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छत्तीसगढ स्टेट पी.सी.एस.

  • 18 Mar 2025
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छत्तीसगढ़ Switch to English

कांगेर घाटी राष्ट्रीय उद्यान

चर्चा में क्यों?

संयुक्त राष्ट्र शैक्षिक, वैज्ञानिक और सांस्कृतिक संगठन (यूनेस्को) ने छत्तीसगढ़ के बस्तर क्षेत्र में स्थित कांगेर घाटी राष्ट्रीय उद्यान (KVNP) को प्राकृतिक धरोहर श्रेणी के अंतर्गत विश्व धरोहर स्थलों की अपनी संभावित सूची में शामिल किया है।

मुख्य बिंदु

  • यूनेस्को की अनंतिम सूची में शामिल:
    • राज्य के मुख्यमंत्री ने इस उपलब्धि पर गर्व व्यक्त करते हुए जैवविविधता संरक्षण, जनजातीय संस्कृति संवर्द्धन और इको-पर्यटन में KVNP की भूमिका पर प्रकाश डाला। 
    • उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि वैश्विक मान्यता से पर्यटन को बढ़ावा मिलेगा तथा बस्तर और छत्तीसगढ़ को प्रतिष्ठा मिलेगी।
  • यूनेस्को मानदंड:
    • KVNP ने तीन महत्त्वपूर्ण मानदंडों के आधार पर यूनेस्को सूची के लिये अर्हता प्राप्त की:
      • प्राकृतिक सौंदर्य - परिदृश्य, झरने और घाटियाँ।
      • भूवैज्ञानिक महत्त्व - अद्वितीय चट्टान संरचनाएँ और चूना पत्थर की गुफाएँ।
      • जैवविविधता - दुर्लभ प्रजातियों सहित समृद्ध वनस्पति और जीव।
  • प्रस्ताव प्रस्तुत करने की प्रक्रिया:
    • राष्ट्रीय उद्यान के प्रबंधन ने संस्कृति मंत्रालय के अंतर्गत भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (ASI) को एक प्रस्ताव प्रस्तुत किया, जिसके परिणामस्वरूप यूनेस्को ने KVNP को अस्थायी सूची में शामिल करने का निर्णय लिया।

कांगेर घाटी राष्ट्रीय उद्यान

  • स्थिति:
    • यह छत्तीसगढ़ के बस्तर ज़िले के जगदलपुर में गोदावरी नदी की सहायक नदी खोलाबा के तट पर स्थित है।
    • इसका नाम कांगेर नदी के नाम पर रखा गया है, जो इसके मध्य से बहती है।
    • इसे वर्ष 1982 में राष्ट्रीय उद्यान घोषित किया गया।
    • संपूर्ण उद्यान एक कोर क्षेत्र है, जिसमें कोई बफर जोन नहीं है।
  • स्थलाकृति:
    • इसमें पठार, घाटियाँ, खड़ी ढलानें और जलधाराएँ सहित विविध परिदृश्य मौजूद हैं ।
    • इसमें तीन प्रसिद्ध चूना पत्थर की गुफाएँ हैं - कुटुम्बसर, कैलाश और दंडक - जो स्टैलेक्टाइट्स और स्टैलेग्माइट्स के लिये प्रसिद्ध हैं ।
      • स्टैलेक्टाइट एक हिमखंड के आकार की संरचना है जो गुफा की छत से लटकती है और गुफा की छत से टपकने वाले पानी से खनिजों के अवक्षेपण से बनती है। अधिकांश स्टैलेक्टाइट्स के सिरे नुकीले होते हैं।
      • स्टैलैग्माइट खनिज जमा का ऊपर की ओर बढ़ता हुआ टीला है जो गुफा के तल पर टपकने वाले पानी से बना है। ज़्यादातर स्टैलैग्माइट्स के सिरे गोल या चपटे होते हैं।
    • यहाँ तीरथगढ़ जलप्रपात स्थित है, जो एक प्रमुख पर्यटक आकर्षण है तथा यहाँ बड़ी संख्या में जनजातीय लोग रहते हैं।
    • इसमें ड्रिपस्टोन और फ्लोस्टोन संरचनाओं के साथ भूमिगत चूना पत्थर की गुफाएँ हैं।
  • वनस्पति:
  • जीव-जंतु:
    • प्रमुख स्तनधारी: बाघ, चूहा हिरण, तेंदुआ, जंगली बिल्ली, सांभर, चीतल, भौंकने वाला हिरण, लंगूर, सियार, रीसस मकाक और उड़ने वाली गिलहरी।
    • वायवीय जीवसमूह: सामान्य पहाड़ी मैना, लाल जंगली मुर्गी, चित्तीदार उल्लू, रैकेट-पूंछ वाले ड्रोंगो और तोते।
  • यूनेस्को की संभावित सूची
    • यूनेस्को की अस्थायी सूची उन संपत्तियों की सूची है, जिन पर प्रत्येक राज्य पक्ष नामांकन के लिये विचार करना चाहता है।
      • यूनेस्को के परिचालन दिशानिर्देश, 2019 के अनुसार, किसी भी स्मारक/स्थल को अंतिम नामांकन डोजियर के लिये विचार किये जाने से पहले एक वर्ष के लिये अनंतिम सूची में रखना अनिवार्य है।
      • नामांकन हो जाने के बाद इसे विश्व धरोहर केंद्र (WHC) को भेज दिया जाता है।


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