकड़ों के अनुसार विगत दो वर्षों में लगभग 12.9 करोड़ श्रद्धालुओं ने मंदिर का दर्शन किया।
राष्ट्रीय महिला आयोग | उत्तर प्रदेश | 19 Jun 2024
चर्चा में क्यों?
सूत्रों के अनुसार, वर्ष 2024 में राष्ट्रीय महिला आयोग (NCW) को सबसे अधिक शिकायतें उत्तर प्रदेश से प्राप्त हुईं, उसके बाद दिल्ली और महाराष्ट्र का स्थान रहा।
मुख्य बिंदु:
- वर्ष 2024 में राष्ट्रीय महिला आयोग में दर्ज की गई 12,648 शिकायतों में से 6,492 शिकायतों के साथ उत्तर प्रदेश सबसे आगे रहा, जिसके बाद 1,119 शिकायतों के साथ दिल्ली दूसरे और 764 शिकायतों के साथ महाराष्ट्र तीसरे स्थान पर रहा।
- तमिलनाडु, कर्नाटक, बिहार, मध्य प्रदेश, हरियाणा, राजस्थान और पश्चिम बंगाल जैसे अन्य राज्यों से भी शिकायतों की संख्या अलग-अलग रही।
- सबसे अधिक शिकायतें, कुल 3,567, "गरिमा के अधिकार" से संबंधित श्रेणी में दर्ज की गईं, जिसमें घरेलू हिंसा के अलावा उत्पीड़न भी शामिल है।
- इसके बाद घरेलू हिंसा की 3,213 शिकायतें, दहेज उत्पीड़न की 1,963 शिकायतें, छेड़छाड़ की 821 शिकायतें, महिलाओं के प्रति पुलिस की उपेक्षा की 524 शिकायतें तथा बलात्कार के प्रयास की 658 शिकायतें दर्ज की गईं।
- मणिपुर, जहाँ बड़े पैमाने पर जातीय हिंसा के साथ-साथ महिलाओं के खिलाफ अपराध हुए हैं, ने वर्ष 2023 में राष्ट्रीय महिला आयोग में केवल छह शिकायतें दर्ज कीं।
राष्ट्रीय महिला आयोग (National Commission for Women- NCW)
- NCW भारत सरकार का एक सांविधिक निकाय है, जो आमतौर पर महिलाओं को प्रभावित करने वाले सभी नीतिगत मामलों पर सरकार को सलाह देता है।
- इसका गठन जनवरी 1992 में भारतीय संविधान के प्रावधानों के तहत किया गया था, जैसा कि राष्ट्रीय महिला आयोग अधिनियम, 1990 में परिभाषित किया गया था।
- NCW का उद्देश्य भारत में महिलाओं के अधिकारों का प्रतिनिधित्व करना और उनसे जुड़े मुद्दों एवं चिंताओं के लिये अभिव्यक्ति प्रदान करना है।
- दहेज, राजनीतिक मामले, धार्मिक मामले, नौकरियों में महिलाओं के समान प्रतिनिधित्व और श्रम क्षेत्र में महिलाओं के शोषण जैसे विभिन्न विषय उसके अवलोकन के दायरे में शामिल रहे हैं।
- NCW हिंसा, भेदभाव, उत्पीड़न की शिकार या अपने अधिकारों से वंचित महिलाओं की शिकायतें भी स्वीकार करता है और मामलों की जाँच करता है।
महिलाओं के प्रति हिंसा
राष्ट्रीय महिला आयोग को अब तक प्राप्त शिकायतों की राज्यवार संख्या
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राज्य
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शिकायतें
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उत्तर प्रदेश
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6,492
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दिल्ली
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1,119
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महाराष्ट्र
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764
|
बिहार
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586
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मध्य प्रदेश
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516
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हरियाणा
|
509
|
राजस्थान
|
409
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पश्चिम बंगाल
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307
|
कर्नाटक
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305
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तमिलनाडु
|
304
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अन्य
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1,337
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क्राउड आई डिवाइस | उत्तराखंड | 19 Jun 2024
चर्चा में क्यों?
