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स्टेट पी.सी.एस.

  • 18 Jan 2024
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बिहार Switch to English

बिहार लघु उद्यमी योजना

चर्चा में क्यों?

हाल ही में बिहार सरकार ने स्वरोज़गार के अवसर उत्पन्न करने के लिये 9.4 मिलियन से अधिक गरीब परिवारों में से प्रत्येक परिवार को ₹2 लाख की वित्तीय सहायता प्रदान करने की योजना को मंज़ूरी दी है।

मुख्य बिंदु:

  • मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की अध्यक्षता में हुई कैबिनेट बैठक के दौरान विभिन्न विभागों के 18 प्रस्तावों को मंज़ूरी दी गई, जिसमें "बिहार लघु उद्यमी योजना" को मंज़ूरी दी गई।
  • पाँच वर्ष तक चलने वाली इस योजना का लक्ष्य 9.4 मिलियन से अधिक गरीब परिवारों को रोज़गार के अवसर प्रदान करना है जिनकी मासिक आय ₹6,000 प्रति माह से कम है।
  • राज्य उद्योग विभाग इस योजना को लागू करेगा और लाभार्थियों का चयन कंप्यूटरीकृत रैंडमाइजेशन प्रक्रिया के माध्यम से किया जाएगा।
  • गरीब परिवारों के कम-से-कम एक सदस्य को 63 प्रकार की इकाइयों में से हस्तशिल्प, कपड़ा, सैलून, भोजनालय जैसी छोटी औद्योगिक या प्रसंस्करण इकाइयों को स्थापित करने तथा उन्हें चलाने के लिये तीन किस्तों में ₹2 लाख तक का अनुदान प्रदान किया जाएगा।
  • कैबिनेट ने ₹9.79 करोड़ के अनुमानित वार्षिक व्यय को मंज़ूरी दी:
  • सिविल सेवा (मुख्य) परीक्षा की तैयारी करने वाले अत्यंत पिछड़े वर्ग (EBC) परिवारों के छात्रों को प्रदान की जा रही वित्तीय सहायता के दायरे का विस्तार करना।
  • भर्ती और प्रतियोगी परीक्षाओं जैसी अन्य परीक्षाओं की तैयारी करने वाले EBC छात्रों को ₹75,000 से ₹30,000 तक का एकमुश्त वित्तीय अनुदान भी मिलेगा।

नोट:

  • हाल ही में बिहार सरकार ने जाति सर्वेक्षण रिपोर्ट जारी करने के बाद राज्य विधानसभा में सामाजिक-आर्थिक आँकड़े जारी किये।
    • आँकड़ों से पता चला कि राज्य के कुल 2,76,28,995 परिवारों में से 94,33,312 परिवार (या 34.13%) आर्थिक रूप से गरीब हैं।
    • गरीब परिवारों में से 3.31 मिलियन परिवार EBC से, 2.47 मिलियन परिवार अन्य पिछड़ा वर्ग (OBC) से, 2.34 मिलियन परिवार अनुसूचित जाति (SC) से, 1.08 मिलियन परिवार सामान्य वर्ग से और 2,01,000 परिवार अनुसूचित जनजाति (ST) से हैं।

बिहार Switch to English

सरकार बिहार को स्टार्टअप क्षेत्र में अग्रणी बनाएगी

चर्चा में क्यों?

राज्य के उद्योग मंत्री समीर कुमार महासेठ के मुताबिक सरकार बिहार को स्टार्टअप के क्षेत्र में अग्रणी बनाने के मिशन पर कार्य कर रही है।

मुख्य बिंदु:

