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स्टेट पी.सी.एस.

  • 15 Jan 2025
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बिहार Switch to English

ब्रिटेन के रॉयल मिंट ने जॉर्ज ऑरवेल को सम्मानित किया

चर्चा में क्यों? 

ब्रिटेन की रॉयल मिंट ने बिहार के पूर्वी चंपारण के मोतिहारी में जन्मे जॉर्ज ऑरवेल की 75 वीं पुण्यतिथि के अवसर पर उनके सम्मान में एक सिक्का जारी किया है। 

  • स्मारक £2 सिक्के पर ऑरवेल की विरासत का  प्रतीक डिज़ाइन अंकित है।

मुख्य बिंदु

  • महान अंग्रेज़ी उपन्यासकार जॉर्ज ऑरवेल का जन्म 25 जून, 1903 को बिहार के मोतिहारी में हुआ था। 
  • उनके पिता एक ब्रिटिश सिविल सेवक थे और उनकी माँ बर्मी वंश की थीं।
  • ऑरवेल के प्रसिद्ध उपन्यास 1984 और एनिमल फार्म को अंग्रेज़ी साहित्य में मील का पत्थर माना जाता है और उन्हें अक्सर "शताब्दी के लेखक" के रूप में संदर्भित किया जाता है।
  • ऑरवेल का कार्य, विशेषकर "बिग ब्रदर" और अधिनायकवादी नियंत्रण की अवधारणा, आज भी प्रासंगिक है। 
  • यह सिक्का ऑरवेल के सत्य, शक्ति और गोपनीयता के विषयों से गहरे संबंध को दर्शाता है तथा साहित्य और वैश्विक विमर्श में उनके स्थायी प्रभाव के प्रति श्रद्धांजलि के रूप में कार्य करता है।


उत्तराखंड Switch to English

उत्तराखंड में दसवीं कक्षा के छात्रों के लिये 10 विषय अनिवार्य होंगे

चर्चा में क्यों? 

उत्तराखंड राज्य शैक्षिक अनुसंधान एवं प्रशिक्षण परिषद (SCERT) द्वारा तैयार किये गए एक मसौदे में प्रस्ताव दिया गया है कि कक्षा 10 के विद्यार्थियों को वर्तमान में पाँच विषयों के स्थान पर 10 अनिवार्य विषय पढ़ने होंगे।

मुख्य बिंदु

  • राज्य शैक्षिक अनुसंधान एवं प्रशिक्षण परिषद (SCERT) ने राज्य पाठ्यक्रम ढाँचे का मसौदा तैयार किया है, जिसका उद्देश्य शैक्षिक मानकों को बढ़ाना और छात्रों को भविष्य की चुनौतियों के लिये बेहतर ढंग से तैयार करना है। 
  • नया पाठ्यक्रम 1986 की NEP के बाद पहला बड़ा कार्यान्वयन है, जो 1968 की नीति का उत्तराधिकारी था। 
  • विभिन्न समितियों के माध्यम से तैयार किये गए राज्य पाठ्यक्रम ढाँचे के मसौदे की राज्य सरकार द्वारा समीक्षा की जाएगी। 
  • इसमें केवल वे विषय शामिल हैं जिनकी अनुशंसा NEP द्वारा की गई है।
  • सरकारी स्कूलों में पढ़ने वाले सभी बच्चों को ये विषय लेना अनिवार्य होगा। उन्हें 11वीं कक्षा से ही विषय बदलने का विकल्प मिलेगा।
  • इस नीति के तहत नए विषयों को शामिल करने से छात्रों में उद्यमशीलता की भावना को बढ़ावा मिलेगा। इनमें ब्यूटी एंड वेलनेस, ड्रोन टेक्नोलॉजी और विभिन्न IT से संबंधी कार्यक्रम शामिल होंगे। 