हाल ही में भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (IIT) रुड़की ने चार धाम तीर्थयात्रियों की बढ़ती संख्या को नियंत्रित करने के लिये 'क्राउड आई' डिवाइस विकसित की है, जो भीड़ बढ़ने से पहले अलर्ट भेजती है।
- प्रायोगिक तौर पर यमुनोत्री में पहली क्राउड आई डिवाइस लगाने की तैयारी की जा रही है।
मुख्य बिंदु:
- यह उपकरण धार्मिक स्थलों पर भीड़ को नियंत्रित करने के लिये वास्तविक समय पर निगरानी रखने हेतु बनाया गया है।
- यमुनोत्री में स्थानीय स्तर पर विकसित ‘क्राउड आई’ उपकरण स्थापित करने के लिये देहरादून स्थित उत्तराखंड राज्य विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी परिषद (UCOST) को वित्त पोषण हेतु अनुरोध प्रस्तुत किया गया है।
- बजट स्वीकृति के बाद यह परियोजना शुरू होगी, जिसकी उत्पादन लागत 60 से 70 हज़ार रुपए अनुमानित है। इस तकनीक को पेटेंट कराने के भी प्रयास किये जा रहे हैं।
- भावी अपडेट का उद्देश्य भीड़ की गणना में पुरुष और महिला डेटा के बीच अंतर करना है।
- हरिद्वार में दीनदयाल उपाध्याय और पंतद्वीप पार्किंग क्षेत्रों में सर्वेक्षण के माध्यम से तीर्थयात्रा सीज़न के दौरान यातायात की भीड़ की समस्या का समाधान किया जा रहा है।
चार धाम यात्रा
- यमुनोत्री धाम:
- स्थान: उत्तरकाशी ज़िला।
- समर्पित: देवी यमुना।
- गंगा नदी के बाद यमुना नदी भारत की दूसरी सबसे पवित्र नदी है।
- गंगोत्री धाम:
- स्थान: उत्तरकाशी ज़िला।
- समर्पित: देवी गंगा।
- सभी भारतीय नदियों में सबसे पवित्र मानी जाती है।
- केदारनाथ धाम:
- स्थान: रुद्रप्रयाग ज़िला।
- समर्पित: भगवान शिव।
- मंदाकिनी नदी के तट पर स्थित है।
- भारत में 12 ज्योतिर्लिंगों (भगवान शिव के दिव्य प्रतिनिधित्व) में से एक।
- बद्रीनाथ धाम:
- स्थान: चमोली ज़िला।
- पवित्र बद्रीनारायण मंदिर का स्थान।
- समर्पित: भगवान विष्णु
- वैष्णवों के पवित्र तीर्थस्थलों में से एक।
जबरन धर्मांतरण के लिये कानून | राजस्थान | 19 Jun 2024
चर्चा में क्यों?
हाल ही में राजस्थान सरकार ने सर्वोच्च न्यायालय को बताया कि वह अपना स्वयं का कानून लाने की प्रक्रिया में है, क्योंकि उसके पास धर्मांतरण के संबंध में कोई विशिष्ट कानून नहीं है।
- राज्य ने इस बात पर ज़ोर दिया कि वह इस मामले में सर्वोच्च न्यायालय, विभिन्न उच्च न्यायालयों और केंद्र सरकार के निर्देशों का पालन करता है।
मुख्य बिंदु:
- एक वकील द्वारा दायर जनहित याचिका (PIL) के अनुसार, केंद्र और राज्य धोखे से धर्म परिवर्तन की समस्या को नियंत्रित करने में विफल रहे हैं, हालाँकि संविधान के अनुच्छेद 14, 21, 25 के तहत यह उनका कर्त्तव्य है।
- दंडात्मक कानून में धर्म परिवर्तन शामिल नहीं है, कई राज्य अवैध धर्म परिवर्तन के लिये विदेशी वित्त पोषित व्यक्तियों और गैर-सरकारी संगठनों (NGO) के लिये सुरक्षित स्थान बन गए हैं।
- वर्ष 2022 में सर्वोच्च न्यायालय ने केंद्र तथा अन्य को नोटिस जारी कर धोखाधड़ी से धर्मांतरण और धमकी, छल, धोखे एवं उपहार व मौद्रिक लाभ के माध्यम से किये गए धर्मांतरण को नियंत्रित करने के लिये निर्देश देने की याचिका पर जवाब मांगा था।
धर्मांतरण (Religious Conversion)
- धर्मांतरण एक विशेष धार्मिक संप्रदाय से जुड़ी मान्यताओं को अपनाना है, जिसमें अन्य संप्रदायों को शामिल नहीं किया जाता।