  • राष्ट्रीय स्टार्टअप दिवस (16 जनवरी) के अवसर पर अधिवेशन भवन में बिहार स्टार्टअप अवार्ड्स 2024 कार्यक्रम में मंत्री के अनुसार, जैसे-जैसे स्टार्टअप क्षेत्र बढ़ेगा, बिहार भी बढ़ेगा।
  • कार्यक्रम में राज्य में सक्रिय कई स्टार्टअप्स को पुरस्कार प्रदान किये गए, जिनमें शामिल हैं:
  • मेडिवाइजर प्राइवेट लिमिटेड को वर्ष का सर्वश्रेष्ठ स्टार्टअप का पुरस्कार मिला, वेद प्रभा एयरोस्पेस प्राइवेट लिमिटेड इस श्रेणी में प्रथम रनर-अप और बीरो पावर प्राइवेट लिमिटेड दूसरे रनर-अप के रूप में उभरी।
  • महिला नेतृत्व, कृषि, सूचना प्रौद्योगिकी, ई-कॉमर्स, इलेक्ट्रिक वाहन और शैक्षणिक प्रौद्योगिकी सहित विभिन्न श्रेणियों में भी पुरस्कार दिये गए।
  • बिहार स्टार्टअप नीति के तहत उद्यमियों को:
    • नवोदित उद्यमियों को दस वर्ष की अवधि के लिये 10 लाख रुपए तक की ब्याज मुक्त प्रारंभिक निधि प्रदान की जाती है।
    • महिलाओं द्वारा शुरू किये गए स्टार्टअप के लिये सीड फंडिंग के रूप में 5% अधिक राशि आवंटित की जाती है और अनुसूचित जाति/अनुसूचित जनजाति तथा अलग-अलग श्रेणी में दिव्यांग व्यक्तियों के नेतृत्व वाले स्टार्टअप के लिये 15% अधिक राशि आवंटित की जाती है।
    • त्वरण कार्यक्रमों में भाग लेने वाले व्यक्तियों को 3 लाख रुपए तक का अनुदान दिया जाता है।
    • यदि पंजीकृत संस्थाओं और एंजेल निवेशकों से निवेश प्राप्त होता है, तो 50 लाख रुपए तक का मैचिंग लोन भी प्रदान किया जाता है।

राष्ट्रीय स्टार्टअप दिवस

  • भारतीय स्टार्टअप इकोसिस्टम की सराहना करने और उसे बढ़ावा देने के लिये प्रत्येक वर्ष 16 जनवरी को राष्ट्रीय स्टार्टअप दिवस मनाया जाता है।
  • स्टार्टअप इंडिया पहल 16 जनवरी, 2016 को नवाचार को बढ़ावा देने, स्टार्टअप का समर्थन करने और निवेश को प्रोत्साहित करने के दृष्टिकोण से शुरू की गई थी।
  • इसमें सीड फंड योजना तथा क्रेडिट गारंटी योजना जैसी पहल शामिल हैं, जो स्टार्टअप को और सहायता प्रदान करती हैं।
  • 31 मई, 2023 तक भारत वैश्विक स्तर पर स्टार्टअप्स के लिये तीसरे सबसे बड़े पारिस्थितिकी तंत्र के रूप में उभरा है।
    • भारत मध्यम आय वाली अर्थव्यवस्थाओं के बीच वैज्ञानिक प्रकाशनों की गुणवत्ता और अपने विश्वविद्यालयों की गुणवत्ता में शीर्ष स्थान के साथ नवाचार गुणवत्ता में दूसरे स्थान पर है।


राजस्थान Switch to English

राजस्थान के बारां को केंद्र की सड़क योजना का लाभ

चर्चा में क्यों?

राजस्थान के आदिवासी बहुल बारां ज़िले को क्षेत्र में 16 बारहमासी सड़कों के निर्माण के साथ विशेष रूप से कमज़ोर जनजातीय समूहों (PVTG) के लिये केंद्र की योजना का लाभ मिलेगा।

  • कार्य पूरा होने के बाद मूल सहरिया आदिवासियों की 38 बस्तियाँ सड़क नेटवर्क से जुड़ जाएंगी।

मुख्य बिंदु:

