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सोन नदी

  • 24 May 2023
  • 2 min read

राष्ट्रीय हरित अधिकरण (National Green Tribunal- NGT) ने उत्तर प्रदेश के सोनभद्र ज़िले में सोन नदी के तल में सभी खनन गतिविधियों को रोकने का निर्देश जारी किया है।

  • यह निर्देश अवैध खनन को उजागर करता है, साथ ही खनन कंपनियों पर पर्यावरणीय मुआवज़ा लगाता है।

सोन नदी:

  • परिचय: 
    • सोन नदी, जिसे सोने नदी (Sone River) के नाम से भी जाना जाता है, एक बारहमासी नदी है जो मध्य भारत से होकर प्रवाहित होती है।
    • सोन नदी यमुना नदी के बाद गंगा नदी की दूसरी सबसे बड़ी दक्षिणी (दाहिनी तट) सहायक नदी है।
  • भौगोलिक अवस्थिति: 
    • यह छत्तीसगढ़ के गौरेला-पेंड्रा-मरवाही ज़िले में अमरकंटक पहाड़ी के समीप से निकलती है और अंत में बिहार में पटना के समीप गंगा नदी में मिल जाती है।
      • सोन अमरकंटक पठार के किनारे जलप्रपात की शृंखला का निर्माण करती है।
    • यह चार राज्यों से होकर प्रवाहित होती है: छत्तीसगढ़, मध्य प्रदेश, उत्तर प्रदेश और बिहार।

  • सहायक नदियाँ: 
    • घग्घर, जोहिल्ला, छोटी महानदी, बनास, गोपद, रिहंद, कनहर और उत्तरी कोयल नदी।
  • प्रमुख बाँध और जलविद्युत परियोजनाएँ: 
    • मध्य प्रदेश में बाणसागर बाँध 
    • उत्तर प्रदेश में पिपरी के पास रिहंद नदी पर रिहंद बाँध
    • बिहार में इंद्रपुरी बैराज; यह सिंचाई हेतु सोन नदी के जल को सोन नहर प्रणाली में प्रवाहित करता है।
    • बिहार में वर्ष 1862 में निर्मित कोईलवर पुल; यह भारत के सबसे पुराने नदी पुल के रूप में कार्य करता है, जो आरा को पटना से जोड़ता है।

स्रोत: डाउन टू अर्थ

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