- इस प्रकार "धर्मांतरण" का अर्थ एक संप्रदाय के प्रति आस्था को त्यागना और दूसरे संप्रदाय से जुड़ना है।
- उदाहरण के लिये ईसाई बैपटिस्ट से मेथोडिस्ट या कैथोलिक में मुस्लिम शिया से सुन्नी में धर्मांतरण।
- कुछ मामलों में धर्मांतरण "धार्मिक पहचान के परिवर्तन को दर्शाता है और विशेष अनुष्ठानों द्वारा इसका प्रतीक" होता है।
अनुच्छेद 14
- अनुच्छेद 14 में कहा गया है कि किसी भी व्यक्ति को भारत के क्षेत्र में कानून के समक्ष समानता या विधि के समान संरक्षण से वंचित नहीं किया जाएगा
- यह अधिकार सभी व्यक्तियों को दिया गया है, चाहे वे नागरिक हों या विदेशी, वैधानिक निगम, कंपनियाँ, पंजीकृत सोसायटी या किसी अन्य प्रकार के वैधानिक व्यक्ति हों।
अनुच्छेद 21
- यह घोषित करता है कि किसी भी व्यक्ति को कानून द्वारा स्थापित प्रक्रिया के अलावा उसके जीवन या व्यक्तिगत स्वतंत्रता से वंचित नहीं किया जाएगा। यह अधिकार नागरिकों और गैर-नागरिकों दोनों को उपलब्ध है।
- जीवन का अधिकार केवल पशु अस्तित्त्व या जीवित रहने तक ही सीमित नहीं है, बल्कि इसमें मानवीय गरिमा के साथ जीने का अधिकार और जीवन के वे सभी पहलू भी शामिल हैं जो मनुष्य के जीवन को सार्थक, पूर्ण तथा जीने लायक बनाते हैं।
अनुच्छेद 25
- भारतीय संविधान के अनुच्छेद 25 के तहत धर्म को मानने, प्रचार करने और उसका पालन करने की स्वतंत्रता की गारंटी दी गई है तथा सभी धार्मिक वर्गों को सार्वजनिक व्यवस्था, नैतिकता एवं स्वास्थ्य के अधीन धर्म के मामलों में अपने स्वयं के मामलों का प्रबंधन करने की अनुमति दी गई है।
- हालाँकि कोई भी व्यक्ति अपने धार्मिक विश्वासों को ज़बरदस्ती नहीं थोपेगा और परिणामस्वरूप, किसी भी व्यक्ति को उसकी इच्छा के विरुद्ध किसी भी धर्म का पालन करने के लिये मजबूर नहीं किया जाना चाहिये।
दिल्ली-हरियाणा जल संकट | हरियाणा | 19 Jun 2024
चर्चा में क्यों?
हाल ही में दिल्ली के जल मंत्री ने वज़ीराबाद बैराज का दौरा किया और हरियाणा सरकार से यमुना नदी में जल छोड़ने की अपील की।
मुख्य बिंदु:
- वज़ीराबाद बैराज को हरियाणा से जल की आपूर्ति होती है जो चंद्रावल, ओखला और वज़ीराबाद के जल उपचार संयंत्रों में जाता है।
- हरियाणा और दिल्ली के बीच जल विवाद क्षेत्र में संसाधन आवंटन तथा प्रबंधन की चुनौतियों को उजागर किया जाता है।
यमुना नदी
- परिचय
- यमुना नदी उत्तर भारत में गंगा की प्रमुख सहायक नदियों में से एक है।
- यह विश्व के व्यापक जलोढ़ मैदानों में से एक यमुना-गंगा मैदान का एक अभिन्न भाग है।
- स्रोत
- इसका स्रोत निचली हिमालय पर्वतमाला में बंदरपूंँछ शिखर के दक्षिण-पश्चिमी किनारों पर 6,387 मीटर की ऊँचाई पर यमुनोत्री ग्लेशियर में स्थित है।
- बेसिन
- यह उत्तराखंड, हिमाचल प्रदेश, हरियाणा और दिल्ली से प्रवाहित होते हुए उत्तर प्रदेश के प्रयागराज में संगम (जहाँ कुंभ मेला आयोजित होता है) स्थल पर गंगा में मिल जाती है।
- महत्त्वपूर्ण बाँध: लखवार-व्यासी बाँध (उत्तराखंड), ताज़ेवाला बैराज बाँध (हरियाणा) आदि।
- महत्त्वपूर्ण सहायक नदियाँ: चंबल, सिंध, बेतवा और केन।
- यमुना नदी से संबंधित सरकारी पहल:
- यमुना एक्शन
- फरवरी 2025 तक यमुना को साफ करने के लिये दिल्ली सरकार की छह सूत्री कार्य योजना।