  • उपमुख्यमंत्री दीया कुमारी के अनुसार, निर्माण की सात स्वीकृत श्रेणियाँ हैं, जो राज्य में सड़कों के निर्माण के लिये ₹5,000 करोड़ के सार्वजनिक कार्यों के निष्पादन का मार्ग प्रशस्त करेंगी।
  • नई सड़कों में राष्ट्रीय राजमार्ग, प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना और राजस्थान राज्य राजमार्ग प्राधिकरण एवं केंद्रीय सड़क व बुनियादी ढाँचा निधि (CIRF) की सड़कें शामिल होंगी।
  • बारां ज़िले की किशनगंज और शाहबाद पंचायत समितियों में ₹18.23 करोड़ की लागत से 23.24 किलोमीटर लंबी सड़कों का निर्माण किया जाएगा।
  • प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने योजना के लाभार्थियों से वर्चुअली बातचीत की थी और घर बनाने के लिये वित्तीय सहायता की पहली किस्त जारी की थी।
  • लोक निर्माण विभाग (PWD) को सात स्वीकृत श्रेणियों में निर्माण कार्य शुरू करने का निर्देश दिया गया है, जिसमें केंद्र पोषित योजनाओं में शामिल सड़कें और भवन शामिल होंगे।
  • बाड़मेर ज़िले में पचपदरा तेल रिफाइनरी और पश्चिमी राजस्थान में केयर्न ऑयल एंड गैस वेदांता लिमिटेड के आसपास की सड़कों के लिये आंशिक अग्रिम राशि जमा की गई है।

सहरिया जनजाति

  • सहर, सहरिया या सहरिया मध्य प्रदेश राज्य और राजस्थान के कुछ ज़िलों में पाया जाने वाला एक जातीय समूह है।
    • उन्हें PVTG के रूप में वर्गीकृत किया गया है।
  • सहरिया समुदाय प्रत्येक वयस्क सदस्य को एक शासी परिषद का हिस्सा मानता है जिसका नेतृत्व एक पटेल करता है।
    • वे विशेषज्ञ लकड़हारे और वन उत्पाद संग्रहकर्त्ता हैं।
    • वे विशेष रूप से खैर के पेड़ों से कत्था (बबूल के पेड़ों का अर्क, जिसका उपयोग खाद्य योज्य, डाई आदि के रूप में किया जाता है) बनाने में कुशल हैं।

केंद्रीय सड़क अवसंरचना निधि (CRIF)

  • CRIF (पहले केंद्रीय सड़क निधि के रूप में जाना जाता था) की स्थापना केंद्रीय सड़क निधि अधिनियम, 2000 के तहत की गई थी।
  • इस फंड में पेट्रोल और डीज़ल पर उत्पाद शुल्क के साथ लगाया गया उपकर शामिल है।
  • CRIF का प्रशासनिक नियंत्रण वित्त मंत्रालय के अंतर्गत आता है।
    • पहले यह सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय के अधीन था।



मध्य प्रदेश Switch to English

मध्य प्रदेश सरकार कोष संकट

चर्चा में क्यों?

मध्य प्रदेश सरकार ने कोष संकट के कारण 370 योजनाएँ रोक दी हैं। इसमें स्कूल, आईटी उद्योग, कृषि ऋण, मेट्रो रेल और प्रधानमंत्री सड़क योजना से संबंधित योजनाएँ शामिल हैं।

  • मुख्य बिंदु:
  • अधिकारियों ने कहा है कि कोई भी परियोजना बंद नहीं की गई है, लेकिन धनराशि सुरक्षित रखी जा रही है। इसके अतिरिक्त, किसी भी योजना के लिये धनराशि निकालने से पहले वित्त विभाग से अनुमोदन आवश्यक है।
  • नई सरकार को विरासत में 3.5 लाख करोड़ रुपए का क़र्ज़ मिला और एक महीने से भी कम समय में उसने 2,000 करोड़ रुपए का नया क़र्ज़ लिया है।
  • जुलाई 2023 में विधानसभा में पारित 26,816.6 करोड़ रुपए के पहले अनुपूरक बजट में, सरकार द्वारा लिये गए नए बाज़ार ऋण के ब्याज का भुगतान करने हेतु 762 करोड़ रुपए अलग रखे गए थे। इसके साथ ही विधानसभा में दूसरा अनुपूरक बजट पारित किया जाएगा।
  • सरकार की बड़ी वित्तीय ज़िम्मेदारियों में ‘लाडली बहना योजना’ भी शामिल है, जिसके लिये हर महीने करीब 1,600 करोड़ रुपए की ज़रूरत होती है।


