प्रतिबंधित माओवादी समूह और सुरक्षा बलों के बीच गोलीबारी | झारखंड | 16 Jan 2024
चर्चा में क्यों?
हाल ही में झारखंड के चतरा ज़िले में प्रतिबंधित माओवादी समूह के सदस्यों और सुरक्षा बलों के बीच गोलीबारी हुई।
मुख्य बिंदु:
- राज्य की राजधानी रांची से लगभग 200 किलोमीटर दूर कुंडा के अंगरहा जंगल में एक तलाशी अभियान के दौरान, प्रतिबंधित तृतीया सम्मेलन प्रस्तुति समिति के कार्यकर्त्ताओं ने सुरक्षा बलों पर गोलीबारी की।
- तृतीया सम्मेलन प्रस्तुति समिति प्रतिबंधित भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (CPI) (माओवादी) से अलग हुआ गुट है।
तृतीया प्रस्तुति समिति (TPC)
- यह माओवादी कम्युनिस्ट सेंटर ऑफ इंडिया से अलग हुआ एक समूह है। TPC ने पुलिस तंत्र को नहीं बल्कि CPI (माओवादी) को अपना मुख्य दुश्मन बताया है।
- TPC का प्रभाव क्षेत्र झारखंड के चतरा, पलामू और लातेहार ज़िले में है। TPC अन्य माओवादी संगठनों की प्रतिद्वंद्वी है।
- इसका गठन वर्ष 2002 में हुआ था जब निर्णय लेने में यादव जाति के कथित वर्चस्व के कारण कई कैडर माओवादी कम्युनिस्ट सेंटर (MCC) से अलग हो गए थे और TPC का गठन गैर-यादवों, मुख्य रूप से महतो, गंझू, भोगता, ओरांव तथा खरवार सहित अन्य लोगों द्वारा किया गया।
उत्तर प्रदेश के प्राथमिक क्षेत्र में वृद्धि | उत्तर प्रदेश | 16 Jan 2024
चर्चा में क्यों?
राष्ट्रीय कृषि और ग्रामीण विकास बैंक (NABARD) द्वारा तैयार यूपी के लिये स्टेट फोकस पेपर 2024-25 के अनुसार, वर्ष 2024-25 में यूपी के प्राथमिकता वाले क्षेत्रों में ऋण प्रवाह 5.73 ट्रिलियन रुपए तक पहुँचने का अनुमान है।
मुख्य बिंदु:
- 1 ट्रिलियन अमेरिकी डॉलर की अर्थव्यवस्था के लक्ष्य को हासिल करने के लिये राज्य को कृषि में 250%, MSME में 300% और सेवा क्षेत्र में 450% की वृद्धि दर की आवश्यकता होगी।
- विकास के उत्प्रेरक के रूप में ऋण के महत्त्व को रेखांकित करते हुए, यूपी सरकार ने बैंकरों को राज्य के ऋण जमा (CD) अनुपात में सुधार करने के लिये प्रेरित किया है।
- यूपी को एक अग्रणी निवेश गंतव्य के रूप में प्रदर्शित करने के लिये राज्य का एक प्रतिनिधिमंडल स्विट्ज़रलैंड के दावोस में वर्ल्ड इकोनॉमिक फोरम (WEF) में भाग ले रहा है।
- राज्य रोज़गार सृजन के लिये स्टार्टअप को भी बढ़ावा दे रहा है। यूपी के एसोसिएटेड चैंबर्स ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्री ऑफ इंडिया (ASSOCHAM) ने भारत स्टार्टअप एंड इनोवेशन सोसाइटी (BSIS) के साथ साझेदारी की है, जो एक धर्मार्थ समाज है जो उद्यमियों की अगली पीढ़ी के पोषण और मार्गदर्शन पर कार्य करता है।
- नाबार्ड, यूपी के मुख्य महाप्रबंधक ने 19.2% की अनुमानित विकास दर के साथ राज्य को भारत का "विकास इंजन" कहा है।
- ईज़ ऑफ डूइंग बिजनेस के मामले में राज्य वर्ष 2017 में 14वें स्थान से दूसरे स्थान पर आ गया है।
- स्टेट फोकस पेपर सभी 75 ज़िलों के लिये ज़मीनी स्तर पर ऋण संभावनाओं को संकलित करता है।
- पेपर के आधार पर, वर्ष 2024-25 के लिये वार्षिक क्रेडिट योजना को यूपी में राज्य स्तरीय बैंकर्स समिति (SLBC) द्वारा अंतिम रूप दिया जाएगा।
- राज्य, फसल की गुणवत्ता में सुधार करके कृषि निर्यात को बढ़ावा देने के लिये कदम उठा रहा है।
वर्ल्ड इकोनॉमिक फोरम (WEF)
- वर्ल्ड इकोनॉमिक फोरम (WEF) एक स्विस गैर-लाभकारी संस्थान है जिसकी स्थापना वर्ष 1971 में जिनेवा (स्विट्ज़रलैंड) में हुई थी।
