नई माओवादी पुनर्वास नीति | छत्तीसगढ़ | 15 Mar 2025
चर्चा में क्यों?
12 मार्च 2025 को छत्तीसगढ़ सरकार ने आत्मसमर्पण करने वाले माओवादियों के लिये एक नई पुनर्वास नीति को मंजूरी दी, जिसमें उनके लिये वित्तीय सहायता, शिक्षा, रोज़गार और सुरक्षा सुनिश्चित की जाएगी।
मुख्य बिंदु
- नई माओवादी पुनर्वास नीति:
- छत्तीसगढ़ नक्सल आत्मसमर्पण/पीड़ित सहायता एवं पुनर्वास नीति-2025, 2023 नीति का स्थान लेगी।
- यह नीति आत्मसमर्पण करने वाले माओवादियों को वित्तीय सहायता, शिक्षा, रोज़गार और सुरक्षा प्रदान करती है।
- यह विशेष योजनाएँ स्व-रोज़गार और कौशल विकास में सहायता करेंगी, जिससे समाज में पुनः एकीकरण सुनिश्चित होगा।
- इससे माओवादी हिंसा के पीड़ितों को सहायता और पुनर्वास में सहायता मिलेगी।
- राज्य जल सूचना विज्ञान केंद्र (SWIC) की स्थापना:
- मंत्रिमंडल ने वैज्ञानिक जल संसाधन प्रबंधन के लिये SWIC की स्थापना को मंजूरी दी।
- सहयोग के लिये केंद्रीय जल शक्ति मंत्रालय के साथ एक समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किये जाएंगे।
- SWIC वर्षा, भूजल गुणवत्ता, जलाशय स्तर आदि पर डेटा एकत्रित, विश्लेषण और भंडारण करेगा।
- राष्ट्रीय जल सूचना विज्ञान केन्द्र (NWIC) नीति निर्माण और रणनीतिक निर्णयों के लिये एक डिजिटल प्लेटफॉर्म के साथ इस पहल का समर्थन करेगा।
- प्रमुख विधायी विधेयकों का अनुमोदन:
- छत्तीसगढ़ राज्य औद्योगिक सुरक्षा बल विधेयक-2025
- छत्तीसगढ़ सहकारी सोसायटी (संशोधन) विधेयक-2025
- छत्तीसगढ़ निजी विश्वविद्यालय (स्थापना एवं संचालन) (संशोधन) विधेयक-2025
- मुख्यमंत्री सुशासन फेलोशिप योजना का शुभारंभ:
- इस योजना का उद्देश्य युवाओं को शासन और नीति कार्यान्वयन में शामिल करना है।
- इससे राज्य में सुशासन प्रक्रियाओं को बढ़ावा मिलेगा।
वेयरवोल्फ सिंड्रोम | मध्य प्रदेश | 15 Mar 2025
चर्चा में क्यों?
मध्य प्रदेश के "वेयरवोल्फ सिंड्रोम" से पीड़ित एक किशोर ने सबसे अधिक बालों वाले चेहरे का गिनीज वर्ल्ड रिकॉर्ड बनाया।
मुख्य बिंदु
- वेयरवोल्फ सिंड्रोम
- वेयरवोल्फ सिंड्रोम, जिसे हाइपरट्रिकोसिस (Hypertrichosis) भी कहा जाता है, एक अत्यंत दुर्लभ आनुवंशिक स्थिति है, जिसके अभी तक दुनिया भर में केवल 50 मामले दर्ज किये गए हैं। यह स्थिति शरीर के कुछ हिस्सों, विशेष रूप से चेहरे पर अत्यधिक बालों की वृद्धि का कारण बनती है।
- प्रकार: हाइपरट्रिकोसिस को दो मुख्य श्रेणियों में विभाजित किया जाता है:
- जन्मजात हाइपरट्रिकोसिस (Congenital Hypertrichosis)
- यह जन्म से मौजूद होता है और आमतौर पर आनुवंशिक कारणों से होता है।
- वैज्ञानिकों का मानना है कि यह निष्क्रिय पड़े प्राचीन जीनों के पुनः सक्रिय होने के कारण होता है, जो प्रारंभिक मानव पूर्वजों में अत्यधिक शरीर के बालों के लिये ज़िम्मेदार थे।
- इस स्थिति में व्यक्ति के पूरे शरीर या कुछ विशिष्ट हिस्सों पर अत्यधिक बाल हो सकते हैं।
- अधिगृहीत हाइपरट्रिकोसिस (Acquired Hypertrichosis)
- यह जन्म के बाद विकसित होता है और बाहरी या आंतरिक कारणों से जुड़ा होता है।
- इसके संभावित कारणों में शामिल हैं:
- कुछ दवाएँ, जैसे बाल विकास उत्तेजक, एंड्रोजेनिक स्टेरॉयड और प्रतिरक्षा दमनकारी दवाएँ, हाइपरट्रिकोसिस को बढ़ा सकती हैं।
- कुछ कैंसर के प्रकार और आनुवंशिक बदलाव इस स्थिति से जुड़े हो सकते हैं।
- कुछ त्वचा संक्रमण और स्वप्रतिरक्षी रोगों को भी इस स्थिति का कारण माना जाता है।
- पोषण संबंधी कमियाँ
- भोजन संबंधी विकार
कौशल विकास नीति-2025 | राजस्थान | 15 Mar 2025
चर्चा में क्यों?
