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अंतर्राष्ट्रीय हिम तेंदुआ दिवस 2024

  • 24 Oct 2024
  • 6 min read

स्रोत: DTE 

चर्चा में क्यों?

अंतर्राष्ट्रीय हिम तेंदुआ दिवस प्रत्येक वर्ष 23 अक्तूबर, 2024 को मनाया जाता है।

अंतर्राष्ट्रीय हिम तेंदुआ दिवस

  • इसकी स्थापना वर्ष 2013 में किर्गिज़स्तान में बिश्केक घोषणा को अपनाने के बाद हुई, जिसमें हिम तेंदुआ आबादी वाले 12 देशों ने उनके संरक्षण प्रयासों में सहयोग करने पर सहमति व्यक्त की थी।
    • हिम तेंदुओं की मेजबानी करने वाले देश: अफगानिस्तान, भूटान, चीन, भारत , कज़ाखस्तान, किर्गिस्तान, मंगोलिया, नेपाल, पाकिस्तान, रूस, ताज़िकिस्तान और उज़्बेकिस्तान

हिम तेंदुओं से संबंधित प्रमुख तथ्य क्या हैं?

  • के बारे में: हिम तेंदुए (Panthera uncia) मध्यम आकार की बिल्लियाँ मानी जाती हैं, जो अपनी मायावी प्रकृति और कठोर, उच्च तुंगता वाले वातावरण में विकसित होने की क्षमता के लिये जानी जाती हैं।
  • वास स्थान: ये मध्य और दक्षिण एशिया के पहाड़ों के स्थानिक हैं तथा आमतौर पर हिमालय सहित अन्य  पर्वत श्रृंखलाओं में 9,800 और 17,000 फीट की ऊ ऊँचाई पर पाए जाते हैं।
    • अनुमानतः वन क्षेत्रों में इनकी आबादी 3,500 से 7,000 के बीच है।
  • अनुकूलन: इनकी मायावी प्रकृति और परिवेश में घुल-मिल जाने की क्षमता के कारण  इन्हें "पहाड़ों का भूत" (ghosts of the mountains) कहा जाता है।
    • इनकी त्वचा पर मोटे, भूरे-सफेद फर/रोएँ होते हैं जो बर्फ तथा चट्टानों में इन्हें छद्म आवरण प्रदान करते हैं।
  • व्यवहार: हिम तेंदुए दहाड़ते नहीं हैं। वे गुर्राहट, फुफकार, म्यायूँ और एक अनोखी आवाज़ जिसे "चफ़" कहते हैं, के ज़रिये संवाद करते हैं।
    • यह जानवर सुबह और शाम के समय सबसे अधिक सक्रिय रहता है। 
    • बिल्लियों की अधिकांश प्रजातियों की तरह, हिम तेंदुए भी एकांतवासी होते हैं
  • प्रजनन: ये आमतौर पर जनवरी और मार्च के बीच प्रजनन करते हैं, यह वह समय होता है जब नर तथा मादा दोनों अपने क्षेत्रों को चिह्नित करते हैं तथा अपने यात्रा मार्गों के प्रमुख स्थानों पर खरोंच, मल, मूत्र और सुगंध जैसे संकेत छोड़ते हैं।
  • पारिस्थितिक महत्त्व: ये शीर्ष शिकारियों और संकेतक प्रजातियों के रूप में कार्य करते हैं, क्योंकि उनकी उपस्थिति उनके उच्च तुंगता वाले पारिस्थितिक तंत्र के स्वास्थ्य को दर्शाती है।
    • उनके शिकार से गिद्धों और भेड़ियों जैसे मृतोपजीवी जीवों को भोजन मिलता है, जिससे अन्य प्रजातियों को पोषण मिलता है।

भारत में हिम तेंदुओं की आबादी

  • भारत में हिम तेंदुए की आबादी का आकलन (SPAI) कार्यक्रम के अनुसार, भारत में हिम तेंदुओं की आबादी 718 है।
    • विभिन्न राज्यों में अनुमानित जनसंख्या इस प्रकार है: लद्दाख (477), उत्तराखंड (124), हिमाचल प्रदेश (51), अरुणाचल प्रदेश (36), सिक्किम (21) तथा जम्मू और कश्मीर (9)।
  • भारत सरकार ने हिम तेंदुए को उच्च हिमालयी क्षेत्रों के लिये एक प्रमुख प्रजाति (Flagship Species) के रूप में चिह्नित किया है।
  • लद्दाख स्थित हेमिस राष्ट्रीय उद्यान को विश्व की हिम तेंदुओं की राजधानी (Snow Leopard capital) कहा जाता है।

  UPSC सिविल सेवा परीक्षा के विगत वर्ष के प्रश्न (PYQ)  

प्रश्न: निम्नलिखित कथनों पर विचार कीजिये :

  1. सिंह की कोई विशेष प्रजनन ऋतु नहीं होती है।
  2.  अधिकांश अन्य बड़ी बिल्लियों से भिन्न, चीता दहाड़ता नहीं है।
  3.  नर सिंह से भिन्न, नर तेंदुए गंध चिह्न द्वारा अपना क्षेत्र घोषित नहीं करते हैं।

उपर्युक्त कथनों में से कौन-से सही हैं?

(a) केवल 1 और 2
(b) केवल 2 और 3
(c) केवल 1 और 3
(d) 1, 2 और 3

उत्तर: (a)


प्रश्न. निम्नलिखित पर विचार कीजिये: (2012)

  1. काली गर्दन वाला सारस (कृष्णग्रीव सारस)
  2.   चीता
  3.   उड़न गिलहरी
  4.   हिम तेंदुआ

उपर्युक्त में से कौन-से भारत में प्राकृतिक रूप से पाए जाते हैं?

(a) केवल 1, 2 और 3
(b) केवल 1, 3 और 4
(c) केवल 2 और 4
(d) 1, 2, 3 और 4

उत्तर: (b)

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