मध्य प्रदेश Switch to English

बांधवगढ़ टाइगर रिज़र्व में बाघ की मृत्यु

चर्चा में क्यों?

हाल ही में मध्य प्रदेश के उमरिया ज़िले में बांधवगढ़ टाइगर रिज़र्व (BTR) में एक युवा बाघ मृत पाया गया था।

मुख्य बिंदु:

  • 12 महीने से 18 महीने की उम्र के उप-वयस्क बाघ का शव BTR के धमोखर रेंज में एक खाई में देखा गया था।
  • शव परीक्षण के बाद राष्ट्रीय बाघ संरक्षण प्राधिकरण (NTCA) के दिशा-निर्देशों के अनुसार शवाधान कर दिया गया।
    • 9 जनवरी को, 15 महीने से 18 महीने की उम्र के एक युवा बाघ का शव BTR के पतोर रेंज में एक खाई में पाया गया था।
  • मध्य प्रदेश ने हालिया जनगणना (2022) में "बाघ राज्य" का दर्जा बरकरार रखा है, राज्य में बड़ी बिल्ली प्रजातियों की संख्या वर्ष 2018 में 526 से बढ़कर 785 हो गई है।
  • रिपोर्ट ‘स्टैटस ऑफ टाइगर्स: को-प्रेडेटर एंड प्रेय इन इंडिया-2022’ के अनुसार, जुलाई 2023 में NTCA और भारतीय वन्यजीव संस्थान द्वारा जारी की गई, मध्य प्रदेश (785) में देश में सबसे अधिक बाघों की संख्या है, इसके बाद कर्नाटक (563) तथा उत्तराखंड (560) का स्थान है।

बांधवगढ़ टाइगर रिज़र्व (BTR)

  • यह मध्य प्रदेश के उमरिया ज़िले में स्थित है और विंध्य पहाड़ियों पर फैला हुआ है।
  • वर्ष 1968 में, इसे एक राष्ट्रीय उद्यान के रूप में अधिसूचित किया गया था और वर्ष 1993 में निकटवर्ती पनपथा अभयारण्य में प्रोजेक्ट टाइगर नेटवर्क के तहत एक बाघ अभयारण्य घोषित किया गया था।
  • इसका नाम इस क्षेत्र की सबसे प्रमुख पहाड़ी के नाम पर रखा गया है, जिसके विषय में कहा जाता है कि इसे हिंदू भगवान राम ने अपने भाई लक्ष्मण को लंका पर नज़र रखने के लिये दिया था। इसलिये इसका नाम बांधवगढ़ पड़ा।
  • यह रॉयल बंगाल टाइगर्स के लिये जाना जाता है। बांधवगढ़ में बाघों की जीवसंख्या का घनत्व भारत के साथ-साथ विश्व में सबसे अधिक है।
  • पूरा पार्क 20 से अधिक धाराओं से भरा हुआ है, जिनमें से कुछ सबसे महत्त्वपूर्ण धाराएँ हैं जोहिला, जनाध, चरणगंगा, दमनार, बनबेई, अम्बानाला और अंधियारी झिरिया हैं।
    • ये धाराएँ फिर सोन नदी (गंगा नदी की एक महत्त्वपूर्ण दक्षिणी सहायक नदी) में विलीन हो जाती हैं।
  • महत्त्वपूर्ण शिकार प्रजातियों में चीतल, सांभर, भौंकने वाले हिरण, नीलगाय, चिंकारा, जंगली सुअर, चौसिंघा, लंगूर और रीसस मकाक शामिल हैं।
  • बाघ, तेंदुआ, जंगली कुत्ता, भेड़िया और सियार जैसे प्रमुख शिकारी इन पर निर्भर हैं।