- स्विस सरकार द्वारा इसे सार्वजनिक-निजी सहयोग के लिये एक अंतर्राष्ट्रीय संस्था के रूप में मान्यता प्राप्त है।
- WEF वैश्विक, क्षेत्रीय और उद्योग जगत की परियोजनाओं को आकार देने हेतु व्यापार, राजनीतिक, शिक्षा क्षेत्र तथा समाज के अन्य प्रतिनिधियों को शामिल करके विश्व की स्थिति में सुधार के लिये प्रतिबद्ध है।
राष्ट्रीय कृषि और ग्रामीण विकास बैंक (NABARD)
- नाबार्ड एक विकास बैंक है जो प्राथमिक तौर पर देश के ग्रामीण क्षेत्रों पर ध्यान केंद्रित करता है। यह कृषि एवं ग्रामीण विकास हेतु वित्त प्रदान करने के लिये शीर्ष बैंकिंग संस्थान है।
- इसका मुख्यालय देश की वित्तीय राजधानी मुंबई में अवस्थित है।
- कृषि के अतिरिक्त यह छोटे उद्योगों, कुटीर उद्योगों एवं ग्रामीण परियोजनाओं के विकास के लिये उत्तरदायी है।
- यह एक सांविधिक निकाय है जिसकी स्थापना वर्ष 1982 में राष्ट्रीय कृषि और ग्रामीण विकास बैंक अधिनियम, 1981 के तहत की गई थी।
'दिव्य अयोध्या' ऐप | उत्तर प्रदेश | 16 Jan 2024
चर्चा में क्यों?
हाल ही में उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने पर्यटन पर केंद्रित एक मोबाइल ऐप 'दिव्य अयोध्या' लॉन्च किया, जिसे अयोध्या आने वाले भक्तों और पर्यटकों के लिये नेविगेशनल अनुभव को बढ़ाने हेतु डिज़ाइन किया गया है।
- 'दिव्य अयोध्या' ऐप प्रौद्योगिकी को सांस्कृतिक अनुभवों के साथ जोड़कर और ग्रामीण परिवेश में होमस्टे जैसे विकल्प प्रदान कर, पर्यटकों को पवित्र शहर से जुड़ने की सुविधा प्रदान करती है, जो सभी के लिये अधिक उपयोगी तथा समृद्ध अनुभव प्रदान करता है।
मुख्य बिंदु:
- यह ऑल-इन-वन प्लेटफॉर्म यात्रा कार्यक्रम की योजना बनाने और छिपे हुए रत्नों की खोज तथा अयोध्या के सांस्कृतिक वैभव का अनुभव करने तक सभी ज़रूरतों को पूरा करता है।
- यह विस्तृत विवरण और समय सारिणी के साथ प्रमुख स्थलों, मंदिरों, मठों और ऐतिहासिक स्थलों की खोज में भी मदद करेगा।
- ऐप ई-कारों और ई-बसों को बुक करने, उनके रूट की स्थिति को ट्रैक करने तथा सुविधाजनक बोर्डिंग एवं डीबोर्डिंग में भी मदद करेगा।
- होमस्टे, होटल या यहाँ तक कि टेंट सिटी के लिये बुकिंग भी ऐप से संभव है, जो उपयोगकर्त्ताओं को स्थानीय रूप से प्रशिक्षित पर्यटक गाइडों से जोड़ता है।
- इसके अतिरिक्त, ऐप सहज दर्शनीय स्थलों की यात्रा के लिये व्हीलचेयर और गोल्फ कार्ट भी बुक किये जा सकते हैं।
- रिपोर्ट्स के मुताबिक, यूपी सरकार ग्रामीण परिवेश में होमस्टे विकल्प प्रदान करने के लिये अयोध्या के बाहरी इलाके में स्थानों की पहचान कर रही है।
- अयोध्या आने वाले परिवार खेत में रहने के अनुभव के लिये दौलतपुर गाँव में एक घर का एक हिस्सा किराये पर ले सकते हैं।
- इन पहलों का उद्देश्य न केवल पर्यटन को बढ़ावा देना है बल्कि स्थायी पर्यटन प्रथाओं को बढ़ावा देते हुए स्थानीय अर्थव्यवस्था में योगदान देना भी है।
- राज्य सरकार अयोध्या में राम जन्मभूमि और मंदिरों जैसे प्रमुख स्थलों पर जाने वाले पर्यटकों तथा तीर्थयात्रियों हेतु सुविधाएँ बढ़ाने के लिये भी तैयार है। 'धर्म पथ' और 'राम पथ' पर इलेक्ट्रिक बसों की शुरुआत इन प्रयासों का हिस्सा है, जिसका लक्ष्य आवश्यक सेवाएँ प्रदान करना है।
वायु प्रदूषण के विश्लेषण हेतु अध्ययन | बिहार | 16 Jan 2024
चर्चा में क्यों?