9 मार्च 2025 को राजस्थान मंत्रिमंडल ने राज्य में युवाओं के कौशल विकास और रोज़गार सृजन को प्रोत्साहित करने के उद्देश्य से राजस्थान कौशल विकास नीति-2025 को मंजूरी दी।
मुख्य बिंदु
- नीति के बारें में:
- इस नीति का उद्देश्य युवाओं को आधुनिक औद्योगिक जरूरतों के अनुरूप प्रशिक्षित करना और उन्हें रोज़गार के नए अवसर उपलब्ध कराना है।
- इसके अतिरिक्त इसका उद्देश्य वैश्विक प्रतिस्पर्द्धा के लिये कार्यबल तैयार करते हुए औद्योगिक विकास में तेज़ी लाना है।
- पहल और विशेषताएँ
- औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थानों (ITI) का आधुनिकीकरण: राज्य सरकार औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थानों को उद्योग की नवीनतम आवश्यकताओं के अनुसार अपडेट करेगी। इसमें नए पाठ्यक्रम, प्रशिक्षण मॉड्यूल और ऑन-द-जॉब प्रशिक्षण शामिल होगा, जिससे युवाओं को व्यावहारिक अनुभव प्राप्त होगा।
- मॉडल कैरियर केंद्रों की स्थापना: राज्य के सभी संभागीय मुख्यालयों में मॉडल कैरियर केंद्र स्थापित किये जाएंगे, जो युवाओं को करियर परामर्श, इंटर्नशिप और रोज़गार के अवसरों से जोड़ने में मदद करेंगे। ये केंद्र छात्रों और उद्योगों के बीच एक महत्त्वपूर्ण कड़ी के रूप में कार्य करेंगे।
- आधुनिक तकनीकों में प्रशिक्षण: इस नीति के तहत युवाओं को स्वचालन (Automation), आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI), मशीन लर्निंग, स्मार्ट विनिर्माण और साइबर सुरक्षा जैसी आधुनिक तकनीकों में प्रशिक्षित किया जाएगा।
- स्थानीय औद्योगिक क्लस्टर प्रशिक्षण केंद्र: राज्य के विभिन्न औद्योगिक क्षेत्रों में स्थानीय प्रशिक्षण केंद्र स्थापित किये जाएंगे, ताकि वहाँ की विशेष औद्योगिक आवश्यकताओं के अनुसार श्रमिकों को प्रशिक्षित किया जा सके। इससे स्थानीय उद्योगों को कुशल मानव संसाधन मिलेगा और रोज़गार के अवसर भी बढ़ेंगे।
- पुन: कौशल (Reskilling) और कौशल उन्नयन (Upskilling): नीति के तहत श्रमिकों और कर्मचारियों के कौशल उन्नयन और पुन: कौशल पर विशेष ध्यान दिया जाएगा, जिससे वे बदलते औद्योगिक परिवेश के अनुरूप खुद को ढाल सकें और नए तकनीकी रुझानों के साथ तालमेल बना सकें।
प्रधानमंत्री कौशल विकास योजना (PMKVY):
- पृष्ठिभूमि
- सरकार द्वारा वर्ष 2015 में कौशल भारत मिशन शुरू किया गया था, जिसके तहत प्रमुख रूप से प्रधानमंत्री कौशल विकास योजना (PMKVY) चलाई गई है।
- उद्देश्य
- इसका उद्देश्य वर्ष 2022 तक भारत में 40 करोड़ से अधिक लोगों को विभिन्न कौशलों में प्रशिक्षित करना है एवं समाज में बेहतर आजीविका और सम्मान के लिये भारतीय युवाओं को व्यावसायिक प्रशिक्षण व प्रमाणन प्रदान करना है।
- कौशल विकास और उद्यमिता मंत्रालय (MSDE) के मार्गदर्शन में राष्ट्रीय कौशल विकास निगम (NSDC) द्वारा PMKVY का कार्यान्वयन किया गया है।
ताज ट्रेपेज़ियम ज़ोन | उत्तर प्रदेश | 15 Mar 2025
चर्चा में क्यों?