भारतीय वन्यजीव संस्थान

  • यह पर्यावरण, वन और जलवायु परिवर्तन मंत्रालय के तहत एक स्वायत्त संस्थान है।
  • इसकी स्थापना वर्ष 1982 में हुई थी।
  • यह देहरादून, उत्तराखंड में स्थित है।
  • यह वन्यजीव अनुसंधान और प्रबंधन में प्रशिक्षण कार्यक्रम, शैक्षणिक पाठ्यक्रम तथा सलाह प्रदान करता है।


उत्तर प्रदेश Switch to English

उत्तर प्रदेश: सेमीकंडक्टर विनिर्माण इकाइयों के लिये अनुकूल

चर्चा में क्यों?

एक बैठक में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने राज्य की प्रस्तावित सेमीकंडक्टर नीति 2024 पर आधारित प्रस्तुतीकरण की समीक्षा की और अधिकारियों को आवश्यक दिशा-निर्देश जारी किये।

मुख्य बिंदु:

  • मुख्यमंत्री ने कहा कि सेमीकंडक्टर विनिर्माण उद्योगों में उन्नति के साथ-साथ उच्च दक्षता वाले उपकरणों जैसे स्मार्टफोन, कंप्यूटर और चिकित्सा संबंधित उपकरणों में के लिये महत्त्वपूर्ण है।
  • यह राज्य की आर्थिक वृद्धि और नवाचार में योगदान देगा तथा रणनीतिक रूप से महत्त्वपूर्ण क्षेत्रों में आत्मनिर्भरता को बढ़ाते हुए पर्याप्त रोज़गार के अवसर भी उत्पन्न करेगा।
  • युवाओं को सेमीकंडक्टर निर्माण में प्रशिक्षण प्रदान करने के लिये मुख्यमंत्री ने राज्य के दो IIT सहित तकनीकी संस्थानों में ऐसे पाठ्यक्रमों को शामिल करने का प्रस्ताव रखा।
    • सेमीकंडक्टर उद्योगों में CM इंटर्नशिप कार्यक्रम के तहत युवाओं के लिये दो वर्ष के प्रशिक्षण की व्यवस्था की जानी चाहिये।
  • सेमीकंडक्टर चिप क्षेत्र ने पिछले दो वर्षों में 500 बिलियन अमेरिकी डॉलर से अधिक निवेश करने की योजना की घोषणा की है।
    • सेमीकंडक्टर क्षेत्र में निवेश आकर्षित करने के लिये, भारत सरकार ने 10 बिलियन अमेरिकी डॉलर का प्रोत्साहन परिव्यय प्रदान करने का निर्णय लिया है।
  • सीएम का सुझाव है कि नीति में वैश्विक सेमीकंडक्टर निवेशकों को आकर्षित करने के लिये वित्तीय और गैर-वित्तीय प्रोत्साहन के वितरण के प्रावधान शामिल होने चाहिये।
    • ऐसा करने वाला उत्तर प्रदेश देश का चौथा राज्य होगा।
  • नई नीति में भारत सरकार द्वारा अनुमोदित पूंजी के अलावा अतिरिक्त पूंजी निवेश भी शामिल होना चाहिये।
    • भूमि की खरीद/पट्टे पर स्टाम्प शुल्क में छूट का भी प्रावधान होना चाहिये।
  • नीति में विद्युत शुल्क में छूट, ड्यूल पावर ग्रिड नेटवर्क ट्रांसमिशन एवं व्हीलिंग शुल्क, कौशल विकास एवं प्रशिक्षण, पेटेंट, जल आपूर्ति, पावर बैंकिंग, अनुसंधान और विकास सहायता हेतु प्रावधान किये जाने चाहिये।


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