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वाल्मिकी टाइगर रिज़र्व में बाघों की संख्या में वृद्धि

  • 27 Dec 2023
  • 5 min read

स्रोत: डाउन टू अर्थ 

हाल ही में राष्ट्रीय व्याघ्र संरक्षण प्राधिकरण (NTCA) ने आधिकारिक तौर पर वाल्मिकी टाइगर रिज़र्व (VTR) में बाघों की आबादी में वृद्धि की घोषणा की। 

  • इसमें बड़ी बिल्लियों की संख्या में 31 (वर्ष 2018) से 54 (वर्ष 2023) तक की वृद्धि देखी गई।
  • बिहार सरकार कैमूर वन्यजीव अभयारण्य को VTR के बाद राज्य का दूसरा व्याघ्र अभयारण्य घोषित करने के लिये NTCA की मंज़ूरी मिलने का इंतज़ार कर रही है।

VTR में बाघों की संख्या क्यों बढ़ी है?

  • VTR के अंदर रेत और पत्थर के खनन पर पूर्ण प्रतिबंध और इसके पर्यावरण-सुभेद्य क्षेत्र में खनन पर सख्त प्रतिबंधों से घास के मैदान को विकसित करने में मदद मिली।
  • इस प्रकार घास के मैदान के आवरण में वृद्धि से शिकारी जंतुओं की आबादी को सहारा देने में मदद मिलती है, जिससे मांसाहारियों के जीवित रहने की संभावना बढ़ जाती है।
  • यह रिज़र्व स्थानीय निवासियों के बीच जागरूकता बढ़ाकर और मानव-वन्यजीव संघर्ष को कम करने के लिये क्षेत्र में तथा उसके आसपास खनन गतिविधियों की निगरानी कर बाघों के प्रबंधन व रखरखाव के लिये समर्पित है।
  • NTCA ने रिज़र्व को 'बहुत अच्छा (Very Good)' श्रेणी में रखा है।

वाल्मिकी टाइगर रिज़र्व (VTR) से संबंधित प्रमुख तथ्य क्या हैं? 

  • VTR बिहार का एकमात्र बाघ अभयारण्य/टाइगर रिज़र्व है, जो भारत में हिमालय के तराई वनों की सबसे पूर्वी सीमा का निर्माण करता है।
    • VTR बिहार के पश्चिम चंपारण ज़िले में स्थित है जो उत्तर में नेपाल तथा पश्चिम में उत्तर प्रदेश के साथ सीमा साझा करता है।
  • गंगा के मैदानी जैव-भौगोलिक क्षेत्र में स्थित इस टाइगर रिज़र्व की वनस्पति भाबर तथा तराई क्षेत्रों का संयोजन है।
  • भारतीय वन सर्वेक्षण रिपोर्ट 2021 के अनुसार, इसके कुल क्षेत्रफल का 85.71% भाग वनाच्छादित है।
  • वाल्मिकी टाइगर रिज़र्व के वनों में पाए जाने वाले वन्य स्तनधारियों में बाघ, स्लॉथ भालू, तेंदुआ, जंगली कुत्ता, बाइसन, जंगली सूअर आदि शामिल हैं।
  • गंडक, पंडई, मनोर, हरहा, मसान तथा भपसा नदियाँ इस अभ्यारण्य के विभिन्न हिस्सों से प्रवाहित होती हैं।

राष्ट्रीय बाघ संरक्षण प्राधिकरण (NTCA) क्या है?

  • परिचय:
    • राष्ट्रीय बाघ संरक्षण प्राधिकरण (NTCA) पर्यावरण, वन और जलवायु परिवर्तन मंत्रालय के अधीन एक वैधानिक निकाय है।
    • इसकी स्थापना वर्ष 2005 में टाइगर टास्क फोर्स की अनुशंसाओं के साथ की गई थी।
    • बाघ संरक्षण के सशक्तीकरण के लिये वर्ष 2006 में संशोधित वन्यजीव (संरक्षण) अधिनियम, 1972 के सक्षम प्रावधानों के तहत इसे गठित किया गया था।
  • उद्देश्य:
    • प्रोजेक्ट टाइगर को वैधानिक अधिकार प्रदान करना ताकि इसके निर्देशों का कानूनी तौर पर अनुपालन हो।
    • हमारे संघीय ढाँचे के भीतर राज्यों के साथ समझौता ज्ञापन के लिये आधार प्रदान करके, टाइगर रिज़र्व के प्रबंधन में केंद्र-राज्य की जवाबदेही को बढ़ावा देना।
    • संसद द्वारा निगरानी सुनिश्चित करना।
    • टाइगर रिज़र्व के आसपास के क्षेत्रों में स्थानीय लोगों की आजीविका संबंधी हितों को संबोधित करना।

  UPSC सिविल सेवा परीक्षा, विगत वर्ष के प्रश्न  

प्रिलिम्स: 

प्रश्न. निम्नलिखित आरक्षित क्षेत्रों पर विचार कीजिये: (2012)

1- बांदीपुर
2- भीतरकणिका
3- मानस
4- सुंदरबन

उपर्युक्त में से कौन-से बाघ आरक्षित क्षेत्र घोषित हैं?

(a) केवल 1 और 2
(b) केवल 1, 3 और 4
(c) केवल 2, 3 और 4
(d) 1, 2, 3 और 4

उत्तर: (b)


प्रश्न. पारिस्थितिक दृष्टिकोण से पूर्वी घाटों और पश्चिमी घाटों के बीच एक अच्छा संपर्क होने के रूप में निम्नलिखित में से किसका महत्त्व अधिक है? (2017)

(a) सत्यमंगलम बाघ आरक्षित क्षेत्र (सत्यमंगलम टाइगर रिज़र्व)
(b) नल्लामला वन
(c) नागरहोल राष्ट्रीय उद्यान
(d) शेषाचलम जीवमंडल आरक्षित क्षेत्र (शेषाचलम बायोस्फीयर रिज़र्व)

उत्तर: (a)

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