5 मार्च, 2025 को सर्वोच्च न्यायालय ने ताज ट्रेपेज़ियम ज़ोन (TTZ) प्राधिकरण को इस क्षेत्र में वृक्षों की गणना करने के लिये वन अनुसंधान संस्थान (FRI) को नियुक्त करने का निर्देश दिया।
मुख्य बिंदु
- सर्वोच्च न्यायालय का निर्णय
- न्यायालय के अनुसार, किसी भी अवैध कटाई को रोकने के लिये क्षेत्र में विद्यमान वृक्षों की गणना आवश्यक है।
- न्यायालय नए निर्देश दिया कि उत्तर प्रदेश वृक्ष संरक्षण अधिनियम, 1976 का उद्देश्य वृक्षों की गणना करना तथा उनकी सुरक्षा करना है।
- वृक्ष गणना के बिना इस अधिनियम के प्रावधानों का प्रभावी क्रियान्वयन नहीं हो सकता है।
- न्यायालय ने कृषि वानिकी के लिये भी वृक्षों की कटाई करने की अनुमति लेने की आवश्यकता को भी बरकरार रखा है।
- वर्ष 2015 के अपने निर्णय में न्यायालय ने यह निर्णय दिया था कि कृषि वानिकी के लिये 1976 के अधिनियम के प्रावधान लागू रहेंगे, जिसका अर्थ है कि किसी भी वृक्ष को काटने से पहले आवश्यक अनुमति लेनी होगी।
- ताज ट्रेपेज़ियम ज़ोन के बारे में:
- TTZ ताजमहल को प्रदूषण से बचाने के लिये उसके चारों ओर 10,400 वर्ग किलोमीटर का निर्धारित क्षेत्र है।
- इसका यह नाम इसलिये रखा गया है क्योंकि यह ताजमहल के चारों ओर स्थित है और इसका आकार समलम्ब चतुर्भुज जैसा है।
- इसमें तीन विश्व धरोहर स्थल ताजमहल , आगरा किला और फतेहपुर सीकरी सहित कई स्मारक शामिल हैं।
- इसमें उत्तर प्रदेश के आगरा, फिरोजाबाद, मथुरा, हाथरस एवं एटा ज़िले तथा राजस्थान का भरतपुर ज़िला शामिल है।
- इस क्षेत्र में उद्योगों की श्रेणी के चार ज़ोन में बाँटा गया हैं जिन्हें लाल, हरा, नारंगी एवं सफेद वर्ग में रखा गया है।
- इस ज़ोन में केवल पर्यावरण अनुकूल, गैर-प्रदूषणकारी छोटे, लघु एवं सूक्ष्म स्तरीय उद्योगों को ही संचालित करने की अनुमति दी जा सकती है।

वन अनुसंधान संस्थान (FRI)
- FRI उत्तराखंड के देहरादून में स्थित है। इस संस्थान की शुरुआत वर्ष 1878 में फ़ॉरेस्ट स्कूल के रूप में हुई थी।
- वर्ष 1906 में, इसे ब्रिटिश इंपीरियल फ़ॉरेस्ट्री सर्विस के तहत इंपीरियल फ़ॉरेस्ट रिसर्च इंस्टीट्यूट के रूप में पुनर्स्थापित किया गया। बाद में इसका नाम बदलकर वन अनुसंधान संस्थान एवं कॉलेज कर दिया गया।
- इसके देशभर में कई केंद्र हैं, जो अनुसंधान के साथ-साथ वन अधिकारियों और वन रेंजरों को प्रशिक्षण भी देते हैं।
- वर्ष 1988 में देश में वानिकी अनुसंधान के पुनर्गठन और भारतीय वानिकी अनुसंधान एवं शिक्षा परिषद (ICFRE) के निर्माण के बाद प्रशिक्षण व अनुसंधान केंद्रों को स्वतंत्र संस्थानों का दर्जा प्रदान कर दिया गया।
- वन अनुसंधान संस्थान वर्तमान में ICFRE के अंतर्गत आता है जिसे दिसंबर 1991 में डीम्ड विश्वविद्यालय का दर्जा दिया गया है।