राष्ट्रीय शिक्षा नीति, 2020

  • परिचय:
    • इससे पहले दो शिक्षा नीतियाँ 1968 और 1986 में लाई गई थीं।
      • NEP 2020 का लक्ष्य "भारत को वैश्विक ज्ञान महाशक्ति बनाना" है। यह स्वतंत्रता के बाद से भारत में शिक्षा के ढाँचे में तीसरा बड़ा बदलाव है।
  • मुख्य विशेषताएँ:
    • पूर्व-प्राथमिक स्कूल से कक्षा 12 तक स्कूली शिक्षा के सभी स्तरों पर सार्वभौमिक पहुँच सुनिश्चित करना।
    • 3-6 वर्ष की आयु के सभी बच्चों के लिये गुणवत्तापूर्ण प्रारंभिक बाल्यावस्था देखभाल और शिक्षा सुनिश्चित करना।
    • नया पाठ्यक्रम और शैक्षणिक संरचना (5+3+3+4) क्रमशः 3-8, 8-11, 11-14 और 14-18 वर्ष के आयु समूहों के अनुरूप है।
      • इसमें स्कूली शिक्षा के चार चरण शामिल हैं: आधारभूत चरण (5 वर्ष), प्रारंभिक चरण (3 वर्ष), मध्य चरण (3 वर्ष) और माध्यमिक चरण (4 वर्ष)।
    • कला और विज्ञान, पाठ्यक्रम और पाठ्येतर गतिविधियों, तथा व्यावसायिक और शैक्षणिक धाराओं के बीच कोई स्पष्ट विभाजन नहीं है;
    • भारतीय भाषाओं और बहुभाषावाद को बढ़ावा देने पर ज़ोर,
    • एक नए राष्ट्रीय मूल्यांकन केंद्र, PARAKH (प्रदर्शन मूल्यांकन, समीक्षा एवं समग्र विकास के लिये ज्ञान का विश्लेषण) की स्थापना
    • वंचित क्षेत्रों और समूहों के लिये एक अलग लिंग समावेशन निधि और विशेष शिक्षा क्षेत्र।


राजस्थान Switch to English

राजस्थान के मुख्यमंत्री ने पेट्रोज़ोन के लिये भूमि को मंज़ूरी दी

चर्चा में क्यों?

राजस्थान के औद्योगिक परिदृश्य को बढ़ावा देने के लिये एक महत्त्वपूर्ण कदम उठाते हुए मुख्यमंत्री भजन लाल शर्मा ने एक समर्पित पेट्रोज़ोन की स्थापना के लिये भूमि आवंटन को मंज़ूरी दे दी है। 

  • इस रणनीतिक निर्णय का उद्देश्य क्षेत्र में पर्याप्त निवेश आकर्षित करना और आर्थिक विकास को बढ़ावा देना है।