हाल ही में बिहार सरकार ने वायु प्रदूषण के स्रोतों की पहचान करने के लिये मुज़फ्फरपुर और गया में वास्तविक समय स्रोत विभाजन अध्ययन/रीयल टाइम सोर्सेज अपोर्शनमेंट स्टडी करने का निर्णय लिया है।
- यह निर्णय इसलिये लिया गया क्योंकि मुज़फ्फरपुर, गया और राज्य की राजधानी पटना वायु प्रदूषण के रुझान के मामले में 122 गैर-प्राप्ति शहरों में से हैं।
मुख्य बिंदु:
- यह अध्ययन बिहार राज्य प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के साथ भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (दिल्ली और पटना) द्वारा आयोजित किया जाएगा।
- अध्ययन दोनों शहरों के विस्तारित शहरी क्षेत्रों के "परिवेशी वायु में पीएम2.5 और पीएम10 के मौसमी वायु में कणों के सघनता स्तर" की पहचान करेगा।
- पीएम 2.5 और पीएम 10 वायु में मौजूद सूक्ष्म कण हैं तथा इनके संपर्क में आना स्वास्थ्य के लिये हानिकारक है।
- वास्तविक समय स्रोत विभाजन अध्ययन किसी क्षेत्र में वायु प्रदूषण में वृद्धि के लिये ज़िम्मेदार वाहनों, धूल, बायोमास जलने और उद्योगों से उत्सर्जन जैसे कारकों की पहचान करने में सहायता करता है।
- बिहार की राजधानी पटना में पर्यावरण और सतत् विकास संस्थान, बनारस हिंदू विश्वविद्यालय (BHU) पहले से ही इस तरह का अध्ययन कर रहा है जो कि सितंबर 2024 तक पूरा होने की उम्मीद है।
- केंद्रीय पर्यावरण, वन और जलवायु परिवर्तन मंत्रालय ने राष्ट्रीय स्वच्छ वायु कार्यक्रम (NCAP) शुरू किया है, जिसने वायु प्रदूषण को कम करने के लिये रणनीतियाँ प्रस्तावित की हैं।
- NCAP ने 122 संवेदनशील शहरों की पहचान की जहाँ ‘राष्ट्रीय परिवेश वायु गुणवत्ता मानकों' (NAAQS) का उल्लंघन होता है।
- उत्सर्जन स्रोत, कणों की वहन क्षमता और स्रोत विभाजन के अलावा, विशेषज्ञ नदी तल सामग्री (मिट्टी) के योगदान तथा सड़क की धूल के स्रोत पर भी आँकड़े एकत्र करेंगे।
- परिवहन के दौरान निर्माण सामग्री को ढकना, भवन निर्माण के लिये अनिवार्य ग्रीन शील्ड, ग्रीन बेल्ट का विकास, ई-वाहनों को बढ़ावा देना और पर्यावरण के अनुकूल ईंधन का उपयोग, वाहन उत्सर्जन की कड़ी जाँच तथा स्मॉग गन का उपयोग कुछ ऐसे कदम हैं, जो राज्य में संबंधित अधिकारियों द्वारा उठाए जा रहे हैं।
- सिन्धु-गंगा के मैदान को बड़े पैमाने पर एयरोसोल लोडिंग का सामना करना पड़ता है, जो कई शहरों में वायु प्रदूषण का एक कारण भी है।
- एरोसोल को गैस में ठोस या तरल कणों की निलंबन प्रणाली के रूप में परिभाषित किया गया है।
राष्ट्रीय परिवेशी वायु गुणवत्ता मानक (NAAQS)
- NAAQs वायु (प्रदूषण की रोकथाम और नियंत्रण) अधिनियम, 1981 के तहत CPCB द्वारा अधिसूचित विभिन्न पहचाने गए प्रदूषकों के संदर्भ में परिवेशी वायु गुणवत्ता के मानक हैं।
- NAAQS के तहत प्रदूषकों की सूची में PM10, PM2.5, SO2, NO2, CO, NH3, ओज़ोन, लेड, बेंज़ीन, बेंजो-पाइरेन, आर्सेनिक और निकेल शामिल है।
राजस्थान में सुशासन | राजस्थान | 16 Jan 2024
चर्चा में क्यों?
