प्रारंभिक परीक्षा
ग्रेडिंग रिपोर्ट में ITI का प्रदर्शन
- 07 Sep 2024
- 6 min read
स्रोत: बिज़नेस स्टैण्डर्ड
चर्चा में क्यों?
कौशल विकास एवं उद्यमिता मंत्रालय (MSDE) द्वारा औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थानों (ITI) के लिये जारी नवीनतम ग्रेडिंग रिपोर्ट में उनके प्रदर्शन में उल्लेखनीय सुधार पर प्रकाश डाला गया है, जो व्यावसायिक शिक्षा में सकारात्मक प्रवृत्ति को दर्शाता है।
- यह निर्णय केंद्रीय बजट 2024-2025 को देखते हुए लिया गया है, जिसमें अगले पाँच वर्षों में दो मिलियन युवाओं को कौशल प्रदान करने और हब-एंड-स्पोक व्यवस्था में 1,000 ITI को उन्नत करने की योजना है।
नवीनतम ITI ग्रेडिंग की मुख्य विशेषताएँ क्या हैं?
- ग्रेडिंग पद्धति:
- ग्रेडिंग में प्रवेश दर, उत्तीर्ण परिणाम, कंप्यूटर आधारित परीक्षा और प्राप्त औसत अंकों सहित आठ मापदंडों के आधार पर 0-10 के पैमाने का उपयोग किया जाता है।
- मुख्य तथ्य:
- बेहतर ग्रेडिंग स्कोर: वर्ष 2024 में ग्रेड किये गए 15,000 ITI में से 18.9% ने 0-10 के पैमाने पर 8 से ऊपर स्कोर किया, जो वर्ष 2023 में 12.4% से अधिक है। यह वृद्धि ITI के बीच बेहतर समग्र प्रदर्शन को इंगित करती है।
- शैक्षणिक वर्ष 2024-25 के लिये 142 ITI को 9 और उससे अधिक ग्रेड प्राप्त हुआ।
- ITI ग्रेडिंग में शीर्ष राज्य: शीर्ष 25 ITI संस्थानों में उत्तर प्रदेश का स्थान सबसे ऊपर है, उसके बाद ओडिशा, हरियाणा, आंध्र प्रदेश और तेलंगाना का स्थान है।
- शैक्षणिक सत्र 2024-25 में लड़कियों के लिये सरकारी ITI (आंध्र प्रदेश) और सरकारी औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थान (ओडिशा) ने 9.6 ग्रेड के साथ सर्वोच्च स्कोर हासिल किया।
- बेहतर ग्रेडिंग स्कोर: वर्ष 2024 में ग्रेड किये गए 15,000 ITI में से 18.9% ने 0-10 के पैमाने पर 8 से ऊपर स्कोर किया, जो वर्ष 2023 में 12.4% से अधिक है। यह वृद्धि ITI के बीच बेहतर समग्र प्रदर्शन को इंगित करती है।
औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थान क्या हैं?
- परिचय: ITI भारत में प्रशिक्षण संगठन हैं, जो छात्रों को व्यावसायिक शिक्षा और प्रशिक्षण प्रदान करते हैं।
- ITI राज्य सरकारों या केंद्रशासित प्रदेशों के प्रशासनिक एवं वित्तीय नियंत्रण में हैं तथा MSDE के अंतर्गत प्रशिक्षण महानिदेशालय (DGT) राष्ट्रीय स्तर पर विकास और समन्वय पर ध्यान केंद्रित करता है।
- DGT व्यावसायिक प्रशिक्षण के लिये समग्र नीतियाँ, मानदंड एवं मानक तैयार करता है, जिससे ITI में एकरूपता और गुणवत्ता सुनिश्चित होती है।
- उद्देश्य: उद्योगों के लिये कुशल जनशक्ति विकसित करना और व्यावहारिक प्रशिक्षण के माध्यम से युवाओं की रोज़गार क्षमता को बढ़ाना। इसके अतिरिक्त छात्रों को अपना स्वयं का व्यवसाय शुरू करने के लिये कौशल प्रदान करके स्वरोज़गार को प्रोत्साहित करने पर ध्यान केंद्रित किया जाता है।
- ITI को बढ़ावा देने की पहल:
- शिल्पकार प्रशिक्षण योजना (CTS): सरकारी और निजी ITI दोनों के माध्यम से दिव्यांगजनों के लिये पाठ्यक्रमों सहित 150 ट्रेडों में प्रशिक्षण प्रदान करती है।
- प्रशिक्षुता प्रशिक्षण योजना (ATS): व्यावहारिक कौशल बढ़ाने और उद्योग की आवश्यकताओं को पूरा करने के लिये कार्यस्थल पर प्रशिक्षण प्रदान करती है।
- शिल्प प्रशिक्षक प्रशिक्षण योजना (CITS): प्रशिक्षकों को प्रभावी शिक्षण विधियों और व्यावहारिक कौशल का प्रशिक्षण देती है।
- उन्नत व्यावसायिक प्रशिक्षण योजना (AVTS): मौजूदा श्रमिकों के कौशल को उन्नत करने के लिये विशेष पाठ्यक्रम प्रदान करती है।
- मॉडल ITI योजना: 35 चयनित सरकारी ITI को मॉडल ITI में अपग्रेड करने की परिकल्पना की गई है, जिसमें उपकरण अपग्रेडेशन और सिविल कार्यों के लिये प्रति ITI 10 करोड़ रुपए तक की वित्तीय सहायता दी जाएगी। यह योजना 31 मार्च 2024 को समाप्त हो गई।
- कौशल विकास अवसंरचना योजना को बढ़ावा देना: 22 ITI के लिये निधि उन्नयन, 28 ITI के लिये अवसंरचना सहायता तथा पूर्वोत्तर राज्यों में 34 नए ITI की स्थापना।
- औद्योगिक मूल्य संवर्धन के लिये कौशल सुदृढ़ीकरण (STRIVE)
UPSC सिविल सेवा परीक्षा, विगत वर्ष के प्रश्न (PYQ)प्रिलिम्स:प्रश्न. प्रधानमंत्री कौशल विकास योजना के संदर्भ में निम्नलिखित कथनों पर विचार कीजिये: (2018)
उपर्युक्त कथनों में से कौन-सा/से सही है/हैं? (a) केवल 1 और 3 उत्तर: (c) |