मुख्य बिंदु

  • भूमि आवंटन हेतु अनुमोदन: 
    • राजस्थान पेट्रोज़ोन और नए औद्योगिक क्षेत्रों की स्थापना के लिये राजस्थान राज्य औद्योगिक विकास एवं निवेश निगम (RIICO) को भूमि आवंटन, सौर ऊर्जा परियोजना के लिये राजस्थान सोलर पार्क डेवलपमेंट कंपनी लिमिटेड को भूमि आवंटन तथा चंबल नदी पर आधारित वृहद पेयजल योजना के लिये भूमि आवंटन को मंज़ूरी दी गई है।
    • प्रस्तावित पेट्रोज़ोन में विभिन्न पेट्रोकेमिकल उद्योग स्थापित होने की आशा है, जिससे विनिर्माण और प्रसंस्करण गतिविधियों के लिये एक केंद्र का निर्माण होगा। 
  • अनुकूल वातावरण और विनिर्माण: 
    • यह पहल राज्य के औद्योगिक बुनियादी ढाँचे को बढ़ाने और व्यवसायों के विकास के लिये अनुकूल वातावरण प्रदान करने के दृष्टिकोण के अनुरूप है।
    • पेट्रोज़ोन के विकास से रोज़गार के अनेक अवसर उत्पन्न होने की संभावना है, जिससे स्थानीय जनसंख्या के सामाजिक-आर्थिक उत्थान में योगदान मिलेगा।
    • इसके अतिरिक्त, यह पेट्रोकेमिकल क्षेत्र में  तकनीकी प्रगति और नवाचार का मार्ग प्रशस्त करेगा।
    • इस कदम से घरेलू और अंतर्राष्ट्रीय दोनों निवेशकों के आकर्षित होने की संभावना है, जिससे राज्य की आर्थिक संभावनाओं को और बढ़ावा मिलेगा।
  • राज्य का हाइड्रोकार्बन क्षेत्र:
    • राजस्थान में 4 पेट्रोलियम बेसिनों के अंतर्गत हाइड्रोकार्बन की महत्त्वपूर्ण संसाधन क्षमता है।
    • ये 4 बेसिन (जैसलमेर बेसिन, बाड़मेर-सांचोर बेसिन, बीकानेर-नागौर बेसिन, विंध्य बेसिन) राज्य के 14 ज़िलों अर्थात् बाड़मेर, जैसलमेर, बीकानेर, गंगानगर, हनुमानगढ़, जालौर, जोधपुर, कोटा, झालावाड़, बारां, बूंदी में आते हैं।, भीलवाड़ा, चूरू और चित्तौड़गढ़ 1,50,000 वर्ग किमी. के क्षेत्र में विस्तृत है।
    • बाड़मेर-सांचोर बेसिन में मंगला तेल खोज को तीन दशकों में देश की सबसे बड़ी स्थलीय खोजों में से एक माना गया है।


उत्तर प्रदेश Switch to English

मकर संक्रांति और अमृत स्नान (शाही स्नान)

चर्चा में क्यों? 

प्रयागराज में चल रहे महाकुंभ मेला 2025 में पहला अमृत स्नान या शाही स्नान 14 जनवरी को हुआ, जो मकर संक्रांति के शुभ अवसर पर मनाया गया।

  • इस अनुष्ठानिक स्नान ने गंगा, यमुना और पौराणिक सरस्वती नदियों के संगम में पवित्र डुबकी की शृंखला की शुरुआत की।

मुख्य बिंदु

  • मकर संक्रांति का महत्त्व:
    • 14 जनवरी को मनाया जाने वाला यह त्योहार सूर्य के मकर राशि में प्रवेश का प्रतीक है। संक्रांति के नाम से जाना जाने वाला यह संक्रमण विशेष रूप से खास है क्योंकि यह सूर्य की उत्तर दिशा की यात्रा का संकेत देता है, जिसे उत्तरायण के नाम से जाना जाता है। 
      • यह परिवर्तन ठंडी सर्दियों के महीनों के समापन और उष्ण, विस्तारित दिनों की शुरुआत का संकेत करता है।
    • हिंदू पौराणिक कथाओं में, उत्तरायण को देवताओं का दिन माना जाता है, जो उत्सव और आध्यात्मिक प्रयासों के लिये एक शुभ अवधि का प्रतीक है। 
      • महाभारत के भीष्म पितामह ने आध्यात्मिक मुक्ति पाने के लिये उत्तरायण के दौरान प्राण त्यागने का चयन किया था। 
    • यह त्योहार इसलिये भी महत्त्वपूर्ण है क्योंकि यह खरमास को समाप्त करता है, जो एक महीने की अवधि है जिसमें शुभ कार्यों से बचने की परंपरा होती है।
    • सूर्य का मकर राशि में आगमन, जिसे शनि (जिसे सूर्य का पुत्र माना जाता है) द्वारा नियंत्रित किया जाता है, पारिवारिक एकता के रूप में मनाया जाता है, जो हिंदू परंपराओं में एक महत्त्वपूर्ण विषय है।
  • इस दिन से संबंधी उत्सव को देश के विभिन्न भागों में अलग-अलग नामों से जाना जाता है:
    • उत्तर भारतीय हिंदुओं और सिखों द्वारा लोहड़ी
    • मध्य भारत में सुकरात
    • असमिया हिंदुओं द्वारा भोगाली बिहू और
    • तमिल हिंदू और अन्य दक्षिण भारतीय हिंदुओं द्वारा मनाया जाने वाला पोंगल।
  • अनुष्ठानिक स्नान के लिये अन्य महत्त्वपूर्ण तिथियाँ इस प्रकार हैं:
    • मौनी अमावस्या (29 जनवरी): मौन और आत्मनिरीक्षण का दिन, आध्यात्मिक शुद्धि के लिये अत्यधिक शुभ माना जाता है।
    • वसंत पंचमी (3 फरवरी): वसंत ऋतु के आगमन के उपलक्ष्य में यह त्योहार शिक्षा और ज्ञान के उत्सव के रूप में मनाया जाता है।
    • महाशिवरात्रि (26 फरवरी): कुंभ मेले का समापन दिवस, भगवान शिव को समर्पित, दिव्य ऊर्जा के मिलन का प्रतीक।