बांसवाड़ा के उमराई स्थित त्रिपुरा सुंदरी मंदिर परिसर में संभाग स्तरीय अधिकारियों की बैठक को संबोधित करते हुए राजस्थान के मुख्यमंत्री ने ग्राम पंचायत स्तर पर जनसुनवाई करने पर ज़ोर दिया।
- सुशासन पर ज़ोर देना राजस्थान सरकार की प्राथमिकता है।
मुख्य बिंदु:
- राजस्थान सरकार राज्य की प्रगति सुनिश्चित करने के लिये महत्त्वपूर्ण निर्णय ले रही है।
- सरकार की जनकल्याणकारी योजनाओं एवं निर्णयों को क्रियान्वित करने तथा पात्र व्यक्तियों को लाभ दिलाने में प्रत्येक अधिकारी एवं कर्मचारी की भूमिका अत्यंत महत्त्वपूर्ण है।
- CM ने विकास भारत संकल्प यात्रा की प्रभावी मॉनिटरिंग के निर्देश दिये, मंडल में संचालित योजनाओं और कार्यक्रमों की समीक्षा की तथा आवश्यक दिशा-निर्देश दिये।
- ग्राम पंचायत स्तर पर नियमित जनसुनवाई सुनिश्चित की जाए ताकि लोगों को अपनी शिकायतों के लिये ज़िला मुख्यालय एवं राजधानी तक न आना पड़े।
- राज्य सरकार की ज़ीरो टॉलरेंस नीति के तहत अधिकारियों को भ्रष्टाचारियों, खनन और भू-माफियाओं के खिलाफ सख्त कार्रवाई करने का निर्देश दिया गया है।
विकसित भारत संकल्प यात्रा
- यात्रा 15 नवंबर, 2023 को जनजातीय गौरव दिवस के अवसर पर शुरू हुई।
- इसका उद्देश्य सरकारी कल्याणकारी योजनाओं का प्रचार-प्रसार करना है।
- यात्रा के दौरान विवरण एकत्र करके इन योजनाओं के संभावित लाभार्थियों का नामांकन करना।
- यात्रा के माध्यम से जिन योजनाओं का प्रचार किया जाएगा उनमें आयुष्मान भारत PMJAY, PM गरीब कल्याण अन्न योजना, दीनदयाल अंत्योदय योजना शामिल हैं।
- विशेष रूप से डिज़ाइन की गई पाँच IEC (सूचना, शिक्षा और संचार) वैन सरकार के प्रमुख कल्याण कार्यक्रमों का संदेश देंगी।
- 25 जनवरी 2024 तक 2.55 लाख से अधिक ग्राम पंचायतों और 3,600 से अधिक शहरी स्थानीय निकायों को कवर करने का लक्ष्य है।
मानव-वन्यजीव संघर्ष रोकने की योजना | उत्तराखंड | 16 Jan 2024
चर्चा में क्यों?
हाल ही में मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने वन विभाग को मानव-वन्यजीव संघर्ष रोकने के लिये कार्ययोजना तैयार करने के निर्देश जारी किये थे।
- यह निर्देश उत्तराखंड के विभिन्न हिस्सों में तेंदुओं द्वारा बच्चों पर हमला करने की बढ़ती घटनाओं के बाद आया है।
मुख्य बिंदु:
- अधिकारियों को मानव-वन्यजीव संघर्ष में मारे गए लोगों के परिवारों को दी जाने वाली वित्तीय सहायता को 4 लाख रुपए से बढ़ाकर 6 लाख रुपए करने का प्रस्ताव तैयार करने के लिये कहा गया है।
- मुख्यमंत्री ने इस संबंध में लापरवाही बरतने वाले अधिकारियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की भी चेतावनी दी।
वन्यजीव पुनर्वास और बचाव केंद्र
- ये उन असहाय वन्यजीवों की देखभाल करने के लिये महत्त्वपूर्ण सुविधाएँ हैं जो एक दुर्घटना में घायल हुए हैं या जिन्हें अवैध रूप से शिकार या कैद करने का प्रयास किया गया है और जिन्हें तत्काल चिकित्सा देखभाल एवं पुनर्वास की आवश्यकता है।
हरियाणा ने 22 जनवरी को शुष्क दिवस घोषित किया | हरियाणा | 16 Jan 2024
चर्चा में क्यों ?