मध्य प्रदेश Switch to English

गाँव ने यूनियन कार्बाइड अपशिष्ट को जलाने से मना किया

चर्चा में क्यों?

भोपाल स्थित यूनियन कार्बाइड इंडिया लिमिटेड (UCIL) संयंत्र से निकलने वाले खतरनाक अपशिष्ट के निपटान को लेकर विवाद उस समय चर्चा में आ गया है, जब खतरनाक सामग्री को जलाने के लिये मध्य प्रदेश के पीथमपुर शहर के तारपुरा गाँव में ले जाया गया है।

मुख्य बिंदु 

  • खतरनाक अपशिष्ट स्थानांतरण:
  • UCIL भोपाल संयंत्र से 337 मीट्रिक टन विषाक्त अपशिष्ट को निपटान के लिये पीथमपुर ले जाया गया है।
  • कंटेनरों को एक निजी उपचार, भंडारण और निपटान सुविधा में पार्क किया जाता है।
  • विरोध और विरोध:
  • स्थानीय निवासियों, व्यापारियों और कार्यकर्त्ताओं ने अपशिष्ट को जलाने का विरोध किया है।
  • इस क्षेत्र में आम हड़ताल का कारण पर्यावरण क्षरण, भूजल प्रदूषण और अपर्याप्त नियामक उपायों जैसी समस्याएँ हैं।
  • सरकार की प्रतिक्रिया:
  • धार ज़िला प्रशासन ने चिंताओं को दूर करने के लिये जागरूकता अभियान शुरू किया है।
  • इसमें किसान, श्रमिक और औद्योगिक संघ शामिल हैं तथा पर्यावरण मानदंडों के पालन पर ज़ोर दिया जाता है।
  • स्थानीय पर्यावरणीय चुनौतियाँ:
  • पीथमपुर का औद्योगिक क्षेत्र पहले से ही अत्यधिक प्रदूषित है, जिससे वायु, जल और मृदा की गुणवत्ता प्रभावित हो रही है।
  • भूजल में लवणता बढ़ने और इससे संबंधित स्वास्थ्य संबंधी समस्याएँ जैसे त्वचा संबंधी समस्याएँ होने की रिपोर्टें।

भोपाल गैस त्रासदी 1984

  • भोपाल गैस त्रासदी औद्योगिक दुर्घटनाओं के इतिहास में सबसे गंभीर घटनाओं में से एक मानी जाती है, जो 2-3 दिसंबर 1984 की रात मध्य प्रदेश के भोपाल में यूनियन कार्बाइड इंडिया लिमिटेड (UCIL) के कीटनाशक संयंत्र में घटित हुई थी।
  • कई व्यक्तियों और जानवरों ने इस अत्यधिक विषैले गैस मिथाइल आइसोसाइनेट (MIC) के संपर्क में आकर तत्काल और दीर्घकालिक स्वास्थ्य पर नकारात्मक प्रभाव अनुभव किया, जिसके परिणामस्वरूप मृत्यु भी हुई।




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