अयोध्या में राम मंदिर के उद्घाटन से पहले, हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर ने 22 जनवरी को शुष्क दिवस की घोषणा की।
नोट:
- CM ने पंचकुला में एक मेडिकल कॉलेज की आधारशिला भी रखी।
- हरियाणा शहरी विकास प्राधिकरण (HSVP) का निर्माण घग्गर नदी से सटे सेक्टर 32 में लगभग 30 एकड़ में ₹650 करोड़ की अनुमानित लागत से किया जा रहा है।
मुख्य बिंदु:
- हरियाणा, अयोध्या में राम मंदिर में प्राण प्रतिष्ठा (अभिषेक) समारोह के दिन शराब की बिक्री पर प्रतिबंध लगाने वाला सातवाँ राज्य बन गया है।
- इनमें मध्य प्रदेश, राजस्थान, उत्तराखंड, उत्तर प्रदेश, असम और छत्तीसगढ़ शामिल हैं।
नदी जोड़ो परियोजना पर चिंता | मध्य प्रदेश | 16 Jan 2024
चर्चा में क्यों ?
एक रिपोर्ट के अनुसार, मध्य प्रदेश में एक प्रमुख बांध परियोजना, जो महत्त्वाकांक्षी नदी जोड़ो परियोजना का हिस्सा है, को केंद्र सरकार की विशेषज्ञ समिति द्वारा पर्यावरण स्वीकृति का उल्लंघन करते हुए पाया गया है।
मुख्य बिंदु:
- जाँच के दायरे में आने वाली बांध परियोजना लोअर उर बांध है जो वर्ष 2019 में शुरू हुई थी। यह केन-बेतवा नदी जोड़ परियोजना का हिस्सा है।
- नेशनल इंटरलिंकिंग ऑफ रिवर (ILR) का विचार है कि नदियों को आपस में जोड़ा जाना चाहिए, ताकि जल की कमी के मुद्दे को हल करने के लिये अधिशेष नदियों और क्षेत्रों से जल को कमी वाले क्षेत्रों एवं नदियों में स्थानांतरित किया जा सके।
- इसके फलस्वरूप वर्ष 1982 में राष्ट्रीय जल विकास एजेंसी (NWDA) की स्थापना हुई।
- चार प्रमुख परियोजनाएँ जिनके लिये विस्तृत परियोजना रिपोर्ट (DPR) तैयार की गई हैं: केन-बेतवा लिंक, दमनगंगा-पिंजल लिंक, पार-तापी-नर्मदा लिंक और महानदी-गोदावरी लिंक।
- नदियों को जोड़ने की आलोचना पारिस्थितिक परिणामों, मूल निवासियों के विस्थापन से लेकर इस अभ्यास के त्रुटिपूर्ण आधार तक है।
- जाँच के दायरे में आने वाली लोअर उर परियोजना में एक बांध और एक नहर नेटवर्क का निर्माण शामिल है।
- विशेषज्ञ मूल्यांकन समिति के निष्कर्षों के अनुसार, वर्ष 2022 तक जब कथित अनियमितताएँ प्रकाश में आईं तो बांध का लगभग 82% तथा नहर नेटवर्क का 33.5% केंद्रीय पर्यावरण, वन और जलवायु परिवर्तन मंत्रालय की स्वीकृति के बिना पूरा हो चुका था। ।
केन-बेतवा नदी जोड़ परियोजना(KBLP)
- यह नदियों को जोड़ने की राष्ट्रीय परिप्रेक्ष्य योजना के तहत पहली परियोजना है, जिसका उद्देश्य जल की कमी को दूर करने और सिंचाई को बढ़ाने के लिये एक नदी बेसिन से अधिशेष जल को दूसरे नदी बेसिन में स्थानांतरित करना है।
- KBLP में मध्य प्रदेश में केन नदी से उत्तर प्रदेश में बेतवा नदी तक जल स्थानांतरित करना शामिल है, ये दोनों यमुना नदी की सहायक नदियाँ हैं।
- परियोजना के दो चरण हैं, जिनमें मुख्य रूप से चार घटक हैं:
- चरण-I में घटकों में से एक शामिल होगा- दौधन बांध परिसर और इसकी सहायक इकाइयाँ, जैसे– निम्न-स्तरीय सुरंग, उच्च-स्तरीय सुरंग, केन-बेतवा लिंक नहर तथा विद्युतघर।
- चरण-II में तीन घटक शामिल होंगे: उर नदी पर लोअर बांध, बेतवा की एक सहायक नदी, बीना कॉम्प्लेक्स परियोजना और कोठा बैराज।